झड़ते बालों से बचने के लिए घरेलू नुस्खे और उपचार



आज के प्रदूषण भरे वातावरण में बालों के झड़ने की समस्या आम हो गई है। इस समस्या से सौ लोगों में से नब्बे लोग ग्रस्त हैं। 50 से 100 बाल तो रोज़ ही झड़ते हैं मगर जब यह संख्या बढ़ जाती है तब चिंता करने की जरूरत होती है। त्वचा विशेषज्ञ के अनुसार बालों का पतला होना और गंजेपन के लक्षण को एलोपेशीया कहते हैं। बहुत लोगों को तीस के उम्र में ही बालों के झड़ने की समस्या शुरू हो जाती है। इस समस्या के वैसे तो बहुत कारण होते हैं जैसे, शरीर में हार्मोनल बदलाव, तनाव या खराब जीवनशैली आदि। बालों के झड़ने की समस्या का कारण खोजना तो जरूरी होता है मगर उससे पहले कुछ घरेलु उपचारों की सहायता से आप बालों का झड़ना कम कर सकते हैं-
  • झड़ते बालों से बचने के लिए रात में मेथी के बीजों को पानी में भिगो देना चाहिए। सुबह उठने पर इन्हे पीसकर लेप जैसा बना लेना चाहिए और फिर इस लेप को बालों पर लगाना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक करने से रोगी के बाल झड़ना रुक जाते हैं।
  • बाल झड़ने बेर के पत्तों को पीसकर इसमें नींबू का रस मिलाकर सिर पर लगाने से बाल दोबारा उगने लगते हैं।
  • ताजा धनिये का रस या गाजर का रस बालों की जड़ों में लगाने से रोगी व्यक्ति के बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।
  • सिर में जिस जगह से बाल झड़ गये हैं उस जगह पर प्याज का रस लगाने से बाल दोबारा उग आते हैं।
  • खोपरे (नारियल) के तेल को मुलेठी, ब्राह्मी, मेहंदी के पत्ते डालकर उबालें और ठंडा होने के बाद बोतल में भरकर रखें और नियमित रूप से बालों की मालिश करें। इससे बाल घने, काले, चमकीले तो होंगे ही साथ ही दिमाग को भी पोषण मिलेगा।
  • बाल झड़ते हैं तो गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगा लें। 15 मिनट बाद बाल गर्म पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने पर कुछ ही दिनों बालों के झड़ने की समस्या दूर हो जाएगी।
  • दालचीनी और शहद के मिश्रण काफी कारगर रहता है। आयुर्वेद के अनुसार इनके मिश्रण से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। त्वचा और शरीर को चमकदार और स्वस्थ बनाए रखने के लिए इनका उपयोग करना चाहिए।
  • गाजर को पीसकर लेप बना लें। फिर इस लेप को सिर पर लगाये और दो घंटे के बाद धो दें। ऐसा प्रतिदिन करने से बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।गंजेपन को दूर करने के लिए रात को सोते समय नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर की मालिश करनी चाहिए।
  • आंवला, ब्राह्मी तथा भृंगराज को एकसाथ मिलाकर पीस लें। फिर इस मिश्रण को लोहे की कड़ाही में फूलने के लिए रखना चाहिए और सुबह के समय में इसको मसल कर लेप बना लेना चाहिए। इसके बाद इस लेप को 15 मिनट तक बालों में लगाएं। ऐसा सप्ताह में दो बार करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल कुदरती काले हो जाते हैं।
  • मेंहदी बालों को रंग करने का प्राकृतिक पदार्थ है। यह बालों को मज़बूती प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। मेंहदी को जब सरसों के तेल के साथ मिलाया जाता है तब यह और अच्छी तरह से काम करती है। एक बर्तन में 250 मिलीलीटर सरसों का तेल लें और उसमें लगभग 60ग्राम सूखा और धुला हुआ मेंहदी का पत्ता डालकर उबालें। मिश्रण को तब तक उबालें जब तक कि पत्ता पूरी तरह से जल न जाय। उसके बाद सूती के कपड़े में मिश्रण को छान लें।फिर उसको ठंडा करके हवाबंद जार में रख दें। मिश्रण को नियमित रूप से बालों में लगाने से अच्छा परिणाम मिलेगा।
  • केरल में बालों को घना करने के लिए नारियल तेल और जपाकुसुम का इस्तेमाल किया जाता है। जपाकुसुम बालों को नवजीवन प्रदान करता है, रूसी के समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है। यहाँ तक कि जपाकुसुम के नियमित इस्तेमाल से बालों का झड़ना कम होता है। ज़रूरत के अनुसार जपाकुसुम के फूल लें और उनको पीसकर तिल के तेल या नारियल के तेल में डालकर पेस्ट बना लें। फिर उसको सिर और बालों पर लगाकर कुछ घंटों के लिए छोड़ दें और सूखने के बाद ठंडा पानी और माइल्ड शैंपू से धो लें।
  • रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें। सुबह के समय उठते ही इस पानी को पी लें। इसके साथ ही आधा चम्मच आंवले के चूर्ण का सेवन भी करें। इससे कुछ ही समय में बालों के झड़ने का रोग ठीक हो जाता है।
  • गुड़हल के फूल तथा पुदीने की पत्तियों को एक साथ पीसकर थोड़े से पानी में मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को सप्ताह में कम से कम दो बार आधे घंटे के लिए बालों पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल सफेद भी नहीं होते हैं।
  • लगभग 80 ग्राम चुकंदर के पत्तों के रस को सरसों के 150 ग्राम तेल में मिलाकर आग पर पकाएं। जब पत्तों का रस सूख जाए तो इसे आग पर से उतार लें और ठंडा करके छानकर बोतल में भर लें। इस तेल से प्रतिदिन सिर की मालिश करने से बाल झड़ने रुक जाते हैं तथा बाल समय से पहले सफेद भी नहीं होते हैं।
  • लौंजी को पीसकर पानी में मिला लें। इस पानी से सिर को कुछ दिनों तक धोने से बाल झड़ना बंद हो जाते हैं तथा बाल घने भी होना शुरू हो जाते हैं। नीम की पत्तियों और आंवले के चूर्ण को पानी में डालकर उबाल लें और सप्ताह में कम से कम एक बार इस पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने से कुछ ही समय में बाल झड़ना बंद हो जाता है।
  • प्याज और लहसुन में सल्फर होता है जो कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। ये बालों को उगाने में मदद करते हैं। इसलिए बालों के संबंधित औषधि में इनका इस्तेमाल किया जाता है। जरूरत के अनुसार प्याज को बारीक काट लें। फिर उसको निचोड़ कर रस निकाल लें। उस रस को सिर पर लगातार पंद्रह-बीस मिनटों के लिए छोड़ दें। उसके बाद माइल्ड शैंपू से धो लें। लहसुन के कुछ फांकों को पीस लें और उनको ज़रूरत के अनुसार नारियल के तेल में मिलाकर कुछ मिनटों तक उबालें। उसके बाद गुनगुना गर्म अवस्था में सिर पर लगाएं। इस उपचार को हफ्ते में तीन-चार बार करें।
  • नारियल एक ऐसा प्राकृतिक पदार्थ है जो बालों को कंडीशनर करने और बालों के विकास में मदद करता है। नारियल के दूध में प्रोटीन, मिनरल और फैट होता है जो बालों के टूटने के प्रक्रिया को कम करने में मदद करता हैं। उसी तरह नारियल तेल भी बालों को जड़ से सिरे तक मजबूत करने में मदद करता है। नियमित रूप से नारियल के तेल से सिर पर मालिश करने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।


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तुमने जो मूर्ती पूजा का अपराध किया है:गौड



प्रस्तुत लेख बाइबल की पुस्तक एज़ेकिअल के अध्याय २३ का अनुवाद है. इसमें बैअल का गौड़ अपने एक चुने हुए पुरुष को उदाहरण दे कर मूर्तिपूजा का अपराध करने वालों के सम्बन्ध में समझा रहा है. कहीं आप भूल न जाएँ, इसलिए एक बार पुनः बता दूं की ये शब्द, बाइबल तथा चर्च के अनुसार, गौड के हैं.

