कांग्रेस नीत सरकार के हाथों में आतंकी तो सुरक्षित है किन्तु भारतीय नहीं



देश को आतंक के ऐसे खौफ़ नाक चेहरे से हमेशा रूबरू होना पड़ रहा है। हम मूक दर्शक होकर अपनो को मरने दे रहे है, इससे बड़ा राष्ट्रीय शर्म और क्या हो सकता है। अभी दिल्ली धमाकों के सदमे से ऊबरी भी नहीं थी कि मीडिया हाऊसो को भेजे ईमेल के द्वारा भारत सरकार फिर से आंतकी हमलो की खुली चुनौती दी गई किंतु अभी भी हम विचार मंथन से अतिरिक्त कुछ भी कदम उठा पाने के असक्षम है।
हम ऐसे आतंकियों को रोक पाने में क्या असक्षम है जबकि अमेरिका और इंग्लैंड जैसे राष्ट्र 2001 और 2005 के प्रथम आतंकी हमले के बाद कोई बड़ा हमला नहीं देखा किंतु हमने संसद पर हमले के बाद 50 से अधिक आतंकी हमले झेले है और आज भी झेल रहे है। इसका क्या कारण है कि अमेरिका और इंग्लैंड ने फिर ऐसे दर्दनाक मंजर नही क्यो नही देखा क्योंकि उनके देश में आतंकियों को धर्म नहीं देखा जाता, आतंकियों को ऑन द स्‍पॉट उसके अंजाम पर पर पहुँचा दिया जाता है। परन्‍तु भारत की स्थिति भिन्न है भारत को सेक्युलर देश दिखाने के लिए आतंकियों को धर्म के नाम पर संगरक्षण दिया जाता है यही कारण है कि संसद पर हमले का मुख्य आरोपी अफजल गुरु और मुम्बई हमले का एकमात्र जिंदा अभियुक्त को कोर्ट से सजा-ए-मौत हो जाने के बाद भी हमारी सरकार ऐसे खतरनाक आतंकी को सिर्फ इसलिये संरक्षण दे रही है क्योंकि वह मुस्लिम है और सरकार खुलकर हिन्दूवादी संगठनो को आतंकी घोषित करने पर तुली है। आतंकी का कोई धर्म नही होता है किन्‍तु इसे भी इग्‍नोर नही किया जा सकता है कि जितने भी आतंकी भारत तथा विश्‍व के अन्‍य देशो पर हमले किये है उनमे मुस्लिम ही निकलते है और तो और जहाँ भी मुस्लिम बहुल्य इलाके है वहाँ आंतकी गतिविधिया होती रहती है इससे चीन भी अछूता नही है।
कांग्रेस नीत सरकार के हाथो मे आतंकी तो सुरक्षित है किन्‍तु भारतीय नही

आजादी के वक़्त और फिर उसके बाद आज तक कांग्रेस की 'मुसलमानों के प्रति तुष्‍टीकरण नीति' ने इस देश की खूब दुर्दशा कराई है... उपर से सच्‍चर जैसी कमेटी और सपोलो को दुग्‍धपान करने की नीति को पोषण देने की है। जिन लोगों को हम आरक्षण को देकर तकनीकी शिक्षा दे रहे है वही तो ऐसी शिक्षा का उपयोग आतंकी गतिविधियों में कर रहे है। आज भारत के समक्ष जितनी भी आतंकी गतिविधियां होती है हम चाह कर के भी उन पर लगाम इसलिये नहीं लगा पा रहे है क्योंकि हमारी सरकार की सोच ही विभेद पूर्ण है वह आतंक को नही देखती वह आतंकी का धर्म देखती है। इन सब का श्रेय सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस की 'मुस्लिम तुष्‍टीकरण' की राजनीति को जाता है... कांग्रेस की सत्‍ता लोलुप्‍ता नीति का ही परिणाम है कि हम आंतकी की खूनी चेहरा दशकों से देख रहे हैं और न जाने अभी और कब तक भोगते रहेंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट में बम विस्फोट में सिर्फ 12 वकील और नागरिक मारे गये दिल्ली सरकार ने मौत की कीमत 4 लाख रुपये घोषित कर दी है यदि कल की तारीख में ऐसा कोई हमला एकमात्र प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी अथवा राहुल गांधी पर हुआ होता तो भारत के लिये आज का दिन सामान्य न होता, इन किसी की मौत पर आज भारत में आपात काल जैसी स्थिति देखने को मिल सकती थी। क्योंकि इनकी जान की कीमत है और जनता तो कीड़े मकौड़े की तरह सिर्फ वोट देने के लिये बनी हुई है। राहुल गांधी को अस्पताल में राजनीति खेलते हुये शर्म नहीं आई कि जो परिवार मौत के सदमे में थे वहाँ राहुल गांधी वोट बटोरने गये थे। गांधी परिवार की निजता निजता है और हम जनता को राहुल कभी भी किसी भी हालत में देखने जा सकते है चाहे मरीज नग्न अवस्था में ही क्यों न हो और देश की सुपर पीएम को क्या रोग है यह जानने का अधिकार जनता को नही है।
ढाका से आये हमारे प्रधानमंत्री का यह बयान कि हम आतंकियों से नहीं हारेंगे जैसे आतंकियों और सरकार के बीच शतरंज का खेल हो रहा हो और जनता प्यादों की भांति पिटने के लिये है। अब समय है कि हम शासन को अपने हाथ में ले क्योंकि यह सरकार कहीं से भी किसी भी स्तर पर जन भावना के लिये काम करने के लिए विफल रही है। हमें सच स्वीकार करना होगा कि कांग्रेस नीत सरकार के हाथों में आतंकी तो सुरक्षित है किन्तु भारतीय नहीं।


Share:

क्या आप कटती हुई गायों को बचाना चाहते है ?



