स्‍पीक एशिया का झूठ पर झूठ और रही जनता को लूट



 
युवाओं को बरगलाने वाली स्पीक एशिया ऑनलाइन पर सरकारी शिकंजा कसता जा रहा है। नई खबरों के मुताबिक सिंगापुर के यूनाइटेड ओवरसीज बैंक ने स्पीक एशिया के खातों को बंद कर दिया है। जबकि स्पीक एशिया ग्राहकों को बरगलाने मे कोई कसर नहीं छोड़ रही है, इस घटनाक्रम के बाद स्पीक एशिया ने एक बयान में कहा, ‘सिंगापुर में हमारे खातों को फ्रीज नहीं किया गया है, बल्कि हम सिर्फ कंपनी के खातों को दूसरे बैंक में ले जा रहे हैं।' कंपनी दूसरे बैंक मे खाता खोलने की बात कर रही है जबकि सिंगापुर में नया बैंक अकाउंट खोलने में छह माह से भी ज्यादा का समय लगेगा। ऐसे में किसी भी निवेशक को पैसे वापस नहीं किए जा सकते हैं।
जबकि भारत मे भी कड़ा कदम उठाते हुये रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एजीएम आर माहेश्वरी ने साफ कर दिया है कि भारत में स्पीक एशिया को कारोबार करने या गैर बैंकिंग वित्तीय संस्था के रूप में काम करने की अनुमति नहीं दी गई है। शुक्रवार सुबह कंपनी के खाते फ्रीज किए जाने की खबर मिलते ही राजधानी के निवेशकों में खलबली मच गई।
 ग्राहकों को बरगलाने के मामले मे स्पीक एशिया जरा भी पीछे नही दिख रही है है, वह सार्वजनिक स्थानों पर झूठ पर झूठ बोले जा रही है। कंपनी ने कहा था कि आईसीआईसीआई, बाटा, एयरटेल, नेस्ले उसके ग्राहक, यह तथ्य झूठ पाए गए, भारत में तीन ऑफिस खुलने की बात कही जबकि अभी तक एक भी ऑफिस नहीं है। कई रिटेल कंपनियों के पार्टनर बनने की बात कही थी किन्तु हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है। सिंगापुर में कारोबार करने की बात की थी किन्तु तथ्यों से मेल नहीं खाए।
स्पीक एशिया का भारत में करीब 19 लाख लोगों को डायरेक्ट एजेंट बना चुकी स्पीक-एशिया के खातों में 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक की रकम जमा है और यह पूरा पैसा भारत से बाहर जा चुका है या जाने की प्रक्रिया में है। भारत के युवा वर्ग को इस प्रकार चालो मे फंसने से बचना चाहिए। और उद्यमिता की ओर रुख करना चाहिये।


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महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य



भारतीय जन-मानस में यह मान्यता है कि शिव में सृजन और संहार की क्षमता है। उनकी यह भी मान्यता है कि शिव ‘आशुतोष' हैं अर्थात् जल्दी और सहज ही प्रसन्न हो जाने वाले हैं। इसी भावना को लेकर वे शिव पर जल चढ़ाते और उनकी पूजा करते हैं। परन्तु प्रश्न उठता है कि जीवन भर नित्य शिव की पूजा करते रहने पर भी तथा हर वर्ष श्रद्धापूर्वक शिवरात्रि पर जागरण, व्रत इत्यादि करने पर भी मनुष्य के पाप एवं संतान क्यों नहीं मिटते? उसे मुक्ति और जीवनमुक्ति अथवा शक्ति क्यों नहीं मिलती? उसे राज्य भाग्य का अमर वरदान क्यों नहीं प्राप्त होता? आखिर शिव को प्रसन्न करने की सहज विधि क्या है? शिवरात्रि का वास्तविक रहस्य क्या है? हम सच्ची शिवरात्रि कैसे मनाए? 'शिव' का ‘रात्रि' के साथ क्या सम्बन्ध है जबकि अन्य देवताओं की पूजा-अर्चना दिन में होती है। शिवरात्रि से जुड़े इन प्रश्नों का उत्तर इसके आध्यात्मिक रहस्य का उद्घाटन करते हैं।
Mahashivratri 2023
महारात्रि अज्ञानता और पापाचार की सूचक है ‘शिवरात्रि' फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम रात्रि (अमावस्या) से एक दिन पहले मनाई जाती है। परमपिता परमात्मा शिव का अवतरण इस लोक में कलियुग के पूर्णान्त से कुछ ही वर्ष पहले हुआ था जबकि सारी सृष्टि अज्ञान अन्धकार में थी। इसलिए 'शिव' का सम्बन्ध ‘रात्रि' से जोड़ा जाता है और परमात्मा शिव की रात्रि में पूजा को अधिक महत्व दिया जाता है। श्री नारायण तथा श्रीराम आदि देवताओं का पूजन तो दिन में होता है क्योंकि श्री नारायण और श्री राम का जन्म क्रमश: सतयुग एवं त्रेता युग में हुआ था। मन्दिरों में उन देवताओं को रात्रि में 'सुला' दिया जाता है और दिन में ही उन्हें जगाया जाता है। परन्तु परमात्मा शिव की पूजा के लिए तो भक्त लोग स्वयं भी रात्रि को जागरण करते हैं।
आज पूर्व लिखित रहस्य को न जानने के कारण कई लोग कहते हैं कि 'शिव' तमोगुण के अधिष्ठाता (आधार) है इसलिए शिव की पूजा रात्रि को होती है और इसकी याद में शिवरात्रि मनाई जाती है। क्योंकि 'रात्रि' तमोगुण की प्रतिनिधि है परन्तु उनकी यह मान्यता बिल्कुल गलत है क्योंकि वास्तव में शिव तमोगुण के अधिष्ठाता नहीं है बल्कि तमोगुण के संहारक अथवा नाशक है। यदि शिव तमोगुण के अधिष्ठाता होते तो उन्हें शिव अर्थात कल्याणकारी, पापकटेश्वर एवं मुक्तेश्वर आदि कहना ही निरर्थक हो जाता। 'शिव' का अर्थ है- 'कल्याणकारी।' शिव का कर्तव्य आत्माओं का कल्याण करना है जबकि तमोगुण का अर्थ अकल्याणकारी होता है। यह पाप वर्धक एवं मुक्ति में बाधक है। अत: वास्तव में 'शिवरात्रि' इसलिए मनाई जाती है क्योंकि परमात्मा शिव ने कल्प के अंत में अवतरित होकर अज्ञानता, दु:ख और अशांति को समाप्त किया था।
Mahashivratri 2023
महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व महाशिवरात्रि के बारे में एक मान्यता तो यह भी है कि इस रात्रि को परमपिता परमात्मा शिव ने महासंहार कराया था और दूसरी मान्यता यह है कि इसी रात्रि को अकेले ईश्वर ने अम्बा इत्यादि शक्तियों से सम्पन्न होकर रचना का कार्य प्रारम्भ किया था। परन्तु प्रश्न उठता है कि शिव तो ज्योर्तिलिंगम् और अशरीरी हैं। वह संहार कैसे और किस द्वारा कराते हैं और नई दुनिया स्थापना की स्पष्ट रूपरेखा क्या है?
ज्योतिस्वरूप परमपिता परमात्मा शिव प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा सतयुगी सतोप्रधान सृष्टि की स्थापना और शंकर द्वारा कलियुगी तमोप्रधान सृष्टि का महाविनाश करते हैं। कलियुग के अन्त में ब्रह्मा के तन में प्रवेश करके उसके मुख द्वारा ज्ञान-गंगा बहाते हैं। इसलिए शिव को 'गंगाधर' भी कहते हैं और ‘सुधाकर' अर्थात् 'अमृत देने वाला' भी कहते हैं। प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा जो भारत-माताएं और कन्याएं ‘गंगाधर' शिव की ज्ञान-गंगा में स्नान करती अथवा ज्ञान सुधा (अमृत) का पान करती हैं, वे ही शिव-शक्तियां अथवा अम्बा, सरस्वती इत्यादि नामों से विख्यात होती हैं। ये चैतन्य ज्ञान-गंगाएं अथवा ब्रह्मा की मानस पुत्रियां ही शिव का आदेश पाकर भारत के जन-मन को शिव-ज्ञान द्वारा पावन करती हैं इसलिए शिव 'नारीश्वर' और 'पतित-पावन' अथवा 'पाप-कटेश्वर' भी कहलाते हैं क्योंकि मनुष्यात्माओं को शक्ति-रूपा नारियों अथवा माताओं द्वारा ज्ञान देकर पावन करते हैं तथा उनके विकारों रूपी हलाहल को पीकर उनका कल्याण करते हैं और उन्हें सहज ही मुक्ति तथा जीवन मुक्ति का वरदान देते हैं। वे सभी मनुष्यात्माओं को शरीर से मुक्त करके शिवलोक को ले जाते हैं। इसलिए वे मुक्तेश्वर भी कहलाते हैं। परन्तु ये दोनों कार्य कलियुग के अन्त में अज्ञान रूपी रात्रि के समय शिव के द्वारा ही सम्पन्न होते हैं।
Mahashivratri 2023

इसलिए स्पष्ट है कि ‘शिवरात्रि' एक अत्यन्त महत्वपूर्ण वृत्तांत का स्मरणोत्सव है। यह सारी सृष्टि की समस्त मनुष्यात्माओं के पारलौकिक परमपिता परमात्मा के दिव्य जन्म का दिन है और सभी की मुक्ति और जीवन मुक्ति रूपी सर्वश्रेष्ठ प्राप्ति की याद दिलाती है। इस कारण से शिवरात्रि सभी जन्मोत्सवों अथवा जयन्तियों की भेंट में सर्वोत्कृष्ट है क्योंकि अन्य सभी जन्मोत्सव तो मनुष्य आत्माओंअथवा देवताओं के जन्म दिन की याद में मनाये जाते हैं जबकि शिवरात्रि मनुष्य को देवता बनाने वाले, देवों के भी देव, धर्म पिताओं के भी पिता, सद्गति दाता, परम प्रिय, परमपिता परमात्मा के दिव्य और परम कल्याणकारी जन्म का स्मरणोत्सव है। इसे सारी सृष्टि के सभी मनुष्यों को बड़े उत्साह से मनाना चाहिए परन्तु आज मनुष्य आत्माओं को परमपिता परमात्मा का यथार्थ परिचय न होने के कारण अथवा परमात्मा शिव को नाम-रूप से न्यारा मानने के कारण शिव जयन्ति का महात्म्य बहुत कम हो गया है और लोग धर्म के नाम पर ईर्ष्या और लड़ाई करते हैं।
Mahashivratri 2023
सच्ची शिवरात्रि मनाने की रीति भक्त लोग शिवरात्रि के दिन होने वाले उत्सव पर सारी रात्रि जागरण करते हैं और यह सोचकर कि खाना खाने से आलस्य, निद्रा और मादकता का अनुभव होने लगता है, वे अन्न भी नहीं खाते हैं ताकि उनके उपवास से भगवान शिव प्रसन्न हों परन्तु मनुष्यात्माओं को तमोगुण में सुलाने वाली और रुलाने वाली मादकता तो पांच विकार हैं। जब तक मनुष्य इन विकारों का त्याग नहीं करता तब तक उसकी आत्मा का पूर्ण जागरण हो ही नहीं सकता और तब तक आशुतोष भगवान शिव भी उन पर प्रसन्न नहीं हो सकते हैं क्योंकि भगवान शिव तो स्वयं ‘कामारि' (काम के शत्रु) हैं, वे भला 'कामी' मनुष्य पर कैसे प्रसन्न हो सकते हैं? दूसरी बात यह है कि फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी रात्रि को मनाया जाने वाला शिवरात्रि महोत्सव तो कलयुग के अंत के उन वर्षों का प्रतीक है, जिसमें भगवान शिव ने मनुष्यों को ज्ञान द्वारा पावन करके कल्याण का पात्र बनाया था। अत: शिवरात्रि का व्रत सारे वर्ष मनाना चाहिए क्योंकि वर्तमान संगमयुग में परमात्मा का अवतरण हो चुका है। इस कलियुगी सृष्टि के महाविनाश की सामग्री एटम, हाइड्रोजन, परमाणु बमों के रूप में तैयार हो चुकी है व परम प्रिय परमात्मा द्वारा विश्व नव-निर्माण का कर्तव्य भी सम्पन्न हो रहा है। अब महाविनाश के समय तक ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें ताकि मनोविकारों पर ज्ञान-योग द्वारा विजय प्राप्त कर सकें। यही महा व्रत है जो कि 'शिवव्रत' के नाम से प्रसिद्ध है और यही वास्तव में शिव का मन्त्र (मत) है जो कि 'तारक-मन्त्र' के नाम से प्रसिद्ध है क्योंकि इसी व्रत से अथवा मन्त्र से मनुष्यात्माएं इस संसार रूपी विषय सागर से तैर कर, मुक्त होकर शिवलोक को चली जाती हैं। इस वर्ष परमात्मा शिव को इस सृष्टि पर अवतरित हुए 81 वर्ष हो रहे हैं। परमात्मा शिव ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग की शिक्षा से सर्व मनुष्यात्माओं को पावन बना रहे हैं। आप भी परमात्मा के साथ सच्ची शिवरात्रि मनाकर जन्मजन्मान्तर के लिए श्रेष्ठ भाग्य प्राप्त कर सकते हैं।


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सिक्खों के आठवें गुरु श्री गुरु हरकिशन साहब जी



श्री गुरु हरि किशन साहब जी का जन्म श्री गुरू हरिराय जी के गृह माता किशन कौर की कोख से संवत 1713 सावन माह शुक्ल पक्ष 8 को तदनुसार 23 जुलाई 1656 को कीरतपुर, पंजाब हुआ। आप हरिराय जी के छोटे पुत्र थे। आपके बड़े भाई रामराय आप से 10 वर्ष बड़े थे। श्री हरिकिशन जी का बाल्यकाल अत्यन्त लाड़ प्यार से व्यतीत हुआ। परिवार जन तथा अन्य निकटवर्ती लोगों को बाल हरिकिशन जी के भोले भाले मुख मण्डल पर एक अलौकिक आभा छाई दिखाई देती थी, नेत्रों में करुणा के भाव दृष्टि गोचर होते थे। छोटे से व्यक्तित्व में गजब का ओज रहता था। उनका दर्शन करने मात्रा से एक आत्मिक सुख सा मिलता था। गुरू हरिराय अपने इस नन्हे से बेटे की ओर दृष्टि डालते तो उन्हें प्रतीत होता था कि जैसे प्रभु स्वयं मानव रूप धरण कर किसी महान उद्देय की पूर्ति के लिए इस घर में पधारे हो। भाव श्री हरिकिशन में उन्हें ईश्वरीय पूर्ण प्रतिबिम्ब नजर आता। वह हरिकिशन के रूप में ऐसा पुत्र पाकर परम सन्तुष्ट थे। गुरू हरिराय जी ने दिव्य दृष्टि से अनुभव किया कि शिशु हरिकिशन की कीर्ति भविष्य में विश्व भर में फैलेगी। अतः इस बालक का नाम लोग आदर और श्रद्धा से लिया करेंगे। शिशु का भविष्य उज्ज्वल है। यह उन्हें दृष्टि मान हो रहा था और उनका विश्वास फलीभूत हुआ। श्री हरिकिशन जी ने गुरू पद की प्राप्ति के पश्चात अपना नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवा दिया।
सिक्खों के आठवें गुरु श्री गुरु हरकिशन साहब जी
गुरु गद्दी की प्राप्ति
श्री गुरू हरिराय जी की आयु केवल 31 वर्ष आठ माह की थी तो उन्होंने आत्मज्ञान से अनुभव किया कि उनकी श्वासों की पूंजी समाप्त होने वाली है। अतः उन्होंने गुरू नानक देव जी की गद्दी का आगामी उत्तराधिकारी के स्थान पर सिक्खों के अष्टम गुरू के रूपमें श्री हरिकिशन जी की नियुक्ति की घोषणा कर दी। इस घोषणा से सभी को प्रसन्नता हुई। श्री हरिकिशन जी उस समय केवल पाँच वर्ष के थे। फिर भी गुरू हरिराय जी की घोषणा से किसी को मतभेद नहीं था। जन साधारण अपने गुरूदेव की घोषणा में पूर्ण आस्था रखते थे। उन्हें विश्वास था कि श्री हरिकिशन के रूप में अष्टम गुरू सिक्ख सम्प्रदाय का कल्याण ही करेंगे। परन्तु गुरू हरिराय जी की इस घोषणा से उनके बड़े पुत्र रामराय को बहुत क्षोभ हुआ। रामराय जी को गुरूदेव ने निष्कासित किया हुआ था और वह उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र की तलहटी में एक नया नगर बसाकर निवास कर रहे थे। जिस का नाम कालान्तर में देहरादून प्रसिद्ध हुआ है। यह स्थान औरंगजेब ने उपहार स्वरूप दिया था। रामराय भले ही अपने पिता जी के निर्णय से खुश नहीं था किन्तु वह जानता था कि गुरू नानक की गद्दी किसी की धरोहर नहीं, वह तो किसी योग्य पुरुष के लिए सुरक्षित रहती है और उसका चयन बहुत सावधानी से किया जाता है। श्री गुरू हरिराय जी अपने निर्णय को कार्यान्वित करने में जुट गये। उन्होंने एक विशाल समारोह का आयोजन किया, जिसमें सिक्ख परम्परा अनुसार विधिवत हरिकिशन को तिलक लगवा कर गुरू गद्दी पर प्रतिष्ठित कर दिया। यह शुभ कार्य अश्विन शुक्ल पक्ष 10 संवत 1718 तदनुसार इसके पश्चात आप स्वयँ कार्तिक संवत 1718 को परलोक सिधार गए। इस प्रकार समस्त सिक्ख संगत नन्हें से गुरू को पाकर प्रसन्न थी।

नन्हें गुरु के नेतृत्त्व में
श्री गुरू हरिराय जी के ज्योति-ज्योत समा जाने के पचात् श्री गुरू हरिकिशन साहब जी के नेतृत्त्व में कीरतपुर में सभी कार्यक्रम यथावत जारी थे। दीवान सजता था संगत जुड़ती थी। कीर्तन भजन होता था। पूर्व गुरूजनों की वाणी उच्चारित की जाती थी, लंगर चलता था और जन साधारण बाल गुरू हरिकिशन के दर्शन पाकर संतुष्टी प्राप्त कर रहे थे। गुरू हरिकिशन जी भले ही साँसारिक दृष्टि से अभी बालक थे परंतु आत्मिक बल अथवा तेजस्वी की दृष्टि से पूर्ण थे, अतः अनेक सेवादार उनकी सहायता के लिए नियुक्त रहते थे। माता श्रीमती किशन कौर जी सदैव उनके पास रह कर उनकी सहायता में तत्पर रहती थी। भले ही वह कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभा रहे थे तो भी भविष्य में सिक्ख पंथ उनसे बहुत सी आशाएं लगाए बैठा था। उनकी उपस्थिति का कुछ ऐसा प्रताप था कि सभी कुछ सुचारू रूप से संचालित होता जा रहा था। समस्त संगत और भक्तजनों का विश्वास था कि एकदिन बड़े होकर गुरू हरिकिशन जी उनका सफल नेतृत्व करेंगे और उनके मार्ग निर्देशन में सिक्ख आन्दोलन दिनों दिन प्रगति के पथ पर अग्रसर होता चला जाएगा।

कुष्ठ का आरोग्य होना
श्री गुरू हरिकिशन जी की स्तुति कस्तूरी की तरह चारों ओर फैल गई। दूर-दराज से संगत बाल गुरू के दर्शनों को उमड़ पड़ी। जनसाधरण को मनो-कल्पित मुरादें प्राप्त होने लगी। स्वाभाविक ही था कि आपके या के गुण गायन गांव-गांव, नगर-नगर होने लगे। विशेष कर असाध्य रोगी आपके दरबार में बड़ी आशा लेकर दूर दूर से पहुँचते। आप किसी को भी निराश नहीं करते थे। आप का समस्त मानव कल्याण एक मात्रा उद्देश्य था। एक दिन कुछ ब्राह्मणों द्वारा सिखाये गये कुष्ठ रोगी ने आपकी पालकी के आगे लेट कर ऊँचे स्वर में आपके चरणों में प्रार्थना की कि हे गुरूदेव! मुझे कुष्ठ रोग से मुक्त करें। उसके करूणामय रूदन से गुरूदेव जी का हृदय दया से भर गया, उन्होंने उसे उसी समय अपने हाथ का रूमाल दिया और वचन किया कि इस रूमाल को जहाँ जहाँ कुष्ठ रोग है, फेरो, रोगमुक्त हो जाओगे। ऐसा ही हुआ। बस फिर क्या था आपके दरबार के बाहर दीर्घ रोगियों का तांता ही लगा रहता था। जब आप दरबार की समाप्ति के बाद बाहर खुले आंगन में आते तो आपकी दृष्टि जिस पर भी पड़ती, वह निरोग हो जाता। यूं ही दिन व्यतीत होने लगे।

श्री गुरू हरिकिशन जी को सम्राट द्वारा निमंत्रण
दिल्ली में रामराय जी ने अफवाह उड़ा रखी थी कि श्री गुरू हरिकिशन अभी नन्हें बालक ही तो हैं, उससे गुरू गद्दी का कार्यभार नहीं सम्भाला जायेगा। किन्तु कीरतपुर पँजाब से आने वाले समाचार इस भ्रम के विपरीत संदेश दे रहे थे। यद्यपि श्री हरिकिशन जी केवल पाँच साढ़े पाँच साल के ही थे तदापि उन्होंने अपनी पूर्ण विवेक बुद्धि का परिचय दिया और संगत का उचित मार्गर्दान किया। परिणाम स्वरूप रामराय की अफवाह बुरी तरह विफल रही और श्री गुरू श्री हरिकिशन जी का तेज प्रताप बढ़ता ही चला गया। इस बात से तंग आकर रामराय ने सम्राट औरंगजेब को उकसाया कि वह श्री हरिकिशन जी से उनके आत्मिक बल के चमत्कार देखे। किन्तु बादशाह को इस बात में कोई विशेष रूचि नहीं थी। वह पहले रामराय जी से बहुत से चमत्कार जो कि उन्होंने एक मदारी की तरह दिखाये थे, देख चुका था। अतः बात आई गई हो गई। कितु रामराय को ईर्ष्या वश शांति कहाँ वह किसी न किसी बहाने अपने छोटे भाई के मुकाबले बड़प्पन दर्शाना चाहता था। अवसर मिलते ही एक दिन रामराय ने बादशाह औरंगजेब को पुनः उकसाया कि मेरा छोटा भाई गुरू नानकदेव की गद्दी का आठवां उत्तराधिकारी है, स्वाभाविक ही है कि वह सर्वकला समर्थ होना चाहिए क्योंकि उसे गुरू ज्योति प्राप्त हुई है। अतः वह जो चाहे कर सकता है किन्तु अभी अल्प आयु का बालक है, इसलिए आपको उसे दिल्ली बुलवा कर अपने हित में कर लेना चाहिए, जिससे प्रशासन के मामले में आपको लाभ हो सकता है।
सम्राट को यह बात बहुत युक्ति संगत लगी। वह सोचने लगा कि जिस प्रकार रामराय मेरा मित्र बन गया है। यदि श्री हरिकिशन जी से मेरी मित्रता हो जाए तो कुछ असम्भव बातें सम्भव हो सकती हैं जो बाद में प्रशासन के हित में सिद्ध हो सकती हैं क्योंकि इन गुरू लोगों की देा भर में बहुत मान्यता है।
अब प्रश्न यह था कि श्री गुरू हरिकिशन जी को दिल्ली कैसे बुलवाया जाये। इस समस्या का समाधन भी कर लिया गया कि हिन्दू को हिन्दू द्वारा आदरणीय निमंत्रण भेजा जाए, शायद बात बन जायेगी। इस युक्ति को क्रियान्वित तुम गुरू घर के सेवक हो। अतः कीरतपुर से श्री गुरू हरिकिशन जी को हमारा निमंत्रण देकर दिल्ली ले आओ। मिर्ज़ा राजा जय सिंह ने सम्राट को आश्वासन दिया कि वह यह कार्य सफलता पूर्वक कर देगा और उसने इस कार्य को अपने विश्वास पात्र दीवान परसराम था। इस प्रकार राजा जय सिंह ने अपने दीवान परसराम को पचास घोड़ सवार दिये और कहा कि मेरी तरफ से कीरतपुर में श्री गुरू हरिकिशन को दिल्ली आने के लिए निवेदन करें और उन्हें बहुत आदर से पालकी में बैठाकर पूर्ण सुरक्षा प्रदान करते हुए लायें। जैसे कि 1660 ईस्वी में औरंगजेब ने श्री गुरू हरिराय जी को दिल्ली आने के लिए आमंत्रित किया था वैसे ही अब 1664 ईस्वी में दूसरी बार श्री गुरू हरिकिशन जी को निमंत्रण भेजा गया। सिक्ख सम्प्रदाय के लिए यह परीक्षा का समय था।श्री गुरू अर्जुन देव भी जहाँगीर के राज्यकाल में लाहौर गये थे और श्री गुरू हरिगोविद साहब भी ग्वालियर में गये थे। विवेक बुद्वि से श्रीगुरू हरि किशन जी ने सभी तथ्यों पर विचार विमर्श किया। उन दिनों आपकी आयु 7 वर्ष की हो चुकी थी। माता किशन कौर जी ने दिल्ली के निमंत्रण को बहुत गम्भीर रूप में लिया। उन्होंने सभी प्रमुख सेवकों को सतर्क किया कि निर्णय लेने में कोई चूक नहीं होनी चाहिए।गुरूदेव ने दीवान परस राम के समक्ष एक शर्त रखी कि वह सम्राट औरंगजेब से कभी नहीं मिलेंगे और उनको कोई भी बाध्य नहीं करेगा कि उनके बीच कोई विचार गोष्ठी का आयोजन हो। परसराम को जो काम सौंपा गया था, वह केवल गुरूदेव को दिल्ली ले जाने का कार्यथा, अतः यह शर्त स्वीकार कर ली गई। दीवान परसराम ने माता किशन कौर को सांत्वना दी और कहा - आप चिंता न करें। मैं स्वयं गुरूदेव की पूर्ण सुरक्षा के लिए तैनात रहूँगा। तत्पचात् दिल्ली जाने की तैयारियाँ होने लगी। जिसने भी सुना कि गुरू श्री हरिकिशन जी को औरंगजेब ने दिल्ली बुलवाया है, वही उदास हो गया। गुरूदेव की अनुपस्थिति सभी को असहाय थी किन्तु सभी विवश थे। विदाई के समय अपार जनसमूह उमड़ पड़ा। गुरूदेवने सभी श्रद्वालुओं को अपनी कृपा दृष्टि से कृतार्थ किया और दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गये।

एक ब्राह्मण की शंका का समाधान
कीरतपुर से दिल्ली पौने दौ सौ मील दूर स्थित है। गुरूदेव के साथ भारी संख्या में संगत भी चल पड़ी। इस बात को ध्यान में रखकरआप जी ने अम्बाला शहर के निकट पंजोखरा नामक स्थान पर शिविर लगा दिया और संगत को आदेा दिया कि आप सब लौट जायें। पंजोखरा गाँव के एक पंडित जी ने शिविर की भव्यता देखी तो उन्होंने साथ आये विशिष्ट सिक्खों से पूछा कि यहाँ कौन आये हैं उत्तर में सिक्ख ने बताया कि श्री गुरू हरिकिशन महाराज जी दिल्ली प्रस्थान कर रहे हैं, उन्हीं का शिविर है। इस पर पंडित जी चिढ़ गये और बोले कि द्वापर में श्री कृष्ण जी अवतार हुए हैं, उन्होंने गीता रची है। यदि यह बालक अपने आपको हरिकिशन कहलवाता है तो भगवत गीता के किसी एक लोक का अर्थ करके बता दे तो हम मान जायेंगे। यह व्यंग जल्दी ही गुरूदेव तक पहुंच गया। उन्होंने पंडित जी को आमंत्रित किया और उससे कहा - पंडित जी आपकी शंका निराधर है। यदि हमने आपकी इच्छा अनुसार गीता के अर्थ कर भी दिये तो भी आपके भ्रम का निवारण नहीं होगा क्योंकि आप यह सोचते रहेंगे कि बड़े घर के बच्चे हैं, सँस्कृत का अध्ययन कर लिया होगा इत्यादि। किन्तु हम तुम्हें गुरू नानक के घर की महिमा बताना चाहते हैं। अतः आप कोई भी व्यक्ति ले आओ जो तुम्हें अयोग्य दिखाई देता हो,हम तुम्हें गुरू नानक देव जी के उत्तराधिकारी होने के नाते उस से तुम्हारी इच्छा अनुसार गीता के अर्थ करवा कर दिखा देंगे। चुनौती स्वीकार करने पर समस्त क्षेत्रा में जिज्ञासा उत्पन्न हो गई कि गुरूदेवे पंडित को किस प्रकार संतुष्ट करते हैं। तभी पंडित कृष्णलाल एक झींवर (पानी ढ़ोने वाला) को साथ ले आया जो बैरा और गूँगा था। वह गुरूदेव जी से कहने लगा कि आप इस व्यक्ति से गीता के लोकों के अर्थ करवा कर दिखा दे। गुरूदेव ने झींवर छज्जूराम पर कृपा दृष्टि डाली और उसके सिर पर अपने हाथ की छड़ी मार दी। बस फिरक्या था छज्जूराम झींवर बोल पड़ा और पंडित जी को सम्बोधन करके कहने लगा - पंडित कृष्ण लाल जी, आप गीता के लोक उच्चारण करें। पंडित कृष्ण लाल जी आश्चर्य में चारों ओर झांकने लगा। उन्हें विवशता के कारण भगवत गीता के लोक उच्चारण करने पड़े। जैसे ही झींवर छज्जू राम ने पंडित जी के मुख से लोक सुना, वह कहने लगा कि पंडित जी आपके उच्चारण अद्भुत हैं, मैं आपको इसी लोक का शुद्ध उच्चारण सुनाता हूँ और फिर अर्थ भी पूर्ण रूप में स्पष्ट करूँगा। छज्जूराम ने ऐसा कर दिखाया। पंडित कृष्ण लाल का संशय निवृत्त्तहो गया। वह गुरू चरणों में बार बार नमन करने लगा। तब गुरूदेव जी ने उसे कहा - आपको हमारी शशरीरिक आयु दिखाई दी है, जिस कारण आपको भ्रम हो गया है, वास्तव में ब्रह्म ज्ञान का शारीरिक आयु से कोई सम्बन्ध नहीं होता। यह अवस्था पूर्व संस्कारों के कारण किसी को भी किसी आयु में प्राप्त हो सकती है। आपने सँस्कृत भाषा के श्लोको के अर्थों को कर लेने मात्रा से पूर्ण पुरूष होने की कसौटी मान लिया है, जबकि यह विचार धारा ही गलत है। महापुरूष होना अथवा शाश्वत ज्ञान प्राप्त होना, भाषा ज्ञान की प्राप्ति से ऊपर की बात है। आध्यात्मिक दुनिया में ऊँची आत्मिक अवस्था उसे प्राप्त होती है, जिसने निष्काम, समस्त प्राणी मात्र के कल्याण के कार्य किये हों अथवा जो प्रत्येक वास को सफल करता है। प्रभु चिन्तन मनन में व्यस्त रहता है। इस मार्मिक प्रसंग की स्मृति में आज भी पंजोखरा गाँव में श्री हरिकिशन जी के कीर्ति स्तम्भ के रूप में एक भव्य गुरूद्वारा बना हुआ है।

श्री गुरू हरिकिशन जी दिल्ली पधारे
श्री गुरू हरिकिशन जी की सवारी जब दिल्ली पहुँची तो राजा जय सिंह ने स्वयं उनकी आगवानी की और उन्हें अपने बंगले में ठहराया। जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया। राजा जय सिंह के महल के आसपास के क्षेत्र का नाम जयसिंह पुरा था। जयसिंह की रानी के हृदय में गुरूदेव जी के दर्शनों की तीव्र अभिलाषा थी, किन्तु रानी के हृदय में एक संशय ने जन्म लिया। उसके मन में एक विचार आया कि यदि बालगुरू पूर्ण गुरू हैं तो मेरी गोदी में बैठे। उसने अपनी इस परीक्षा को किर्यान्वित करने के लिए बहुत सारी सखियों को भी आमंत्रित कर लिया था। जब महल में गुरूदेव का आगमन हुआ तो वहाँ बहुत बड़ी संख्या में महिलाएं सजधज कर बैठी हुई गुरूदेव जी की प्रतीक्षा कर रही थीं। गुरूदेव सभी स्त्रियों को अपनी छड़ से स्पर्श करते हुए कहते गये कि यह भी रानी नहीं, यह भी रानी नहीं, अन्त में उन्होंने रानी को खोज लिया और उसकी गोद में जा बैठे। तद्पश्चात उसे कहा - आपने हमारी परीक्षा ली है, जो कि उचित बात नहीं थी। औरंगजेब को जब सूचना मिली कि आठवें गुरू श्री हरिकिशन जी दिल्ली राजा जय सिंह के बंगले पर पधरे हैं तो उसने उनसे मुलाकात करने का समय निश्चित करने को कहा - किन्तु श्री हरिकिशन जी ने स्पष्ट इन्कार करते हुए कहा - हमने दिल्ली आने से पूर्व यह शर्त रखी थी कि हम औरंगजेब से भेंट नहीं करेंगे। अतः वह हमें मिलने का कष्ट न करें। बादशाह को इस उत्तर की आशा नहीं थी। इस कोरे उत्तर को सुनकर वह बहुत निराा हुआ और दबाव डालने लगा कि किसी न किसी रूप में गुरूदेव को मनाओं, जिससे एक भेंट सम्भव हो सके।

दिल्ली में महामारी का आतंक
श्री गुरू हरिकिशन जी के दिल्ली आगमन के दिनों में वहाँ हैजा रोग फैलता जा रहा था, नगर में मृत्यु का ताण्डव नृत्य हो रहा था, स्थान स्थान पर मानव शव दिखाई दे रहे थे। इस आतंक से बचने के लिए लोगों ने तुरन्त गुरू चरणों में शरण ली और गुहार लगाई कि हमें इन रोगों से मुक्ति दिलवाई जाये। गुरूदेव तो जैसे मानव कल्याण के लिए ही उत्पन्न हुए थे। उनका कोमल हृदय लोगों के करूणामय रूदन से द्रवित हो उठा। अतः उन्होंने सभी को सांत्वना दी और कहा - प्रभु भली करेंगे। आप सब उस सर्वशक्तिमान पर भरोसा रखें और हमने जो प्रार्थना करके जल तैयार किया है, उसे पियो, सभी का कष्ट निवारण हो जायेगा। सभी रोगियों ने श्रद्धा पूर्वक गुरूदेव जी के कर-कमलों से जल ग्रहण कर, अमृत जान कर पी लिया और पूर्ण स्वस्थ हो गये। इस प्रकार रोगियों का गुरू दरबार में तांता लगने लगा। यह देखकर गुरूदेव जी के निवास स्थान के निकट एक बाउड़ी तैयार की गई, जिसमें गुरूदेव जी द्वारा प्रभु भक्ति से तैयार जल डाल दिया जाता, जिसे लोग पी कर स्वास्थ्य लाभ उठाते। जैसे ही हैजे का प्रकोप समाप्त हुआ, चेचक रोग ने बच्चों को घेर लिया। इस संक्रामक रोग ने भयंकर रूप धरण कर लिया। माताएं अपने बच्चों को अपने नेत्र के सामने मृत्यु का ग्रास बनते हुए नहीं देख सकती थी। गुरू घर की महिमा ने सभी दिल्ली निवासियों को गुरू नानक देव जी के उत्तराध्किारी श्री हरिकिशन जी के दर पर खड़ा कर दिया। इस बार नगर के हर श्रेणी तथा प्रत्येक सम्प्रदाय के लोगथे। लोगों की श्रद्धा भक्ति रंग लाती, सभी को पूर्ण स्वास्थ्य लाभ मिला। गुरू घर में प्रातःकाल से रोगियों का आगमन आरम्भ हो जाता, सेवादार सच्चे मन से चरणामृत रोगियों में वितरित कर देते, स्वाभाविक ही था कि लोगों के हृदय में श्री गुरू हरिकिशन जी के प्रति श्रद्धा बढ़ती चली गई। इस प्रकार बाल गुरू की स्तुति चारों ओर फैलने लगी और उन पर जन साधरण की आस्था और भी सुदृढ़ हो गई।

देहावसान
श्री गुरु हरिकिशन जी ने अनेकों रोगियों को रोग से मुक्त दिलवाई। आप बहुत ही कोमल व उद्धार हृदय के स्वामी थे। आप किसीको भी दुखी देख नहीं सकते थे और न ही किसी की आस्था अथवा श्रद्धा को टूटता हुआ देख सकते थे। असंख्य रोगी आपकी कृपा के पात्र बने और पूर्ण स्वास्थ्य लाभ उठाकर घरों को लौट गये। यह सब जब आपके भाई रामराय ने सुना तो वह कह उठा कि श्री गुरू हरिकिशनपूर्व गुरूजनों के सिद्धांतों के विरूद्ध आचरण कर रहे हैं। पूर्व गुरूजन प्रकृति के कार्यों में हस्ताक्षेप नहीं करते थे और न ही सभी रोगियों को स्वास्थ्य लाभ देते थे। यदि वह किसी भक्त जन पर कृपा करते भी थे तो उन्हें अपने औषद्यालय की दवा देकर उसका उपचार करतेथे। एक बार हमारे दादा श्री गुरदिता जी ने आत्म बल से मृत गाय को जीवित कर दिया था तो हमारे पितामा जी ने उन्हें बदले में शरीर त्यागने के लिए संकेत किया था। ठीक इसी प्रकार दादा जी के छोटे भाई श्री अटल जी ने सांप द्वारा काटने पर मृत मोहन को जीवित किया था तो पितामा श्री हरिगोविद जी ने उन्हें भी बदले में अपने प्राणों की आहुति देने को कहा था। ऐसी ही एक घटना कुछ दिन पहले हमारे पिता श्री हरिराय जी के समय में भी हुई है, उनके दरबार में एक मृत बालक का शव लाया गया था, जिस के अभिभावक बहुत करूणामय रूदन कर रहे थे। कुछ लोग दया वश उस शव को जीवित करने का आग्रह कर रहे थे और बता रहे थे कि यदि यह बालक जीवित हो जाता है तो गुरू घर की महिमा खूब बढ़ेगी किन्तु पिता श्री ने केवल एक शर्त रखी थी कि जो गुरू घर की महिमा को बढ़ता हुआ देखना चाहता है तो वह व्यक्ति अपने प्राणों का बलिदान दे जिससे मृत बालक को बदले में जीवन दान दिया जा सके। उस समय भाई भगतू जी के छोटे सुपुत्र जीवन जी ने अपने प्राणों की आहुति दी थी और वह एकांत में शरीर त्याग गये थे, जिसके बदले में उस मृत ब्राह्मण पुत्र को जीवनदान दिया गया था। परन्तु अब श्री हरिकिशन बिना सोच विचार के आत्मबल का प्रयोग किये जा रहे हैं। जब यह बात श्रीगुरू हरिकिशन जी के कानों तक पहुंची तो उन्होंने इस बात को बहुत गम्भीरता से लिया। उन्होंने स्वयं चित्त में भी सभी घटनाओं पर क्रमवार एक दृष्टि डाली और प्रकृति के सिधान्तों का अनुसरण करने का मन बना लिया, जिसके अन्तर्गत आपने अपनी जीवन लीला रोगियों पर न्योछावर करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने का मन बना लिया। बस फिर क्या था आप अकस्मात् चेचक रोग से ग्रस्त दिखाई देने लगे। जल्दी ही आपके पूरे बदन पर फुंसियां दिखाई देने लगी और तेज़ बुखार होने लगा। सक्रांमक रोग होने के कारण आपको नगर के बाहर एक विशेष शिविर में रखा गया किन्तु रोग का प्रभाव तीव्रगति पर छा गया। आप अधिकांश समय बेसुध पड़े रहने लगे। जब आपको चेतन अवस्था हुई तो कुछ प्रमुख सिक्खों ने आपका स्वास्थ्य जानने की इच्छा से आपसे बातचीत की तब आपने सन्देश दिया कि हम यह नश्वर शरीर त्यागने जा रहे हैं, तभी उन्होंने आपसे पूछा कि आपके पश्चात सिक्ख संगत की अगुवाई कौन करेगा इस प्रश्न के उत्तर में अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति वाली परम्परा के अनुसारकुछ सामग्री मंगवाई और उस सामग्री को थाल में सजाकर सेवक गुरूदेव के पास ले गये। आपने अपने हाथ में थाल लेकर पाँच बार घुमाया मानों किसी व्यक्ति की आरती उतारी जा रही हो और कहा बाबा बसे बकाले ग्राम-(बाबा बकाले नगर में हैं)। इस प्रकार सांकेतिक संदेश देकर आप ज्योतिजोत समा गये। श्री गुरू हरिकिशन साहब जी का निधन हो गया है । यह समाचार जंगल में आग की तरह समस्त दिल्ली नगर में फैल गया और लोग गुरूदेव जी के पार्थिव शरीर के अन्तिम दर्शनों के लिए आने लगे। यह समाचार जब बादशाह औरंगजेब को मिला तो वह गुरूदेव जी के पार्थिव शरीर के दर्शनों के लिए आया। जब वह उस तम्बू में प्रवेश करने लगा तो उसका सिर बहुत बुरी तरह से चकराने लगा किन्तु वह बलपूर्वक शव के पास पहुँच ही गया, जैसे ही वह चादर उठा कर गुरूदेव जी के मुखमण्डल देखने को लपका तो उसे किसी अदृश्य शक्ति ने रोक लिया और विेकराल रूप धर कर भयभीत कर दिया। सम्राट उसी क्षण चीखता हुआ लौट गया। यमुना नदी के तट पर ही आप की चिता सजाई गई और अन्तिम विदाई देते हुए आपके नवर शरीर की अन्त्येष्टि क्रिया सम्पन्न कर दी गई। आप बाल आयु में ही ज्योतिजोत समा गये थे। इसलिए इस स्थान का नाम बाल जी रखा गया।आपकी आयु निधन के समय 7 वर्ष 8 मास की थी। आपके शरीर त्यागने की तिथि 16 अप्रैल सन् 1664 तदानुसार 3 वैशाख संवत 1721 थी।


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Speak Asia की खुल रही पोल कुछ बैंको ने किये खातों को फ्रीज



Speak Asia 

ऑनलाइन सर्वे के नाम पर लाखों लोगों से करोड़ों रुपये वसूल रही "स्पीक एशिया" पर शिकंजा कसता जा रहा है। स्‍टार न्‍यूज और फिर आज तक पर स्‍पीक एशिया से सम्‍बन्‍धित फर्जी बाड़े की खबरो से स्‍पीक एशिया के फ्रेन्‍चा‍ईजियों के खाते जिन बैंको मे है उन्‍होने प्रभावी कदम उठाना शुरू कर दिया है। देश के दो प्रमुख बैंक आईसीआईसीआई बैंक और आईएनजी वैश्य बैंक ने देश भर में स्पीक एशिया से ताल्लुक रखने वाले खातों को फ्रीज कर दिया है और बाकायदा इसकी पुष्टि कर दी है।

चूकिं भारत में स्‍पीक एशिया का कोई पंजीकृत दफ्तर न होने के कारण बैंक खातों के लिए जरूरी केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) मानकों को पूरा नहीं करती। इसलिए स्‍पीक एशिया (Speak Asia) नाम से कोई भी बैंक खाता नहीं है। इसी कमी को पूरा करने के लिये स्‍पीक एशिया न देश भर में तमाम फ्रेंचाइजी बना रखे हैं, ताकि वह इन फ्रेंचाइजी के जरिये अपना बैंक खाता बना सके और अपना गोरखधंधा जारी रखे। इनमें से कुछ चुनिंदा नाम हैं – ग्रो रिच एसोसिएट्स, स्पीक इंडिया ऑनलाइन, बालाजी एसोसिएट्स, ऋषिकेष इनवेस्टमेंट्स, बीटीसी वर्ल्ड, श्रीराम इनफोटेक, स्टार एंटरप्राइसेज, एबीएन रिसर्च ऑनलाइन व ब्रह्मनाथ एंटरप्राइसेज सहित पूरे देश मे इसका जाल फैला हुआ है। उत्तर प्रदेश, गुजरात, दिल्‍ली व महाराष्ट्र जैसे राज्‍यो में 100 से ज्‍यादा फ्रेंचाइजी हैं। स्‍पीक एशिया अपनी वेबसाईट पर फेंचाइजी का नाम और उनके बैंकों के नाम व खाता संख्‍या की जानकारी अपनी साइट पर दी हुई है। इनके खाते आईसीआईसीआई बैंक, आईएनजी वैश्य बैंक, जम्‍मू कश्‍मीर बैक, भारतीय स्टेट बैंक व फेडरल बैंक समेत करीब दर्जन भर बैंकों में हैं। इन तमाम खातों में जमा रकम बाद इन फ्रेंचाइजियों द्वारा मुंबई के पंजीकृत एक कंपनी तुलसियाटेक के खातों में चली जाती है, जहां से इसे सिंगापुर की कंपनी हरेन वेंचर्स के खाते में सर्वे सॉफ्टवेयर खरीदने के नाम पर डाल दिया जाता है। हरेन वेंचर्स की प्रमुख हरेन्दर कौर हैं। हरेन्दर कौर ही स्पीक एशिया की मुख्य प्रवर्तक हैं।

 स्पीक एशिया जिस सिंगापुर की कंपनी है, और कहा जाता है कि इसकी मुख्‍य शाखा वर्जिन आईलैंड मे है। सिंगापुर में भी पिरामिड मार्केटिंग स्कीमों या एमएलएम कंपनियों को गैरकानूनी करार दिया गया है और तो और अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, चीन, जापान, मलेशिया, नीदरलैंड व डेनमार्क जैसे देशों ने इस तरह की कंपनियों पर बैन लगा रखा है। सबसे बड़ा यक्ष प्रश्‍न आज यह है कि भारत जैसे विशाल बेरोजगारी वाले देश मे यहाँ कि सरकार इसे क्यों पोषण दे रही है ? क्‍या सरकार का कोई प्रभावी तंत्र इसे संचालित कर रहा है? यह एक गंभीर व सोचनीय मुद्दा है। क्योंकि भारत वह देश है जहाँ की 70 फीसदी युवा बेरोजगार है और इतनी ही आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है। इस वर्ग से 12 हजार रूपये की बड़ी राशि चपत करना शायद किसी सरकार के लिये बड़ी बात न हो किन्तु यह राशि उस परिवार के लिये काफी सपने पूरे करने वाली होती है।



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पुंडीर क्षत्रिय की वंशावली व गोत्र



पुण्डीर एक राजपूत जाति है। यह उत्तर भारत में फैले हुए हैं उत्तर भारत मे शाकम्भरी देवी सहारनपुर इनकी कुलदेवी और कुल देवता महादेव हैं इनके नाम से हरियाणा मे एक स्थान पुण्डरी भी है ये दधिमती माता को भी अपनी कुलदेवी मानते हैं। पुंडीर ( पंडीर, पंडिर, पुंडीर, पुंडीर या पुंडीर भी लिखा गया ) उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्थित राजपूतों का एक सूर्यवंशी कबीला है , जो छत्तीस राजपूत कुलों में से एक है। यह शब्द स्वयं संस्कृत शब्द "पुरंदर" (पुरन्दर) से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ है "शत्रु का नाश करने वाला" या "नगरों का नाश करने वाला"। पुंडीर राजपूत नाहन, गढ़वाल, नागौर और सहारनपुर में रियासत रखते हैं जहां उनकी कुलदेवी स्थित हैं। इनकी शाखा कूलवाल है और इनकी कुलदेवी शाकुंभरी देवी सहारनपुर और धादिमती माता हैं।सहारनपुर और राजस्थान में गढ़वाल में पुण्यक्षिनी देवी के साथ। वे पुलस्त्य गोत्र के हैं। अधिकांश पुंडी आज मुख्य रूप से उत्तर भारतीय राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड के आसपास स्थित हैं। पुंडीर के 
पुंडीर क्षत्रिय की वंशावली व गोत्र

  1. वंश - सूर्य
  2. कुल - पुण्डरीक/पुण्डीर/पुण्ढीर
  3. कुलदेवता - महादेव
  4. कुलदेवी - दधिमाता ( जिला - नागौर ,तहसील - जायल , गाँव - गौठ मंगलोद :- राजस्थान )
  5. गौत्र - पौलिस्त / पुलत्सय
  6. नदी - सर्यू
  7. निकास - अयोध्या से तिलांगाना व तिलंगाना से हरियाणा ( करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल) व पुण्डरी से मायापुर (हरिद्वार व पश्चिम उत्तर प्रदेश)
  8. पक्षी - सफेद चील
  9. पेड़ - कदंब
  10. प्रवर - महर्षि पौलिस्त, महर्षि दंभौली, महर्षि विश्वाश्रवस
  11. शाखा - तीसरी शताब्दी के महाराज पुण्डरीक द्वितीय से
भगवान श्री राम के पुत्र की 158वीं पिढी मे महाराज पुण्डरीक द्वितीय हुए, महाराज पुण्डरीक द्वितीय (तीसरी शताब्दी के अंत में) -- असम -- धनवंत -- बाहुनिक - राजा लक्षण कुमार (तिलंगदेव :- तिलंगाना शहर बसाया) - जढेश्नर (जढासुर :- कुरुक्षेत्र स्नान हेतु सपरिवार व सेना सहित कुरुक्षेत्र पधारे) -- मंढेश्वर (मँढासुर :- सिंधुराज की पुत्री अल्पदे से विवाह कर कैथल क्षेत्र दहेज मे प्राप्त किया व " पुण्डरी " नगर की स्थापना हुइ)  - राजा सुफेदेव - राजा इशम सिंह (सतमासा) - सीरबेमस - बिडौजी - राजा कदम सिंह (निमराणा के चौहान शस्क हरिराय से दूसरे युद्ध मे पराजय मिली व इनके पुत्र हंस ने मायापुरी मे राज्य कायम कर 1440 गाँवो पर अधिकार किया) -- हंस (वासुदेव) -- राजा कुंथल ( मायापुर के स्वामी बने व इनके 12 पुत्र हुए)  
1- अजट सिंह (इनके पुण्डीर वंशज गोगमा, हिनवाडा आदि गाँव मे है जो जिला शामली मे है)
2- अणत सिंह (इनके पुण्डीर वंशज दूधली, कसौली, कछ्छौली आदि गाँव में है)
3- लाल सिंह (अविवाहित) 
4- नौसर सिंह (पता नही) 
5- सलाखनदेव (मायापुर राज्य में रहा) 