23:1 The word of the LORD came to me:
लॉर्ड गौड ने मुझे संदेश दिया

23:2 “Son of man, there were two women, daughters of same mother.
ए पुरुष, दो महिलायें थीं, जोकि एक ही माता की संतान थीं.

23:3They became whores in Egypt, engaging in whoredom from their youth. In that land their breasts were fondled and their virgin bosoms smothered.
वो मिस्र में वेश्याएं थी, जो युवावस्था से ही वेश्यावृति में लगी थीं. वहाँ उनके वक्ष सहलाए जाते थे और उनके कुंवारे स्तनों से खिलवाड़ होता था.

23:4 The older was named Aholah, and her sister was Aholibah. They were mine and gave birth to sons and daughters. Aholah is Samaria, and Aholibah is Jerusalem.
बड़े वाली का नाम अलोहाह और छोटी बहन का नाम अहोलिबाह था. वो मेरी थीं और उन्होंने पुत्रों तथा पुत्रियों को जन्म दिया था. समारिया तो अलोहाह है और अहोलिबाह है जेरुसलाम.

23:5 “Aholah engaged in prostitution while she still was mine; and she lusted after her lovers, who were Assyrians—warriors
अहोलिहाह ने वेश्यावृति तभी से आरम्भ कर दी थी जब वो मेरी थी; वो अपने अस्सिरियाई प्रेमियों के प्रति वासना रखती थी

23:6 clothed in blue, governors and commanders, all of the desirable young men, and mounted on horses.
जो नीले वस्त्र पहनने वाले योद्धा थे, उनमें से कुछ सैनिक अधिकारी थे तो कुछ राज्य अधिकारी. वे सब आकर्षक युवा थे जो घोड़ों की सवारी करते थे.

23:7 She gave herself as a prostitute to all the elite of the Assyrians and spoiled herself with all the idols of everyone she had a fancy on.
उसने अपने आप को सभी अस्सिरियाई अच्छे पुरुषों के समक्ष एक वेश्या की भांति प्रस्तुत किया और उन लोगों की मूर्तियों से अपने आप को अपवित्र किया जिनके प्रति उस की वासना थी.

23:8 She did not stop the whoredom she began in Egypt, when during her youth men slept with her, fondled her virgin bosom and poured out their lust on her.
जो वेश्यावृति उसने मिस्र में आरम्भ की, उसे उस ने नहीं छोड़ा, जब वो युवा थी तो वो पुरुषों के साथ सोती थी, जो उसके कुंवारे स्तनों को सहलाते थे और उसपर अपनी वासना उंडेलते थे.

23:9 “Therefore I delivered her into the hands of her lovers, the Assyrians, for whom she had always lusted.
इसलिए मैंने उसे उसके प्रेमियों को सौंप दिया, उन्हीं अस्सिरियाई पुरुसोहों को जिनके लिए वो वासना रखती थी.

23:10 They bared her naked, took away her sons and daughters and slew her with the sword. She became notorious among women, and chastisement was inflicted on her.
उन्होंने उसे नग्न किया, उसके पुत्र और पुत्रियों को छीन लिया और उसे तलवार से मार दिया. वो महिलाओं में विख्यात हो गयी थी, और उसे दण्डित किया गया.

23:11 “Her sister Aholibah saw this, yet in her lust and whoredom she was more disgusting than her sister.
उसकी बहन अहोलिबाह ने ये सब देखा, फिर भी वो वेश्यावृति और वासना में वो अपनी बहन से भी अधिक गिरी हुई थी.

23:12 She too lusted for the Assyrians—governors and commanders, warriors in full uniform, mounted horsemen, all desirable young men.
वो भी अस्सिरियाई पुरुषों के प्रति वासना रखती थी जो राज्य अधिकारी तथा सैनिक थे, घोड़ों की सवारी करते थे, और आकर्षक थे.

23:13 I saw that she too polluted herself; both of them chose the same path.
मैंने उसे अपने आप को अपवित्र करते देखा, दोनों ने एक जैसा ही जीवन व्यतीत किया.

23:14 “But she carried her prostitution farther ahead. She saw portraits of men on a wall, figures of Chaldeans portrayed with vermilion,
पर इसने तो अपनी वेश्यावृति को और भी गिरा दिया था. उसने पुरुषों के चित्रों को दीवारों पर देखा, बेबीलोन के पुरुषों के सिन्दूर से बने चित्रों को.

23:15 with belts around their waists and flowing turbans on their heads; all of them looked like Babylonian chariot officers, natives of Chaldea.
जिन्होंने अपनी कमर पर पेटियां बाँध रखी थीं और सर पर लहराती पगड़ियां बाँध रखी थीं; वे सब बेबीलोन के परम्परागत पुरुष थे.

23:16 As soon as she sighted them, she lusted for them and sent messengers for them in Chaldea.
जैसे ही उसने उन्हें देखा, उसकी वासना उनके प्रति जागृत हो गयी और उसने इन पुरुषों के लिए संदेश भेज दिया.

23:17 Then the Babylonians came to her, to her love bed, and in their lust they polluted her. After she had been defiled by them, she turned her back to them in disgust.
तब बेबीलोन के पुरुष उस के पास आ गए, वो उसकी शैय्या पर आ गए और अपनी वासना से उसे अपवित्र कर दिया. जब वो अपवित्र हो गयी तो उसने उन से मुंह मोड़ लिया.

23:18 When she carried on her prostitution openly and displayed her nude body, I turned away from her in disgust, as I had turned away from her sister.
जब उसने अपने को नग्न कर के इस वेश्यावृति को चलाये रखा, तो मैंने घृणा स्वरुप उस से अपना मुख मोड़ लिया, जैसा मैंने उसकी बहन से मोड़ लिया था.

23:19 Yet she became more and more promiscuous as she recalled her youthful days, when she was a harlot in Egypt.
इस पर भी वो और अधिक व्यभिचारी होती गयी और उन दिनों का स्मरण करने लगी जब वो युवा थी और मिस्र में वेश्यावृति करती थी.