प्रिय भारतवासियों,
उत्तर प्रदेश के बिजनेसमेन (व्यापारी गण) अब स्वचालित आधुनिक मशीन से युक्त कत्ल खाने गायों को काटने के लिए बहुत जल्द बनाने जा रहे है ताकि गायों को तीव्र गति से काटा जा सके, उनके मांस को विदेशों में भेजा जा सके और उन्हें बहुत बड़ा लाभ प्राप्त हो सके | अगर ये लोग इसमें कामयाब हो जाते है तो फिर इन कत्लखानो की संख्या पूरे भारत में बहुत तेजी से बढ़ेगी | पूरे देश के लोग इन कत्लखानो को खोलने का पुरजोर विरोध कर रहे है और उत्तर प्रदेश की सरकार ने कहा है कि अगर एक करोड़ लोग भी कत्लखाने खोलने का विरोध करें और इस आन्दोलन की हिमायत करें तो स्वचालित आधुनिक मशीन से युक्त कत्ल खाने खोलने की इजाजत व्यापारियों को नहीं दी जाएगी|
हम गायों की पूजा करते है | भारतीय होने के नाते और मानवता के नाते हम ऐसा होते हुवे हरगिज नहीं देख सकते ................ कृपया आप अपना समर्थन अवश्य दें |
अगर आपको लगता है कि इस तरह के कत्लखाने नहीं खुलने चाहिए तो आप कृपा करके 0522-3095743 पर एक मिस कोल जरूर करे| एक घंटी बजने के बाद कोल अपने आप डिस-कनेक्ट हो जाएगी |
जिस तरह से आपने अन्ना हजारे के जन लोकपाल बिल के आन्दोलन को सफल बनाया उसी तरह से आप अपना समर्थन दें | इसमें आपका कोई खर्चा नहीं है, बल्कि आपके इस एक मिस कोल से प्रतिदिन कटने वाली हजारों लाखों गायें बच जाएगी |कृपया आप अपने मोबाइल से मिस्कोल जरूर करें और इसे जितने लोगों तक पंहुचा सके पहुचाये |
मैने मिस कोल कर दिया है ........ अब आपकी बारी है क्‍योकि क्‍या आप अपनी माँओ को कटते देख सकते है ? अभी मिस कोल करे - नंबर है - 05223095743





तो वह कौन से गुण हैं जो देसी गाय को पावन बनाते हैं जबकि वो विदेशी नस्लों की गायों के मुकाबले कम दूध देती है?
विश्व हिन्दू परिषद की गोरक्षा समिति के हुकुमचंद कहते हैं, "हमारी देसी गाय जब बछड़े को जन्म देती है तब वो दूध देती है. विदेशी नस्ल की गाय के दूध देने के लिए बछड़ा होना ज़रूरी नहीं है. देसी गाय का दूध जल्दी पच जाता है जबकि भैंस और विदेशी नस्ल की गाय के दूध को पचने में ज़्यादा वक़्त लगता है."




गोरक्षा समिति के अनुसार देसी गाय का सिर्फ़ दूध ही नहीं, उसका गोबर भी गुणकारी होता है जिससे बीमारियां दूर होती हैं. वहीं विदेशी नस्ल की गायों के गोबर से बीमारियां पैदा होती हैं. करनाल स्थित राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो के एक शोध में देसी गाय के दूध की गुणवत्ता को भी विदेशी नस्ल की गायों से बेहतर बताया गया है. मगर भारत में अब देसी गायों के मुकाबले विदेशी नस्ल की गाय ज़्यादा लाभकारी साबित हो रही है क्योंकि वो ज़्यादा दूध देती है. इसी वजह से इन्हें पालने का चलन बढ़ रहा है.

देशी भारतीय गाय का घी के फायदे

गाय के घी को अमृत कहा गया है। जो जवानी को कायम रखते हुए, बुढ़ापे को दूर रखता है। काली गाय का घी खाने से बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसा हो जाता है। गाय के घी से बेहतर कोई दूसरी चीज नहीं है।
दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ढीक होता है।
सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, सर दर्द ठीक हो जायेगा।
नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तारो ताजा हो जाता है।
गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ढीक होता है।
20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।
फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
गाय के घी की झाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायक होता है।
सांप के काटने पर 100 -150 ग्राम घी पिलायें उपर से जितना गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उलटी और दस्त तो लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जायेगा।
अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है।
यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन संतुलित होता है यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है, मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।
गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है।
देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।
गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बहार निकल कर चेतना वापस लोट आती है।
गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ठीक हो जाता है।
गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
स्वस्थ व्यक्ति भी हर रोज नियमित रूप से सोने से पहले दोनों नशिकाओं में हल्का गर्म (गुनगुना ) देसी गाय का घी डालिए ,गहरी नींद आएगी, खराटे बंद होंगे और अनेको अनेक बीमारियों से छुटकारा भी मिलेगा।


 
अच्छा लगा हो तो आगे प्रसार दीजिए, फॉरवर्ड कीजिये, और भारतीय भाषाओं में अनुवादित कीजिये, अपने ब्लॉग पर डालिए, मेरा नाम हटाइए, अपना नाम /मोबाईल नंबर डालिए| मुझे कोई आपत्ति नहीं है| मतलब बस इतना है कि ज्ञान का प्रवाह होते रहने दीजिये|


Share: