पेट्रोल की कीमतें एकदम से कम क्यों न किया जाए !



 पेट्रोल की कीमतें एकदम से कम क्यों न किया जाए

मेरे एक मित्र ने प्रश्न किया कि 145 डालर प्रति बैरल तो पेट्रोल 71 रु लीटर अब 45 डालर प्रति बैरल तो पेट्रोल 61 रु क्यों भाई ??? मेरे भी मन में यह बात आई कि इस कीमत पर पेट्रोल की कीमत यह होनी चाहिए.
डीमांड और सप्लाई पर कीमत निर्धारित होती है, आज की डेट में पेट्रोल की कीमत कम क्यों हुई यह देखने की जरूरत है, विश्व के सबसे बड़े तेल आयातक देश अमेरिका ने तेल आयात करना बंद कर दिया है.. क्योकि उसने बालू और पत्थर से तेल निकलने की तकनीकी विकसित की है.. जिसमे उसे 60 से 70 डालर प्रति बैरल तेल पड़ रहा है.. जब अमेरिका को इस तकनीक से 115 की अपेक्षा 60 से 70 डालर प्रति बैरल तेल मिल रहा है तो वह ओपेक देशो से क्यों तेल आयात करेंगा.. मगर ज्यादा दिन तक तेल की कीमत 50 डालर प्रति बैरल रही तो अमेरका को अपने निर्णय पर विचार कर तेल फिर से आयात करने के विषय पर सोचना होगा क्योकि खुद की तकनीकी से तेल उसे 20 डालर प्रति बैरल तक महगा पड़ रहा है.
ओपेक की नीतियों के हिसाब से अभी निर्धरित उत्पादन कम नहीं किया जा सकता और ईरान और सऊदी अरब के अपने कारण है जो तेल का उत्पादन कम नही हो रहा है और कीमते गिर रही है. अगर भारत में भी कीमते एका एक गिरेगी तो खपत आत्याधिक होगी और अत्यधिक आयत भी करना पड़ेगा और जब आयत बढेगा तो निश्चित रूप से तेल की कीमते अपने आप बढ़ेगी.. तेल की कीमते गिरनी चहिये पर नीतियों के हिसाब से दीर्घ कालिक सोच के साथ हमें चलना होगा.
अगर आज भारत में तेल की कीमते कम होगी तो महगाई कम नहीं होने वाली, किन्तु वैश्विक नीतियों के यदि फिर से पेट्रोल व डीजल की कीमते बढ़ी तो महगाई का स्तर फिर से काफी बढेगा जिसका बोझ सिर्फ आम जनता पर ही पड़ेगा जैसा कि सामान्य उदाहरण के तौर पर इलाहबाद में ऑटोरिक्शा का किराया तेल की कीमतों के बढ़ने पर दूरी के हिसाब से 1 से 5 रूपये की वृद्धि हुई किन्तु तेल की कीमते 10 रूपये कम होने पर किराया बिल्कुल भी कम नहीं हुआ. इसी प्रकार दाम कम होने पर किराये में कोई कमी नहीं आएगी अपितु कभी कीमत बढ़ी तो किराये जरूर बढ़ेगे और इससे महगाई भी..



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तनाव : समस्या और समाधान



तनाव क्या है?

तेज़ी से बदलते माहौल में हमारे शरीर और मन पर जो असर पड़ता है, उसे तनाव कहते है। तनाव दो तरह का होता है। पहला – अच्छा तनाव और दूसरा – बुरा तनाव। जहां अच्छे तनाव की वजह से आप अपनी नौकरी में प्रमोशन पाते है, वहीं बुरे तनाव में आप किसी से गुस्से में बहस कर लेते है।

परिवार, पैसा, काम और स्कूल - ये तनाव के सामान्य कारण है। ज्यादा तनाव आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है और इसकी वजह से आपके परिवार और दोस्तों से संबंध भी बिगड़ सकते है। कई बार जब लोग लगातार तनाव भरी परिस्थितियों से गुज़रते है, तो उनका गुस्से पर नियंत्रण नहीं रहता।

तनाव क्या है?