23:20 There she lusted after her lovers, who had genitals like that of a donkey and who had  emission like that of a horse.
वहाँ वो अपने प्रेमियों से वासना करती थी, जिनके गुप्तांग गधों जैसे थे और जिन का स्खलन घोड़ों जैसा था.


23:21 So you longed for the obscenity of your youth, when in Egypt your bosom was fondled and your young breasts caressed.
इसलिए तुम अपनी युवावस्था की अश्लीलता की पुनः प्राप्ति के लिए उत्सुक हो उठी, जब मिस्र में तुम्हारे स्तनों से खिलवाड़ हुआ था.

23:22 “Therefore, Aholibah, this is what the Sovereign LORD says: I will excite your lovers against you, those you turned away from in disgust, and I will bring them against you from all sides
इसलिए अहोबिलाह, तुम्हारे शक्तिशाली लॉर्ड का तुम्हारे प्रति कथन है: मैं तुम्हारे प्रेमियों को तुम्हारे विरुद्ध कर दूंगा, जिनसे तुमने मुंह फेर लिया है, मैं उन्हें हर दिशा से तुम्हारे विरुद्ध लाऊंगा.

23:23 the Babylonians and all the men of Chaldeans, Pekod, Shoa & Koa, along with all the handsome young men of Assyria. All of the governors and warriors, chariot officers and all the horse mounted high ranking men.
वो सब घुड़सवार, राज्यपाल, सैनिक, आकर्षक युवक, उच्च अधिकारी जो अस्सिरिया, बेबीलोन, पकोड, शोया, कोया से हैं.

23:24 They will come upon you with their weapons, chariots and wagons and with a throng of people; they will take up positions against you on every side wearing helmets and bearing shields of all sizes. I will hand over you to them for punishment, and you will be punished by them as per their standards.
वो रथों और गाड़ियों पर सवार होकर, शस्त्रों से लैस, तुम्हारे विरुद्ध होंगे और प्रत्येक दिशा से लौह टॉप पहने, बड़े और छोटे ढाल लिए तुम्हारा विरोध करेंगे. मैं तुम्हें उनको सौंप दूंगा और वो अपनी इच्छानुसार तुम्हें दंड देंगे.

23:25 I will direct my jealous wrath against you, and you will be dealt by them with fury. They will cut off your noses and your ears, and the remaining ones will become victim of the sword. Your sons and daughters will be taken away by them and the rest of you will be consumed by fire.
मैं अपना इर्ष्या और क्रोध तुम पर केन्द्रित करूँगा और वो तुमसे क्रूरतापूर्ण व्यवहार करेंगे.
वो तुम्हारे नाक व कान काट लेंगे, और तुम में से जो बच जायेंगे, वो तलवार से मार दिए जायेंगे. वो तुम्हारे बच्चों को तुम से छीन लेंगे और तुम में से जो बच जायेंगे, वो आग में नष्ट हो जायेंगे.

23:26 They will also remove your clothes and take your fine jewelry.
वो तुम्हारे वस्त्र और सुन्दर आभूषण भी छीन लेंगे.

23:27 This way, I will put an end to the vulgarity and whoredom you began in Egypt. You will not look on these things with longing or remember Egypt anymore.
इस प्रकार मैं तुम्हारी अश्लीलता और वेश्यावृति को रोक दूंगा जो तुम ने मिस्र में आरम्भ की थी. तुम उन गतिविधियों को और मिस्र का स्मरण भी नहीं कर पायोगे.

23:28 “For this is what the Sovereign LORD says: I am about to hand you over into the hands of those you hate, to those you turned away from in disgust.
तुम्हारे सर्वशक्तिशाली लॉर्ड का कथन है: मैं तुम्हें उनको सौंपने लगा हूँ जिनसे तुम घृणा करते हो, जिनसे तुमने घृणापूर्वक  मुंह फेर लिया था.

23:29 They will deal with you in hatred and take away everything you have worked for. They will leave you stark naked, and the shame of your prostitution will be exposed. Your lewdness and promiscuity
वो तुमसे घृणा पूर्वक व्यवहार करेंगे और तुमसे सर्वस्व छीन लेंगे. वो तुम्हें नग्न कर के छोड़ देंगे और तुम्हारी वेश्यावृति का सब को पता लगेगा. तुम्हारी अश्लीलता और व्यभिचार,

23:30 have brought this on you, because you lusted after the nations and defiled yourself with their idols.
इसका कारण है, क्योंकि तुमने हीथनों के प्रति वासना रखी और उनकी मूर्तियों से अपने को अपवित्र किया.

23:31 You have gone the way of your sister; so I will put her cup into your hand.
तुमने अपनी बहन की भांति ही आचरण किया है, इसलिए मैं उसका विष तुम्हें देता हूँ.

23:32 “This is what the Sovereign LORD says:    “You will drink your sister’s cup, a cup large and deep; it will bring scorn and derision, for it holds so much.
तुम्हारे सर्वशक्तिशाली लॉर्ड का कथन है: तुम्हें अपनी बहन वाला प्याला पीना पड़ेगा जो बड़ा गहरा है; इस से तुम्हारी खिल्ली उड़ेगी.

23:33 You will be filled with drunkenness and sorrow, the cup of ruin and desolation, the cup of your sister Samaria.
 तुम नशे तथा दुःख से ग्रसित हो जाओगी, मायूसी और विनाश का प्याला, तुम्हारी बहन समारिया का प्याला.

23:34 You will drink it and drain it dry and chew on its pieces—
   and you will tear your breasts. I have spoken, declares the Sovereign LORD.

तुम्हें इसे पूर्ण रूप से पीना होगा और उसके टुकड़ों को भी खाना होगा, और तुम अपने स्तन चीर लोगी. ऐसा मेरा कथन है, ये सर्वशक्तिशाली लॉर्ड ने घोषणा की है.

23:35 “Therefore this is what the Sovereign LORD says: Since you have forgotten me and turned your back on me, you must bear the consequences of your lewdness and prostitution.”
इसलिए सर्वशक्तिशाली लॉर्ड का कहना है: "क्योंकि तुमने मुझे भुला कर मेरी ओर पीठ फेर ली, इसलिए तुम्हें अपनी अश्लीलता और वेश्यावृति का परिणाम भुगतना होगा."

23:36  The LORD said to me: “Son of man, will you judge Oholah and Oholibah? Then confront them with their detestable practices,
लॉर्ड ने मुझ से कहा: " क्या तुम अलोहाह और अहोलिबाह का निर्णय करोगे? उन्हें उनकी नीच गतिविधियों के संबंध में बताओ,

23:37 for they have committed adultery and blood is on their hands. They committed adultery with their idols; they even sacrificed their children, whom they bore to me, as food for them.
क्योंकि उन्होंने व्यभिचार किया है और उनके हाथ खून से रंगे हैं. उन्होंने मूर्तियों के साथ व्यभिचार किया है; उन्होंने अपने उन बच्चों की भी बलि दे दी जो मुझ से उत्पन्न हुए थे, और उनका भक्षण कर लिया.

23:38 They have also done this to me: At that same time they defiled my sanctuary and desecrated my Sabbaths.
इतना ही नहीं, उन्होंने मेरे पवित्र स्थान को अपवित्र किया है.