राजा सुलखन (सलाखन देव)  के 2 पुत्र हुए
  1. राजा चाँद सिंह पुण्डीर (मायापुरी के राजा बने व दिल्ली पति संम्राट पृथ्वीराज चौहान के सामंत बने व इनका पुत्र पंजाब का सुबेदार बना, इस वीर चाँद सिंह की वीरता पृथ्वीराज रासौ में स्वर्ण अक्षरों में अमर है।)
  2. राजा गजै सिंह पुण्डीर (यहां गंगा पार कर एटा, अलीगंज क्षेत्र गए व इनके वंशज 82 गांव मे विराजमान है।)
राजा चाँद सिंह पुंडीर के 7 पुत्र हुए
  1. वीर योद्धा धीर सिंह पुण्डीर
  2. कुँवर अजय देव
  3. कुंवर उदय देव
  4. कुंवर बीसलदेव
  5. कुवर सौविर सिंह
  6. कुंवर साहब सिंह
  7. कुंवर वीर सिंह
इनमें धीर सिंह पुंडीर मीरो से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए व इनके पुत्र पावस पुंडीर तराई के अंतिम युद्ध में पृथ्वीराज चौहान के सहयोगी बन कर लौहाना अजानबाहू का सिर काटकर वीरगती को प्राप्त हुए, चांद सिंह के इन पुत्रों के वंशज आज सहारनपुर जिले में विराजमान है जिनके ठिकानों की संख्या कम से कम 120-130 है।


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सूक्ति और सद् विचार साहित्‍य से



  • देवता न बड़ा होता है, न छोटा, न शक्तिशाली होता है, न अशक्त । वह उतना ही बड़ा होता है जितना बड़ा उसे उपासक बनाना चाहता है। - हज़ारीप्रसाद द्विवेदी (पुनर्नवा, पृ. 22)
  • संसार में नाम और द्रव्य की महिमा कोई आज भी ठीक-ठीक नहीं जान पाया। -शरतचंद्र चट्टोपाध्याय (शेष परिचय,पृ.31)
  • परंपरा को स्वीकार करने का अर्थ बंधन नहीं, अनुशासन का स्वेच्छा से वरण है। -विद्यानिवास मिश्र (परंपरा बंधन नहीं, पृ.53 )
  • असाधारण प्रतिभा को चमत्कारिक वरदान की आवश्यकता नहीं होती और साधारण को अपनी त्रुटियों की इतनी पहचान नहीं होती कि वह किसी पूर्णता के वरदान के लिए साधना करे। -महादेवी वर्मा (सप्तपर्णा, पृ.49)
  • हम ऐसा मानने की ग़लती कभी न करें कि अपराध, आकार में छोटा या बड़ा होता है। -महात्मा गाँधी (बापू के आशीर्वाद, 268)
  • मनुष्य का अहंकार ऐसा है कि प्रासादों का भिखारी भी कुटी का अतिथि बनना स्वीकार नहीं करेगा। -महादेवी वर्मा (दीपशिखा, चिंतन के कुछ क्षण)
  • केवल हृदय में अनुभव करने से ही किसी चीज़ को भाषा में व्यक्त नहीं किया जा सकता । सभी चीज़ों को कुछ सीखना पड़ता है और यह सीखना सदा अपने आप नहीं होता । -शरतचन्द्र (शरत पत्रावली, पृ. 60)
  • सभी लोग हिंसा का त्याग कर दें तो फिर क्षात्रधर्म रहता ही कहाँ है ? और यदि क्षात्रधर्म नष्ट हो जाता है तो जनता का कोई त्राता नहीं रहेगा । -लोकमान्य तिलक (गीतारहस्य, पृ.32)
  • पश्चिम में आने से पहले भारत को मैं प्यार ही करता था, अब तो भारत की धूलि ही मेरे लिए पवित्र है। भारत की हवा मेरे लिए पावन है, भारत अब मेरे लिए तीर्थ है। - विवेकानन्द (विवेकानन्द साहित्य, खण्ड 5, पृष्ठ 203)
  • देश की सेवा करने में जो मिठास है, वह और किसी चीज़ में नहीं है। - सरदार पटेल (सरदार पटेल के भाषण, पृष्ठ 259)
  • अपने देश या अपने शासक के दोषों के प्रति सहानुभूति रखना या उन्हें छिपाना देशभक्ति के नाम को लजाना है, इसके विपरित देश के दोषों का विरोध करना सच्ची देशभक्ति है। - महात्मा गाँधी (सम्पूर्ण गाँधी वाङ्मय, खण्ड 41, पृष्ठ 590)
  • देश प्रेम हो और भाषा-प्रेम की चिन्ता न हो, यह असम्भव है। -महात्मा गाँधी (गांधी वाड्मय, खंड 19, पृ. 515)
  • प्रत्येक भारतवासी का यह भी कर्त्तव्य है कि वह ऐसा न समझे कि अपने और अपने परिवार के खाने-पहनने भर के लिए कमा लिया तो सब कुछ कर लिया। उसे अपने समाज के कल्याण के लिए दिल खोलकर दान देने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। - महात्मा गाँधी (इंडियन ओपिनियन, दिनांक अगस्त 1903)
  • गंगा की पवित्रता में कोई विश्वास नहीं करने जाता। गंगा के निकट पहुँच जाने पर अनायास, वह विश्वास पता नहीं कहाँ से आ जाता है। -लक्ष्मीनारायण मिश्र (गरुड़ध्वज, पृ0 79)
  • सत्य, आस्था और लगन जीवन-सिद्धि के मूल हैं। -अमृतलाल नागर (अमृत और विष, पृ0 437)
  • उदारता और स्वाधीनता मिल कर ही जीवनतत्त्व है। -अमृतलाल नागर (मानस का हंस, पृ0 367)
  • जीवन अविकल कर्म है, न बुझने वाली पिपासा है। जीवन हलचल है, परिवर्तन है; और हलचल तथा परिवर्तन में सुख और शान्ति का कोई स्थान नहीं। -भगवती चरण वर्मा (चित्रलेखा, पृ0 24) 

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Top 30 Rajput Status (राजपूत स्टेटस) Hindi



Top 30 Rajput Status (राजपूत स्टेटस) Hindi
टॉप 30 राजपूत स्टेटस  हिंदी

बात जब अपने स्वाभिमान की हो,
और राजपूताना के सम्मान की हो,
तो फिर पीछे हटते नहीं हम,
चाहै बाजी फिर अपनी जान की हो !!
 


#घर अधूरा #खाट बिना,
तराजू अधूरा #बाट बिना,
#राजा अधूरा #ठाठ बिना,
#देश अधूरा #राजपूत के बिना...!
 
 
 
तलवार-बंदूक से खेला करूं, मुझे डर नहीं चौकी– थाने का मैं छाती ठोक के कहता हूँ, मैं छोरा हूँ राजपूत घराने का !!
 
 
 
राजपूत जो पहन लेते है बस स्टाइल बन जाता है..!
ग़रीब के क़र्ज़ जैसा है ये राजपूताना इश्क़ भी
एक बार सिर चढ़ जाए तो उतरता ही नहीं !!
हम बदलते है तो निज़ाम बदल जाते है
सारे मंज़र सारे अंजाम बदल जाते है
कौन कहता है राजपूत फिर से पैदा नहीं होते
पैदा होते है बस नाम बदल जाते हैं !!
 
 
#नाम हर किसी का #चल सकता है
बस #चलाने का #दम होना चाहिये..!!
 
Best Royal Rajput Status in Hindi for Facebook
 
पंगा लेना गोली की रफ्तार से
पर कभी मत टकराना राजपूत की तलवार से !!
 
 
New Rajput Attitude Status in Hindi For Whatsapp
 
 
हमारे जीने का तरीका थोड़ा अलग है
हम उम्मीद पर नहीं अपनी जिद पर जीते है !!
 
 
Rajput Banna Status Hindi 2018
 
 
यमराज से जो डरे उसे यमदूत कहते हैं
यमराज जिससे डरे उसे राजपूत कहते
 
 
Exclusive Rajputana Status For Whatsapp And Facebook
 
 
यूँ हर किसी के हाथों बिकने को तैयार नहीं
ये राजपूत का जिगर है तेरे शहर का अखबार नहीं
 
 
All English and Hindi Rajput Status
 
 
👉�#खैरात $में #मिली $हुई #खुशी हमे #पसंद नही है,
👉�👉�#क्यूंकि हम #गम में भी 👍� #नवाब $ की तरह #जीते_है !!👊
 
 
Rajput Boys and Girls Status Facebook
 
 
#राजपूत_हूँ_राजपूती_शान_रखता_हूँ
#बाहर_शांत_हूँ_अंदर_तूफान_रखता_हूँ
#रख_के_तराजू_मेँ_अपने_भाइयों_की_खुशियाँ
#दूसरे_पलडे_मेँ_अपनी_जान_रखता_हूँ_! 
#JÄÝ_MÄTÄJÍ
Top Status of Rajputana 2018
 
#Jo_Sudhre_Wo_Ham_Nhai_Aur_Hame,
#Sudhare_itna_Logo_Ki_Bato_Me_Dam_Nahi...!!
New Whatsapp Status And Shayari For Rajput
 
 
मेरे " दुश्मन " कहते है.... कि * HUKUM* आप के पास ऐसा क्या है????जिससे आप के " नाम " की चर्चा
है....
मैंने भी कह दिया की,,"baisaraj " का "दिल" नरम और "दिमाग" गरम है.... बाकी सब "करम" है. 
 
 
Banna Rajputana Status Hindi
 
 
#लगता था की ज़िन्दगी को बदलने में #वक़्त लगेगा,
पर क्या पता था बदलता हुआ वक़्त #ज़िन्दगी बदल देगा !!
 
 
Punjabi Rajput Status For Whatsapp
 
 
*अकसर वही दिए हाथों को जला देते है*
*जिस को हम हवा से बचा रहे होते है*
 
Rajput Love Status in Hindi
 
 
यूँ ही यह #उबाल नहीं तेज भौम की स्तुति का, 
नशे सारे किए मगर #नशा अलग है #राजपूताने का
 
 
Nasha Rajputana Ka Status And Shayari Hindi
 
 
♛ #रानी 👸 #नहीं_है ☝ तो#क्या_हुआ, 😒 यह #बादशाह 👦👑 #आज भी#लाखों_दिलों ❤💙 पर #राज_करता 👑 है
 
 
Mahakal Attitude Whatsapp Status Hindi 2018 - महाकाल स्टेटस
 
 
कोई अपने आप को बादशाह👑 समझता है…तो कोई एक्का☝ ….♤अरे जाके बोल दो उस बादशाह और एक्के से ….. विलन😈 की एंट्री हो गई है….♤♤♤🔫
 
Rajput Status Best Apps Download
 
 
# किसी _ने _कहा # लोहा _हैं _हम, 😗 किसी_ ने _कहा # फौलाद _हैं _हम, 😯 # माँ _कसम _वहा # भाग- # दौड _मच - गई, जब _हमने _कहा #Mahakal के भक्त है हम 
 
 
Rajputana Gujarati Status Collection 2018
 
 
पानी मर्यादा तोड़े तो विनाश और क्षत्रिय मर्यादा तोड़े तो सर्वनाश ।🔫🔫Jαψ MαταJI 🔫🔫
🔫jay Rajputana 🔫
 
Jay Rajputana Shayari Collection Hindi
 
 
#जब_शान_हो_राजपूतों_वाली,,,,
#तो_नशा_शराब_में_नहीं,
#बापू_की_पर्सनालिटी_में_होता_है।
👑 #THE_KING 👑
 
 
The King Of Rajputana Shayari And Status Hindi And English
 
 
ताकत 💪 अपने लफ़्ज़ों में डालों आवाज़ 😈 में नहीं,
क्योंकि फसल 🌽 बारिश ⛅ से उगती है, बाढ़ 🌊 से नहीं !!
 
Darbar Status And Shayari Collection Gujarati And Hindi
 
 
आज 100 में है कल चर्चा हज़ारों में होगी
नाम लोगों के दिल-ओ-दिमाग़ में है
कल फोटो अखबारों में होगी !! #जय राजपूताना
 
 
Banna Status Hindi 201/2018 Full Collection
 
 
♚'' #भाई'' बोलने का हक मैने सिर्फ ''दोस्तो '' को दिया है.. क्यों कि'' #दुश्मन'' आज भी हमें #बाप के नाम से पहचानते है..


Rajput Attitude WhatsApp Status Hindi 2018
 
Jay Mataji Status Gujarati and Hindi
 
*राजपूत की तलवार**
जब तक माथे पर लाल रंग नहीं लगता ,
तब तक "राजपूत" किसी को तंग नहीं करता..!!
सर चढ़ जाती है ये दुनिया भूल जाती है,
के "राजपूत" की तलवार को कभी जंग नहीं लगता..!!!
 
Royal Attitude Status Hindi
#हाथ_तो_हम_जोड़ते_हैं_सिर्फ_मां_भवानी_के_आगे
#वरना_हम_राजपूत_तो_वह_है_जो_मौत_को_भी_घुंघरू_पहनाकर_अपने_दरबार_में #मुजरा_करवा_दे...!!
 
 
 
જયા સુધી #કાળજા માં #મોગલ છે તા
સુધી #દુશમન ની #ઔકાત નથી #પીઠ
પાછળ #ઘા કરવાની #વાહ_મોગલ
 
 
*_આતો_ અમારી _બેઠકો_ _ઓછી _ કરી _છે_* 
*_બાકી _સાહેબ _ હજી _પણ_ હું _એજ _છુ_*
*_જેની _ ENTRY_ _પડતા_લૉકૉ _કહે_છે_* 
. ચલ _હટ_ darbar નો દીકરો આવે છે....
.🚩Jay_Mata_ji🚩

 
👑#આજ કાલ બધા ને 👑 BAPU 👑જેવુ થાઉ છે. પણ ઓલી કેહવત છે. ને, ચાઈના એ ચાઈના...ઓરીજનલ..જેવુ..નો..થાય
 
 
તલવાર તો દરબારના દીકરાને સોફે બાકી જેને તેનૂ કામનથી
 
 
 
*નખરા💃_તો_છોકરી👰__ના_હોય_ 👆 સાહેબ‬*
*_બાકી__અમારા 👦_તો_*
*કાયમ__🏄તોફાન⛹ __જ__હોય…..
 
