मनुष्य तू बडा महान् है




 
धरती की शान तू भारत की सन्तान
तेरी मुठ्ठियों में बन्द तूफ़ान है रे
मनुष्य तू बडा महान है भूल मत
मनुष्य तू बडा महान् है ॥धृ॥ 
तू जो चाहे पर्वत पहाडों को फोड दे
तू जो चाहे नदीयों के मुख को भी मोड दे
तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड दे
तू जो चाहे धरती को अम्बर से जोड दे
अमर तेरे प्राण ---२ मिला तुझको वरदान
तेरी आत्मा में स्वयम् भगवान है रे॥१॥ 
---मनुष्य तू बडा महान है
नयनो से ज्वाल तेरी गती में भूचाल
तेरी छाती में छुपा महाकाल है
पृथ्वी के लाल तेरा हिमगिरी सा भाल
तेरी भृकुटी में तान्डव का ताल है
निज को तू जान ---२ जरा शक्ती पहचान
तेरी वाणी में युग का आव्हान है रे ॥२॥
----मनुष्य तू बडा महान् है
धरती सा धीर तू है अग्नी सा वीर
तू जो चाहे तो काल को भी थाम ले
पापोंका प्रलय रुके पशुता का शीश झुके
तू जो अगर हिम्मत से काम ले
गुरु सा मतिमान् ---२ पवन सा तू गतिमान
तेरी नभ से भी उंची उडान है रे ॥३॥
---मनुष्य तू बडा महान है






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चुटकुले - हँसना मना है






रामदयाल जी नें अपने आंगन शिवलिंग स्थापित कर, रोज़ पूजा की. एक दिन उनका 10 वर्षीय पुत्र आनंद पतंग उडा रहा था. पतंग आंगन में लगे झाड में फंस गई. जब सब कोशिश बेकार साबित हुई तब आनंद शिवलिंग पर चड ग़या जिससे उसे पतंग उतारने में आसानी हुई. रामदयाल जी खिडक़ी से यह सब देख झल्लाए और डांटते-चिल्लाते बाहर आए. आकर देखा भगवान शंकर प्रगट हैं. रामदयाल जी भगवान शंकर को दंडवत कर बोले, ''प्रभु, मैंने कई वर्षो से आपकी पूजा की परन्तु आपनें कभी दर्शन नहीं दिए!'' भगवान शंकर ठहरे भोले भंडारी, रामदयाल जी को बोले, ''पूजा-पाठ तो बहुत किया तुमनें पर हमें प्रसन्न करने हेतू केवल धतूरा, पुष्प और दूध ही चडाते रहे. आनंद को दर्शन हमनें इसलिए दिये क्योकि वह तो हम पर स्वयं ही चड ग़या.''

एक दिन एक आदमी काम के बजाय घर पर था और हर जगह दर्द महसूस कर रहा था. अगले दिन वह डॉक्टर के पास गया यह जांच कराने के लिए कि ये सब क्या है. अन्दर घुसने पर डॉक्टर ने उसकी परेशानी पूछी तब वह बोला- ''हर बार मेरा शरीर छूने से दर्द उठता है. जब मैं चेहरे को, हाथ को और पैरों को छूता हूं तो हमेशा दर्द होता है.'' डॉक्टर ने उसका एक्सरे लिया और वापस आकर बोला ''तुम्हारे साथ कोई समस्या नहीं है सिवाय इसके कि तुम्हारी उंगली टूटी हुई है.''


एक छोटी लडक़ी और एक छोटा लडक़ा खेल रहे थे.
लडक़ी लडक़े के पास पहुंची और बोली, ''टॉमी, 'घर' का खेल खेलोगे ?''
उसने कहा ,''हां ,क्यों नहीं. तुम मुझसे क्या करवाना चाहती हो?''
लडक़ी ने जवाब दिया ,'' मैं चाहती हूं तुम अपनी भावनाएं व्यक्त करो.''
''भावनाएं व्यक्त करूं ! '', परेशान से टॉमी ने कहा ,''मुझे पता नहीं इसका क्या मतलब होता है.''
लडक़ी व्यंग्य से मुस्कुरायी और बोली, ''बिल्कुल सही. तुम 'पति' बन सकते हो.''



एक आदमी ने अपने डॉक्टर को बताया कि अब वह घर में वो सब काम नहीं कर पाता जो वो पहले किया करता था. जब सभी परीक्षण पूरे हो गए तो वो बोला, '' डॉक्टर, मैं सह सकता हूं. आप मुझे सरल भाषा में बताइए कि बात क्या है?''

''सरल भाषा में कहा जाए'', डॉक्टर ने जवाब दिया, ''तो तुम केवल आलसी हो.''
''ठीक है'', आदमी ने कहा, ''अब मुझे कोई डॉक्टरी नाम बताइए जो मैं अपनी बीवी को बता सकूं.''

एक शेर की शादी थी.
उसकी बारात में एक चूहा जम के नाच रहा था.
यह देख कर जन्ता का फन्दा ही हिल गया.
इस चूहे को शेर की शादी में इतना मज़ा काहे को आ रहा है.
तब एक बन्दर ने चूहे से पूछा - अबे, इतना क्यों नाच रहा है?
चूहा बोला - आज मेरे भाई की शादी है, नाचूं क्यों नही?
बन्दर बोला - चल हट, शेर और तेरा भाई!
चूहा बोला - मैं भी शादी से पहले शेर था''.


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