23:39  On the very day they sacrificed their children to their idols, they entered my sanctuary and desecrated it. That is what they did in my house.
जिस दिन उन्होंने अपने बच्चों की बलि मूर्तियों को दी, उन्होंने मेरे पवित्र स्थान को अपवित्र कर दिया. ये उन्होंने मेरे घर में किया.

23:40 “They even sent messengers for men who came from far away, and when they arrived you bathed yourself for them, applied eye makeup and put on your jewelry.
उन्होंने दूर रहने वाले पुरुषों के लिए संदेश भी भेजे, और जब वो आये तो तुम उनके लिए स्नान कर के, श्रृंगार कर के और आभूषण पहनने लगे.

23:41 You sat on an elegant couch, with a table spread before it on which you had placed the incense and olive oil that belonged to me.
तुम एक सजीली सेज पर बैठ गए, एक वेदी सजाई और उस पर धुप तथा सुगन्धित अगरबत्तियां और तेल का दिया रखा, जो की वास्तविकता में मेरे थे.

23:42 “The noise of a carefree crowd was around her; drunkards were brought from the desert along with men from the rabble, and they put bracelets on the wrists of the woman and her sister and beautiful crowns on their heads.
उसके चारों और एक चिंतामुक्त भीड़ का कोलाहल था; भीड़ में से कई पुरुषों ने तथा रेगिस्तान से आये शराबियों ने उन दोनों बहनों की कलाइयों में कंगन डाले और उन के सरों पर सुन्दर मुकुट रखा.

23:43 Then I said about the one worn out by adultery, ‘Now let them use her as a prostitute, for that is all she is.’
जो व्यभिचार से नष्ट हो चुकी थी, उस समय मैंने उसके सम्बन्ध में कहा, ' हम सब इसका उपयोग एक वेश्या के रूप में करते हैं क्योंकि ये इसी योग्य है.'

23:44 And they slept with her. As men sleep with a prostitute, so they slept with those lewd women, Oholah and Oholibah.
और वो उस के साथ सोये. जिस प्रकार पुरुष एक वेश्या के साथ सोते हैं, आलोहाह तथा अहोलिबाह के साथ.

23:45 But righteous judges will sentence them to the punishment of women who commit adultery and shed blood, because they are adulterous and blood is on their hands.
परन्तु न्यायकारी न्यायाधीश उन्हें उसी प्रकार दंड देंगे जिस प्रकार व्यभिचार करने वाली तथा हत्यारी महिलाओं को देनी चाहिए, क्योंकि वो दोनों चरित्रहीन हैं और उनके हाथ रक्त से सने हैं.

23:46 “This is what the Sovereign LORD says: Bring a mob against them and give them over to terror and plunder.
सर्वशक्तिशाली लॉर्ड का आदेश है: इन्हें दंगाइयों की भीड़ को सौंप दो जो इन्हें आतंकित करे तथा इनको लूट ले.

23:47 The mob will stone them and cut them down with their swords; they will kill their sons and daughters and burn down their houses.
दंगाइयों की भीड़ उन्हें पत्थर मारेगी तथा इन्हें तलवार से काट देगी; वो उनके पुत्रों तथा पुत्रियों को मार दे और इनके घरों को जला कर नष्ट कर दे.

23:48  “So I will put an end to lewdness in the land, that all women may take warning and not imitate you.
इस प्रकार मैं तुम्हारी इस अश्लीलता का अंत कर दूंगा ताकि अन्य महिलायों को इस से चेतावनी मिल जाए और वो तुम्हारा अनुसरण न करें.


23:49 You will suffer the penalty for your lewdness and bear the consequences of your sins of idolatry. Then you will know that I am the Sovereign LORD.”
"तुम अपनी अश्लीलता का दंड पाओगी और तुमने जो मूर्ती पूजा का अपराध किया है, उसका परिणाम भी तुम्हें मिलेगा. उस समय तुम्हें आभास होगा की मैं तुम्हारा सर्वशक्तिशाली लॉर्ड हूँ."

आज भारतवर्ष में इसाइयत का प्रचार ये कह कर किया जाता है की ये एक सहानुभूति, संवेदना, प्रेम तथा मानवीयता से भरा सम्प्रदाय है तथा बाइबल गौड के अपने शब्द हैं. सेक्युलरिस्म के नाम पर इस गौड को राम तथा कृष्ण की तुलना में कहीं श्रेष्ठ दिखा कर परोसा जा रहा है.


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अपने बेटे और बेटियों का मांस खाओगे: गौड



क्या आप किसी ऐसे पुरुष की कल्पना कर सकते हैं जो छोटे छोटे बच्चों को उनके पाँव से पकड़ कर दीवार पर दे मारे जिस से कि उनकी मृत्यु हो जाए?
यदि आप का उत्तर नकारात्मक है तो आप ईसाई मत की पुस्तक बाइबल से अनभिज्ञ हैं क्योंकि इसमें इस प्रकार का दृश्य अनेक स्थानों पर वर्णित है। स्वभावतः यदि आप हिन्दू धर्म और संस्कृति में पले बढ़े हैं तो आप का विचार होगा कि ये किसी दुष्ट मानव का कार्य है और बाइबल का गौड़ इस दुष्ट को दंड देगा। रामायण और महाभारत में भी तो दुष्टों के वर्णन आते हैं, वो कंस हो अथवा रावण।
यदि आप के विचारों का प्रवाह इस वर्णन से मेल खाता है तो इसका अर्थ है कि आप को पूर्ण रूप से मूर्ख बना दिया गया है। मेरे इस वाक्य से आप को क्रोध आ सकता है, जो कि स्वाभाविक है किन्तु क्रोध से सत्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। जब से हमें सन १९४७ की तथाकथित स्वतंत्रता मिली है, हर दिशा से हमें कहा जा रहा है कि सभी धर्म एक सा उपदेश देते हैं। यहाँ तक कि २०१० में अपनी भारत यात्रा पर बराक हुसेन ओबामा ने भी यही कहा है और हमारे सेक्युलर मीडिया ने भी आप को यही पाठ पढ़ाया है। फ़िल्में भी बनी हैं तो 'अमर अकबर एंथोनी' और गाने हैं तो 'मज़हब नहीं सिखाता'।
ये सब क्यों हो रहा है, इसका उत्तर आपको अवश्य मिलेगा किन्तु सर्वप्रथम अपने आप को उत्तर दीजिये कि क्या आपने कभी बाइबल अथवा कुरान को पढ़ा है। संभवतः नहीं। अर्थात आपने सब ओर से कहे जाने पर माँ लिया कि सब सम्प्रदाय और उनके ग्रन्थ एक से ही हैं केवल नाम का अंतर है। बिना किसी घोषणा की सत्यता को परखे उस पर विश्वास करना मूर्खता नहीं है तो और क्या है?
जीसस क्राइस्ट के सम्प्रदाय को हिन्दुओं ने ईसाई नाम क्यों दिया है जबकि वो अपने आप को क्रिस्चियन कहते हैं?
इसाई मत के अनुसार जीसस क्राइस्ट गौड का एकमात्र बेटा है जो एक कुंवारी के गर्भ से जन्मा था और इस विलक्षण घटना की भविष्यवाणी हो चुकी थी।
यदि आप इसे अकेले वाक्य का ही विश्लेषण करेंगे तो पाएंगे कि ये विचारधारा कितनी खोखली और तर्कहीन है। आइये विश्लेषण करते हैं। जीसस क्राइस्ट गौड़ का एकमात्र बेटा है: इसका विश्लेषण गांधी ने किया था और उसने मिशनरियों को इसका उत्तर भी दिया था। गाँधी के अनुसार:
हम सभी ईश्वर की संतान हैं इसलिए मैं क्राइस्ट के 'एकमात्र बेटा' होने से इनकार करता हूँ। मेरे लिए चैतन्य ईश्वर के 'एकमात्र पुत्र' हो सकते हैं।
हरिजन, जून ३, १९३७

