बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के जन्‍मदिन पर



आज बाबा साहेब का जन्‍मदिन है उनके नमन, कालेज जाते समय एक गॉव पड़ता है, जहाँ बाबा साहेब की यह मूर्ति है कई ऐसे रास्‍ते गॉव मिल जायेगे जहाँ बाबा साहेब की ऐसी मूर्ति अक्‍सर मिल जाती है। मायावती जी के मूर्तियों के आगे इन गरीबो की बाबा साहेब की मूर्तियों की क्‍या औकात ?


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9 टिप्‍पणियां:

सीमा सचदेव ने कहा…

सच कहा आपने माया का गरीबी से भला क्या वास्ता

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

समय सबसे निपटेगा। सबको निपटायेगा।

nitin tyagi ने कहा…

sahi hai

Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji ने कहा…

अब भाई चुनना तो हमें ही है
माया मिले या राम
हम तो राम वाले हैं. :)
अब माया का क्या होगा.

रानी पात्रिक ने कहा…

सच कहा आपने। अब न माया और न राम। अब तो वोट जाएंगे गुरू रामदेव के नाम। :-)

राज भाटिय़ा ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
राज भाटिय़ा ने कहा…

ऎसी मुर्तिया तो दिल मै वस्ती है, ओर माया की मुर्तियो पर थोडे दिनो बाद लोग थूकेगें,

veer ने कहा…

आपको बाबा साहेब की व्यर्थ चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है,मायावती जी इस लिए मुर्तिया बनवा रही है क्युकी कोंग्रेस के पास गाँधी,नेहरु,इंदरा और राजीव की मूर्तियों को हर जगह लगाने से फुर्सत ही कहा है !!!

ajay pratap singh ने कहा…

baba saheb ko aaj gao gao tak pahuchane ka sreya bhi bahen mayawati aur manyaver kanshi ram ko jata hai maya to mahngi moortiya lagaker apne poorvajo ka samman ker rahi hai ram vali party ne to sattalolupta me ram ko tambu me la ker khadaker diya hai agar mandir banvane ki himmat nahi thi to kyo jagah jagah ram nam ki eet pujwa ker arbo rupaye ikattha kar liya aur kha gae janta ka pisa astha aur viswas