तनाव के लक्षण क्या हैं?

डॉक्टर से नियमित चेकअप कराएं। नीचे दिए लक्षण किसी और कारण से भी हो सकते है। खराब स्वास्थ्य भी आपके तनाव को बढ़ा सकता है।

  1. सिरदर्द व पीठदर्द
  2. नींद नआना
  3. गुस्सा और हताश होना
  4. किसी एक चीज़ पर ध्यान न लगा पाना
  5. रोना
  6. दूसरों को नज़रअंदाज़ करना
  7. पेट खराब होना या अल्सर होना
  8. रैशेज़ (लाल चकते होना)
  9. हायब्लडप्रेशर, हृदयरोग, स्ट्रोक

तनाव के लक्षण क्या हैं?

तनाव से कैसे निपटें?

  1. नियमित रूप से 20 से 30 मिनट शारीरिक व्यायाम (चलना, दौड़ना या उठना बैठना) करें। इससे आपके दिमाग को सोचने का वक्त मिलेगा। अगर आप तनाव भरे माहौल में काम करते है, तो दोपहर का खाना खाने के बाद या चाय के दौरान थोड़ा टहलें।
  2. मेडिटेशन कीजिए (ध्यान लगाइए) राहत भरा संगीत सुनिए। 10-20 मिनट तक आंखें बंद करके शांति का अनुभव कीजिए। गहरी सांस लीजिए। दिमाग को शांत करें, और तनाव भरी बातें दिमाग से निकाल दें।
  3. अख़बार पढ़िए या किसी से बात कीजिए। अपनी भावनाओं को कागज़ पर लिखने से, या किसी से बात करने पर आप ये जान पाएंगे कि आपके तनाव के कारण क्या है।
  4. ‘न’ कहना सीखें। जो ज़िम्मेदारियां और चीजें आप संभाल ना पाएं, उन्हें ना लें।

 

तनाव कम करना है तो छोड़ दें ये बुरी आदतें

  1. देर तक सोना तनाव की शुरुआत आपकी सुबह से ही हो सकती है अगर आप रोज देर से सोकर उठते हैं। डॉक्टर भी मानते हैं कि देर से उठने वाले लोगों का मेटाबॉलिज्म ठीक नहीं रहता है जिससे उन्हें थकान, तनाव और उदासीनता अधिक सताती है। शोधों में भी यह माना गया है कि देर से उठने वाले लोग अक्सर सुबह का नाश्ता छोड़ते हैं जिससे उनका बॉडी साइकिल गड़बड़ होता है और वे जल्द तनावग्रस्त होते हैं।
  2. घंटों टीवी देखना आपको तनाव और अवसाद की स्थिति तक पहुंचाने के लिए काफी है। बजाय घंटों तक टीवी देखने के आप अपना समय परिवार के साथ बिताएंगे या सैर करेंगे तो तनाव से कोसों दूर रहेंगे।
  3. धूम्रपान आपका तनाव बढ़ाती है। धूम्रपान से धड़कन तेज हो जाती है जिससे तनाव बढ़ता है।
  4. जरूरत से ज्यादा काम -ऑफिस में काम का दबाव तो हर किसी की जिंदगी में होता है लेकिन जो लोग काम और परिवार में काम का संतुलन नहीं बैठा पाते और रुटीन में काम के अलावा कुछ नया नहीं कर पाते हैं, उन्हें तनाव और अवसाद होना तो वाजिब ही है। ऑफिस के काम के अलावा भी बहुत कुछ है, अपने शगल को मरने न दें।
  5. गलत खानपान जुड़ी ये आदतें तनाव बढ़ाने और आपको कई रोगों का शिकार बनाने के लिए काफी हैं।
  6. तनाव की समस्या, समाधान क्या है
  7. तनाव के कारण शरीर असंतुलित हो जाता है, जिसके कारण बदहजमी और पेट दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
  8. मानसिक तनाव के कारण चेहरे की मांसपेशियों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिसके कारण त्वचा में झुर्रियों की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
  9. तनाव रक्तचाप को बढ़ाता है जो हृदय रोग का कारण बनता है।
  10. तनावग्रस्त होने पर व्यक्ति को नींद न आने की समस्या हो जाती है, जो उसके स्वास्थ्य को हानि पहुंचाती है।
  11. तनाव सिरदर्द की समस्या को उत्पन्न करता है।
  12. तनाव व्यक्ति की भूख को समाप्त कर देता है, जिसके कारण व्यक्ति का स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है।
  13. तनाव मुंहासों की समस्या को उत्पन्न करने में भूमिका निभाता है।अत्यधिक तनाव आयु को कम करता है।