इस विलक्षण घटना की भविष्यवाणी हो चुकी थी: ईसाई मत के अनुसार आज से लगभग २८ शताब्दियाँ पूर्व अर्थात ईसा पूर्व ८०० में इसाइआह नामक एक पैगम्बर था जिसने क्राइस्ट के जन्म की भविष्यवाणी की थी। इसी पैगम्बर के नाम पर हिन्दू इस सम्प्रदाय को ईसाई कह कर पुकारते हैं। इसकी सत्यता को जांचते हैं तो पता लगता है कि यहीं से गोल माल की नदी निकलती है। इसाइआह ने अपनी पुस्तक में लिखा है:
 देखो, एक युवा महिला के यहाँ पुत्र का जन्म होगा जिस का नाम इमैनुएल होगा।
मूल पुस्तक हिब्रू में लिखी गयी थी और जिस शब्द का प्रयोग इसाइआह ने किया था वो है अल्मा - अर्थात 'युवा महिला।' इसका अनुवाद पहले उनानी भाषा में हुआ और फिर अंग्रेजी में। इस अनुवाद में 'युवा महिला' को कुंवारी बना दिया गया। ये अनुवाद जो हमें वर्तमान प्रचलित पुस्तकों में मिलता है, वो हो गया है:
 देखो, एक कुंवारी गर्भवती होगी, उसके पुत्र होगा, जिसका नाम होगा इमैनुएल।
दूसरी विसंगति है कि इस वाक्य के अनुसार नाम इमैनुएल होना चाहिए जबकि नाम जीसस क्राइस्ट है। यदि आप ने किसी मिशनरी से ये कहा तो वो आप से रुष्ट हो जाएगा और कहेगा कि आप तो बाल की खाल निकालने वाले नास्तिक हैं। आप के हिन्दू ईश्वर जैसे कृष्ण अथवा राम तो काल्पनिक चरित्र हैं जबकि क्राइस्ट की ऐतिहासिकता प्रमाणित है,  कुंवारी मेरी से जन्म होना क्राइस्ट के गौड होने का प्रमाण है और बाइबल गौड की वाणी है।
क्या चक्करदार तर्क है! यही तर्क यदि आप रामायण अथवा महाभारत के लिए देंगे तो आप सेक्युलर नहीं होंगे, आप संकीर्ण विचारों वाले हिन्दू आतंकवादी होंगे। चलिए, इसकी भी जांच कर लेते हैं। 
क्राइस्ट का गौड़ होना इस तथ्य पर आधारित है कि वो एक कुंवारी के गर्भ से जन्मा है। ये इतनी विलक्षण घटना है और इस पर क्राइस्ट का गौड होना टिका है तो आइये देखें कि इस सन्दर्भ में गौड की वाणी अर्थात बाइबल क्या कहती है। जो पाठक अनजान हैं, उनकी जानकारी के लिए क्राइस्ट के पश्चात लिखे गए बाइबल के भाग को 'न्यू टेस्टामेंट' अथवा 'नया नियम' कहते हैं। इसके चार भाग हैं जो क्राइस्ट के चार शिष्यों मार्क, जॉन, ल्यूक तथा मैथ्यू ने लिखे हैं। 
मार्क और जॉन ने तो इस विलक्षण घटना का उल्लेख ही नहीं किया है। ल्यूक और मैथ्यू में जो वर्णन है वो इतना विरोधाभासी है कि कोई सम्मानित व्यक्ति इसे उचित ठहराने से पहले चुल्लू भर पानी में डूब मरना पसंद करेगा। किन्तु मिशनरी इस श्रेणी में नहीं आते। ल्यूक के वर्णन के अनुसार एक देवदूत ने मेरी को आ कर बताया कि गौड ने अपने 'एकमात्र पुत्र' को धरती पर जन्म लेने के लिए तुम्हें गर्भवती किया है। वहीं मैथ्यू में देवदूत मेरी के मंगेतर जोसेफ को संदेश देता है कि मेरी के गर्भ धारण का कारण गौड है इसलिए जोसेफ को मेरी पर शंका नहीं करनी है। इतने तीव्र विरोधाभासों के चलते भी हमें स्वीकार कर लेना चाहिए कि बाइबल गौड की वाणी है। संभवतः गौड़ के यहां 'प्रिंटिंग मिस्टेक' हो जाती हैं।
मैथ्यू के अनुसार, जोसेफ जब परेशान होता है कि उसकी मंगेतर गर्भवती है तो देवदूत उसे बताता है कि गौड ने ये इसलिए किया है कि भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हो सके। 
मैथ्यू : १-१८ से १-२३

यदि आप मिशनरियों की इन कथाओं पर विश्वास करते हैं तो उनके महान संदेशवाहक इसाइआह की पुस्तक भी आप को रुचिकर लगेगी। इस पुस्तक में वो यहूदियों को अपने गौड याह्वेह की शरण में आने को कहता है और ऐसा न करने पर चेतावनी देता है कि गौड क्रोधित हो जाएगा और उनका विनाश कर देगा। परिणाम स्वरुप, उसकी पुस्तक का एक विशाल भाग गौड के क्रोध का वर्णन करता है। इसके तेरहवें अध्याय का विषय है बेबीलोन नामक नगर जहां के लोग गौड के अनुसार आचरण नहीं कर रहे हैं। उनके लिए जो यातनाएं वर्णित हैं, उनका उल्लेख विषय के अनुरूप करूंगा किन्तु यहाँ इस अध्याय का सोलहवां वाक्य प्रस्तुत है:
उनके बच्चों को पटक कर उनके टुकड़े टुकड़े कर दिए जायेंगे, उनके घर लूट लिए जायेगे और उनकी पत्नियों का बलात्कार किया जाएगा।
ये दंड उन लोगों के लिए है जो गौड के अनुसार व्यवहार नहीं करते और जो दंड देने वाले हैं, वो गौड के भेजे हुए लोग हैं। इन दंड देने वालों को गौड के बलवान (God's mighty ones) कहा जाता है। अर्थात गौड के चुने हुए लोग बच्चों के टुकड़े करेंगे और बलात्कार करेंगे। ये ईसाईयों की पवित्र पुस्तक है।
एक रोचक तथ्य यह है कि न केवल यहूदी इस पुस्तक को अपना ग्रन्थ मानते हैं बल्कि इसाई और मुसलमान इसाइआह को अपना एक पैगम्बर मानते हैं। इसाई ऐसा क्यों मानते हैं, ये तो आप पढ़ ही चुके हैं, मुसलामानों के अनुसार इसाइआह ने मोहम्मद के जन्म की भविष्यवाणी की थी। 

