क्‍या है ऐस !



मेरी पिछली पोस्‍ट एक मैच में सर्वाधिक ऐस, फिर भी न जीती रेस पर मेरे शहर के ही वीनस केसरी जी ने ऐस (Ace) के बारे में जानने की इच्‍छा जाहिर की थी। जैसा कि पिछली पोस्‍ट में मैने लिखा था कि क्रोशियाई खिलाड़ी इवो कार्लोविक ने एक मैच में सर्वाधिक ऐस जामये थे।ऐस को समझने से पहले टेनिस के अंक प्रणाली को समझाना होगा, किसी गेम का 1 अंक प्राप्‍त करने के लिये किसी खिलाड़ी को (15-0, 30-0, 40-0 के एक गेम प्‍वाईंट और अर्जित करना होता है) तब किसी खिलाड़ी को 1 अंक प्राप्‍त होता है। ऐसे ही 6 अंक प्राप्‍त करने पर कोई खिलाड़ी 6-0 या 6- 2 या 6-3 से एक सेट जीतता है। इस प्रकार खिलाड़ी को पहले सेट जीत के साथ बढ़त मिल जाती है। दूसर, तीसरा और जरूरत पढ़ने पर चौथा व पाँचवा सेट खेला जाता है।

अब मैं 55 ऐस को इन अंको में रखूँगा पहले ऐस से खिलाड़ी को 15, दूसरे से 30, तीसरे से 40 और चौथे ऐस से खिलाड़ी 1 मैच प्‍वाईनट हासिल कर लेगा। इस प्रकार 55 ऐसे कुल इस तरह करीब 14 सेट प्‍वाइंट मिलेगे, और इस14 सेट प्‍वाइंट से सिर्फ ऐस के द्वारा खिलाडी़ कुल 3 सेटों के मैच को 6-0, 6-0 से जीत सकता है और 5 सेटों के मैंच में 6-0,6-0,2-0 से आगे होगा।

क्‍या होता है - ऐस ऐस खिलाड़ी के सर्विस(जब एक खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ी की ओर गेंद मारता है) दौरान पाया जाता है, इसे प्रथम खिलाड़ी द्वारा गेंद मारे जाने पर विरोधी खिलाड़ी गेंद को नही मार( सर्विस करने वाले खिलाड़ी की ओर ) पाता है तो कह की ऐस लग गया। वर्तमान में विम्‍बड़न चल रहा है आप असानी से ऐस को देख सकते है। ऐस खिलाड़ी की सर्विस क्षमता और चपलता को दर्शाता है।

निम्‍न वीडियों में आप ऐस को बाखूबी से देख सकते है -

 
चित्र साभार- सर्विस करते चारो ग्रैन्‍डस्लैम विजेता रोजर फेडरर


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एक मैच में सर्वाधिक ऐस, फिर भी न जीती रेस



विम्बलडन (Wimbledon) का महासमर आज से शुरू हो रहा है। नाडाल के हटने के बाद सबकी निगाहें अब विंबलडन के सरताज रोजर फेडरर पर ही रहेगी। आज टेनिस (Tennis) के बारे में पढ़ रहा था तो एक बहुत ही रोचक तथ्य सामने आया मै पढ़ और देख दोनों श्रेणियों से दंग था। आज मै क्रोशिया के इवो कार्लोविक (Ivo Karlovic) के बारे में पढ़ रहा था। यह दुनिया का एकमात्र पहला खिलाड़ी है जिसने किसी मैच में 50 से अधिक ऐश (Ace) लगाये है और यह कारनामा यह दो बार कर चुके है किन्तु र्दुभाग्‍य है कि दोनों ही मैचों में इस खिलाड़ी को हार का सामना करना पड़ा था।
 
इवो कार्लोविक ने 2009 के रोलैंड गर्रोस (Roland Garros) के कोर्ट पर पहले राउन्‍ड में आस्‍ट्रेलिया के लिटेन हेविट (Lleyton Hewitt) के खिलाफ 5 सेटों के मुकाबले में 55 ऐश जमाये थे जबकि पहली बार 2005 बिम्‍बल्‍डन के कोर्ट पर 51 ऐश लगा चुके है। इसे इत्‍फाक कहे गया दुर्भाग्‍य कि दोनो ही मैंचो में इस क्रोशियाई खिलाड़ी को पराजय का समाना करना पड़ा। इवो कार्लोविक एक जुझारू खिलाड़ी है जो कुछ ही दिन ही पूर्व रोजर फेडरर (Roger Federer) को हरा चुके है।

इवो कार्लोविक एक सामान्य सा खिलाड़ी कोई बड़ी उपलब्धि नही किन्तु किसी पूर्व नंबर एक खिलाड़ी के विरुद्ध 54 ऐश वाकई मेरी नजर में तो एक बड़ी उपलब्धि तो है। वर्तमान विम्बडन में 22वीं वरीयता प्राप्त इवो कार्लोविक से काफी चमत्कार की आशा की जा सकती है, अगर फिर से 50 से ज्यादा ऐश एक ही मैच में देखने को मिले तो वाकई एक अनोखा मैच होगा।


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