tag:blogger.com,1999:blog-30482424.post2524419468670730007..comments2024-03-22T07:37:13.933+05:30Comments on महाशक्ति: मै अनूगूँज का बहिष्कार करता हूँPramendra Pratap Singhhttp://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-34214677844427785972007-11-21T16:47:00.000+05:302007-11-21T16:47:00.000+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-12874346523283148502007-11-21T16:46:00.000+05:302007-11-21T16:46:00.000+05:30बहुत सही तेवर हैं, आपके । आवाज़ ज़रूर उठानी चाहिये ।...बहुत सही तेवर हैं, आपके । आवाज़ ज़रूर उठानी चाहिये ।<BR/>मैंने ज्ञानदत्त जी को एक व्यक्तिगत मेल में य्ह लिखा भी था कि हिंदी का जितना नुकसान इन हिंदी के मठाधीशों ने किया है उतना तो मुगल<BR/>और फिरंगियों ने भी न किया होगा ।<BR/>हिंदी का मुद्रण साहित्य आपस की गुटबंदी से 80 के दशक में रसातल की ओर बढ़ चला था । कतिपय चारण अंधा बांटे रेवडी़ की कतार में हमेशा लगे दिखते थे । मैंने तो अनुगूंज पर जाना ही छोड़ डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-44756322763067578892007-11-13T23:20:00.000+05:302007-11-13T23:20:00.000+05:30बंधु, यदि पक्षपात हो रहा है, और आपकी टिप्पणियां वह...बंधु, यदि पक्षपात हो रहा है, और आपकी टिप्पणियां वहां से हटाई जा रही है तो यह तो गलत बात है!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-12820265167411567272007-11-13T21:16:00.000+05:302007-11-13T21:16:00.000+05:30ऐसा नहीं चलेगा.. जिस दिन हम अनूंगूंज आयोजित करेंग...ऐसा नहीं चलेगा.. जिस दिन हम अनूंगूंज आयोजित करेंगे उस दिन आपको लिखना ही पड़ेग यह हमारा आदेश है। समझे... :) <BR/>(स्माईली लगा दी है ) <BR/>अब मुस्करा भी दो भाई।Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-47252561800969139492007-11-13T20:40:00.000+05:302007-11-13T20:40:00.000+05:30ऐसा है तो आपके साथ निश्चित गलत हुआ। मुझे आपसे सहान...ऐसा है तो आपके साथ निश्चित गलत हुआ। मुझे आपसे सहानुभूति है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-39548385145410776812007-11-13T20:30:00.000+05:302007-11-13T20:30:00.000+05:30प्रिय परमेंद्र,कुछ व्यावहारिक तरीके से सोचो !1. एक...प्रिय परमेंद्र,<BR/><BR/>कुछ व्यावहारिक तरीके से सोचो !<BR/><BR/>1. एक बार में किसी के बारे में कोई राय न बनाओ. कम से कम तीन बार कोशिश करने के बाद ही किसी के विरुद्ध राय बनानी चाहिये. (अनुगूंज से मेरा कोई संबंध नही है अत: यह एक निर्गुट राय है).<BR/><BR/>2. अपने चिट्ठे पर आपने कई ऐसे चिट्ठों को कडी दी है जो कभी किसी को भी कडी नहीं देते. तो फिर शिकायत क्यो ?<BR/><BR/>3. सारथी जैसे "निर्गुट" चिट्ठेShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-45899939676846512252007-11-13T19:09:00.000+05:302007-11-13T19:09:00.000+05:30भाई, हर बार भिन्न व्यक्ति अनुगूंज आयोजित करता है। ...भाई, हर बार भिन्न व्यक्ति अनुगूंज आयोजित करता है। पहले आपकी पोस्ट शामिल नहीं हुई, इसका मतलब यह नहीं है कि आगे भी शामिल नहीं की जाएगी। लोग अलग, सोच अलग।Pratik Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02460951237076464140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-13172251866399879552007-11-13T18:49:00.000+05:302007-11-13T18:49:00.000+05:30यह पोस्ट किसी व्यक्ति विशेष को लेकर नही है, सिर्...यह पोस्ट किसी व्यक्ति विशेष को लेकर नही है, सिर्फ व्यवस्था को लेकर है। मेरा बहिष्कार सिर्फ अनुगूँज से न कि लेखन से।Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-31677394045418994412007-11-13T18:47:00.000+05:302007-11-13T18:47:00.000+05:30@ श्री सुनील दीपक जी आज फिर से आपसे थोडा़ कष्ट हु...@ श्री सुनील दीपक जी आज फिर से आपसे थोडा़ कष्ट हुआ है। आपने ठीक से लेख पढ़ा नही कृपया ध्यान दीजिए<BR/><BR/>मैने इस पोस्ट में कहा है-<BR/><BR/>1 मैने इस पोस्ट में अनुगूँज को लेकर बात की है। <BR/>2 मुझे बढि़या बहुत बढि़या आदि टिप्पणी नही चाहिए। लै टिप्पणी दै टिप्पणी से तात्पर्य है तू चल मै आया से है। कि कुछ लोग सिर्फ एक दूसरे के ब्लागों तक ही सीमित है। <BR/>3 मेरी टिप्पणी अनुगूँज पृष्ट Pramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-64762906630366317542007-11-13T18:28:00.000+05:302007-11-13T18:28:00.000+05:30आपकी बात से सहमत हूँ. मैने पहले भी इस तरह की गुटबा...आपकी बात से सहमत हूँ. मैने पहले भी इस तरह की गुटबाजी के प्रति लिखा था. आप तो बस लिखते रहिये.धीरे धीरे टिप्पणीयां भी बढ़ जायेंगी.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-75536587953860076242007-11-13T18:23:00.000+05:302007-11-13T18:23:00.000+05:30परमेंद्र जी, इतना गुस्सा वह भी टिप्पणी न मिलने का?...परमेंद्र जी, इतना गुस्सा वह भी टिप्पणी न मिलने का? टिप्पणी न होने का यह अर्थ नहीं कि किसी ने पढ़ा नहीं. कभी कभी आलस के मारे में टिप्पणी न लिख पाते पर इसमें गुस्से से अपना खून जलाना ठीक नहीं. :-)Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-6144385899647504682007-11-13T17:39:00.000+05:302007-11-13T17:39:00.000+05:30प्रमेन्द्र जी,आपका कहना एक दम ठीक है. वैचारिक मतभे...प्रमेन्द्र जी,<BR/><BR/>आपका कहना एक दम ठीक है. वैचारिक मतभेद कभी भी एक दूसरे को इज्जत देने में आड़े नहीं आना चाहिए. आपका नया ब्लॉग बहुत ही बढ़िया लगा मुझे. उसमें जिस तरह से विभिन्न विषयों पर लिखा जाता है, वो वाकई में तारीफ के काबिल है.<BR/><BR/>रही बात लिंक देने या नहीं देने की, तो ये कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. आप अच्छा लिखते हैं और इतने सारे विषयों पर लिखते हैं कि आपके पाठक बहुत हैं. अनुगूंज मेंShivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-30482424.post-19558673023361991342007-11-13T17:12:00.000+05:302007-11-13T17:12:00.000+05:30anugoonj bhalaa kya hai ?kya yah koi saahityik abh...anugoonj bhalaa kya hai ?kya yah koi saahityik abhiyaan hai ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com