स्टार न्यूज पर हमला मीडिया के बडबोले मुँह पर तमाचा

स्टार न्यूज पर लोकतंत्र पर हमला न होकर बल्कि छद्म पत्रकारिता के मुंह पर किया गया वज्र पात था। आज की पत्रकारिता केवल और केवल बिकती है, पैसा फेंको तमाशा देखो के तर्ज पर। आज के दौर में मीडिया पैसों की वह रोटी जिसे कुत्ता भी नहीं पूछता पर निर्भर करती है। भारत में न्‍यूज चैनल कुकुरमुत्ते की तरह उपज गये है। और हर के पास एक से बढ़कर एक न्‍यूज होती है जो केवल उनके पास ही होती है और दूसरे न्‍यूज चैनल का उस महान न्‍यूज का नामोनिशान नहीं होता है।

अपने आप को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहने वाली मीडिया की नींव अब कमजोर हो गई है। जहां पत्रकारिता सत्य के लिये जानी जाती थी, वही आज कौड़ी के भाव बिक रही है। हर न्‍यूज चैनल पर किसी न किसी राजनीतिक पार्टी का आधिपत्य है। तो ऐसे में मीडिया पर विश्वास करना खुद से विश्वासघात के बराबर है।



8 टिप्‍पणियां:

  1. स्टार न्यूज़ पर हमला जायज नही था भाई प्रमेन्द्र,
    लेकिन आज का मीडिया बिका हुआ है इसमे कोई शक नहीं. और आजकल ये बिके हुए लोग आसपास भी दिखने लगे हैं :)

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  2. सहन करने की भी एक सीमा होती है प्रमेन्द्र भाई, जो हुआ उस पर लोकतन्त्र के प्रहरियों (?) को ज्यादा स्यापा करने की जरूरत नहीं है..आजकल मीडिया कर्मी और वकील यहाँ-वहाँ-जहाँ-तहाँ पिट रहे हैं, और उसमें से नब्बे प्रतिशत उसी लायक हैं भी...

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  3. हमाला : क्या भाई प्रमेन्द्र, अब शीर्षक में भी हिज्जे की ग़लती ?

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  4. मीडिया में बाजारवाद के हावी होने से उसमें गला काट व्यावसायिक स्पर्धा चल रही है। इससे समाज में विभ्रम की स्थिति निर्माण हो रही है। लोकमंच मीडिया की दिशाहीनता की स्थिति में विकल्प देने का प्रयास कर रहा है।

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  5. आदरर्णीय अफलतून जी,


    आज मैने लेख पूरा पढ़ कर पेस्‍ट किया किन्‍तु शीर्षक पर तो ध्‍यान ही नही गया। कि वहॉं भी गलती हो सकती है। आगे से वहॉं पर भी ध्‍यान दूँगा।

    आशा है कि आप मेरी गलतियों को ऐसे ही बताते रहेगें।

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  6. पंकज भाई मैने कहीं नही कहर कि जो कुछ किया गया वह जायज था। पर मीडिया का रोल है उसमे कोई शक नही कि लोग मीडिया के विरोध मे खडे क्‍यो न हो ?

    मै आपकी अन्तिम बात से पूरी तरह सहमत हूँ। :)

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  7. भाई, शीर्षक में अभी भी हमला की जगह हमालाही जा रहा है। ठीक करो।

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  8. परमेन्दर भाई काहे पे कागद कारे कर रहे हो,इत्ती मेहनत से प्रायोजित कार्यक्रम बनाया गया था आप तो बस मजा लो देखो अब लाईव टेलेकास्ट के लिये भी कितना बढिया इंतजाम करने लगे है लोग, अपन भी इसी जुगाड मे है कि कही दफ़तर बन जाये और कोई चैनल वाला मिल जाये तो अपनी भी दुकान का फ़ीता कट्वा ले

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