श्री सूर्य चालीसा Shri Surya Chalisa



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दोहा
कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अंग।
पद्मासन स्थित ध्याइये, शंख चक्र के संग।।

चौपाई
जय सविता जय जयति दिवाकर, सहस्रांशु सप्ताश्व तिमिरहर।
भानु, पतंग, मरीची, भास्कर, सविता, हंस, सुनूर, विभाकर।

विवस्वान, आदित्य, विकर्तन, मार्तण्ड, हरिरूप, विरोचन।
अम्बरमणि, खग, रवि कहलाते, वेद हिरण्यगर्भ कह गाते।

सहस्रांशु, प्रद्योतन, कहि कहि, मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि।
अरुण सदृश सारथी मनोहर, हांकत हय साता चढि़ रथ पर।

मंडल की महिमा अति न्यारी, तेज रूप केरी बलिहारी।
उच्चैश्रवा सदृश हय जोते, देखि पुरन्दर लज्जित होते।

मित्र, मरीचि, भानु, अरुण, भास्कर, सविता,
सूर्य, अर्क, खग, कलिहर, पूषा, रवि,

आदित्य, नाम लै, हिरण्यगर्भाय नमः कहिकै।
द्वादस नाम प्रेम सो गावैं, मस्तक बारह बार नवावै।

चार पदारथ सो जन पावै, दुख दारिद्र अघ पुंज नसावै।
नमस्कार को चमत्कार यह, विधि हरिहर कौ कृपासार यह।

सेवै भानु तुमहिं मन लाई, अष्टसिद्धि नवनिधि तेहिं पाई।
बारह नाम उच्चारन करते, सहस जनम के पातक टरते।

उपाख्यान जो करते तवजन, रिपु सों जमलहते सोतेहि छन।
छन सुत जुत परिवार बढ़तु है, प्रबलमोह को फंद कटतु है।

अर्क शीश को रक्षा करते, रवि ललाट पर नित्य बिहरते।
सूर्य नेत्र पर नित्य विराजत, कर्ण देश पर दिनकर छाजत।

भानु नासिका वास करहु नित, भास्कर करत सदा मुख कौ हित।
ओठ रहैं पर्जन्य हमारे, रसना बीच तीक्ष्ण बस प्यारे।

कंठ सुवर्ण रेत की शोभा, तिग्मतेजसः कांधे लोभा।
पूषा बाहु मित्र पीठहिं पर, त्वष्टा-वरुण रहम सुउष्णकर।

युगल हाथ पर रक्षा कारन, भानुमान उरसर्मं सुउदरचन।
बसत नाभि आदित्य मनोहर, कटि मंह हंस, रहत मन मुदभर।

जंघा गोपति, सविता बासा, गुप्त दिवाकर करत हुलासा।
विवस्वान पद की रखवारी, बाहर बसते नित तम हारी।

सहस्रांशु, सर्वांग सम्हारै, रक्षा कवच विचित्र विचारे।
अस जोजजन अपने न माहीं, भय जग बीज करहुं तेहि नाहीं।

दरिद्र कुष्ट तेहिं कबहुं न व्यापै, जोजन याको मन मंह जापै।
अंधकार जग का जो हरता, नव प्रकाश से आनन्द भरता।

ग्रह गन ग्रसि न मिटावत जाही, कोटि बार मैं प्रनवौं ताही।
मन्द सदृश सुतजग में जाके, धर्मराज सम अद्भुत बांके।

धन्य-धन्य तुम दिनमनि देवा, किया करत सुरमुनि नर सेवा।
भक्ति भावयुत पूर्ण नियम सों, दूर हटत सो भव के भ्रम सों।

परम धन्य सो नर तनधारी, हैं प्रसन्न जेहि पर तम हारी।
अरुण माघ महं सूर्य फाल्गुन, मध वेदांगनाम रवि उदय।

भानु उदय वैसाख गिनावै, ज्येष्ठ इन्द्र आषाढ़ रवि गावै।
यम भादों आश्विन हिमरेता, कातिक होत दिवाकर नेता।

