हाईकू प्रयास



मैने पहली बार हाईकू करने का प्रयास किया है पता नही कितना सफ़ल हूँ, यह तो आपकी प्रतिक्रियाओ से ही पता चलेगा। :)

गंगा की धार
करती है प्रहार
कि मै गंगा हूं ।


गंगा का पानी,
है कहनी कहानी
मै पावन हू।


शब्‍दो की भाषा
लाती है नई आशा

कि उठ जाओ।


माता का प्यार
दिलाता है दुलार
कि मै पुत्र हूँ


पिता का डांट
देता है एहसास
कि वे पिता है।


दीदी की राखी
एहसास दिलाती
कि मै भाई हूँ।


भाई का साथ
दिलाता है विश्वास
कि मै साथ हूँ


मेरा अनुज
दिलाता एह्सास
कि मै बड़ा हूँ।


पत्नी का प्यार
कहता है कि अब
तुम मेरे हो।


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सास को लेकर भागा दामाद बेटी(पत्नी) पहुची कानून के पास



कहते हैं इश्क पर कोई जोर नहीं चलता। यह कभी भी, कहीं भी और किसी से भी हो सकता है। इस बात को सच साबित कर दिखाया मध्य प्रदेश के एक दामाद और उसकी सास ने। इनके बीच ऐसा जबर्दस्त चक्कर चला कि सामाजिक मर्यादा को तिलांजलि दे दोनों घर से भाग निकले। यह दिलचस्प वाकया राज्य के सीहोर जिले में हुआ। कालापीपल गांव के निवासी पप्पू मालवीय की शादी पास के एक गांव की लड़की से हुई। शादी के बाद पप्पू अपने ससुराल में ही रहने लगा। इस बीच पप्पू और उसकी सास की आंखें चार हुई और कुछ ही दिनों के बाद दोनों भाग गए। फिलहाल, दोनों भोपाल में रह रहे हैं। लेकिन इस सबसे के बीच पप्पू की पत्नी की जिंदगी तबाह हो गई। वह अपने पति को वापस पाने के लिए दर दर की ठोकरें खा रही है। उसने इस मामले में जिले के परिवार परामर्श केंद्र का दरवाजा भी खटखटाया है। केंद्र के पहले बुलावे को तो पप्पू और उसकी सास ने नजरअंदाज कर दिया। दोनों दूसरे बुलावे पर बड़ी मुश्किल से पहुंचे, लेकिन उन्होंने एक दूसरे का साथ छोड़ने से साफ इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने इस मुद्दे पर विचार के लिए कुछ समय मांगा है। केंद्र ने मामले की सुनवाई के लिए चार फरवरी की तिथि तय की है।


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हँसना भी जरूरी - भाग दो



यमराज जी एक आदमी को नरक में लेकर गए। आदमी ने देखा कि एक महात्मा जी अप्सरा के साथ डांस कर रहे थे।
आदमी ने यमराज जी से पुछा - इस महात्मा की सजा इतनी मजेदार क्यों है?
यमराज जी आदमी से कहा - यह महात्मा की नहीं अप्सरा की सजा है।

मिनी जोर-जोर से भगवान से प्रार्थना कर रही थी कि हे भगवान मास्को को चीन की राजधानी बना दो।
उसके पापा ने जब यह सुना तब वह बोले- मिनी, यह क्या अनाप-शनाप प्रार्थना कर रही हो?
मिनी ने जवाब दिया- क्या बताऊं पापा,आज भूगोल के पेपर में गलती से मैंने मास्को को चीन की राजधानी लिख दिया है।

भिखारी ने एक आदमी से - साहब एक रुपया दे दो, कुछ खा लूंगा।
साहब, भिखारी से कहा - तुम्हें शर्म नहीं आती, सड़क पर खड़े होकर भीख मांग रहे हो।
भिखारी (खिसियाता हुआ)- तो क्या करूं साहब, भीख मांगने के लिए दफ्तर खोल लूं!
पुलिस की नौकरी के लिए सुधीर इंटरव्यू देने गया।
कप्तान (सुधीर से)- अगर बिना लाठी या गोली चलाए तुम्हे भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कहा जाए तो क्या करोगे?
सुधीर (कप्तान से)- मैं झोली फैलाकर चंदा मांगने लगूंगा।

नौकरानी (मालकिन से)- आप उदास क्यों हैं?
मालकिन (नौकरानी से)- तुम्हारे साहब अपने ऑफिस की टाइपिस्ट से प्यार करने लगे हैं।
नौकरानी- नहीं ऐसा नहीं हो सकता है यह बात आप मुझे जलाने के लिए कह रही हैं।
अध्यापक (एक छात्र के पिता से)- जी आपका बेटा कक्षा में सबसे कमजोर है।
पिता (अध्यापक से)- भगवान की दया से घर में दो-दो गाय हैं, घी दूध की भी कमी नहीं है। मालूम नहीं फिर भी यह क्यों कमजोर है।

पत्रकार नेता से)- अगर कोई आपकी पार्टी का आदमी किसी दूसरी पार्टी में चला जाए तो आप उसे क्या कहेंगे?
नेता पत्रकार से - हम उसे गद्दार कहेंगे।
पत्रकार नेता से - और अगर कोई दूसरी पार्टी का आदमी आपकी पार्टी में आ जाए तो?
नेता - हृदय परिवर्तन।

जेलर (कैदी से)- तुम किस अपराध के कारण जेल आए हो?
कैदी (जेलर से)- सरकार से कम्पटीशन हो गया था।
जेलर (कैदी से)- किस बात का?
कैदी (जेलर से)- नोट छापने का।

एक रिर्पोटर महोदय एक निशानेबाज का इंटरव्यू लेने पहुंचे। घर में घुसते ही वे चकित हो गए। दीवारों पर पेंसिल के छोटे-छोटे घेरे थे और उनके बीचों बीच गोलियों के निशान थे।
यह देखकर गदगद भाव से रिपोर्टर ने निशानेबाज से पूछा -आप महान हैं। आपका निशाना अचूक है। बताइए यह सब कैसे संभव हुआ?
इस पर निशानेबाज ने कहा- बहुत आसानी से साहब! पहले मैं दीवार पर गोली चलाता हूं। उसके बाद निशाने के इर्द गिर्द पेंसिल से घेरा बना देता हूं।

पति-पत्नी डेंटिस्ट के पास पहुंचे। पत्नी ने कहा, डॉक्टर साहब दांत निकलवाना हैं। जरा जल्दी में हूं। इसलिए बिना किसी पेन किलर का प्रयोग किए दांत को जल्द से जल्द उखाड़ डालिए।
डॉक्टर- अरे वाह ! आप तो बहुत बहादुर महिला हैं, दिखाइए तो जरा, कौन सा दांत निकलवाना है।
पत्नी-(पास बैठे पति से)- ए जी, जरा मुंह खोलो और डॉक्टर साहब को दांत दिखाओ।

पत्नी (गुस्से में)- आज तक तुमने अपनी जिंदगी में किया ही क्या है?
पति (गर्व से)- मैंने अपना जीवन खुद बनाया है।
पत्नी- लो, और मैं हूं कि अब तक ईश्वर को दोष दे रही थी।


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