एक साधारण प्रतिक्रिया होती है कि सैंकड़ों वर्ष पहले लिखी पुस्तक से हमें क्या अंतर पड़ता है। इसे समझने के लिए पंद्रहवीं सदी के यूरोप में जाना पड़ेगा जब इसी प्रकार बच्चों को मारा गया था और महिलाओं से बलात्कार किया गया था। अर्थात पुस्तक के लिखे जाने और उसके अनुसार व्यवहार में लगभग २३०० वर्ष का अंतर है। और ये तो केवल एक घटना है। 
ये घटना है सन १५०६ की। स्थान है पुर्तगाल का नगर लिस्बन। प्रस्तुत अंश प्रसिद्द इतिहासकार अलाक्सांद्रे हर्क्युलिअनो की पुस्तक 'द हिस्टरी ऑफ ओरिजिन एंड एस्तैब्लिश्मेंट ऑफ इन्कुइसिशन इन पुर्तगाल' पर आधारित है। वो उन्नीसवीं सदी में 'रोयल अकैडमी ऑफ साइंस' का निर्देशक था और ये पुस्तक उसने आधिकारिक प्रलेखों के आधार पर लिखी थी।
गत दो वर्ष से यहाँ अकाल जैसी स्थिति थी और परिणामस्वरूप हैजा एक महामारी का रूप ले रहा था। प्रतिदिन १०० से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हो रही थी। ऐसे में किसी ने कहा कि एक विशेष चर्च में जीसस की प्रतिमा के निकट के प्रकाश दिखाई देता है। कई दिन तक कोई न कोई कह देता कि उसने उस दिव्य रौशनी को देखा है किन्तु अधिकतम लोगों की राय थी कि ये एक भ्रम है। एक रविवार के दिन जब चर्च में लोग एकत्रित थे तो एक युवक जो यहूदी से इसाई बना था, इस तथाकथित चमत्कार के प्रति अविश्वास जताया। ये बात चर्च में फ़ैल गयी और भीड़ ने उसे मार कर उसके शव को जला दिया। धीरे धीरे भीड़ बढ़ने लगी। एक फादर ने भीड़ को उकसाना आरम्भ कर दिया। दो अन्य फादर, जिनमें से एक के हाथ में क्रॉस था और दूसरे के हाथ में क्रूसीफिक्स था, ने चिल्लाना आरम्भ कर दिया - हिअरसी हिअरसी (हिअरसी का अर्थ है वो आचरण जो चर्च के विचारों के विरुद्ध होता है)। ये सुनते ही पूरे नगर में दंगे भड़क उठे जिनमें बंदरगाह पर खड़े पोतों के नाविक भी सम्मिलित हो गए। राह चलते नए ईसाईयों (यहूदी से बने इसाई) को पकड़ कर उनकी हत्या कर दी गयी अथवा घायल कर दिया गया। इन अधमरे नए ईसाईयों को आग में डाल कर जला दिया गया। 
दोनों फादर, जिनमें से एक जोआओ मोचो नामक पुर्तगाली फादर था और दूसरा ऐरागौन का बर्नार्डो नामक फादर था, दंगा करने वालों को भड़का रहे थे और दंगे करने के लिए 'जला दो! जला दो' कह कर उकसा रहे थे। हर नए इसाई को घसीट कर आग में फेंका जा रहा था। दो स्थानों पर भीषण आग लगा दी गयी थी, जिन में एक ही समय में १५-२० यहूदी जलाए जा रहे थे। एक ही चौराहे पर ३०० पुरुषों को जला दिया गया था। इस रविवार को ५०० लोगों को जला दिया गया था। अगले दिन इस क्रम ने अधिक भयंकर रूप धारण कर लिया। फादरों के भड़काने से इस दिन की गतिविधियाँ अधिक हिंसक हो गयी थीं। इसमें कुछ पुराने ईसाईयों को भी मार दिया गया था। कुछ को अपनी जान बचाने के लिए सार्वजनिक रूप से ये दिखाना पड़ा कि उनका खतना नहीं हुआ है। (यहूदी खतना करवाते हैं, इसाई नहीं करवाते)। इसाई बलपूर्वक नए ईसाईयों के घरों में घुस गए। महिलाओं, पुरुषों और वृद्धों को मार दिया गया। बच्चों को उनकी माताओं के वक्ष से खींच कर, पांवों से पकड़ कर उनके सर कमरों की दीवारों पर पटक दिए गए। यहाँ वहाँ ४०-५० शवों के ढेर देखे जा सकते थे, जिन्हें जलाया जाना था। जो जीवन बचाने के लिए चर्चों में छिप गए थे, उन्हें भी नहीं छोड़ा गया। विवाहित और अविवाहित महिलाओं को बाहर निकाल कर उनसे बलात्कार किये गए और फिर उन्हें लपटों में फेंक दिया गया। इस दरिंदगी में नाविकों के साथ, छोटी जाती के भी लगभग १००० पुरुष सम्मिलित थे। जब रात हुई तो ये बर्बर दृश्य छिप गए किन्तु अगले दिन यही क्रम चल पड़ा। अब बर्बर दृश्य कम थे क्योंकि शिकार करने के लिए कम लोग रह गए थे। कुछ पुराने ईसाईयों ने, जो अभी भी मानवीयता में विश्वास करते थे, बहुत से लोगों को छिपा दिया था अथवा उन्हें भागने में सहायता की थी। भागने वाले अधिक भाग्यशाली नहीं रहे क्योंकि उन्हें आस पास के गाँवों में ढूंढ कर मार दिया गए। जब बलात्कार के लिए और महिलायें नहीं बची और मारने के लिए पुरुष नहीं बचे तो सब शांत हो गया और सेंट डोमिनिक के फादर विश्राम करने लगे।
 उक्त घटनाक्रम में दंगा करने वालों ने और करवाने वाले फादर वही कर रहे थे जो उन्होंने अपने सम्प्रदाय की पुस्तक में पढ़ा था और ऐसा करते हुए वो 'गौड के बलवानों' की भांति व्यवहार कर रहे थे। अर्थात वो इन जघन्य अपराधों को गौड का आदेश बता कर उचित ठहराने की चेष्टा कर सकते हैं। जो कार्य गौड का कार्य है, वो अपराध कैसे हो सकता है? उनका व्यवहार तो अक्षरशः इसाइआह की पुस्तक से मेल खाता है जो कि बाइबल का भाग है। इस पुस्तक के आरंभिक ३९ अध्याय उन सभी राष्ट्रों के विनाश का उल्लेख करते हैं जो गौड के विरुद्ध आचरण करते हैं। इस परिभाषा के अनुसार भारत सहित सभी वो राष्ट्र जो इसाई नहीं हैं, उनका यही अंत होगा।
ये उल्लेख केवल एक ही स्थान पर हो, ऐसा नहीं है। बाइबल का एक भाग है साल्म्स (Psalms), जिसे भारत में 'भजन संकलन' के नाम से प्रसारित किया जा रहा है। इन में से भजन संख्या १३७ की नवीं पंक्ति भी कुछ ऐसा ही संदेश देती है:
Happy is the one who takes your babies and smashes them against the rocks!
इसका अनुवाद है:
वो प्रसन्न होगा जो तुम्हारे बच्चों को चट्टानों पर पटक देगा!
इस भजन में बेबिलौन राज्य की राजकुमारी के बच्चों का उल्लेख है। अब तनिक इस भजन की तुलना किसी हिन्दू भजन से कर के देखें तो 'सर्व धर्म समभाव' जैसे नारों की मूर्खता आप को समझ आ जायेगी।

