ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, मित्रों आज हम बतायेगे की लक्ष्मी जी की कैसी चित्र या मूर्ति को घर में स्थापित करें और किस प्रकार की चित्रों का संस्थापन न करें, जो की घोर हानि का कारण बन सकता है।
लक्ष्मी जी की ऐसी चित्र या मूर्ति को घर में स्थापित न करें, जिसमे वे उल्लू की सवारी कर रहीं हों। इस प्रकार के चित्र और मूर्ति की पूजा करने से धन लाभ नहीं बल्कि नुकसान हो सकता है। धन मिल भी जाये तो वह निरर्थ ही खर्च हो सकता है। चंचल स्वभाव में लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू है। उल्लू अँधेरे में रहने वाला जीव है, अँधेरा तम और असत का प्रतीक है, और उल्लू अज्ञान का, उल्लू पर सवार लक्ष्मी अत्यंत चंचल होती है। चंचल लक्ष्मी कही भी जादा देर नही टिकती है।
ऐसी चित्र या मूर्ति को भी घर में स्थापित न करें जिसमे लक्ष्मी जी खड़ी हों, यह भी अस्थिर लक्ष्मी का प्रतीक है
लक्ष्मी की ऐसे फोटो की पूजा करनी चाहिए जिसमे वे भगवान विष्णु के साथ गरूण पर सावार हों। ऐसे चित्र की पूजा से शुभ धन की प्राप्ति होती है और यह धन घर में स्थिर भी रहता है। दिवाली पर गणेश और लक्ष्मी की पूजा का अप्रत्यक्ष आशय यह है की गणेश जी बुद्धि और ज्ञान के प्रतिक है और लक्ष्मी जी सौभाग्य और सम्पन्नता की प्रतीक है
अगर घर में लक्ष्मीं जी की चित्र लगनी हो तो ऐसी चित्र लगायें जिसमे वे बैठी हों। दीवाली पर जब लक्ष्मी जी के पूजन के लिए मूर्ती कर चयन करें तो, कमल आसन पर विराजमान लक्ष्मी की मूर्ती की स्थापना और पूजन करें
जिससे सुभ लक्ष्मी आपके धर में सदैव विराजमान रहे है
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