मेरी ईंट उसके सिर पर लगने का अफसोस था क्योंकि जानवरों के सिर पर चोट लगने से वो बच कम पाते है पर उसे ईंट लगने पर खुली चोट नहीं लगी थी इसी से मुझे थोड़ी तसल्ली थी। वह दो दिन से गायब रहा मुझे चिंता हो रही थी कि वो कहीं मर न गया हो। जब यह बात मैंने भैया को बताई तो भैया ने हंसते हुए कहा कि चोट दिमाग पर लगी है तो कहीं याददाश्त न भूल गया हो।
कल रात्रि वह कुत्ता मुझे फिर दिखा और एक टकटकी निगह से मुझे फिर देख रहा था, भौका भी नही। अचानक मैने जैसे ही एक ईट का टुकड़ा उठाने की कोशिश की वह उसी रफ्तार से भागा जैसे उस दिन भागा था और तब तक भागता रहा जब तक की आखो से ओझल न हो गया। मुझे यकीन हो गया कि वह ठीक और उसकी याददाश्त भी नही खोई। :)
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