गाँधी और सुभाष

गाँधी और सुभाष
गाँधी जी सुभाष बाबू की गतिविधियों सको लेकर बहुत चिंतित थे एक ख़ुफ़िया ब्रिटिश रिपोर्ट के अनुसार बम्बई में एक निजी बैठक में उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा- "मैं जनता हूँ कि देश में 'फारवर्ड ब्लॉक' एक जबरदस्त संगठन है सुभाष बाबू ने हमारे लिए बहुत जोखिम उठाया है किन्तु वे भारत में अपनी सरकार स्थापित करना चाहते है तो उन्हें रोकना पड़ेगा"
(ट्रांसफ़र ऑफ़ पॉवर-II क्र.  90.  26 मई 1942 को ख़ुफ़ियाविभाग की रिपोर्ट पृष्ट 35 )




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