तनाव कम करना है तो छोड़ दें ये बुरी आदतें

 तनाव कम करने के उपाय

  1. सूर्योदय से पहले उठें, घूमने जाएँ, हल्का व्यायाम या योग करें।
  2. आप रोज कम से कम 30 मिनट भी योग करें तो आप काफी हद तक तनाव पर काबू पा सकते हैं। इससे आप शारीरिक तौर तो फिट रहेंगे ही साथ ही आपको मानसिक शांति भी मिलेगी।
  3. प्रातःकाल व सोते समय 15 मिनट ईश्वर का ध्यान करें।
  4. अपने अंदर छुपी रूचि को विकसित करने का प्रयास करें और हमेशा सकारात्मक चिंतन करें क्योकि नकारात्मक सोच से ऊर्जा नष्ट होती है।
  5. उत्साह एवं आत्मविश्वास के साथ काम करें। व्यवस्थित दिनचर्या की आदत डालें।
  6. तनाव पर काबू पाने के लिए किताबें पढ़ना भी एक अच्छा उपाय है। आप अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ें जिससे काफी हद तक आपका तनाव कम होगा।
  7. कभी भी किसी विषय पर अत्यधिक गंभीर न हों।
  8. नींद न आना या फिर कम सोना भी तनाव का महत्वपूर्ण कारण है, इसलिए भरपूर नींद लें, नींद न आती हो तो सोने से पूर्व अच्छी पुस्तक का अध्ययन करें।
  9. नियमित सैर व एक्सरसाइज की आदत डालें।
  10. आदतों में बदलाव लाने का प्रयास करें, कभी-कभी हमारी गलत आदतें और स्वयं हमारा व्यवहार भी हमें तनावग्रस्त करता है।
  11. स्वयं को काम में व्यस्त रखें। व्यर्थ बातों को सोचकर तनावग्रस्त न हों।
  12. प्रात: जल्दी उठकर ताजी हवा में सांस लें।
  13. तनाव कम करने के लिए पूरी नींद लेना बेहद जरूरी होता है। रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर पूरी करें।

टेंशन मुक्ति की अचूक तरकीब

 इन दिनों भाग-दौड़ की जिंदगी में अमूमन लोग कुछ हद तक टेंशन (तनाव) में रहते है। तनाव पैदा होने की कई वजह हो सकती है, जैसे किसी तरह का टकराव, बढ़ती प्रतिस्पर्धा काम करने की समय सीमा धन कमाने की होड़ दुख, नाउम्मीद आदि। ऐसे समय में आप खुद को पहचानिए और अपनी क्षमता के अनुसार काम में लचीला रूख अपनाइए ताकि आप लगातार उत्साहित होते रहे। बहरहाल टेंशन से निजात पाने के लिए सहज तरकीब के जरिये आपको इससे मिलेगी मुक्ति और मानसिक शांति।

