tag:blogger.com,1999:blog-30482424.post2400067340266474209..comments2024-03-22T07:37:13.933+05:30Comments on महाशक्ति: वामपंथी सरकार ने किया स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अनोखा सम्मान तोड़ दिया मंगल पांडेय की स्मृति मीनारPramendra Pratap Singhhttp://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-51741794755396376212007-05-18T19:41:00.000+05:302007-05-18T19:41:00.000+05:30इसमें हैरानी कैसीवामपंथी तो होते ही हैं देश के दुश...इसमें हैरानी कैसी<BR/><BR/>वामपंथी तो होते ही हैं देश के दुश्मनAdminhttps://www.blogger.com/profile/13066188398781940438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-19770824605698307192007-05-10T12:10:00.000+05:302007-05-10T12:10:00.000+05:30उपरोक्त संजय भाई जी की भूल से आई टिप्पणी को पंकज...उपरोक्त संजय भाई जी की भूल से आई टिप्पणी को पंकज भाई के आदेशानुसार हटा दिया गया है। कृपया अन्यथा अर्थ मे न लें। <BR/><BR/>प्रमेन्द्रPramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-23282794859885392612007-05-10T11:28:00.000+05:302007-05-10T11:28:00.000+05:30उपरोक्त टिप्पणी मेरी है, प्रमेन्द्र भाई हो सके तो ...उपरोक्त टिप्पणी मेरी है, प्रमेन्द्र भाई हो सके तो ठीक कर देना. <BR/><BR/><BR/>बहुत दुखद घटना है, लेकिन संजयभाई और नीरज बाबु ने सही कहा है. <BR/><BR/>शहीद तो हमारे दिलों में है, किसी "वादी" सरकार के करतुत से क्या होता है.<BR/><BR/>इन वामपंथियों का चीन प्रेम कोई छुपा हुआ नही है.<BR/><BR/>एक और बात इन रियाज़ साहब को कहना चाहुंगा कि कोई अगर अच्छा लिखता है तो तारीफ करना सिखीए . और अगर नही होती तो कम सेपंकज बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/05608176901081263248noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-43722992483217540012007-05-10T11:26:00.000+05:302007-05-10T11:26:00.000+05:30इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-64134959464800540362007-05-10T07:02:00.000+05:302007-05-10T07:02:00.000+05:30बेहद दुःखद घटना है ये.. साथ साथ नीरज दीवान का कहना...बेहद दुःखद घटना है ये.. साथ साथ नीरज दीवान का कहना भी बहुत अर्थपूर्ण है.. उनकी बात में तत्व है..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-85244561246086385492007-05-09T19:42:00.000+05:302007-05-09T19:42:00.000+05:30बहुत दुखद: घटना है, मैं भी आपके साथ इसकी निन्दा कर...बहुत दुखद: घटना है, मैं भी आपके साथ इसकी निन्दा करता हूँ, पर जितना दुख: इस घटना से हुआ उतना ही दुख इस लेख पर रियाज उल हक जी की अशोभनीय टिप्प्णी से हुआ। <BR/>सबसे घटिया टिप्प्णी का अवार्ड अगर दिया जाये तो आज के इस लेख पर रियाज-उल-हक की टिप्प्णी को दिया जाना चाहिये। <BR/>बधाई हो हक जीSagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-40432901407912770662007-05-09T19:01:00.000+05:302007-05-09T19:01:00.000+05:30चिंता छोड़ो.. ये राजनीतिक एजंडे हैं. कोई बनवाता है...चिंता छोड़ो.. ये राजनीतिक एजंडे हैं. कोई बनवाता है कोई तुड़वा देता है. अमर शहीदों के जीवन प्रसंग प्रेरणा लेने योग्य होते हैं. कुछ कर गुज़रने का माद्दा रखना चाहिए.. अगरबत्ती जलाने से उनकी आत्माओ को ख़ुशी नहीं मिलेगी. <BR/>अब देखो ना.. भगत सिंह की शहादत पर संघ परिवार का पांच्जन्य छाप रहा था कि वे पक्के वेदांती परिवार मे पले-बढ़े और हिन्दू राष्ट्रवाद के पैरोकार थे.. जबकि दूसरी ओर हमने वामपंथियों के Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-73959831835989889022007-05-09T18:31:00.000+05:302007-05-09T18:31:00.000+05:30वाक़ई यह बहुत दु:खद घटना है। हर दल का अपना-अपना एजे...वाक़ई यह बहुत दु:खद घटना है। हर दल का अपना-अपना एजेण्डा है और उसके लिए स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों तक को नहीं बख़्शा जाता है।<BR/><BR/>जहाँ तक रेयाज़-उल-हक़ जी की टिप्पणी का सवाल है, वह भी उतनी ही दु:खद है। यह टिप्पणी बतलाती है कि किस तरह हमने अपने नायकों को भी बांट लिया है। अपने-अपने "पंथों" से ऊपर उठ तटस्थ भाव से इतिहास को देखने और समझने की ज़रूरत है।