अभी तक हमने गौड के कुछ लक्षण तो देख ही लिए हैं; वो अपने विशेष पुरुषों द्वारा, बच्चों की हत्या करवाता है और महिलाओं का बलात्कार भी करवाता है। जो ऐसे जघन्य अपराध करते हैं, गौड उन्हें प्रसन्न करता है। एक और विशेष लक्षण भी है; गौड आज्ञा न मानने वालों की इतनी दुर्दशा कर देता है कि वो अपने बच्चों का मांस खाते हैं। इसके लिए हम बाइबल के उस भाग को देखते हैं जिसे प्रसिद्द पैगम्बर मूसा (Moses) ने लिखा है। इसका नाम है दयुतेरोनोमी। इसके अध्याय २८ में वर्णन है कि गौड की आज्ञा न मानने वालों को शत्रु घेर लेंगे जिस से कि उन पर विभिन्न आपत्तियां आ जायेंगी। इन में एक है भोजन की कमी। इसी का वर्णन है:

शत्रु तुम्हें घेर लेगा और तुम्हें विभिन्न प्रकार के कष्ट देगा। और तुम अपने शरीर का भाग अर्थात अपने बेटे और बेटियों का मांस खाओगे, जो तुम्हें तुम्हारे लोर्ड गौड ने दिए हैं।
जो पुरुष तुम में संवेदनशील भी हैं, वो भी अपने भाई, अपनी पत्नी और उनके बच्चों पर बुरी दृष्टि रखेंगे।
इसलिए जब वो अपने बच्चों का मांस खा रहा होगा तो वो उन्हें (अपने भाई, पत्नी और शेष बच्चों को) मांस बाँट कर नहीं खाएगा क्योंकि इस घेराव और संकट के समय उसके पास कुछ नहीं होगा तथा शत्रु सब दिशाओं से कष्ट दे रहा होगा।
वो कोमल महिलाएं, जिन्होंने अपनी कोमलता के चलते कभी भूमि पर नंगे पाँव नहीं रखे, वो भी अपने बेटे, बेटी तथा पति को दुष्ट दृष्टि से देखेंगी।
और अपने उन नन्हें मुन्नों की ओर भी जो उसके पांवों के मध्य में से निकले हैं, वो संतान जिसे उसने जन्म दिया है: क्योंकि इस कमी के समय में वो उन्हें खा जायेगी जब शत्रु सब दिशाओं से त्रस्त कर रहा होगा।
 दयुतेरोनोमी : २८ - ५३-५७


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हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत तलाक का आधार



हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 की धारा-13 में वे आधार बताए गए हैं जिन से एक हिन्दू पुरुष विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त कर सकता है। ये निम्न प्रकार हैं-
  1. विवाह हो जाने के उपरान्त जीवन साथी के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति के साथ स्वैच्छिक रूप से यौन संबंध स्थापित किया हो।
  2. जीवन साथी के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया हो।
  3. विवाह विच्छेद का आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि से कम से कम दो वर्ष से लगातार जीवन साथी का परित्याग कर रखा हो। यहाँ परित्याग बिना किसी यथोचित कारण के या जीवनसाथी की सहमति या उसकी इच्छा के विरुद्ध होना चाहिए जिस में आवेदक की स्वेच्छा से उपेक्षा करना सम्मिलित है।
  4. जीवनसाथी द्वारा दूसरा धर्म अपना लेने से वह हिन्दू न रह गया हो।
  5. जीवनसाथी असाध्य रूप से मानसिक विकार से ग्रस्त हो या लगातार या बीच बीच में इस प्रकार से और इस सीमा तक मानसिक विकार से ग्रस्त हो जाता हो कि जिस के कारण यथोचित प्रकार से उस के साथ निवास करना संभव न रह गया हो।
  6. यहाँ मानसिक विकार का अर्थ मस्तिष्क की बीमारी, मानसिक निरुद्धता, मनोरोग विकार, मानसिक अयोग्यता है जिस में सीजोफ्रेनिया सम्मिलित है।
  7. मनोरोग विकार का अर्थ लगातार विकार या मस्तिष्क की अयोग्यता है जो असाधारण रूप से आक्रामक होना या जीवन साथी के प्रति गंभीर रूप से अनुत्तरदायी व्यवहार करना है, चाहे इस के लिए किसी चिकित्सा की आवश्यकता हो या न हो।
  8. जीवनसाथी किसी विषैले (virulent) रोग या कोढ़ से पीड़ित हो।
  9. जीवनसाथी किसी संक्रामक यौन रोग से पीड़ित हो।
  10. जीवनसाथी ने संन्यास ग्रहण कर लिया हो।
  11. जीवनसाथी के जीवित रहने के बारे में सात वर्ष से कोई समाचार ऐसे लोगों से सुनने को न मिला हो जिन्हें स्वाभाविक रूप से इस बारे में जानकारी हो सकती हो।
  12. ऊपर वर्णित आधारों के अतिरिक्त विवाह के पक्षकारों के बीच न्यायिक पृथक्करण की डिक्री पारित होने के उपरान्त एक वर्ष या अधिक समय से सहवास आरंभ न होने या वैवाहिक अधिकारों की पुनर्स्थापना की डिक्री पारित होने के उपरान्त एक वर्ष या अधिक समय से वैवाहिक अधिकारों की पुनर्स्थापना न होने के आधारों पर भी विवाह विच्छेद की डिक्री पारित की जा सकती है।




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औषधीय पौधा - मुलेठी के चमत्कारी लाभ



मुलेठी की पहचान : मुलेठी का वैज्ञानिक नाम ग्‍लीसीर्रहीजा ग्लाब्र (Glycyrrhiza glabra ) कहते है। संस्कृत में मधुयष्टी:, बंगला में जष्टिमधु, मलयालम में इरत्तिमधुरम, तथा तमिल में अति मधुरम कहते है। एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। इसमें गुलाबी और जामुनी रंग के फूल होते है। इसके फल लम्बे चपटे तथा कांटे होते है। इसकी पत्तियां संयुक्त होती है। मूल जड़ों से छोटी-छोटी जड़ें निकलती है। इसकी खेती पूरे भारतवर्ष में होती है।
mulethi benefits