  1. सकारात्मक सोच : आप नकारात्मकता को उत्सर्ग कर सकारात्मक सोच रखें। यह सोच हमेशा हमें मन मस्तिष्क के अंदर-बाहर किसी भी बात से परेशान होने नहीं देती और दिशा निर्देश दे कर शांति स्तर पर पहुंचती है जबकि नकारात्मक सोच हमारी जिन्दगी को दिग्भ्रमित कर देती है।
  2. प्राणायाम या व्यायाम : मन-मस्तिष्क को तरोताजा रखने के लिए प्राणायाम या व्यायाम एक बेहद उपयोगी साधन है। इसके यमित अभ्यास करने से कांतिमय तो होते ही है। साथ ही हम हल्का फुल्का महसूस करते है और अंदर मौजूद ऊर्जा का सदुपयोग कर पाते हैं तथा मानसिक तनाव रहित हो जाते हैं।
  3. प्रसन्नता : हर दर्द की दवा है प्रसन्नता। टेंशन मुक्ति के लिए हास-परिहास को जिंदगी में शामिल कर प्रसन्नचित रहिए। यह आपके क्रोध, चिंता, खिन्नता, निराशा और चिड़चिड़ेपन आदि पर मरहम का काम करता है।
  4. दिनचर्या का बदलाव : नित्य एक ही काम करने या एक ही जगह ठहरने से मानव स्वभाव बदलाव चाहता है तो रुचि के अनुसार दिनचर्या का बदलाव करें। इससे अपने बारे में अच्छा महसूस करेंगे और जीवन की एकरसता टूटेगी।
  5. अपने लिए वक्त : भाग दोड़ की जिंदगी में अपने लिए वक्त निकाले। यह आपका हक है जिसके आधार पर आप तय कर सकते हैं कि आपकी मंजिल क्या है? यह आपकी निजी खोज है।इसे कोई छीन नहीं सकता।
  6. नयी पहल : अक्सर अवसर चूक जाने के पश्चात पछतावे के अलावा और कुछ हाथ नहीं लगता इसलिए जो बीत गई सो बात गई, वाला कथन अपनाइए और आगे की सुधि लेते हुए नई पहल करें।
  7. रचनात्मक कार्य : खाली समय मूड का सबसे बड़ा दुश्मन माना गया है। अत: सदैव दिमाग को रचनात्मक कार्यों में लगा देने से मूड खुशनुमा बना रहता है और मानसिक बाधाए दूर हो जाती है। अगर आप उपरोक्त टिप्स पर अमल करें तो निश्चय ही जिंदगी की भागम भाग में सबसे सद्भूत तथा टेंशन मुक्त होकर तरोताजा दिखेंगे।
  8. खुल कर करें मेल : मिलाप अक्सर देखने में आता है कि व्यक्ति काम की अधिकता और व्यस्तता के कारण परिवार और मित्रों के साथ के लिये भी वक्त नहीं निकाल पाता। होना यह चाहिये कि प्रतिदिन, चाहे आधा घंटा ही सही पर अपने प्रियजनों के लिये वक्त अवश्य निकालना चाहिये। अपनों के साथ अपने सुख-दु:ख बांटने से तनाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
  9. संगीत में स्नान : संगीत को सिर्फ मनोरंजन मानना बहुत बड़ी भूल है। संगीत सिर्फ कला ही नहीं वह ध्यान, चिकित्सा पद्धति और आध्यात्मिक साधना सब कुछ एक साथ है। प्रतिदिन 20 से 30 मिनट तक कोई अच्चा संगीत अवश्य सुने। संगीत ऐसा हो जो आपके दिमाग से विचारों की उथल-पुथल को शांत करके आपको गहरे मौन और ध्यान की गहराइयों में पहुंचा सके।
  10. मेडिटेशन : अगर कहा जाए कि संसार की अधिकांश समस्याओं को सिर्फ ध्यान के बल पर ठीक किया जा सकता है तो इसमें कोई भी अतिशयोक्ति नहीं है। नियमित ध्यान के अभ्यास से व्यक्ति में इंसानियत और मानवीयता के सद्गुणों का जन्म होता है। ध्यान से मानसिक तनाव को दूर करना सबसे अधिक कारगर और अचूक उपाय है।

 

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