tag:blogger.com,1999:blog-30482424.post1106648047246294340..comments2024-03-22T07:37:13.933+05:30Comments on महाशक्ति: चिट्ठाकारी के मठाधीशों का असली चेहराPramendra Pratap Singhhttp://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-16222979763570918112008-06-07T13:40:00.000+05:302008-06-07T13:40:00.000+05:30भइया मैं jyada क्या कहूं /मैं भी primary का मास्टर...भइया मैं jyada क्या कहूं /<BR/>मैं भी primary का मास्टर हूँ / और अपने ब्लॉग के promotion के सिलसिले me chithhakari samooh मे सद्यास्ता के लिए अप्प्ली किया टू सर्च इंजन से सर्च करने पर आप की और देवाशीष जी के मतभेदों की जानकारी और vidvatta की bhidant dekhi / अच्छा है की हिन्दी मे कुछ हो टू रहा है /प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-88168457449654521752008-02-22T02:01:00.000+05:302008-02-22T02:01:00.000+05:30प्रमेन्दजी,अफ़सोस हुआ आपकी इस पोस्ट को पढकर ।प्रमेन्दजी,<BR/>अफ़सोस हुआ आपकी इस पोस्ट को पढकर ।Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-57818024325114804202008-02-21T22:09:00.000+05:302008-02-21T22:09:00.000+05:30अब मैं क्या कहूं प्रमेन्द्र जी। कहने वाले बहुत कुछ...अब मैं क्या कहूं प्रमेन्द्र जी। कहने वाले बहुत कुछ कह गए।<BR/>दुनिया बहुत बडी है साहबAdminhttps://www.blogger.com/profile/13066188398781940438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-10564233219581281262008-02-21T22:00:00.000+05:302008-02-21T22:00:00.000+05:30प्रमेन्द्र जी आपके विचार और आपका अभियान आपकी पहचा...प्रमेन्द्र जी आपके विचार और आपका अभियान आपकी पहचान है. ये सब पढ़कर मुझे भी आश्चर्य हुआ. <BR/>आज आपकी बात से सहमत नही हुआ जा सकता. चिट्ठाकार के बारे मुझे जानकारी नही लेकिन ये बात तो सही है कि उस पर क्या रहेगा और क्या नही ये देबाशीष जी का अधिकार है. <BR/>आपने ख़ुद ही उनकी मेल को पेस्ट किया है और उसे पढ़कर तो उनकी बात सही लगाती है.Kirtish Bhatthttps://www.blogger.com/profile/10695042291155160289noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-13836697075086978082008-02-21T21:56:00.000+05:302008-02-21T21:56:00.000+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Kirtish Bhatthttps://www.blogger.com/profile/10695042291155160289noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-17180756280416961542008-02-21T20:42:00.000+05:302008-02-21T20:42:00.000+05:30प्रमेन्द्र, मैं तुम्हारी किसी बात के पक्ष या विरोध...प्रमेन्द्र, मैं तुम्हारी किसी बात के पक्ष या विरोध में कुछ नहीं कहना चाहता सिवाय इसके कि यह पोस्ट पढ़कर एक बार फिर अफ़सोस हुआ। तुम अपनी बात और बेहतर तरीके से रख सकते थे।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-31907333844431036312008-02-21T18:54:00.000+05:302008-02-21T18:54:00.000+05:30प्रमेन्द्र जी, यह बिल्कुल सही है कि चिट्ठाकार डाक ...प्रमेन्द्र जी, यह बिल्कुल सही है कि <A HREF="http://groups.google.com/group/chithakar" REL="nofollow">चिट्ठाकार</A> डाक सूची के स्वामी <A HREF="http://nuktachini.debashish.com" REL="nofollow">देबाशीष</A> हैं, स्वामी यानी उसके संचालन संबंधी निर्णय वह लेते हैं। <BR/><BR/>आपकी चिट्ठी का शीर्षक "चिट्ठाकारी के मठाधीशों" की बात कर रहा है। यदि देबाशीष मठाधीष हैं, तो केवल चिट्ठाकार डाक सूची के। "आलोकhttps://www.blogger.com/profile/03688535050126301425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-26752575812355344732008-02-21T16:26:00.000+05:302008-02-21T16:26:00.000+05:30पिछले दिनो इसने बेमतलब ही अपने ब्लोग पर मेरे नाम स...पिछले दिनो इसने बेमतलब ही अपने ब्लोग पर मेरे नाम से टिपियाकर अपनी हिट बढाने के बाद हुये विवाद मे मुझे मेल की थी और मेरे उपर ब्लेम लगाया था की मै अपने ब्लोग को हिट करने मे लिये इसे प्रयोग कर रहा हू.."ये मेल पढकर तुम्हे थोथा चना बाजे घना याद आ जायेगी" <B>"अरूण तुम मेरे साथ अगर कोई mind game खेल रहे हो तो ये समझ लो कि मैं इंटरनेट पर पिछले ८ साल से हूं और सारे दौर देख चुका हूँ। तुम्हारे जैसे कई देखे Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-68676747260194931162008-02-21T16:19:00.000+05:302008-02-21T16:19:00.000+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-78259771208066088192008-02-21T16:00:00.000+05:302008-02-21T16:00:00.000+05:30प्रमेन्द्र बाबू, जहाँ तक मुझे ध्यान है कुछ समय पहल...प्रमेन्द्र बाबू, जहाँ तक मुझे ध्यान है कुछ समय पहले आपने एक mass email की थी अपनी किसी ब्लॉग पोस्ट को लेकर जिसकी एक प्रति चिट्ठाकार समूह में भी गई थी और जिस कारण आप पर तुरत-फुरत बैन लग गया था क्योंकि समूह के अन्य लोगों को इस तरह की सामूहिक ईमेलों से बचाने के लिए समूह की नियमावली में यह स्पष्ट लिखा है कि इस तरह अपने ब्लॉग की पोस्टों की जानकारी देना अनुचित है और बैन को आमंत्रित करना है।<BR/><BR/>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-17932717621235649992008-02-21T15:58:00.000+05:302008-02-21T15:58:00.000+05:30प्रमेंद्र भाई. आपकी मेल पढी. देवाशीष जी के पक्ष मे...प्रमेंद्र भाई. आपकी मेल पढी. देवाशीष जी के पक्ष में कहीं दिल दुखाने वाली बात नहीं है. आप बिनमतलब भिडने का प्रयास कर रहे है. आपके विचारों मैं दम है, आप मे शक्ति भी अपार है. पर यह क्षमताएं आप किसी उपयोगी जगह पर उपयोग करें. आपके विचारों का स्वागत करने वाले लोग भी है. आप उनके साथ मिलकर एक अन्य ग्रुप विकसित कर सकते है. लोग तुम्हारे साथ है. पर देवाशीष जैसे चिट्ठा कारी के शीष विद से आप क्यों खामखां झक योगेश समदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/05774430361051230942noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-35394177170655479982008-02-21T15:25:00.000+05:302008-02-21T15:25:00.000+05:30प्रिय भाई प्रमेन्द्र, मैं आपकी स्पष्ट सोच और राष्ट...प्रिय भाई प्रमेन्द्र, <BR/><BR/>मैं आपकी स्पष्ट सोच और राष्ट्रीय विचारधारा का समर्थक रहा हुँ. लेकिन आपकी इस पोस्ट से और आपके देबुदा को लेकर विचारों से नहीं. <BR/><BR/>मित्र आप बहुत युवा हैं. उत्तेजित हो जाते हैं. मुझे यकीन है कि आज से 15 - 20 वर्ष बाद आप इस पोस्ट को पढेंगे तो अपनी भाषा पर हसेंगे. <BR/><BR/>देबु दादा ने क्या गलत कहा आपसे मुझे तो यही समझ नही आ रहा. उन्होने एक ग्रुप बनाया था पंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.com