अगहन भिन्न विष्णु हैं पूसहिं, पुरुष नाम रवि हैं मलमासहिं।

दोहा
भानु चालीसा प्रेम युत, गावहिं जे नर नित्य।
सुख सम्पत्ति लहै विविध, होंहि सदा कृतकृत्य।।

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भारतीय संविधान के महत्‍वपूर्ण अनुच्छेद एवं अनुसूचियाँ



भारत, संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक प्रभुसत्तासम्पन्न, समाजवादी धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है। भारत का संविधान संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ।भारत का संविधान दुनिया का सबसे बडा लिखित संविधान है। इसमें अब 450 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण अनुच्छेद निम्नलिखित है जिन्‍हे प्रत्‍येक भारतीय को जानना बहुत आवाश्‍यक है-
  • अनुच्छेद 1 : यह घोषणा करता है कि भारत राज्यों का संघ है।
  • अनुच्छेद 3: संसद विधि द्वारा नए राज्य बना सकती है तथा पहले से अवस्थित राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं एवं नामों में परिवर्तन कर सकती है।
  • अनुच्छेद 5: संविधान के प्रारंभ होने के, समय भारत में रहने वाले वे सभी व्यक्ति यहां के नागरिक होंगे, जिनका जन्म भारत में हुआ हो, जिनके पिता या माता भारत के नागरिक हों या संविधान के प्रारंभ के समय से भारत में रह रहे हों।
  • अनुच्छेद 13:-- मौलिक अधिकारों को असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियों के बारे में
  • अनुच्छेद 14:- कानून के समक्ष समानता
  • अनुच्छेद 16:- सरकारी नौकरियों में सभी को अवसर की समानता
  • अनुच्छेद 17:- अस्पृश्यता का उन्मूलन
  • अनुच्छेद 19:- “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” के बारे में कुछ अधिकारों का संरक्षण
  • अनुच्छेद 21:- प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
  • अनुच्छेद 21A:- प्राथमिक शिक्षा का अधिकार
  • अनुच्छेद 25:- अंतरात्मा की स्वतंत्रता, मनचाहा काम और धर्म के प्रचार-प्रसार की स्वतंत्रता
  • अनुच्छेद 30:- अल्पसंख्यकों को शैक्षिक संस्थानों को स्थापित करने, उनका प्रशासन करने का अधिकार
  • अनुच्छेद 31C: - कुछ निर्देशक सिद्धांतों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्याख्या
  • अनुच्छेद 32:- मौलिक अधिकारों को लागू के लिए “रिट” सहित अन्य उपचार
  • अनुच्छेद 38:- राज्य, लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक सामाजिक व्यवस्था को बनाएगा
  • अनुच्छेद 40:- ग्राम पंचायतों का संगठन
  • अनुच्छेद 44:- नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता
  • अनुच्छेद 45:- 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान
  • अनुच्छेद 46:- अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातिओं और अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा
  • अनुच्छेद 50:- कार्यपालिका से न्यायपालिका को अलग किया जाना
  • अनुच्छेद 51:- अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना
  • अनुच्छेद 51A: - मौलिक कर्तव्य
  • अनुच्छेद 53: संघ की कार्यपालिका संबंधी शक्ति राष्ट्रपति में निहित रहेगी।
  • अनुच्छेद 64: उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पढ़ें अध्यक्ष होगा।
