दो नये लेखक



आज महाशक्ति से पर मेरे दो मित्र लेखन कार्य में जुड़ गये है जो इलाहाबाद से ही है। दोनो महाशक्ति के प्रारम्भिक सदस्‍यों में से एक है। राजकुमार जी महाशक्ति के 2001 में तथा ताराचन्‍द्र जी 2003 में सदस्‍य है ओर प्रारम्भिक समय से ही महाशक्ति के प्रति निष्‍ठा है। इनका कहना है कि महाशक्ति कोई संस्‍था या संगठन न होकर एक विचार धारा है, और यह विचार धारा प्रत्‍येक सदस्‍य के शिराओं में रक्‍त के समान बह रहा है। दोनो मेरे स्‍कूल तथा कालेज के समय के मित्र है। मै जब प्रत्‍यक्ष रूप से जब से ब्‍लागिंग कर रहा हूँ तब से सम्‍पूर्ण महाशक्ति के सदस्‍य परोक्ष रूप से हर समय मेरी सहायता करते थें। किन्‍तु आज से ये पर्दे के पीछे के साथ साथ पर्दे पर भी मेरे साथ रहेगें।


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