मदद के लिये आभार, आखिर हल मिल ही गया



पिछले कुछ दिनो से मेरा ब्लॉग एक अजीब सी समस्या से जूझ रहा था, उस समस्या के निजात के लिये ब्लॉग समूह से मदद माँगी थी। पोस्ट लिखता था पोस्‍ट मेन पेज पर तो दिखती थी किन्तु पोस्ट के रूप में नही दिख रही थी। परसो मै और जीतू भाई काफी देर तक इस समस्या पर विचार करते रहे किंतु समस्या का समाधान हो ही नहीं रहा था,जीतू भाई भी अपना अमूल्य समय निकाल कर मेरी सहायता करने में लगे थे।

मेरा ब्लॉग दो जगहों पर रिडाईरेक्‍ट हो रहा था, जो एक तकनीकी कमी थी, अन्तोगत्वा जीतू भाई के अनुसार मैने अगले दिन फिर से काम प्रारंभ किया। काम मे लगा ही था कि श्री विजय तिवारी किसलय जी से सुखद बात हुई उनसे बात करने के बाद तो मन प्रसन्न हो हो गया। उनसे बात समाप्त हुई है और जैसे फिर ब्लॉग में हाथ लगाया अपने आप समस्‍या समाप्‍त हो गई।
मुझे एहसास हुआ कि किसी काम की सफलता के पीछे मेहनत के साथ-साथ सही समय का हो भी आवश्यक होता है।


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अदिति ने क्‍यो मारा ?



आज करीब साढ़े 3 साल की अदिति अपनी 6 महीने की की छोटी बहन को तीन-चार झापड़ मार दिया। मुझे कारण नहीं पता था किन्तु मै देख रहा था, और अदिति को ड़ाट दिया, मारा बिलकुल भी नही। मेरी शिकायत अम्मा जी के पास तक पहुंच गई। छोटे चाचा हमको मारे है, दूसर चाचा मगओं। अदिति के रोने गाने के साथ बात खत्म हो गई।
अभी कुछ देर पहले सभी लोग चाय पी रहे थे और सुबह की घटना की चर्चा हुई। पता चला कि अदिति ने छोटी बिट्टी को क्यों मारा। कारण यह था कि छोटी बिट्टी ने बेड गंदा कर दिया था। अदिति ने अम्मा जी से ये शिकायत की थी कि मै उसकी बड़ी बहन हूँ उसको सहूर सिखा रही थी। ये पे हमका छोटे चाचा मारे है।


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