आज दिनांक 9 नवम्बर 2011, हाईकोर्ट में माननीय न्यायमूर्ति वाय के सिंह और न्यायमूर्ति डी गुप्ता की डिवीजनल बेंच के सामने अपीयर हुआ.. दिल मे हल्की सी घबराहट और मगर एक विश्वास की मुझे आज अपीयर होना है। मैं अपीयर हुआ अपनी बात रखा, बहुत ही अच्छा लगा.. ऑफ्टर लंच माननीय न्यायमूर्ति सभाजीत यादव जी की कोर्ट में अपीयर हुआ.... आज जब 11 बजे मुझे कहा गया कि आपको अपीयर होना है तो मेरी कोई तैयारी नही थी और अजीब पन था किन्तु जब बेंच के बारे में पता चला तो दृंढ निश्चय किया कि आज तो मुझे इस कोर्ट में अपनी बात तो रखनी ही है। आज मेरे साथ मेरे साथ मेरे कालेज के फेन्डस भी थे तो लॉ फर्स्ट इयर के स्टूडेंट थे.... अपने दोस्तो के सामने और पापा जी की ना मौजूदगी मे जिम्मेदारी निभाना बड़ा मजेदार रहा। :)
आज से पहले कैट, लेबर कोर्ट और इण्ड्रस्ट्रियल कोर्ट में तो कई बार पैरवी कि किन्तु आज का दिन तो कुछ खास ही रहा... जैसा सुना था वैसा पाया भी कि बेंच नये अधिवक्ताओं को सपोंर्ट करती है.. क्योंकि मैंने महसूस भी किया कि कुछ गलतियाँ मेरे से हुई थी। अंत भला तो सब भला... आज दिन अपने आप मे मेरे लिये एक महत्वपूर्ण दिन बन गया।
आज से पहले कैट, लेबर कोर्ट और इण्ड्रस्ट्रियल कोर्ट में तो कई बार पैरवी कि किन्तु आज का दिन तो कुछ खास ही रहा... जैसा सुना था वैसा पाया भी कि बेंच नये अधिवक्ताओं को सपोंर्ट करती है.. क्योंकि मैंने महसूस भी किया कि कुछ गलतियाँ मेरे से हुई थी। अंत भला तो सब भला... आज दिन अपने आप मे मेरे लिये एक महत्वपूर्ण दिन बन गया।
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