  • अनुच्छेद 74: एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसके शीर्ष पर प्रधानमंत्री रहेगा, जिसकी सहायता एवं सुझाव के आधार पर राष्ट्रपति अपने कार्य संपन्न करेगा। राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद के लिए किसी सलाह के पुनर्विचार को आवश्यक समझ सकता है, पर पुनर्विचार के पश्चात दी गई सलाह के अनुसार वह कार्य करेगा। इससे संबंधित किसी विवाद की परीक्षा किसी न्यायालय में नहीं की जाएगी।
  • अनुच्छेद 76: राष्ट्रपति द्वारा महान्यायवादी की नियुक्ति की जाएगी।
  • अनुच्छेद 78: प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य होगा कि वह देश के प्रशासनिक एवं विधायी मामलों तथा मंत्रिपरिषद के निर्णयों के संबंध में राष्ट्रपति को सूचना दे, यदि राष्ट्रपति इस प्रकार की सूचना प्राप्त करना आवश्यक समझे।
  • अनुच्छेद 86: इसके अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा संसद को संबोधित करने तथा संदेश भेजने के अधिकार का उल्लेख है।
  • अनुच्छेद 108: यदि किसी विधेयक के संबंध में दोनों सदनों में गतिरोध उत्पन्न हो गया हो तो संयुक्त अधिवेशन का प्रावधान है।
  • अनुच्छेद 110: धन विधेयक को इसमें परिभाषित किया गया है।
  • अनुच्छेद 111: संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के पास जाता है। राष्ट्रपति उस विधेयक को सम्मति प्रदान कर सकता है या अस्वीकृत कर सकता है। वह सन्देश के साथ या बिना संदेश के संसद को उस पर पुनर्विचार के लिए भेज सकता है, पर यदि दोबारा विधेयक को संसद द्वारा राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो वह इसे अस्वीकृत नहीं करेगा।
  • अनुच्छेद 112: प्रत्येक वित्तीय वर्ष हेतु राष्ट्रपति द्वारा संसद के समक्ष बजट पेश किया जाएगा।
  • अनुच्छेद 123: संसद के अवकाश (सत्र नहीं चलने की स्थिति) में राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने का अधिकार।
  • अनुच्छेद 124: इसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के गठन का वर्णन है।
  • अनुच्छेद 129: सर्वोच्च न्यायालय एक अभिलेख न्यायालय है।
  • अनुच्छेद 143:- सुप्रीम कोर्ट से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति
  • अनुच्छेद 148: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
  • अनुच्छेद 149:- भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की शक्तियां
  • अनुच्छेद 155:- राज्यपाल की नियुक्ति
  • अनुच्छेद 161:- क्षमा को कम करने, टालने और निलंबित करने की राज्यपाल की शक्ति
  • अनुच्छेद 163: राज्यपाल के कार्यों में सहायता एवं सुझाव देने के लिए राज्यों में एक मंत्रिपरिषद एवं इसके शीर्ष पर मुख्यमंत्री होगा, पर राज्यपाल के स्वविवेक संबंधी कार्यों में वह मंत्रिपरिषद के सुझाव लेने के लिए बाध्य नहीं होगा।
  • अनुच्छेद 165:- राज्य के महाधिवक्ता
  • अनुच्छेद 167:- राज्यपाल को जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री के कर्तव्य
  • अनुच्छेद 168:- राज्यों में विधानमंडलों की व्यवस्था
  • अनुच्छेद 169: राज्यों में विधान परिषदों की रचना या उनकी समाप्ति विधान सभा द्वारा बहुमत से पारित प्रस्ताव तथा संसद द्वारा इसकी स्वीकृति से संभव है।
  • अनुच्छेद 170:- राज्यों में विधान सभाओं की संरचना
  • अनुच्छेद 171:- राज्यों में विधान परिषदों की संरचना
  • अनुच्छेद 172:- राज्य विधान मंडलों की अवधि
  • अनुच्छेद 173:- राज्य विधानमंडल की सदस्यता के लिए योग्यता
  • अनुच्छेद 174:- राज्य विधायिका का सत्र, सत्रावसान और राज्य विधायिका का विघटन
  • अनुच्छेद 178:- विधान सभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर
  • अनुच्छेद 194:- महाधिवक्ता की शक्तियां, विशेषाधिकार और प्रतिरोधक क्षमता
  • अनुच्छेद 200: राज्यों की विधायिका द्वारा पारित विधेयक राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। वह इस पर अपनी सम्मति दे सकता है या इसे अस्वीकृत कर सकता है। वह इस विधेयक को संदेश के साथ या बिना संदेश के पुनर्विचार हेतु विधायिका को वापस भेज सकता है, पर पुनर्विचार के बाद दोबारा विधेयक आ जाने पर वह इसे अस्वीकृत नहीं कर सकता। इसके अतिरिक्त वह विधेयक को राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भी भेज सकता है।
  • अनुच्छेद 202:- राज्य विधानमंडल का वार्षिक वित्तीय विवरण (राज्य बजट)
  • अनुच्छेद 210:- राज्य विधानमंडल में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा
  • अनुच्छेद 212:- न्यायालयों को राज्य विधानमंडल की कार्यवाही के बारे में पूछताछ करने का अधिकार नहीं
  • अनुच्छेद 213: राज्य विधायिका के सत्र में नहीं रहने पर राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है।
  • अनुच्छेद 214: सभी राज्यों के लिए उच्च न्यायालय की व्यवस्था होगी।
  • अनुच्छेद 217:- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति की शर्तें
  • अनुच्छेद 226: मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए उच्च न्यायालय को लेख जारी करने की शक्तियां।
  • अनुच्छेद 233: जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा उच्च न्यायालय के परामर्श से की जाएगी।
  • अनुच्छेद 235: उच्च न्यायालय का नियंत्रण अधीनस्थ न्यायालयों पर रहेगा।
  • अनुच्छेद 239: केंद्र शासित प्रदेशों का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा होगा। वह यदि उचित समझे तो बगल के किसी राज्य के राज्यपाल को इसके प्रशासन का दायित्व सौंप सकता है या प्रशासन की नियुक्ति कर सकता है।
  • अनुच्छेद 239A: - दिल्ली के संबंध में विशेष उपबंध
  • अनुच्छेद 243B: - पंचायतों का गठन
  • अनुच्छेद 243C: - पंचायतों की संरचना
  • अनुच्छेद 243G: - पंचायतों की जिम्मेदारियां, शक्तियां और अधिकार
  • अनुच्छेद 243K: - पंचायतों के चुनाव
  • अनुच्छेद 245: संसद संपूर्ण देश या इसके किसी हिस्से के लिए तथा राज्य विधानपालिका अपने राज्य या इसके किसी हिस्से के ले कानून बना सकता है।
  • अनुच्छेद 248: विधि निर्माण संबंधी अवशिष्ट शक्तियां संसद में निहित हैं।
  • अनुच्छेद 249: राज्यसभा विशेष बहुमत द्वारा राज्य सूची के किसी विषय पर लोक सभा को एक वर्ष के लिए कानून बनाने के लिए अधिकृत कर सकती है, यदि वह इसे राष्ट्रहित में आवश्यक समझे।
  • अनुच्छेद 262: अंतरराज्यीय नदियां या नदी घाटियों के जल के वितरण एवं नियंत्रण से संबंधित विवादों के लिए संसद द्वारा निर्णय कर सकती है।
  • अनुच्छेद 263: केंद्र राज्य संबंधों में विवादों का समाधान करने एवं परस्पर सहयोग के क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य राष्ट्रपति एक अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना कर सकता है।
  • अनुच्छेद 265:- कानून के प्राधिकार के बिना करों का अधिरोपण न किया जाना
  • अनुच्छेद 266: भारत की संचित निधि, जिसमें सरकार की सभी मौद्रिक अविष्टियां एकत्र रहेंगी, विधि समस्त प्रक्रिया के बिना इससे कोई भी राशि नहीं निकली जा सकती है।
  • अनुच्छेद 267: संसद विधि द्वारा एक आकस्मिक निधि स्थापित कर सकती है, जिसमें अकस्मात उत्पन्न परिस्थितियां के लिए राशि एकत्र की जाएगी।