Pratik Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02460951237076464140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-73174422499197618382007-05-09T17:26:00.000+05:302007-05-09T17:26:00.000+05:30आपका आक्रोश समझ सकता हूँ, शहीद देश वासियों के दिलो...आपका आक्रोश समझ सकता हूँ, शहीद देश वासियों के दिलो में बसे है. भेड़ीयों को नोचने दो स्मारक.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-86534610232995470612007-05-09T14:35:00.000+05:302007-05-09T14:35:00.000+05:30रियाज उल हक जी,मैनें किसी संद्य विचार धारा के व्य...रियाज उल हक जी,<BR/><BR/><BR/>मैनें किसी संद्य विचार धारा के व्यकित की मीनार तोड़ने की बात नही किया है। जब हेडगवार और गुरूजी के लिये हम ऐसी माँग करेगें तो और आप हमारे साथ होगें तो यकीन रखिऐगा हम भी आपके साथ रहेगें। <BR/><BR/>और ये आजादी के 50 साल बाद भी आप अब कौन सी आजादी चाहते है ? भारत से मुस्लिमों कों आजादी तो आज से 50 साल पहले पाकिस्तान निर्माण के वक्त ही मिल गई है और अब किसी प्रकार की Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-43718886992365546192007-05-09T13:26:00.000+05:302007-05-09T13:26:00.000+05:30जैसे रियाज ने कहा (बल्कि गरियाया दीनदयाल उपाध्याय ...जैसे रियाज ने कहा (बल्कि गरियाया दीनदयाल उपाध्याय को) वैसे ही हमारे यहाँ हक है हर किसी को गाली देने का, आप किसी को भी गुण्डा कह सकते हैं, किसी की भी मूर्ति तोड सकते हैं, सावरकर को भी क्रांतिकारी मानने से इन्कार कर सकते हैं, वन्देमातरम का विरोध भी कर सकते हैं, सरस्वती वन्दना को भी सांप्रदायिक बता सकते हैं, यानी कि सब कुछ किया जा सकता है इस "लोकतन्त्र" (?) में... दर असल हमारा देश एक ऐसी भीड़ में Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-1836919025000771692007-05-09T12:30:00.000+05:302007-05-09T12:30:00.000+05:30महाशक्ति जी, पांडे ने ये को ना जाने, इन सुसरो ने ख...महाशक्ति जी, पांडे ने ये को ना जाने, इन सुसरो ने खुद तो देस खातिर कुछ किया नाहि। इन का जोर चले तो ये आप्णे को देश भगत घोषित करवा देवे सब को हटा के।क्यूँ भैया ठीक कही ना?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-61889661650328598102007-05-09T11:47:00.000+05:302007-05-09T11:47:00.000+05:30यहां पटना में एक बुक्सेलर पीर अली 1857 में शहीद हु...यहां पटना में एक बुक्सेलर पीर अली 1857 में शहीद हुआ था-उसे फ़ांसी दे दी गयी थी. मगर आज उसकी शहादत स्थल पर संघ के लोगों का कब्ज़ा है. वहां बच्चों का पार्क बना दिया गया है और उस जगह का नाम दीनदयाल उपाध्याय जैसे व्यक्ति के नाम पर रख दिया गया है जो ऐसे गुंडा गिरोह से तालुक रखता है जो न सिर्फ़ हमारी आज़ादी की लड़ाई का गद्दार है बल्कि देशद्रोही भी है. <BR/>आइए, आप पीर अली की शहादत स्थल की मुक्ति की मांग Reyaz-ul-haquehttps://www.blogger.com/profile/07203707222754599209noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-83972613290478294352007-05-09T11:09:00.000+05:302007-05-09T11:09:00.000+05:30मैं इन पर थूक कर अपने थूक को अपमानित नहीं करना चाह...मैं इन पर थूक कर अपने थूक को अपमानित नहीं करना चाहता.<BR/><BR/>इन लोगों के लिये तो ये हीरो है हीं नहीं. वो तो धर्म के लिये लढ़ रहे थे <BR/><BR/>जिन लोगों नो नेताजी सुभाष तक के लिये अपशब्द प्रयोग किये, आप उनसे क्या उम्मीद रख सकते है़dhurvirodhihttps://www.blogger.com/profile/14333651535802973230noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-6596748671547396412007-05-09T10:32:00.000+05:302007-05-09T10:32:00.000+05:30महाश्क्ती भाई देखो इतना सम्मान बहुत है कि ११ तारीख...महाश्क्ती भाई देखो इतना सम्मान बहुत है कि ११ तारीख को नही तोडा ,वो अपना विरोध प्रकट कर रहे है उनका बस चले भारत आज चीन का हिस्सा घोषित हो जाये ये भारत के कब है कब थेArun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.com