 
અભિમાન ‍ની તો વાત જ નથી #સાહેબ... પણ, 🎠ક્ષત્રિય🎠 કુળ ના 👬#દિકરા 👬 છીએ, એટલે #પોતાની જાત ઉપર તો🚩 #ગવૅ 🚩હોય જ ને.  🗡🗡
#જય_માતાજી
 
 
*જયારે મૂડ ખરાબ હોય ત્યારે એક શબ્દ પણ ખરાબ ન બોલવો...*
*કારણ કે મૂડ સુધારવા માટે મોકો મળે છે પણ શબ્દ સુધારવા માટે મોકો નથી મળતો*\
 

 
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आईपीसी की धारा 323, 324, 325, 326 IPC Section




सामान्य व्यवहार में हम देखते है कि अकसर छोटी-मोटी मारपीट के बाद एफआईआर दर्ज होने के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 324, 325, 326 जैसी कुछ सामान्य सी धाराऐं हमारे समाने आती है। भारतीय दंड संहिता को संक्षेप में आईपीसी/ IPC के नाम से भी जाना जाता है। आईपीसी/ IPC को अंग्रेजी Indian Pinal Code कहा जाता है। आज की इस सामान्य सी पोस्ट के माध्यम से हम इस बारे में बहुत बड़ी जानकारी हासिल करने की कोशिश करेंगे जिससे हम लोगों को यह यह पता चल सके कि एफआईआर दर्ज होने पर 324, 325, 326 धाराऐं क्या है और इन धाराओं के सिद्ध होने पर इसके अन्‍तर्गत किस प्रकार की सजा का प्रावधान है।

आईपीसी की धारा / IPC Section 323 - जानबूझकर स्वेच्छा से किसी को चोट पहुँचाने के लिए दण्ड
साधारण मार-पीट के मामले में धारा-323 के तहत केस दर्ज होता है। इसके लिए अदालत के आदेश के बाद पुलिस केस दर्ज करती है। अगर किसी के साथ कोई मार-पीट करता है, तो पीड़ित को पहले डॉक्टरी परीक्षण करा लेनी चाहिए जिससे जब कोर्ट में शिकायत की जाए तो सबूत के तौर पर डॉक्टरी परीक्षण लगाया जा सके। डॉक्टरी परीक्षण को मार-पीट के बाद किसी भी डॉक्टर से कराई जा सकती है किन्तु भारत में बहुतायत मामलों में सरकारी डॉक्टरों द्वारा परीक्षण कराया जाता है।
 
आईपीसी की धारा 324 / IPC Section 324 - खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया उपहति कारित करना
अगर साधारण मार-पीट के दौरान कोई किसी को घातक हथियार से जख्मी करता है, तो यह मामला आईपीसी की धारा-324 के तहत आता है। ऐसे मामले में शिकायती के बयान के आधार पर पुलिस सीधे एफआईआर दर्ज करती है। आरोपी अगर दोषी करार दिया जाता है तो उसे अधिकतम तीन साल कैद हो सकती है। यह अपराध गैर-जमानती और गैर-समझौतावादी है। साथ ही संज्ञेय भी है। बाद में अगर दोनों पक्षों में समझौता भी हो जाए तो भी एफआईआर कोर्ट की इजाजत से ही खत्म हो सकती है।
 
आईपीसी की धारा 325 / IPC Section 325 - स्वेच्छापूर्वक किसी को गंभीर चोट पहुचाने के लिए दण्ड
अगर कोई शख्स किसी को गंभीर चोट पहुंचाता है तो आईपीसी की धारा-325 के तहत केस दर्ज होता है। यह मामला भी संज्ञेय है लेकिन समझौतावादी है। साथ ही यह जमानती अपराध भी है।

आईपीसी की धारा 326 / IPC Section 326 - खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छापूर्वक घोर उपहति कारित करना
अगर कोई शख्स किसी घातक हथियार से किसी को गंभीर रूप से जख्मी कर दे तो आईपीसी की धारा-326 के तहत केस दर्ज होता है। किसी को चाकू मारना, किसी अंग को काट देना या ऐसा जख्म देना जिससे जान को खतरा हो जैसे अपराध इसी श्रेणी में आते हैं। अगर किसी के साथ मार-पीट कर कोई हड्डी या दांत तोड़ दे तो भी धारा-326 के तहत ही केस दर्ज होता है। यह गैरजमानती और गैर समझौता वादी अपराध है। दोषी पाए जाने पर 10 साल की कैद या उम्रकैद तक हो सकती है।


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Top 100 Rajput Status (राजपूत स्टेटस) Hindi



The King Of Rajputana Shayari And Status Hindi And English 2023


ताकत 💪 अपने लफ़्ज़ों में डालों आवाज़ 😈 में नहीं,
क्योंकि फसल 🌽 बारिश ⛅ से उगती है, बाढ़ 🌊 से नहीं !!

आज 100 में है कल चर्चा हज़ारों में होगी
नाम लोगों के दिल-ओ-दिमाग़ में है
कल फोटो अखबारों में होगी !! #जय राजपुताना

♚'' #भाई'' बोलने का हक मेने सिर्फ ''दोस्तों '' को दिया है.. क्यों कि'' #दुश्मन'' आज भी हमें #बाप के नाम से पहचानते है..

Indian Rajput Status Hindi 2023

*राजपूत की तलवार**
जब तक माथे पर लाल रंग नहीं लगता ,
तब तक "राजपूत" किसी को तंग नहीं करता..!!
सर चढ़ जाती है ये दुनिया भूल जाती है,
के "राजपूत" की तलवार को कभी जंग नहीं लगता..!!!

हाथ_तो_हम_जोड़ते_हैं_सिर्फ_मां_भवानी _के_आगे
#वरना_हम_राजपुत_तो_वह_है_जो_मौत_को_भी_घुंघरु_पहनाकर_अपने_दरबार_में #मुजरा_कऱवा_दे..!!
#घर अधूरा #खाट बिना,
#तराजू अधूरा #बाट बिना,
#राजा अधूरा #ठाठ बिना,
#देश अधूरा #राजपूत के बिना..!

-

तलवार बन्दूक से खेला करूं , मुझे डर नहीं चौकी – थाने का मैं छाती ठोक के कहता हूँ, मैं छोरा हूँ राजपूत घराने का !!


राजपूत जो पहन लेते है बस स्टाइल बन जाता है..!

-

ग़रीब के क़र्ज़ जैसा है ये राजपुताना इश्क़ भी
एक बार सिर चढ़ जाए तो उतरता ही नहीं !!

-

हम बदलते है तो निज़ाम बदल जाते है
सारे मंज़र सारे अंजाम बदल जाते है
कौन कहता है राजपूत फिर से पैदा नहीं होते
पैदा होते है बस नाम बदल जाते हैं !!

#नाम हर किसी का #चल सकता है
बस #चलाने का #दम होना चाहिये..!!

पंगा लेना गोली की रफ़्तार से
पर कभी मत टकराना राजपूत की तलवार से !!

New Rajput Attitude Status In Hindi For Whatsapp

हमारे जीने का तरीका थोड़ा अलग है
हम उमीद पर नहीं अपनी जिद पर जीते है !!

यमराज से जो डरे उसे यमदूत कहते हैं
यमराज जिससे डरे उसे राजपूत कहते

यू हर किसी के हाथों बिकने को तैयार नहीं
ये राजपूत का जिगर है तेरे शहर का अखबार नहीं


👉�#खैरात $में #मिली $हुई #खुशी हमे #पसंद नही है,
👉�👉�#क्यूंकि हम #गम में भी 👍� #नवाब $ की तरह #जीते_है !!👊

👉जीगर होवी💪जोई ए साहैब 👳बाकी
☝फैसबुक पर तो🏂राका पन माफीया👳थई ने फरै छै🐯



हम बदलते है तो निज़ाम बदल जाते है सारे मंज़र सारे अंजाम बदल जाते है कौन कहता है
#राजपूत फिर पैदा नहीं होते पैदा होते है बस नाम बदल जाते है
अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उंगलिया, जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती !!


#राजपुत_हूँ_राजपुती_शान_रखता_हूँ
#बाहर_शांत_हूँ_अंदर_तुफान_रखता_हूँ
#रख_के_तराजु_मेँ_अपने_भाइयो_की_खुशियाँ
#दुसरे_पलडे_मेँ_अपनी_जान_रखता_हूँ_!
#JÄÝ_MÄTÄJÍ


#Jo_Sudhre_Wo_Ham_Nhai_Aur_Hame,
#Sudhare_itna_Logo_Ki_Bato_Me_Dam_Nahi...!!



मेरे " दुश्मन " कहते हे....की * HUKUM* आप के पास ऐसा क्या हे????जिससे आप के " नाम " कीचर्चा....
मेने भी कह दिया की,,"baisaraj " का"दिल" नरम और"दिमाग "गरम है....बाकी सब " करम " है.


Banna Rajputana Status Hindi

#लगता था की ज़िन्दगी को बदलने में #वक़्त लगेगा,
पर क्या पता था बदलता हुआ वक़्त #ज़िन्दगी बदल देगा !!


*अक्सर वही दीए हाथों को जला देते है*
*जिस को हम हवा से बचा रहे होते है*


यू ही यह #उबाल नहीं तेज भौम की स्तुति का,
नशे सारे किए मगर #नशा अलग है #राजपूताने का

Nasha Rajputana Ka Status And Shayari Hindi

♛ #रानी 👸 #नहीं_है ☝ तो#क्या_हूआ, 😒 यह #बादशाह 👦👑 #आज भी#लाखों_दिलों ❤💙 पर #राज_करता 👑 है

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Mahakal Attitude Whatsapp Status Hindi 2018 - महाकाल स्टेटस

कोई अपने आप को बादशाह👑 समझता है…तो कोई एक्का☝ ….♤अरे जाके बोलदो उस बादशाह और एक्के से ….. विलन😈 की एंट्री हो गई है….♤♤♤🔫

Rajput Status Best Apps Download

# किसी _ने _कहा # लोहा _हैं _हम ,😗 किसी_ ने _कहा # फौलाद _हैं _हम ,😯 # माँ _कसम _वहा # भाग-
# दौड _मच - गई , जब _हमने _कहा #Mahakal के भक्त है हम


Rajputana Gujarati Status Collection 2023

पानी मर्यादा तोड़े तो विनाश और क्षत्रिय मर्यादा तोड़े तो सर्वनाश ।🔫🔫Jαψ MαταJI 🔫🔫
🔫jay Rajputana 🔫


Jay Rajputana Shayari Collection Hindi
#जब_शान_हो_राजपूतो_वाली,,,,
#तो_नशा_शराब_में_नहीं,
#बापू_की_पर्सनालिटी_में_होता_है।
👑 #THE_KING 👑



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अंग्रेजो के जमाने के देशभक्त अधिवक्ता






उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश बार काउसिल उत्तर प्रदेश के प्रथम मतदाता 95 वर्ष के श्री वीरेन्द्र कुमार सिंह चौधरी "दद्दा" को वोट दिलवाने का सौभाग्य मुझे प्राप्‍त हुआ। दद्दा दादा का एक अधिवक्ता के रूप में पंजीयन सन् 1941 का है, कुछ मेरे दोस्‍त कहते है कि ये तो अंग्रेजों के जमाने के वकील है। सच मे दद्दा को जीवन राष्ट्र को ही सम्‍पर्पित रहा है, हर समय उनके मन में आज भी देश के लिये कुछ करने की ही रहती है। दद्दा ने अपने 25 मतो का पूरा उपयोग किया। दद्दा उत्तर प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता भी रहे है।

कल दद्दा को कुछ शारीरिक तकलीफ के कारण दद्दा डाक्टर के डी त्रिपाठी को दिखाकर गये थे आज कुछ आराम है वो पापा जी को फोन कर के कह रहे थे कि डाक्टर साहब से पूछ लीजिए कि आज आराम है कहे तो कल दो मुकदमे लगे है। वो भी देख लिये जाये... 95 साल की उम्र में भी काम के प्रति‍ निष्ठा विरले और महान लोगों में ही होती है। ऐसे है दद्दा जी।

मतदान करते समय फोटो खींचना, गलत था किन्तु कुछ गलतिया इतनी खूबसूरत और जरूरी होती है जिन्हें हम करने को मजबूर होते है।


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रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे जो करे मनोकामना पूरी



रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे, जो हर तरह की मनोकामना पूरी करते हैं. इच्छा के अनुसार कोई मंत्र लेकर एक माला जपें तथा एक माला का हवन करें। जाप करने के पहले श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर लेना शुभ रहेगा। जब तक कार्य पूरा न हो, तब तक एक माला (तुलसी की) नित्य जपें। यदि सम्पुट में इनका प्रयोग करें तो शीघ्र तथा निश्चित कार्यसिद्धि होगी। साथ में एक दिन सुंदरकांड अवश्य करें।

रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे जो करे मनोकामना पूरी
  • अनजान स्थान पर भय के लिए मंत्र पढ़कर रक्षा रेखा खींचे- '
    मामभिरक्षय रघुकुल नायक। धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।'
  • आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु-
    'बिस्व भरन पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत अस होई।।'
  • भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु-
    'सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना। सरनागत बच्छल भगवाना।।'
  • भय व संशय निवृ‍‍त्ति के लिए-
    'रामकथा सुन्दर कर तारी। संशय बिहग उड़व निहारी।।'
  • मनोकामना पूर्ति एवं सर्व बाधा निवारण हेतु-
    'कवन सो काज कठिन जग माही। जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।'
  • रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु-
    'दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।'
  • विद्या प्राप्ति के लिए-
    'गुरु गृह गए पढ़न रघुराई। अल्पकाल विद्या सब आई।।'
  • विपत्ति नाश के लिए-
    'राजीव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।।'
  • शत्रु नाश के लिए-
    'बयरू न कर काहू सन कोई। रामप्रताप विषमता खोई।।'
  • संपत्ति प्राप्ति के लिए-
    'जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।'


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स्पीक एशिया: भारत से सिंगापुर तक फर्जीवाड़ा



सिंगापुर में पंजीकृत कंपनी स्पीक एशिया ऑनलाइन के बारे में वहां की सरकार का कहना है कि यह कंपनी नियमों का पालन नहीं कर रही है.

स्टार न्यूज़ की तफ्तीश में पता चला है कि यह कंपनी सिंगापुर में भी फर्जीवाड़ा कर रही है.

ग़ौरतलब है कि स्पीक एशिय़ा नामक अब तक लाखों लोगों को चुना लगाने में जुटी हुई है.

सिंगापुर सरकार के मुताबिक स्पीक एशिया ऑनलाइन ने ना तो सही समय पर अपनी कंपनी की सालाना बैठक कराई है और ना ही सही समय पर अपने अकाउंट्स ऑडिट कराए हैं.

इसी वजह से सिंगापुर सरकार ने स्पीक एशिया को नॉन-कंप्लायंस का सर्टिफिकेट दिया है यानि सिंगापुर सरकार ने आगाह कर दिया है कि निवेशक ऐसी कंपनियों से बचकर रहे जो नियमों का उल्लंघन करती हैं.

सिंगापुर के कानून के हिसाब से किसी भी पब्लिक लिमिटेड कंपनी को हर चार महीने में और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को छह महीने में अपने अकाउंट्स का लेखा-जोखा देना पड़ता है लेकिन स्पीक एशिया ने आखिरी बार पिछले साल मई में अपने अकाउंट्स की रिपोर्ट दी थी.

स्टार न्यूज पहले ही खुलासा कर चुका है कि कैसे स्पीक एशिया देश में फर्जीवाड़ा कर रही है.

स्पीक एशिया के स्कीम के मुताबिक आप एक साल के लिए 11 हजार रूपए देकर 52 हज़ार रुपए कमाने का लालच देती है. कंपनी का ये भी दावा है कि भारती एयरटेल, नेस्ले, बाटा और आईसीआईसीआई बैंक जैसे कंपनिया उसकी क्लाइंट हैं लेकिन जब स्टार न्यूज ने पड़ताल की तो इन सभी कंपनियों ने ये साफ कर दिया कि वो स्पीक एशिया से कोई सर्वे नहीं करातीं.


