आज मुझे अपने ब्लॉग लेखन से काफी निराशा हुई,इससे ज्यादा किसी के लिये खराब बात क्या होगी जो स्वयं से निराश हो। जैसा कि मैंने पिछले लेख में कुछ लिखा था और मैंने जिस कारण से लिखा, परिणाम ठीक 180 अंश विपरीत मिला। परिणाम कुछ भी निकला, किन्तु तो निकला।
मेरी इस पोस्ट में प्रथम से लेकर अंत तक जितनी भी टिप्पणी रही, मैने हर टिप्पणी के पीछे अपने लेख को दो दो बार पढ़ा और टिप्पणी के भाव को समझने की कोशिस की, किन्तु मै असफल रहा।
मै बात को ज्यादा विस्तार नहीं दूंगा, अब कहे जाने योग्य कुछ नही है। किन्तु इतना जरूर प्रण करता हूँ कि अब मै किसी ब्लागर के बारे में कभी नहीं लिखूँगा। इस कड़ी मे यह मेरी अंतिम पोस्ट है।
पिछले सभी संबंधित पोस्टों में से, मै दिये गये नाम हटा रहा हूँ।मित्रवत व्यवहार तक नामों का उल्लेख संभव रहेगा, किन्तु अब ब्लॉगर के रूप में मेरी पोस्ट में किसी का नाम नहीं आएगा।
मेरी इस पोस्ट में प्रथम से लेकर अंत तक जितनी भी टिप्पणी रही, मैने हर टिप्पणी के पीछे अपने लेख को दो दो बार पढ़ा और टिप्पणी के भाव को समझने की कोशिस की, किन्तु मै असफल रहा।
मै बात को ज्यादा विस्तार नहीं दूंगा, अब कहे जाने योग्य कुछ नही है। किन्तु इतना जरूर प्रण करता हूँ कि अब मै किसी ब्लागर के बारे में कभी नहीं लिखूँगा। इस कड़ी मे यह मेरी अंतिम पोस्ट है।
पिछले सभी संबंधित पोस्टों में से, मै दिये गये नाम हटा रहा हूँ।मित्रवत व्यवहार तक नामों का उल्लेख संभव रहेगा, किन्तु अब ब्लॉगर के रूप में मेरी पोस्ट में किसी का नाम नहीं आएगा।
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