आखिर में वो बहुत प्रतिक्षित समय आ गया जब जूनियर ब्लॉगर एसोसिएशन के द्वारा नामी जूनियर चिट्ठाकारों का मिलन कार्यक्रम आयोजित किया जाना था। कार्यक्रम का अपना रोमांच और उत्साह था, इसी उत्साह के बल पर हमीरपुर से संतोष कुमार और उनके आग्रह प्रेम कुमार जी दिनांक 15-06 की सुबह 8 बजे इलाहाबाद में मेरे आवास पर पहुंचे।
भ्राता द्वय को जलपान ग्रहण करने के पश्चात उनसे कई विषयों पर महत्वपूर्ण चर्चा थी। उन्होंने भी अपनी चिट्ठकारी की कई खट्टे-पलो को बांटे। काफी देर बाद घर से सूचना आई कि कुछ खाने के लिये मंडी से सब्जियां ले आओ तो सभी लोग टहलते घूमते मंडी की ओर निकल गये। अचानक पंसारी की दुकान पर पहुँचा तो मेरे मुँह यह शब्द निकल आया कि फला चीज का क्या हाल चाल है ? :) इस पर सभी उपस्थित लोग हंस पड़े। कि भाव की जगह हाल चाल क्यों पूछ रहा है क्योकि मै उस टाइम फोन पर था और .......... :)
करीब दोपहर 12 बजे नीशू तिवारी और मिथलेश दुबे भी हमारे द्वार पर दस्तक देकर फोन कर रहे थे। उन्होने बताया कि सलीम खान अपना रिजर्वेशन करवाने के बाद भी कार्यक्रम नहीं पहुंच पा रहे है और लखनऊ रेलवे स्टेशन पर पहुँच कर मिथलेश दूबे का लखनऊ से इलाहाबाद के लिए करवाया रिजर्वेशन टिकट मिथलेश को सौंपा, इस कार्यक्रम में सलीम खान जी उपस्थिति से मै भी उत्साहित था। ईश्वर की अनुकम्पा होगी तो उनसे शीघ्र ही मिलने का कोई कार्यक्रम अवश्य बनेगा। कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर हम लोग विभिन्न कार्यों में एक दूसरे का परस्पर सहयोग किया, मुझे सहयोग की भावना इस प्रकार थी कि कभी लगा ही नहीं कि ये अतिथि है और ब्लॉगर मिलन के लिये पधारे है। निश्चित रूप दोनों का सहयोग पाकर बहुत अच्छा लगा।
जिन लोगों की कार्यक्रम में सहभागिता हो सकती थी, दूरभाष के द्वारा संपर्क किया गया और उनकी स्थिति को जाना गया है। कार्यक्रम में वीनस केसरी जी समय से पूर्व उपस्थित होकर हमारे मध्य उत्साह को दोगुना करने का काम किया, यह हमारे लिये हर्ष का विषय है कि जो भी आया समय को महत्व देते हुए आया। घर में ही दो चिट्ठाकार होने के बाद भी कामों की वजह से वो भाग नहीं ले सकें किंतु उसका मुझे लाभ मिला और मै पूर्ण समय कार्यक्रम में बना रहा।
कार्यक्रम 2 बजे प्रारंभ होना था कि यात्रा के कारण थकावट सवार थी मिथलेश जी और नीशू जी में, इस कारण भोजन प्रारम्भ करने में विलंब हुआ, हमारे द्वारा लघु सहभोज आयोजित किया गया, जिसका सभी लोगो गर्मजोशी और आनंद के साथ भोजन ग्रहण किया, भोजन के पश्चात ठीक 3 बजे हमारा कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ और यह करीब 5.30 बजे इसके बाद, शहर के विभिन्न इलाकों का भ्रमण का लुफ्त उठाया गया।
हमारे द्वारा कार्यक्रम का पूर्ण आनंद लिया गया, 24 घंटे इंटरनेट सेवा होने के बाद भी हम लोगों ने कार्यक्रम को इंजॉय करना ज्यादा महत्वपूर्ण समझा इसलिए कार्यक्रम के बाद किसी पोस्ट को छापने और इंटरनेट पर समय व्यर्थ के बजाय एक दूसरे के समझने का बेहतर प्रयास किया। कार्यक्रम आधारित पोस्ट शीघ्र ही प्रस्तुत होगी, जिसकी सार्थकता को आप स्वयं सिद्ध करेगे।
जय श्रीराम- भारत माता की जय
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