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जीवन को स्थिरता देने वाले सुविचार और अनमोल वचन



सुविचार या अनमोल वचन हमारे जीवन में नई ऊर्जा का संचार उत्पन्न करता है और हमें सकारात्मकता की ओर ले जाता है। विपरीत परिस्थितियों में हर वो काम जो हमें मुश्किल लगता है वो आसान हो जाता है। अगर आप कोई नया काम करने जा रहे है या कभी अवसादग्रस्त हो तो तो इन शानदार सुविचार को जरुर मनन करना चाहिए क्योंकि की जब भी आप के जीवन में कोई मुश्किल आएगी तो इन विचारों से आपको सही रास्ता दिखेगा।
जीवन को स्थिरता देने वाले सुविचार और अनमोल वचन

  1. अगर आप के पास असफल होने की गुंजाइश नहीं है तो आप विकास भी नहीं कर सकते।
  2. अगर आप दुनिया से अपने लिए सर्वश्रेष्ठ पाना चाहते है, तो आपको दुनिया की अपना सर्वश्रेष्ठ देना भी होगा।
  3. अगर आप बार-बार शिकायत नहीं करते है, तो आप किसी भी कठिनाई को दूर कर सकते है।
  4. अगर आप बोलेंगे तो जानी हुई बातें ही दोहराएंगे पर सुनने पर कुछ नया सीखेंगे।
  5. अगर परिवर्तन लंबे समय तक बना रहे तो यही संस्कृति बन जाता है।
  6. अच्छे काम करते रहिए, चाहे लोग तारीफ करें या ना करें, आधी से ज्यादा दुनिया सोती रहती है, तब भी सूरज निकलता है।
  7. अनुशासन लक्ष्यों और उपलब्धियों के बीच पुल है।
  8. अपना सर्वश्रेष्ठ करें, वर्तमान का मजा ले और जो है उसमे खुश रहे।
  9. अपनी उर्जा को चिंता करने में खत्म करने से बेहतर है, इसका उपयोग समाधान ढूंढने में किया जाए।
  10. अपनी मुस्कुराहट से दुनिया बदलिए, दुनिया से अपनी मुस्कुराहट मत बदलिए।
  11. असंभव शब्द का शब्द केवल कायर करते है, बहादुर और बुद्धिमान व्यक्ति अपना मार्ग खुद पक्का करते है।
  12. असफल व्यक्ति वह है जिसने भूले की लेकिन इनके अनुभव से किसी भी तरह का लाभ नहीं उठाया।
  13. असली बहादुरी तो तब है जब आप वह करे जो सही है। भले ही वह लोगों में ज्यादा लोकप्रिय न हो।
  14. आज के परिणाम अतीत के कर्मों से तय होते है। अपने भविष्य को बदल पाने के लिए आज के फैसलों को बदले।
  15. आजकल लोगों को हर चीज की कीमत तो पता होती है, पर अहमियत नहीं।
  16. आत्मविश्वास हमेशा सही होने से नहीं आता, बल्कि गलत होने का डर न होने से आता है।
  17. आप अपना कार्य उस समय करें जब दूसरे व्यक्ति अपना समय नष्ट करने में लगे हो।
  18. आप अपनी जिंदगी की तुलना दूसरों से ना करें क्योंकि, सूरज और चंद्रमा दोनों ही चमकते है लेकिन अपने अपने समय पर।
  19. आप अपने जीवन काल के लिए कुछ नहीं कर सकते है, लेकिन आप इसे मूल्यवान बनाने के लिए कुछ अवश्य कर सकते है।
  20. आप अपने जीवन में जो कुछ भी अलग और बेहतर पाना चाहते है, वह डर के उस पार है।
  21. आप कई बार झुकते है, कई बार टूटे है। इसके बावजूद अंत में बेहतर आकार ले ही लेते है।
  22. आप जिसमें भरोसा करते हैं, उसमें जी- जान लगा दीजिए नतीजे चौंकाने वाले होंगे।
  23. आप प्रेम ढूंढे ये अच्छी बात है, लेकिन आपको बिना खोजे सच्चा प्रेम मिल जाए तो ये सबसे अच्छा है।
  24. आप वह कारण बने, जिसकी वजह से आज कहीं, कोई मुस्करा दे।
  25. आप सकारात्मक लोगों से घिरे हो तो अहसास होता है कि कुछ भी संभव है।
  26. आप सफलता से कहीं ज्यादा असफलता से सीखते है, असफलता से आपका चरित्र भी बनता है।
  27. आपका खुश रहना ही आपके, दुश्मनों के लिए सबसे बड़ी सजा है।
  28. आपका मूल्य इससे तय नहीं होता कि आप क्या है, यह इससे तय होता है आप खुद को क्या बनाने की क्षमता रखते है।
  29. आपका हर दिन जीवन में बदलाव, लाने का बेहतरीन अवसर है।
  30. आपका हर सपना सच हो सकता है, अगर आप उसे पाने की हिम्मत रखते है।
  31. आपकी मनोवृत्ति ही आपकी, महानता को निर्धारित करती है।
  32. आपके जीवन की गुणवत्ता इस बात पर निर्भर करती है, कि आपके दिमाग में किस गुणवत्ता के विचार आते है।
  33. आपके पास दो ही विकल्प होते है, या तो सर पर विजय पा ले या डर को आप पर कब्जा करने दे।
  34. आपको वह नहीं मिलता, जो आप चाहते है, आप जिसके योग्य है, वहीं मिलेगा, यही विधान है।
  35. इंतजार करने वालों को केवल उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है।
  36. इंतजार मत करो जितना तुम सोचते हो, जिंदगी उससे कई ज्यादा तेजी से निकल रही है।
  37. इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए यह जरूरी है।

  38. इस दुनिया में असंभव कुछ भी नही, हम वो सब कर सकते है, जो हम सोच सकते है।
  39. ईमानदारी के लिए किसी छाप वेशभूषा या श्रृंगार की जरूरत नहीं होती, सादगी अपनाएं।
  40. उदास होने के लिए उम्र पड़ी है, खुश रहने के लिए जिंदगी खड़ी है।
  41. उन चीजों के बारे में समय बर्बाद मत करो, जिनको आप बदल नहीं सकते।
  42. उम्मीदों से बंधा एक जिद्दी परिंदा है इंसान जो घायल भी उम्मीदों से है और जिंदा भी उम्मीदों पर है।

  43. उस ज्ञान का कोई लाभ नहीं. जिसे आप काम में नहीं लेते।
  44. ऊंचाई की और बढ़े तो कभी भी साथियों की उपेक्षा न करें, नीचे की और जाते समय यही साथी आपकी मदद करेंगे।
  45. एक सृजनशील व्यक्ति कुछ कर पाने की उम्मीद से प्रेरित होता है, दूसरों को होड़ में हराने की उम्मीद से नहीं ।
  46. एकांत में कठिन परिश्रम करो, तुम्हारी सफलता शोर मचा देगी।
  47. कठिनाइयों का अर्थ ही आगे बढ़ना होता है, न कि उनसे डरकर हतोत्साहित होना।
  48. कर्म वो आईना है जो हमारा, स्वरूप हमें दिखा देता है।
  49. कर्म सुख भले ही न ला सके, लेकिन कर्म के बिना सुख नहीं मिलता है।
  50. काम करने में कोई अपमान नहीं है, अपमान तो खाली बैठने में है।
  51. कामयाब लोग अपने फैसले से दुनिया बदल देते है नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फैसले बदल देते है।
  52. कामयाबी के सफर में धूप बड़ी काम आयी, छाँव मिली होती तो सो गए होते।
  53. किसी कम में लगाए गए हमारे समय का इतना महत्व नहीं है, जितना प्रयास की गंभीरता का है।
  54. किसी का भला न कर पाना भी बुरा करने जैसा ही है।
  55. किसी प्रतियोगिता में जीतने से नहीं, बल्कि इसके लिए की जाने वाली घंटों, महीनों की तैयारी से विजेता बनते है।
  56. कुछ कर गुजरने के लिए मौसम नहीं चाहिए, साधन सभी जुट जायेंगे केवल संकल्प का धन चाहिए।
  57. कुछ नहीं मिलता दुनिया में मेहनत के बगैर, आपको अपना साया भी धूप में आने के बाद ही मिलता है।
  58. कुछ लोग चाहे जितने बुजुर्ग हो जाए उनकी सुंदरता नहीं मिटती यह चेहरों से उतर कर दिलो में आ बसती है।
  59. कुछ लोगों की सुंदरता उम्र के साथ नहीं घटती, यह चेहरों से उतर कर दिलो में बस जाती है।
  60. कोई काम करने को लेकर देर तक सोच-विचार अकसर उसके बिगड़ने का कारण बनता है।
  61. कोई काम कितना ही कठिन क्यों न हो, जिद और दृढ विश्वास से जरुर पूरा किया जा सकता है।
  62. कोई भी पीछे जाकर नई शुरुआत नहीं कर सकता, पर हम सभी नई शुरुवात कर बेहतर अंत कर सकते है।
  63. क्रोध कभी भी बिना कारण नहीं होता, लेकिन कदाचित ही यह कारण सार्थक होता है।
  64. खुद की तरक्की में इतना वक्त लगा दो, कि दूसरे की बुराई करने का वक्त ही ना मिले।
  65. खुशियों का कोई रास्ता नहीं खुश रहना ही रास्ता है…
  66. ख़ुशी आजादी पर निर्भर होती है और आजादी इस बात पर निर्भर होती है कि आप कितने साहसी है।
  67. ख़ुशी और प्रेम निष्ठा के सह उत्पाद है, कोई काम करे तो पूरी निष्ठा के साथ करे, अन्यथा उसे छोड़ दे।
  68. ख़ुशी के काम से ख़ुशी नहीं मिलेगी, खुश होकर काम किया तो ख़ुशी, सफलता दोनों मिलेगी।
  69. खुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते है, जो कहते है, जो करते है, जो करते है, वह सामंजस्य में हो।
  70. ख़ुशी दुनिया की सर्वोतम दवा है इसलिए खुद भी खुश रहे और दुसरो को खुशिया बांटे।
  71. खूबसूरती से चकित नही होना चाहिए, उन छिपे गुणों को तलाशना चाहिए जो हमेशा बने रहते है।
  72. गलत तरीके अपनाकर सफल होने से यही बेहतर है सही तरीके के साथ काम करके असफल होना।
  73. चीजों की कीमत मिलने से पहले होती है और इंसानों की कीमत खोने के बाद होती है।
  74. छोटी छोटी खुशियां ही तो जीने का सहारा बनती है, ख्वाहिशों का क्या है पल-पल बदलती है।
  75. छोटे-छोटे रोज की सुधार, ‘आश्चर्यजनक’ परिणाम की ओर ले जाते है।
  76. जब आप कोई वादा करते है तो आशा जगाते है, जब उसे पूरा करते है तो भरोसा बनाते है।
  77. जब आप जागृत अवस्था में होते है, तो ही सर्वश्रेष्ठ स्वप्नों का सृजन होता है।
  78. जब आप जीवन में कुछ गंवा बैठते है, तो इससे प्राप्त शिक्षा को कतई न गंवाए।
  79. जब करीबी लोग आपके मानदंडों पर खरे न उतरे, तो समझे कि मानदंडों को फिर से परखने का समय आ गया है।
  80. जब तक अपनी ताकत नहीं पहचान पाते, जब तक ताकतवर होना एकमात्र विकल्प हो
  81. जब तक आप जो कर रहे है उसे पसंद नहीं करते तब तक आप सफलता नहीं पा सकते।
  82. जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिए बेईमानी है।
  83. जब दुनिया यह कहती है कि हार मान लो, तब आशा धीरे से कान में कहती है कि एक बार फिर से प्रयास करो।
  84. जब परिस्थितियां बदल जाती है, तो रणनीति बदलने में कोई बुराई नहीं है।
  85. जब लक्ष्य इतनी गहराई से चाहा जाए की उसके लिए सब कुछ दांव पर लगाने तक की तैयारी हो तो जीत तय है।
  86. जब लक्ष्यों को पाना मुश्किल हो तो, लक्ष्यों को न बदले, बल्कि अपने प्रयासों में बदलाव करे।

  87. जब सब कुछ आपके खिलाफ जा रहा हो तो याद रखें, हवाई जहाज हमेशा हवा के विरूद्ध उड़ान भरता है उसके साथ नहीं।
  88. जब हम वह कर लेते है, जिससे हम डरते है, तभी हमारे अंदर निडरता का जन्म होता है।
  89. जिंदगी बहुत खूबसूरत है इसे बेकार की बातों और झगड़ो में बर्बाद ना करें।
  90. जितना कठिन संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
  91. जिनमें अकेले चलने के हौसले होते है, एक दिन उनके पीछे काफिले होते है।
  92. जीवन कितना अनमोल है, यह जानने के लिए कभी-कभी इसे जोखिम में डालना पड़ता है।
  93. जीवन की केवल वही तक सीमाएं है, जन्हें आप खुद तय करते है
  94. जीवन की सबसे बड़ी ख़ुशी उस कम को करने में है, जिसे लोग कहते है तुम नहीं कर सकते हो।
  95. जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है, जो रिश्ते है, उनमें जीवन होना जरुरी है।
  96. जीवन में बाधाएँ होगी शंकाएं होगी, गलतियां भी होगी, लेकिन कड़ी मेहनत करें तो कोई शीमा नही होंगी।
  97. जीवन में सफलता का रहस्य है खुद को आने वाले अवसर के लिए तैयार करना
  98. जीवन वह नही है जिसकी आप चाहत रखते है, अपितु यह तो वैसा बन जाता है, जैसा आप इसे बनाते है।

