भारतीय संसद - राष्ट्रपति, राज्यसभा और लोकसभा



The Parliament of India is the supreme legislative body in India. Indian-Parliament-President-Rajya-Sabha-and-Lok-Sabha
संसद (पार्लियामेंट) भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। यह द्विसदनीय व्यवस्था है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति तथा दो सदन- लोकसभा (लोगों का सदन) एवं राज्यसभा (राज्यों की परिषद) होते हैं। राष्ट्रपति के पास संसद के दोनों में से किसी भी सदन को बुलाने या स्थगित करने अथवा लोकसभा को भंग करने की शक्ति है। भारतीय संसद का संचालन 'संसद भवन' में होता है। जो कि नई दिल्ली में स्थित है। लोक सभा में राष्ट्र की जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं जिनकी अधिकतम संख्या ५५२ है। राज्य सभा एक स्थायी सदन है जिसमें सदस्य संख्या २५० है। राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन / मनोनयन ६ वर्ष के लिए होता है। जिसके १/३ सदस्य प्रत्येक २ वर्ष में सेवानिवृत्त होते है। भारत की राजनीतिक व्यवस्था को, या सरकार जिस प्रकार बनती और चलती है, उसे संसदीय लोकतंत्र कहा जाता है।

From the Roli Archives: The Indian Parliament under construction.

सन 1883 के चार्टर अधिनियम में पहली बार एक विधान परिषद के बीज दिखाई पड़े। 1853 के अंतिम चार्टर अधिनियम के द्वारा विधायी पार्षद शब्दों का प्रयोग किया गया। यह नयी कौंसिल शिकायतों की जांच करने वाली और उन्हें दूर करने का प्रयत्न करने वाली सभा जैसा रूप धारण करने लगी। 1857 की आजादी के लिए पहली लड़ाई के बाद 1861 का भारतीय कौंसिल अधिनियम बना। इस अधिनियम को ‘भारतीय विधानमंडल का प्रमुख घोषणा पत्र’ कहा गया। जिसके द्वारा ‘भारत में विधायी अधिकारों के अंतरण की प्रणाली’ का उद्घाटन हुआ। इस अधिनियम द्वारा केंद्रीय एवं प्रांतीय स्‍तरों पर विधान बनाने की व्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए। अंग्रेजी राज के भारत में जमने के बाद पहली बार विधायी निकायों में गैर-सरकारी लोगों के रखने की बात को माना गया।


Share:

कुत्ते का 'रेप करने वाले' को नहीं मिली जमानत (वयस्‍क पोस्‍ट)



हे, भगवान घोर कलयुग आ गया है, आज ईमेल पर एक नवभारत टाइम्स की एक खबर पढ़ने को मिली "कुत्ते का 'रेप करने वाले' को नहीं मिली जमानत" हंसी भी आयी और थोड़ा शर्म भी, कि अब मुझे भी लगने लगा था कि हमारा जनरेशन में बदलाव हो गया है। और तो और जब पेज पर जाकर कमेन्‍ट्स पढ़ा तो और भी हंसी आई।






एक सज्जन कहते है कि - यह कोई नयी बात नहीं है,, मेरे कुछ हरियाणा के दोस्त बताते है कि नयी उमर में मादा डंकी के साथ सेक्स करने पर पिंपल्स नहीं निकलते , इसलिए यह हरियाणा में काफ़ी प्रचलित है अब पता नही कि कितना सही है वैसे मैने सुना है कि शेर के साथ सेक्‍स करने के एड्स और हाथी के साथ कैंसर भी ठीक हो जाता है, कोई रोगी हो और किसी मे इनसे सेक्‍स करने बूता हो सच्चाई का पता चले। :)










खैर आप उस खबर को पढ़ये और आनंद लीजिए और शर्म आये तो मन ही मन अथवा खुल कल हँस लीजिए!




यह रही नवभारत टाइम्स की खबर
यह अपने आप में अनोखा होने के साथ-साथ भारतीय कानून-कायदे के इतिहास में इस तरह का शायद पहला मामला है। कुत्ते का बलात्कार करने के आरोप में 30 अगस्त से जेल में बंद मुंबई के टैक्सी ड्राइवर की जमानत याचिका सेशन कोर्ट ने खारिज हो गई है। आरोपी ड्राइवर का तर्क है कि उसे बेल दे दी जानी चाहिए क्योंकि पुलिस पीड़ित का बयान रेकॉर्ड नहीं कर सकी है।

एक महिला द्वारा अपने पालतू कुत्ते से बलात्कार की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद मुंबई पुलिस ने काफी पसोपेश के बाद ताड़देव से आरोपी टैक्स ड्राइव महेश कामत को गिरफ्तार कर लिया था। कुत्ते का मेडिकल कराने के बाद पुलिस ने पुलिस ने कामत के खिलाफ धारा-377 ( अप्राकृतिक सेक्स का मामला) और जानवरों के खिलाफ क्रूरता रोकने के कानून के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

इस मामले लगभग पिछले एक महीने से जेल में बंद कामत का तर्क है कि उन पर जानवरों के खिलाफ क्रूरता का मामला नहीं बनता है क्योंकि जिस कुत्ते के बलात्कार का आरोप है वह पालतू नहीं है। कामत का यह भी कहना है कि पूरे मामले में उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है।


कोर्ट ने कामत की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि उसके खिलाफ काफी सबूत हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि कामत के ऊपर जिस अपराध का आरोप है वह इलाके के लोगों को व्यथिक करने वाला है और यह जानवरों के खिलाफ क्रूरता भी है।

इस मामले में सबूत के तौर पर पुलिस के पास कुत्ते की मेडिकल रिपोर्ट और कुत्ते की मालकिन होने का दावा करने वाली एकमात्र गवाह का बयान है। इस मामले में पीड़ित का बयान दर्ज करना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर है। पुलिस और कानून विशेषज्ञों का मानना है कि केवल सबूतों के आधार पर मामला चलाने का यह शायद पहला उदाहरण होगा। इसलिए पुलिस ने इस मामले में कामत को कोर्ट में घेरने के लिए डीएनए और फॉरेन्सिक सबूत भी जुटाए हैं।

वैसे इस पोस्‍ट मे कुछ भी वयस्‍क श्रेणी वाला तत्‍व नही है किन्‍तु ब्‍लाग जगत मे भुकुटी तानने वालो की कमी नही है, सो चेतावनी दे दे रहा हूँ। :)


Share: