आज का दिन जरा हट के



आज बहुत दिनों बाद सीधे ब्लॉगर अकाउंट पर कुछ लिख रहा हूँ, क्योंकि अभी तक मै लेख आदि पोस्‍ट करने के लिये विन्‍डोज लाइव राइटर का उपयोग करता था। सीधे लिखने का अपना ही मजा होता है, और मजे के साथ लिखने का अपना विशेष मजा होता है। :)

काफी दिनों से ब्लॉग की नजदीकियों से दूर था अपनी समस्याओं और समस्‍या के समाधान के निस्तारण के कारणों से, आज सूर्य ग्रहण भी दिखा, हमने आज वर्षा जी की महाशक्ति समूह पर आई पोस्‍ट के कारण हमने पूरे परिवार के साथ सूर्यग्रहण देखा, गोल्डन रिंग का विहंगम दृश्य का भी अवलोकन किया। चूँकि सूर्यग्रहण को धर्म से जोड़ कर देखा जाता है तो इस बीच में भक्ति भावना को भी कायम रखने का प्रयास किया गया। आज काफी दिनों बाद परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठे और राम चरित मानस के सस्वर पाठ का आनंद लिया।

सूर्य ग्रहण समाप्त हो गया है, अब नहाने जा रहा हूँ जल्द ही मिलूँगा, एक नई बात लेकर।


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अंतककियों का अगला निशाना भोपाल/शिमला तो नही



जयपुर, बेंगलुरु और उसके बाद अहमदाबाद, जिस प्रकार भाजपा शासित राज्यों पर लगातार हमले हो रहे है, इससे यह जान पड़ता है कि आतंकियों का अगला निशाना अब भोपाल या शिमला हो सकता है। आतंकवाद भाजपा या कांग्रेस नही देखता है किन्तु जो परिदृश्य दिख रहा है कि यह सुनियोजित तरीके से देश के ही तत्व यह कुकृत्‍य कर रहे है।

देश के भीतर पल रहे विषबीजों का काम है जो आने वाले चुनावों में भाजपा के शासन को कलंकित दिखाना चाहते है। जिस प्रकार की हरकत केन्द्र सरकार ने संसद में कि उससे तो यही लगता है कि सरकार सत्ता के लिये कुछ भी कर सकती है, अगर बम विस्फोट भी होते हैं तो इसमें कोई शक नहीं कि खुफिया तंत्र की विफलता के पीछे सरकार का ही हाथ होता है। राजनीति का स्तर सत्ता की भूख के लिये इतना गिरना नहीं चाहिये।

भगवान दोनों जगह हुए विस्फोट में शहीद हुए लोगों की आत्मा को शान्ति प्रदान करें।


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