  99. जुड़ गए तो शेर भी घबराएगा, टूट गए तो गीदड़ भी साथ आएगा।
  100. जो गिरने से डरते है, वह कभी उड़ान नहीं भर सकते।
  101. जो मनुष्य अपना क्रोध अपने ही ऊपर झेल लेता है, वह दूसरों के क्रोध से बच जाता है।
  102. जो व्यक्ति अपनी सोच नहीं बदल सकता, वह वास्तव में कुछ नहीं बदल सकता।
  103. जो व्यक्ति हर वक्त दुख का रोना रोता है, उसके द्वार पर खड़ा सुख भी बाहर से लौट जाता है।
  104. जो सभ्य भी है, उनके साथ भी सभ्य बने रहे। किसी के ओछेपन के चलते अपना चरित्र नीचे करने का कोई औचित्य नहीं है।
  105. जो सिरफिरे होते हैं वे इतिहास लिखते है, समझदार लोग तो सिर्फ उनके बारे में पढ़ते है।
  106. जो हम दूसरों को देंगे वही लौटकर हमारे पास आएगा चाहे वह इज्जत हो, सम्मान हो या फिर धोखा।
  107. ज्ञान अतीत की व्याख्या करने के लिए नहीं, बल्कि भविष्य का निर्माण करने के लिए होता है।
  108. ज्ञान इसलिए नहीं होता कि हम अतीत की व्याख्या करते रहे, यह तो भविष्य का निर्माण करने के लिए होता है।
  109. डर भगाने की बजाए अपने सपनों को, साकार करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे।
  110. तारीफ के मोहताज नहीं होते सच्चे लोग क्योंकि फूलों पर कभी इत्र नहीं लगाया जाता।
  111. तुम पानी जैसे बनो जो अपना रास्ता खुद बनाता है, पत्थर जैसे ना बनो जो दूसरों का भी रास्ता रोक लेता है।
  112. दुःख भोगने से इंसान को सुख के मूल्य का ज्ञान होता है।
  113. दुनिया में एक ही अच्छाई है, ज्ञान और एक ही बुराई है, अज्ञानता।
  114. दूसरों को इतनी जल्दी माफ़ कर दिया करो, जितनी जल्दी आप ऊपरवाले से अपने लिए माफ़ी की उम्मीद रखते हो।
  115. दूरदर्शिता जो दूसरे नहीं देख पाए उसे देख पाने की कला है।
  116. दोस्तों को हमेशा उनके कर्मों से ही परखना चाहिए न कि उनके शब्दों से।
  117. नसीब जिनके ऊंचे और मस्त होते है, इम्तिहान भी उनके जबरदस्त होते है।
  118. नाकामिया आपको अपनी गलती सुधारने और वापस दोगुनी ताकत से सफल होने के लिए प्रेरित करती है।
  119. निष्क्रियता से संदेह और डर पैदा होते है, यही सक्रियता से विश्वास और साहस का सृजन होता है।
  120. पहचान से मिला काम थोड़े समय के लिए रहता है, लेकिन काम से मिली पहचान उम्र भर रहती है।
  121. पहले कठिन काम कीजिए, आसान कम अपने-आप हो जाएगे।
  122. पिता की मौजूदगी सूरज जैसी होती है, सूरज गर्म जरूर होता है अगर न हो तो अंधेरा छा जाता है।
  123. पुल और दीवार बनाने में ईंट गारे का ही प्रयोग होता है, एक से लोग जुड़ते है, वहीं दुसरे से अलग होते है।
  124. प्यार सभी से करे, लेकिन विश्वास कुछ लोगों पर ही करना चाहिए और कभी भी किसी को नुकसान न पहुंचाए।
  125. प्रतिकूल परिस्थितियों से कुछ व्यक्ति टूट जाते है, जबकि कुछ ऐसे व्यक्ति भी होते है जो दुसरो के रिकॉर्ड तोड़ते है।
  126. प्रतिभा से भी बेहद कम, दूर और दुर्लभ एक चीज होती है, और वह है प्रतिभा को पहचानने की योग्यता।
  127. प्रत्येक असफलताओ के पीछे, सफलता आपकी राह देख रही है।
  128. प्रशंसा से पिघलना मत, और आलोचना से उबलना मत।
  129. प्रश्न कर पाने की क्षमता ही, मानव प्रगति का आधार है।
  130. प्रसन्नता परमात्मा की और से दी गयी औषधि है।
  131. प्रसन्नता पहले से तैयार कोई चीज नहीं है, यह तो आपके कर्मो से ही हासिल होती है।
  132. प्रसन्नता पहले से निर्मित कोई चीज नहीं है। यह आप ही के कर्मो से आती है।
  133. फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है, लेकिन अच्छे व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है।
  134. बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो, मजबूरियों को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो।
  135. बरसात में भीगने से लिबास बदल जाते है, और पसीने में भीगने से इतिहास रचे जाते है।
  136. बस इस पल अच्छे कार्य में जुट जाए, सच माने आपने अनंतकाल के लिए अच्छा कार्य कर लिया है।
  137. बीता हुआ कल बदला नहीं जा सकता, लेकिन आने वाला कल हमेशा आपके हाथ में होता है।
  138. बुद्धिमान की तरह विचार करे, लेकिन बात आम लोगो की तरह करें।
  139. बुरा वक्त कभी बताकर नहीं आता, मगर सिखा कर बहुत कुछ जाता है।
  140. बुराई को देखना और सुनना, ही बुराई की शुरुआत है।
  141. बेहतरीन दिनों के लिए, बुरे दिनों से लड़ना पड़ता है।
  142. भगवान यह अपेक्षा नहीं करते की हम सफल हो, वे तो केवल इतना ही चाहते है कि हम प्रयास करें।
  143. भलाई करना कर्तव्य नहीं, आनंद है, क्योंकि यह तुम्हारे स्वास्थ्य और सुख में वृद्धि करता है।
  144. भविष्य तो उन्ही का है जो अपने सपनों की सुंदरता में यकीन करते है।
  145. मंजिल चाहे कितनी भी ऊँची क्यों ना हो, रास्ता हमेशा पैरों के नीचे ही होता है।
  146. मदद करने के लिए सिर्फ धन की जरूरत नहीं होती है, उसके लिए एक अच्छे मन की जरूरत होती है।
  147. मनुष्य ही दुनिया का एकमात्र ऐसा प्राणी है, जिसे हंसने का गुण प्रदान किया गया है।
  148. महत्व इस बात का नहीं है कि आप कितने अच्छे है, महत्व इस बात का है कि आप कितना अच्छा बनना चाहते है।
  149. महत्व इसका नही है कि अप्प कितने अच्छे है, महत्व इसका है कि आप कितना अच्छा बनना चाहते है।
  150. मानव के कर्म ही उसके विचारों की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या है।
  151. माहौल से ज्यादा व्यक्ति के भीतर ही बदलाव की जरूरत होती है।
  152. मीठा बोल संक्षिप्त और बोलने में आसान हो सकते है, लेकिन उनकी गूंज सचमुच अनंत होती है।
  153. मुसीबत सब पर आती है, कोई बिखर जाता है कोई निखर जाता है।
  154. मुस्कान पाने वाला मालामाल हो जाता है पर देने वाला दरिद्र नहीं होता।
  155. मेरी तकदीर को बदल देंगे मेरे बुलंद इरादे, मेरी किस्मत नहीं मोहताज मेरे हाथों की लकीरों की।
  156. मेहनत एक ऐसी सुनहरी चाबी है, जो बंद भाग्य के दरवाजे को खोल देती है।
  157. मैं श्रेष्ठ हूं यह आत्मविश्वास है, लेकिन मैं ही श्रेष्ठ हूं यह अहंकार है।
  158. मैदान में हारा हुआ इंसान फिर से जीत सकता है लेकिन मन से हारा हुआ इंसान कभी नहीं जीत सकता।
  159. यदि आप गलती नहीं कर सकते है तो आप कुछ नहीं कर सकते है।
  160. यदि आप गुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते है, तो दु:ख के सौ दिन से बच जाते है।
  161. यदि एक बड़ा कदम उठाने की आवश्यकता है तो डरे नहीं, आप गहरी खाई को दो छोटी छलांग लगाकर पार नहीं कर सकते।
  162. यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दुख में बीता तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ ना करें।
  163. यदि हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह यह है, कि हम भूल चुके है कि हम एक-दूसरे के है।
  164. लगातार आगे बढ़ते रहने के लिए यह जरूरी है कि हम, निरंतर अपने लक्ष्य और बड़े करते जाए।
  165. वक्त की एक आदत बहुत अच्छी है, जैसा भी हो गुजर जाता है।
  166. वह मायने नही रखता की गलत रास्ते पर आप कितनी दूर चले गए है, वापस मुड़ने की संभावना तो हमेशा ही है।
  167. वह व्यक्ति जिसे खुद पर भरोसा होता है, वही आख़िरकार दुसरो का भी भरोसा जीतने में कामयाब रहता है।
  168. विकल्प मिलेंगे बहुत मार्ग भटकाने के लिए, संकल्प एक ही काफ़ी है मंज़िल तक जाने के लिए।
  169. विचारों से सुफल उपजते है, वह कुविचारों का नतीजा कुफल होता है।
  170. विज्ञान हमे सोचना सिखाता है, लेकिन प्रेम हमें मुस्कुराना सिखाता है।
  171. विपत्तियाँ हमेशा हमे बुद्धिमान बनाती है जबकि समृद्धि अक्सर सही-गलत में फर्क भी नही कर पाती।
  172. वे लोग भाग्यशाली है, जो यह समझ चुके है, कि उन्हें व्यक्तियों से प्रेम करना है और वस्तुओं का उपयोग करना है।
  173. संसार एक कड़वा वृक्ष है, इसके दो फल ही अमृत जैसे मीठे होते है – एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगती।
  174. संसार हजार बार हमारे विश्वास पर खरा उतरता है तो कभी-कभार इसे खोटा भी होने दे।
  175. सच बोलने की आदत हमारे अंदर किसी भी स्थिति का सामना करने का साहस देती है।
  176. सदा जवान रहने के लिए मुख का सोंदर्य नहीं, मस्तिष्क की उड़ान जरूरी है।
  177. सपने वो नहीं जो हम नींद में देखते है, सपने वह है जो हमको नींद नहीं आने देते।
  178. सफलता का आनंद उठाने के लिए जरूरी है, कि इंसान कठिनाइयों से गुजरकर इस तक पहुंचे।
  179. सफलता की ख़ुशी मनाना अच्छा है, पर उससे भी अधिक जरूरी अपनी असफलता से सीख लेना है।
  180. सफलता की तैयारी न करना असफलता के लिए तैयारी करने के समान है ।
  181. सफलता तभी मिलती है जब आपके सपने आपके डर से बड़े हो जाते है।
  182. सफलता मुझे तब तक नहीं मिल सकती, जब तक मेरी सफलता पाने की इच्छा मजबूत है।
  183. सफलता, असफलता की संभावनाओं के आकलन में समय नष्ट न करें, लक्ष्य निर्धारित करें और कार्य आरम्भ करें।
  184. समय की सीमा जानने का एक ही टिका है, असंभव से भी आगे निकल जाना।
  185. समय ना लगाओ तय करने में आपको क्या करना है, वरना समय तय कर लेगा आपको क्या करना है।
  186. समय बहाकर ले जाता है नाम और निशान, कोई ‘हम’ में रह जाता है कोई ‘अहम’ में।
  187. सही और गलत के झगड़े से जीवन नहीं चलता यह परिपक्वता से चलता है।
  188. सिर्फ डरपोक और शक्तिहीन, व्यक्ति ही भाग्य के पीछे चलता है।
  189. सिर्फ सपनों से कुछ नहीं होता, सफलता प्रयासों से हासिल होती है।
  190. सोच अच्छी होनी चाहिए क्योंकि नजर का, इलाज तो मुमकिन है लेकिन नजरिए का नहीं।
  191. सोच जब तक तंग है, जीवन तब तक जंग है।
  192. हजारों दीयों को एक ही दिए से, बिना उसका प्रकाश कम किए जलाया जा सकता है खुशी बांटने से खुशी कभी कम नहीं होती।
  193. हम अगर किसी चीज की कल्पना कर सकते है, तो उसे साकार भी कर सकते है।
  194. हमारी विशालता कभी भी न गिरने में नहीं, बल्कि हर बार गिरने पर फिर उठने में निहित होती है।
  195. हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास है दूसरों के पास तो केवल सुझाव है।
  196. हमें सुख नहीं मिल सकता यदि विश्वास किन्हीं चीजों में करें और अमल किन्हीं और चीजों पर
  197. हर दिन अच्छा हो जरूरी नहीं है, लेकिन हर दिन कुछ अच्छा जरूर होता है।
  198. हार और जीत हमारी सोच पर निर्भर है, मान लिया तो हार और ठान लिया तो जीत।


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समय/वक्त पर महान लोगो के सर्वश्रेष्ठ विचार



समय/वक्त पर महान लोगो के सर्वश्रेष्ठ विचार
  1. अगर हम जीवन में कुछ हासिल करना चाहते है, कुछ बनना चाहते है, तो आपके लिए ये अनिवार्य है की, आप समय की कीमत को समझें। – ज्ञानी पण्डित
  2. अतीत की ओर बार-बार देखने पर एक समस्या यह आ सकती है कि हमारा भविष्य भी हाथ से निकल जाएगा। - माइकल सिबेन्को
  3. अपने मिनटों का ध्यान रखें, घण्टे अपना ध्यान खुद रख लेंगे। -लॉर्ड चेस्टरफील्ड
  4. अपने समय को बर्बाद करने वाले लोग ही सबसे पहले समय की कमी का रोना रोते हैं। - जीन डी ला ब्रुयर
  5. अभी आराम करने का समय नहीं है। अभी साहस और सहनशीलता का समय है। - विन्सटन चर्चिल
  6. अमीर बनने का मतलब है पैसा होना, बहुत अमीर बनने का मतलब समय होना। – मार्गरेट बोनानो
  7. अमीर लोग समय में निवेश करते हैं, गरीब लोग धन में निवेश करते हैं। – वॉरेन बफ़ेट
  8. आधुनिक युग की सबसे महत्वपूर्ण मशीन, रेल का इंजन नहीं, बल्कि घड़ी है। – लुईस ममफोर्ड
  9. आप विलम्ब कर सकते हैं पर समय नहीं करेगा।- Benjamin Franklin बेंजामिन फ्रैंकलिन
  10. जब आपके पास इसे सही से करने का समय नहीं है तो इसे खत्म करने का समय कब होगा? - जॉन वूडेन John Wooden
  11. जब तक आप अपना मूल्य नहीं समझेंगे तब तक आप अपने समय की महत्ता नहीं समझेंगे। जब तक आप अपने समय की महत्ता नहीं समझेंगे आप उसका कुछ नहीं करेंगे। - एम स्कोट पेक
  12. जब संदेह में हों, तो और समय लें।- जॉन जिमरमैन John Zimmerman
  13. जब हम अपनी पसंद का काम कर रहे होते हैं, तब समय की परवाह नहीं करते। कम से कम इस क्षण में तो समय का अस्तित्व नहीं रहता और हम सचमुच स्वतंत्र होते हैं। - मार्सिया वीदर
  14. जिसे जो काम जब करना चाहिए, उस समय उसी काम को करना समय का प्रबंधन है। - डॉ। विजय अग्रवाल
  15. जो लोग अपने समय का सबसे बुरा उपयोग करते हैं, वही सबसे पहले इसकी कमी का रोना रोते हैं। – जीन डे ला ब्रुयर
  16. जो लोग मौज-मस्ती के लिए समय नहीं निकाल पाते वो देर-सबेर बीमारी के लिए समय निकाल लेते हैं।- जॉन वानामैकर John Wanamaker
  17. जो सबसे ज्यादा जानते है, वह बर्बाद समय के लिए सबसे ज्यादा दुखी होते है। – दॉते
  18. टाइम मैनेजमेंट दरअसल बहुत से छोटे बिजनेस मालिकों के लिए समस्या होती है और इसका प्रमुख कारण यह है की उन्हें बहुत सारा काम ख़ुद करना पड़ता है – छोटे कामों से लेकर बड़े कामो तक सबकुछ। – नॉर्मन स्केरबरो
  19. दीवार को इस आशा से पीटने में अपना समय नष्ट मत करो कि वह दरवाजे में बदल जाएगा। - बाल्टसर ग्रेसियन
  20. पीछे मत देखो और भविष्य का सपना भी मत देखो। इससे न तो बीता हुआ वापस मिलेगा और न ही तुम्हारे सपने पूरे होंगे। तुम्हारा कर्तव्य, तुम्हारा पुरस्कार और तुम्हारा भाग्य वर्तमान क्षण में मौजूद है। - डेग हैमरस्कोल्ड
  21. पैसा बर्वाद करने से बस आपके पास पैसा नहीं होगा , लेकिन समय बर्बाद करके आप ज़िन्दगी का एक हिस्सा खो देते हैं। - माइकल लीबोईफ Michael LeBoeuf
  22. प्रतिदिन कुछ न कुछ करो। यह तुम्हें धीरे-धीरे अच्छे भविष्य के निकट ले जाएगा। - डॉग फॉयरबॉघ
  23. बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता। - बेंजामिन फ्रैंकलिन Benjamin Franklin
  24. बीते समय के लिए मत रोइए , वो चला गया , और भविष्य की चिंता करना छोड़ो क्यूंकि वो अभी आया ही नहीं है , वर्तमान में जियो , इसे सुन्दर बनाओ। - गौतम बुद्ध
  25. बुरी ख़बर यह है की समय उड़ता है, अच्छी खबर यह है की आप इसके पायलट हैं। – माइकल आल्थेसुलर

