कल के मेरे लेख पर आज श्री दिवाकर प्रताप सिंह की विशेष टिप्पणी मिली, जो बातें उन्होंने रखी वह विचारणीय है, इसी परिप्रेक्ष्य में मै उक्त टिप्पणी को आपके सामने रख रहा हूँ ताकि बात दूर तक जाये।
"एक बात और जिस समय मालेगांव में विस्फोट हुआ उसी समय गुजरात के मोडासा में भी विस्फोट हुआ। खुफिया एजेंसियों का तब कहना था कि इन दोनों विस्फोटों के पीछे एक ही आतंकवादी संगठन का हाथ है। जब साफ है कि मालेगांव में हुए दोनों विस्फोटों के पीछे उद्देश्य और विस्फोट करने का तरीका एक ही है तो फिर सीबीआई साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से पूछताछ करने की कोशिश क्यों नहीं कर रही है? ये बड़ा सवाल है और इस सवाल का जवाब ढूंढने में ही साध्वी की गिरफ्तारी और कथित हिंदू आतंकवाद के खुलासे के पीछे छुपे राजनीतिक छल-प्रपंच का भंडाफोड़ हो पाएगा। फिलहाल साध्वी सभी वैज्ञानिक जांच में बेदाग निकल गई हैं और अब एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) साध्वी के खिलाफ मिले सबूतों और उसकी ब्रेन मैपिंग व नार्कों टेस्ट के नतीजों को सार्वजनिक करने के बजाय अब साध्वी की साधना की आड़ लेकर अपनी गलतियों को छुपाने की कोशिश कर रहा है। इस मामले में बुरी तरह फंस चुकी एटीएस इसे साध्वी की साधना का कमाल बता रही है और दोबारा से परीक्षण की बात कह रहा है।"
एटीएस की जांच प्रक़ृया एवम सबुतो के बारे मे जिस प्रकार की जानकारीयां मिडीया द्वारा मिल रही है उस को देख कर लगता है की कोई ऐजेंसी ने स्टींग अपरेशन की कार्यविधी अपना कर साध्वी एवम अन्य लोगो को फंसाया है। कोई भी योजनाकार अपनी मोटरसाईकिल का प्रयोग धमाके मे नही करेगा। जिस प्रकार की फोन ट्रांस्क्रीप्ट दी गई है वह प्रि-प्लांड स्टीग़ की तरह लगती है। इन चीजो से हिन्दु संगठनो को सबक लेना चाहिए। उनको यह समझना होगा की उनके निर्दोष वार्तालाप का प्रयोग कोई विधर्मी एजेंसी उनको फंसाने के लिए कर सकता है। दुसरी बात हमले से बढ कर हिफाजत की कोई रणनिती नही होती है। हिन्दु संगठनो को भी स्टीग अपरेशन करने के लिए विशेषज्ञो की टोली गठन करनी चाहिए। कांग्रेस चाहती है की हिन्दु-मुस्लमानो के बीच ज्यादा से ज्यादा घृणा के बीज बोए जाए। कांग्रेस पार्टी मुसलमानो का भला नही चाहती है- वह तो चर्च के हित मे काम कर रही है।
जवाब देंहटाएंसही बात साध्वी को फंसाने की यह कोशिश ही तो है.
जवाब देंहटाएंजाँच के बाद सच सामने आ ही जाएगा | पुलिस की झूटी कहानियाँ ज्यादा देर नही टिकती | यदि साध्वी निर्दोष है तो उसे घबराने की कोई जरुरत ही नही है सच सामने आने के बाद साध्वी का कद ही बढेगा पुलिस का नही |
जवाब देंहटाएंयह सब क्या हो रहा है अपने देश मै, हम खुद ही मरे ओर खुद ही ...... वाह री सरकार
जवाब देंहटाएं"उनको यह समझना होगा की उनके निर्दोष वार्तालाप का प्रयोग कोई विधर्मी एजेंसी उनको फंसाने के लिए कर सकता है।"
जवाब देंहटाएंएनीनमस की यह टिप्पणी लाजवाब है। एक व्यक्ति अपनी बातों में कह रहा है कि इतने कम लोग क्यों मरे, तो भी महोदय इस वार्ता को निर्दोष वार्तालाप बता रहे हैं। बहुत बढिया।
और हाँ, कानपुर में जो बजरंग दल के कार्यकर्ता बम बनाते समय हुए विस्फोट में मारे गये थे, उनके बारे में आपकी निर्दोष राय क्या है?
जांच चल रही है. जांच के बाद अदालत है. अदालत ही तय करेगी किस ने अपराध किया. पर कुछ लोग, मीडिया और सरकारी तंत्र, जिस में पुलिस भी है, अदालत का काम ख़ुद कर रहे हैं. अब दिल्ली ब्लास्ट्स की बात कोई नहीं करता. क्यों भाई, क्या उस मामले का खुलासा हो गया?
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