औषधीय गुण : मुलेठी खांसी, गले की खराश, उदरशूल क्षयरोग, श्वास नली की सूजन तथा मिर्गी आदि के इलाज में उपयोगी है। इसमें एंटीबायोटिक एवं बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता पाई जाती है। यह शरीर के अंदरूनी चोटो में भी लाभदायक होता है। भारत में इसे पान आदि में डालकर प्रयोग किया जाता है। मुलेठी के प्रयोग से न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर और छोटी आंत के प्रारम्भिक भाग ड्यूओडनल अल्सर में भी लाभ होता है। मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है, बस सुबह शाम 2 -2 ग्राम पानी से निगल जाइए यही नहीं इस मुलेठी के चूर्ण से आँखों की शक्ति भी बढ़ती है बस सुबह 3 ग्राम खाना चाहिए।

मुलेठी में पचास प्रतिशत पानी होने के कारण ये पेट के लिए ठंडी होती है। इसका स्वाद हल्का मीठा होता है। मुलेठी घाव को भरने में भी मददगार होती है। मुलेठी खांसी, जुकाम, उल्टी व दस्त को रोकने में मदद करती है।यह पेट की जलन व दर्द, अल्सर तथा इससे होने वाली खून की उल्टी में भी बहुत उपयोगी है। मुलेठी वात पित्त शामक है।
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मुलेठी के चमत्कारी लाभ
  1. खांसी के लिए- मुलेठी पाउडर और आंवला चूर्ण 2-2 ग्राम की मात्रा में मिला लें। इस चूर्ण को दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह- शाम चाटने से खांसी में बहुत लाभ होता है।
  2. गले के लिए- दस ग्राम मुलेठी में दस ग्राम काली मिर्च, दस ग्राम लौंग, पांच ग्राम हरड़, पांच ग्राम मिश्री सारी चीजों को मिलाकर पीस लें। इस चूर्ण की एक चम्मच सुबह शहद के साथ चाटने से गले में दर्द की शिकायत दूर हो जाती है और आवाज भी साफ होती है।
  3. पेशाब की जलन के लिए- एक चम्मच मुलेठी का चूर्ण एक कप दूध के साथ लेने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है।
  4. छाले ठीक करने के लिए- मुलेठी को मुंह में रखकर चूसने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
  5. पेट दर्द के लिए- एक चम्मच मुलेठी चूर्ण में शहद मिलाकर दिन में तीन बार लेने से पेट और आंतों का दर्द ठीक हो जाता है।
  6. फोड़े-फुंसियों को ठीक करने के लिए-फोड़ों पर मुलेठी का लेप लगाने से वो जल्दी पक कर फूट जाते हैं।यह ठंडी प्रकृति की होती है और पित्त का शमन करती है।
  7. मुलेठी को काली-मिर्च के साथ खाने से कफ ढीला होता है। सूखी खांसी आने पर मुलेठी खाने से फायदा होता है। इससे खांसी तथा गले की सूजन ठीक होती है।
  8. अगर मुंह सूख रहा हो तो मुलेठी बहुत फायदा करती है। इसमें पानी की मात्रा 50 प्रतिशत तक होती है। मुंह सूखने पर बार-बार इसे चूसे। इससे प्यास शांत होगी।
  9. गले में खराश के लिए भी मुलेठी का प्रयोग किया जाता है। मुलेठी अच्छे स्वर के लिए भी प्रयोग की जाती है।
  10. मुलेठी महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। मुलेठी का एक ग्राम चूर्ण नियमित सेवन करने से वे अपनी सुंदरता को लंबे समय तक बनाये रख सकती हैं।
  11. लगभग एक महीने तक, आधा चम्मच मुलेठी का चूर्ण सुबह शाम शहद के साथ चाटने से मासिक संबंधी सभी रोग दूर होते है।
  12. फोड़े होने पर मुलेठी का लेप लगाने से जल्दी ठीक हो जाते है।
  13. रोज़ 6 ग्रा. मुलेठी चूर्ण, 30 मि.ली. दूध के साथ पीने से शरीर में ताकत आती है।
  14. लगभग 4 ग्राम मुलेठी का चूर्ण घी या शहद के साथ लेने से हृदय रोगों में लाभ होता है।
  15. इसके आधा ग्राम रोजाना सेवन से खून में वृद्धि होती है।
  16. जलने पर मुलेठी और चंदन के लेप से शीतलता मिलती है।
  17. इसके चूर्ण को मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है।
  18. मुलेठी का टुकड़ा मुंह में रखने से कान का दर्द और सूजन ठीक होता है।
  19. उल्टी होने पर मुलेठी का टुकड़ा मुंह में रखने पर लाभ होता है।
  20. मुलेठी की जड़ पेट के घावों को समाप्त करती है, इससे पेट के घाव जल्दी भर जाते हैं। पेट के घाव होने पर मुलेठी की जड़ का चूर्ण इस्तेमाल करना चाहिए।
  21. मुलेठी पेट के अल्सर के लिए फायदेमंद है। इससे न केवल गैस्ट्रिक अल्सर वरन छोटी आंत के प्रारम्भिक भाग ड्यूओडनल अल्सर में भी पूरी तरह से फायदा करती है। जब मुलेठी का चूर्ण ड्यूओडनल अल्सर के अपच, हाइपर एसिडिटी आदि पर लाभदायक प्रभाव डालता है। साथ ही अल्सर के घावों को भी तेजी से भरता है।
  22. खून की उल्टियां होने पर दूध के साथ मुलेठी का चूर्ण लेने से फायदा होता है। खूनी उल्टी होने पर मधु के साथ भी इसे लिया जा सकता है।
  23. हिचकी होने पर मुलेठी के चूर्ण को शहद में मिलाकर नाक में टपकाने तथा 5 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ खिला देने से लाभ होता है।
  24. मुलेठी आंतों की टीबी के लिए भी फायदेमंद है।
  25. ये एक प्रकार की एंटीबायोटिक भी है इसमें बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता पाई जाती है। यह शरीर के अंदरूनी चोटो में भी लाभदायक होती है।
  26. मुलेठी के चूर्ण से आँखों की शक्ति भी बढ़ती है सुबह तीन या चार ग्राम खाना चाहिए।
  27. यदि भूख न लगती हो तो एक छोटा टुकड़ा मुलेठी कुछ देर चूसे, दिन में 3-4 बार इस प्रक्रिया को दोहरा ले, भूख खुल जाएगी।
  28. कोई भी समस्या न हो तो भी कभी-कभी मुलेठी का सेवन कर लेना चाहिए आंतों के अल्सर ,कैंसर का खतरा कम हो जाता है तथा पाचन क्रिया भी एकदम ठीक रहती है।
  29. मुलेठी बहुत गुणकारी औषधि है। मुलेठी के प्रयोग करने से न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर के लिए फायदेमंद है। इसका पौधा 1 से 6 फुट तक होता है। यह मीठा होता है इसलिए इसे ज्येष्ठीमधु भी कहा जाता है। असली मुलेठी अंदर से पीली, रेशेदार एवं हल्की गंधवाली होती है। यह सूखने पर अम्ल जैसे स्वाद की हो जाती है। मुलेठी की जड़ को उखाड़ने के बाद दो वर्ष तक उसमें औषधीय गुण विद्यमान रहता है। ग्लिसराइजिक एसिड के होने के कारण इसका स्वाद साधारण शक्कर से पचास गुना अधिक मीठा होता है।

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