आखिर क्यो हिन्दु धर्मिक स्थलो से प्राप्त सम्पदा को ही सरकारी नियत्रण मे लेने का प्रयास किया जाता है ? हाल मे ही दक्षिण के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के विष्णु मे लाखो करोड़ की सम्पत्ति प्राप्त हो रही है। क्या भारतीय इतिहास मे कभी जामा मस्जिद या किसी चर्च से प्राप्त सम्पति को सरकारी सम्पत्ति धोषित किया गया ? यदि नही तो हिन्दुओ के साथ ही ऐसा क्यो ?

इस मंदिर के सरकारी नियंत्रण का पूर्ण विरोध होना चाहिये..यह हिन्दू समाज का मंदिर है और यह पैसा हिन्दू समान के लिये ही खर्च होना चाहिये। जाँच के दौरान उन हिन्दु रीति रिवाजो और मान्यताओ का भी पूर्ण पालन करना चाहिये जो कि सदियो से चली आ रही है।
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