  26. भविष्य की चिंता में खुद को मत डुबोये अभी जो पल मिला है उससे जीइए। - फ्रेडरिक शीलर Friedrich Schiller
  27. भविष्य के बारे में सबसे अच्छी चीज ये है कि वो एक एक दिन कर के आता है। - अब्राहम लिंकन Abraham Lincoln
  28. मुझे घड़ी पर शासन करना है, उससे शासित नहीं होना। - गोल्डा मेयर Golda Meir
  29. मुझे ये लगता है कि समय सभी चीजों को परिपक्व कर देता है; समय के साथ सभी चीजें उजागर हो जाती हैं; समय सत्य का प्रणेता है। - फ़्रन्किओस राबेलैस Francois Rabelais
  30. मेरा समय अब है।- John Turner
  31. मेरे विचार से, अपने जीवन में कुछ शांत समय बिताना बहुत आवश्यक है। - मरिएल हेमिंग्वे Mariel Hemingway
  32. मैंने ज़िन्दगी के लिए कुछ समय निकाल लिया।- James L. Brooks
  33. यदि आप एक समय दो कार्य कर रहे हैं तो इसका अर्थ है कि आप दोनों ही कार्य नहीं कर रहे हैं। - पब्लियस सायरस
  34. यदि तुम अपने अनुभव का उपयोग बुद्धिमानी के साथ करते हो, तो तुम्हारा कोई भी समय व्यर्थ नहीं जाता। - ऑगस्ट रोडिन
  35. यदि तुम अपने समय का भरपूर उपयोग करना चाहते हो, तब तुम्हें जानना होगा कि तुम्हारे लिए सबसे जरूरी क्या है। फिर तुम उसको अपना सब कुछ दे दो। - ली इयाकोका
  36. ये जानिये की जो समय आपको मिला है उसे कैसे जियें। - डारियो फ़ो Dario Fo
  37. लोग समय नष्ट करने की बात करते हैं, जबकि धीरे-धीरे समय उन्हें नष्ट करता रहता है। - डीओंन बौसीकाउल्ट Dion Boucicault
  38. वही व्यक्ति अपने जीवन का एक घंटा बर्बाद करने का दुस्साहस कर सकता है जिसने जीवन की कीमत नहीं जानी है। - चार्ल्स डार्विन
  39. वो जो अपना भविष्य आनंदमय बनाना चाहता है उसे अपना वर्तमान नहीं बर्बाद करना चाहिए। - रोजर बार्ब्सन
  40. व्यस्त रहना महत्वपूर्ण नहीं है, क्योंकि चीटियाँ भी व्यस्त रहती हैं, महत्वपूर्ण यह है कि आप किस कार्य में व्यस्त हैं? - हेनरी डेविड
  41. सफलता और असफलता के बीच की सबसे बड़ी विभाजक रेखा को इन पाँच शब्दों में बताया जा सकता है कि 'मेरे पास समय नहीं है।' - फील्ड
  42. समय आपके जीवन का सिक्का है। आपके पास बस यही एक सिक्का है, और सिर्फ आप ही तय कर सकते हैं कि इसे कैसे खर्च करना है। सावधान रहिये नहीं तो आपके लिए और लोग इसे खर्च कर देंगे। - कार्ल सैंडबर्ग
  43. समय एक दिशा में बढ़ता है, यादें दूसरी। - विल्लियम गिब्सन William Gibson
  44. समय के उपयोग के बारे में समझदार बनो। जीवन में प्रश्न यह नहीं है कि हमारे पास समय कितना है? प्रश्न यह है कि हम इसका करते क्या हैं? -अन्ना रॉबर्टसन ब्राउन
  45. समय धन से अधिक मूल्यवान है। आप अधिक धन तो पा सकते है, लेकिन अधिक समय कभी नहीं पा सकते। – जिम रॉन
  46. समय धन है। - बेंजामिन फ्रैंकलिन Benjamin Franklin
  47. समय वो स्कूल है जिसमे हम सीखते हैं, समय वो आग है जिसमे हम जलते हैं। - डेलमोर स्वार्त्ज़ Delmore Schwartz
  48. समय वो है जिसे हम सबसे ज्यादा चाहते हैं, पर जिसे हम सबसे गलत तरीके से उपयोग करते हैं।- विल्लियम पेन William Penn
  49. समय सबसे बुद्धिमान सलाहकार है। - पेरिक्लेस Pericles
  50. समय, जिसके दांत सब कुछ चबा जाते हैं, वो सत्य के सामने शक्तिहीन है। - थोमस हक्सले Thomas Huxley
  51. समय-प्रबंधन की कला को सीखने के बाद तुम इस सत्य को समझ सकोगे कि ज्यादातर लोग अपनी सालाना उपलब्धियों का बहुत अधिक अनुमान लगाते हैं और दस वर्षों की उपलब्धियों का कम अनुमान लगाते हैं। - एन्थोनी रॉबिन्स
  52. सामान्य आदमी समय को काटने के बारे में सोचता है, जबकि महान व्यक्ति सोचते हैं इसके उपयोग के बारे में। - फ्रेंक्लिन
  53. सेचने-विचारने में समय लगाओ। जैसे ही काम करने का समय आता है, सोचना बंद करके करने लगो। - आन्द्रे जैक्सन
  54. हम जितना ज्यादा करते हैं, उससे ज्यादा कर सकते हैं। हम जितने ज्यादा व्यस्त रहते हैं, इतने ही ज्यादा मस्त रहते हैं। - विलियम हेज़लिन
  55. हमारे पास केवल यही क्षण है, जो हमारे हाथ में तारे की तरह जगमगा रहा है और बर्फ की तरह पिघल रहा है। - मैरी बी रे
  56. हर समय की तरह ये समय भी अच्छा है, बशर्ते हम जानते हों की इसका क्या करें। – रेल्फ़ वाल्डो एमर्सन
Hindi Quotes About Time ~ समय से जुडी हुयी कहावतें
  1. अक्सर एक औसत प्रतिभा का आदमी प्रतिभावान से आगे निकल जाता है, बशर्ते कि वह समय को समझ ले।
  2. अगर आप जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं, कुछ बनना चाहते हैं, तो आपके लिए ये अनिवार्य है कि आप समय की कीमत को समझे।
  3. अगर आप नहीं तो फिर कौन ? अगर अभी नहीं तो फिर कब ? तो जो भी हो शुरू करो अब।
  4. अगर जिंदगी मैं बुरा वक्त ना आए तो हम अपनों में पराये और परायों में अपने कभी नहीं ढूंढ पाएंगे।
  5. अच्छा वक्त जरूर आता है मगर वक़्त पर ही आता है।
  6. अच्छा समय अच्छी यादें लाता है और बुरा समय अच्छी सीख। - बेनामी
  7. अजीब बात है दूसरे की मदद करने का समय किसी के पास नहीं है पर दूसरे के काम में अडकले डालने का समय सबके पास है।
  8. अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो की व्यर्थ के लिए समय ही न बचे।
  9. आप के पास अपने सपनों को हकीकत देने का समय केवल आज का ही है, कौन जाने कल आपके पास समय हो या न हो!
  10. आप बिलंब कर सकते हैं, पर समय नहीं करता।
  11. आप यह नही कह सकते कि आपके पास समय नहीं हैं क्योकि आपको भी उतना ही समय ( घंटे मिलता हैं जितना समय महान और सफल लोगो को मिलता हैं।
  12. आप ये कारण दे सकते है की आपके पास समय नहीं था। लेकिन सच बात तो ये है, की आप के पास उतना ही समय था। जितना की मदर टेरेसा, महात्मा गांधी, धीरूभाई अंबानी, और सचिन तेंदुलकर के पास था।
  13. आपका जीवन जितना सरल होगा, जितना सादा होगा, आपके पास उतना ही अधिक समय होगा।
  14. आपके पास अपने सपनों को हकीकत देने का समय केवल आज का ही हैं कल कौन जाने आपके पास समय हो न हो।
  15. इंतजार मत करो , जितना तुम सोचते हो समय उससे कहीं ज्यादा तेजी से बीतता जा रहा है।- बेनामी
  16. इन्तजार मत करों, जितना तुम सोचते हो जिन्दगी उससे कहीं ज्यादा तेजी से निकल रहीं हैं।
  17. इस दुनिया में समय सबसे बलवान होता है।
  18. उन चीजों के बारे में सोचकर अपना समय बर्बाद न करें जिसे आप बदल नहीं सकते। आप उन चीजों के बारे में सोचिए जो आप कर सकते हैं जो आप बदल सकते हैं।
  19. एक अच्छा रवैया एक अच्छे दिन का निर्माण करता है, और एक अच्छा दिन एक अच्छे महीने का , और एक अच्छा महीना एक अच्छे साल का, और एक अच्छा साल एक अच्छे जीवन का निर्माण करता है। - बेनामी
  20. एक आम व्यक्ति के जीवन के सबसे दुखद शब्द है, की मै वो काम कर सकता था…
  21. एक मिनट में जिन्दगी नही बदलती, पर एक मिनट सोचकर लिया गया फ़ैसला पूरी जिन्दगी बदल देता हैं।
  22. एक वक्त था जब हम सोचते थे कि हमारा भी वक्त आएगा और एक ये वक़्त है कि हम सोचते हैं कि वो भी क्या वक्त था।
  23. ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो बुरे वक्त में भी आपसे सम्पर्क नहीं तोड़ते हैं।
  24. कठिन समय में समझदार व्यक्ति रास्ता खोजता हैं और कायर व्यक्ति बहाना।
  25. कभी मत कहो कि तुम्हारे पास पर्याप्त समय नहीं है। तुम्हारे पास भी हर दिन में बिल्कुल उतने ही घंटे हैं, जितने कि हेलन केलर, पास्चर, माइकल एंजेलो, मदर टेरेसा, लियोनार्दो दा वींसी, थॉमस जेफर्सन और अल्बर्ट आइंस्टीन को दिए गए थे। - एच। जेक्सन ब्राउन
  26. कल का अर्थ है वह समय जो काल के हाथ में है। बीता हुआ कल हाथ से निकल चुका है, वर्तमान बीतता जा रहा है और आने वाले कल को किसने देखा है। कल के चक्कर में वर्तमान को बर्बाद करने वाले लोग बर्बाद हो जाते हैं।वर्तमान बर्बाद → सबकुछ बर्बाद
  27. कल क्या होगा ये किसी नहीं पता – जिंदगी एक सफर है , जिसमें किसी भी चीज़ की कोई गारंटी नहीं है। - बेनामी
  28. कहते हैं कि बुरा वक्त सबका आता हैं, कोई निखर जाता हैं तो कोई बिखर जाता हैं।
  29. कहते हैं कि वक्त सारे घाव भर देता हैं पर सच तो यहीं है कि हम दर्द के साथ जीना सीख जाते हैं।
  30. कितना भी पकड़ लो फिसलता जरूर हैं, ये वक्त हैं साहब बदलता जरूर हैं।
  31. कुछ करना ही समय को साधना है।
  32. कुछ ख़ास रिश्ते कुछ ख़ास समय में परखे जाते हैं – औलाद – बुढ़ापे में, पत्नी – गरीबी में, दोस्त – मुसीबत में, रिश्तेदार – जरूरत में…
  33. कैलेण्डर से मूर्ख मत बनो। कैलेण्डर में उतने ही दिन होते हैं, जितने का तुम उपयोग कर पाते हो। एक आदमी साल भर में से केवल एक सप्ताह हासिल कर पाता है, जबकि दूसरा एक सप्ताह में साल भर पा लेता है। - चार्ल्स रिचर्ड्स
  34. 'कैसे' के बारे में सोचने वाला व्यक्ति प्रभावशाली तरीके से समस्याओं को सुलझा लेता है, क्योंकि वह व्यर्थ के 'यदि' में समय नष्ट नहीं करता। - नार्मन विन्सेन्ट पील
  35. कोई इतना अमीर नहीं, कि अपना पुराना वक्त खरीद सके कोई इतना गरीब नहीं की अपना आने वाला वक्त ना बदल सके।
  36. कोशिश बंद → असफलता
  37. क्योंकि वक्त हमें मुफ्त में मिल जाता है, इसलिए हम इसका महत्व नहीं समझते हैं। अगर इसके लिए हमें कीमत चुकानी पड़तीं, तो हम इसका बिल्कुल भी अपमान नहीं करते।
  38. गुजरे हुए कल पर अफ़सोस करने वालों का वर्तमान भी गुजर जाता है। और अक्सर लोगों को इस बात का एहसास कभी नहीं होता है।
  39. जब आप गुजरे समय पर अफ़सोस कर रहे होते हैं, उस वक्त भी समय गुजर रहा होता हैं।
  40. जब आपका वक्त अच्छा चल रहा हो, तो खुद को घमंड का शिकार होने से बचाइए।
  41. जब आपके पास किसी काम को सही से करने का समय नहीं है तो इसे खत्म करने का समय कब होगा।
  42. जवानी सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, लेकिन इसी समय ज्यादातर लोग बड़ी-बड़ी गलतियाँ करते हैं।

  43. जिंदगी बदलने का मौका बार-बार नहीं मिलता है।
  44. जिन चीजों को मनुष्य ख़र्च करता है, उनमें समय सबसे मूल्यवान है।
  45. जिन्दगी में अगर बुरा वक्त नहीं आता तो अपनों में छुपे हुए गैर और गैरों में छुपे हुए अपने कभी नजर नहीं आते।
  46. जिस तरह आप पैसों का नियोजन करते है, उसी तरह समय का भी कीजिये।
  47. जिसने वक्त बर्बाद किया होता है, वह बाद में अपनी गलती पर पछताता है। लेकिन तब वह कुछ भी करने में सक्षम नहीं होता है।
  48. जो लोग समय का सम्मान नहीं करते, तो समय भी उनका सम्मान नहीं करता और नष्ट कर देता है!
  49. ज्यादातर लोग प्रतिभा और साधन होने के बावजूद केवल इसलिए असफल हो जाते हैं, क्योंकि वो मंजिल से थोड़ी दूर पहले कोशिश करना बंद कर देते हैं।
  50. तुम्हारा पास समय बहुत कम है ,किसी दूसरे का जीवन जीने में इसे बर्बाद न करें। - बेनामी
  51. तुम्हें देर हो सकती है, लेकिन समय को नहीं। - बेंजामिन फ्रैंकलिन
  52. दुनिया में जितनी भी चीजें हैं, उन सभी में समय समाया हुआ है।
  53. दुनिया में सबसे बहुमूल्य चीज सिर्फ़ और सिर्फ़ वर्तमान समय हैं, क्योकि इसे एक बार खोकर हम दुबारा हासिल नहीं कर सकते।
  54. दूसरों की अपेक्षा आपको सफलता यदि देर से मिले निराश नहीं होना चाहिए यह सोचिये की मकान बनाने से ज्यादा समय महल बनाने में लगता है।
  55. ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए, वक्त रुकता नहीं किसी के लिए।
  56. परिवर्तन से डरना और संघर्ष से कतराना मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता हैं, जीवन का सबसे बड़ा गुरू वक्त होता हैं, क्योकि जो वक्त सिखाता है वो कोई नहीं सिखा सकता हैं।
  57. प्यार की गहराई की सीमा तब पता चलती हैं जब बिछड़ने का समय होता है।
  58. प्रकृति के सब काम धीरे-धीरे होते है।- बेनामी
  59. बुरा समय आपके जीवन के उन सत्यों से सामना करवाता है, जिससे अपने अच्छे समय में कभी कल्पना भी नही की होती है!
  60. बुरी खबर है कि समय उड़ रहा है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि तुम इसके पायलट हो।
  61. बुरे वक्त में भी एक अच्छाई होती है जैसे ये आता है फालतू के दोस्त विदा हो जाते हैं।
  62. मां! तुम्हारे आंचल में वक्त भी ठहर जाता है।
  63. मिली थी जिंदगी किसी के काम आने के लिए, पर वक्त बीत रहा है कागज के टुकडे कमाने के लिए।
  64. मूर्ख इंसान जो काम अंत में करता है, बुद्धिमान इन्सान उसी काम को तुरंत करता है, दोनों भी एक ही काम करते है, फर्क तो बस समय का होता है।
  65. यदि आप समय का महत्व नहीं जानते तो आपका जन्म कुछ बड़ा करने के लिए नहीं हुआ।
  66. वक्त का पता नहीं चलता है अपनों के साथ पर अपनों का पता चल जाता है वक्त के साथ।
  67. वक्त जैसा भी हो अच्छा या बुरा बदलता जरूर हैं इसलिए अच्छे वक्त में कुछ ऐसा गलत मत करो कि बुरे वक्त में लोग आपका साथ छोड़ दें।
  68. वक्त बदल जाता है इंसान बदल जाते हैं वक्त वक्त पे रिश्तो के अंदाज़ बदल जाते हैं।
  69. वक्त भी सिखाता है और टीचर भी, पर दोनों में फर्क सिर्फ इतना है कि टीचर सीखा कर इम्तेहान लेता है और वक़्त इम्तिहान लेकर सिखाता है।
  70. वक्त से लड़कर जो अपनी तकदीर बदल दे, इंसान वही जो हाथों की लकीर बदल दे, कल क्या होगा कभी ना सोचा, क्या पता कल खुद अपनी तस्वीर बदल दे।
  71. वक्त, दोस्त और रिश्ते ये वो चीजें हैं जो हमें मुफ़्त मिलती हैं मगर इनकी कीमत का तब पता चलता है जब ये कहीं खो जाती हैं।
  72. व्यक्ति समय के महत्व को पूरी तरह तब समझता है, जब इसके लिए बहुत कम समय बचा रहता है। सभी लोगों के जीवन की सबसे बड़ी सम्पित्ति उसके उत्पादक जीवन के खत्म न होने वाले वर्ष होते हैं।
  73. व्यस्त होना ही काफ़ी नहीं है, व्यस्त तो चीटिया भी होती हैं, सवाल यह है की आप किस काम में व्यस्त हैं।
  74. शास्त्रों का ज्ञान असीमित है और सीखने के विषय बहुत सारे है, हमारे पास सीमित समय है और सीखने की राह में कई बाधाऍ है, इसलिए सीखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज ही चुनें, जिस तरह हंस दूध में मिले पानी को छोड़ देता हैं और सिर्फ दूध पिता है। – चाणक्य
  75. संबंधों को निभाने के लिए समय निकालियें वरना जब आपके पास समय होगा, तब तक शायद संबंध ही ना बचे।
  76. समय अच्छा हो तो आपकी गलती भी मजाक लगती हैं, और समय ख़राब हो तो मज़ाक भी गलती बन जाती हैं।
  77. समय अनमोल है, क्योंकि समय ही जीवन में एकमात्र ऐसी चीज है, जो सीमित है।
  78. समय उन लोगों को मूल्यहीन बना देता है, जो समय की इज्जत नहीं करते हैं।
  79. समय एक दिशा में बढ़ता है।
  80. समय और ज्वार किसी का इंतजार नहीं करते।
  81. समय का मतलब होता है, वर्तमान। भूतकाल और भविष्य तो केवल मृगमरीचिका होती है।
  82. समय का वही टुकड़ा आपका अपना होता है, जिसका आप उपयोग करते हैं।
  83. समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। - बेनामी
  84. समय की कीमत समाचार पत्र से पूछो जो सुबह चाय के साथ कीमती होता है लेकिन रात को रद्दी हो जाता है।
  85. समय के साथ चलना सीखिए।
  86. समय के साथ चलने वाले लोग हीं बड़ी सफलता सफलता पाते हैं, क्योंकि जो भी समय के साथ नहीं चलता है…।। समय उसे पुराना और जर्जर बना देता है।
  87. समय के साथ चलो, सफ़लता तुम्हारे पीछे आएगी।
  88. समय के साथ जिंदगी के नए चरण पर चले जाना चाहिए , एक ही चीज़ पर अटके नहीं रहना चाहिए , मतलब सदा गतिमान रहो।
  89. समय दिखाई नहीं देता पर बहुत कुछ दिखा देता हैं।
  90. समय दिखाई नहीं देता, पर बहुत कुछ दिखा जाता है!
  91. समय दुनिया का सबसे बड़ा धन है
  92. समय महान चिकित्सक है। - बेनामी
  93. समय वह है जिससे हम सबसे ज्यादा चाहते हैं और जिसे हम सबसे गलत तरीके से उपयोग करते हैं।
  94. समय सत्य के सामने शक्तिहीन है।
  95. समय सभी घावों को भर देता है समय से बलवान कुछ नहीं है।
  96. समय ही जीवन है, जिसके पास समय नहीं बचा हुआ है…। उसके पास जिंदगी भी नहीं है।
  97. समय-प्रबंधन का सही अर्थ केवल यह है कि 'जब भी करो, जो कुछ भी करो, तो ऐसे करो कि केवल वही हो।'
  98. हम सभी समय का महत्व जानते हैं, लेकिन शायद हीं कोई व्यक्ति ऐसा होता है…।। जो हर दिन अपना घंटा समय भी न बर्बाद करता हो।
  99. हमारी सोच, हमारे रहने का रंग-ढंग तथा काम को करने के हमारे तरीके आदि कुछ ऐसी बातें हैं, जो समय के विशाल बांध में छोटे-छोटे असंख्य अदृश्य छिद्रों का निर्माण कर देते हैं।
समय का महत्व Samay Ka Mahatva
समय पर अनमोल विचार Time Quotes



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