  • अनुच्छेद 275: केंद्र द्वारा राज्यों को सहायक अनुदान दिए जाने का प्रावधान।
  • अनुच्छेद 280: राष्ट्रपति हर पांचवें वर्ष एक वित्त आयोग की स्थापना करेगा, जिसमें अध्यक्ष के अतिरिक्त चार अन्य सदस्य होंगें तथा जो राष्ट्रपति के पास केंद्र एवं राज्यों के बीच करों के वितरण के संबंध में अनुशंषा करेगा।
  • अनुच्छेद 300 क: राज्य किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं करेगा। पहले यह प्रावधान मूल अधिकारों के अंतर्गत था, पर संविधान के 44 वें संशोधन, 1978 द्वारा इसे अनुच्छेद 300 (क) में एक सामान्य वैधानिक (क़ानूनी) अधिकार के रूप में अवस्थित किया गया।
  • अनुच्छेद 311:- संघ या किसी राज्य के अधीन सिविल क्षमताओं में कार्यरत व्यक्तियों के रैंक में कमी बर्खास्तगी।
  • अनुच्छेद 312: राज्यसभा विशेष बहुमत द्वारा नई अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना की अनुशंसा कर सकती है।
  • अनुच्छेद 315: संघ एवं राज्यों के लिए एक लोक सेवा आयोग की स्थापना की जाएगी।
  • अनुच्छेद 320:- लोक सेवा आयोगों के कार्य
  • अनुच्छेद 323-A: - प्रशासनिक न्यायाधिकरण
  • अनुच्छेद 324: चुनावों के पर्यवेक्षण, निर्देशन एवं नियंत्रण संबंधी समस्त शक्तियां चुनाव आयोग में निहित रहेंगी।
  • अनुच्छेद 326: लोक सभा तथा विधान सभाओं में चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर होगा।
  • अनुच्छेद 331: आंग्ल भारतीय समुदाय के लोगों का राष्ट्रपति द्वारा लोक सभा में मनोनयन संभव है, यदि वह समझे की उनका उचित प्रतिनिधित्व नहीं है।
  • अनुच्छेद 332: अनुसूचित जाति एवं जनजातियों का विधानसभाओं में आरक्षण का प्रावधान।
  • अनुच्छेद 333: आंग्ल भारतीय समुदाय के लोगों का विधान सभाओं में मनोनयन।
  • अनुच्छेद 335: अनुसूचित जातियों, जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों के लिए विभिन्न सेवाओं में पदों पर आरक्षण का प्रावधान।
  • अनुच्छेद 343: संघ की आधिकारिक भाषा देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी होगी।
  • अनुच्छेद 347: यदि किसी राज्य में पर्याप्त संख्या में लोग किसी भाषा को बोलते हों और उनकी आकांक्षा हो कि उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषा को मान्यता दी जाए तो इसकी अनुमति राष्ट्रपति दे सकता है।
  • अनुच्छेद 351: यह संघ का कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार एवं उत्थान करे ताकि वह भारत की मिश्रित संस्कृति के सभी अंगों के लिए अभिव्यक्ति का माध्यम बने।
  • अनुच्छेद 352: राष्ट्रपति द्वारा आपात स्थिति की घोषणा, यदि वो समझता हो कि भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा युद्ध, बाह्य आक्रमण या सैन्य विद्रोह के फलस्वरूप खतरे में है।
  • अनुच्छेद 356: यदि किसी राज्य के राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को यह रिपोर्ट दी जाए कि उस राज्य में संवैधानिक तंत्र असफल हो गया है तो वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।
  • अनुच्छेद 360: यदि राष्ट्रपति यह समझता है की भारत या इसके किसी भाग की वित्तीय स्थिरता एवं साख खतरे में है तो वह वित्तीय आपात स्थिति की घोषणा कर सकता है।
  • अनुच्छेद 365: यदि कोई राज्य केंद्र द्वारा भेजे गए किसी कार्यकारी निर्देश का पालन करने में असफल रहता है तो राष्ट्रपति द्वारा यह समझा जाना विधि समस्त होगा कि उस राज्य में संविधान तंत्र के अनुरूप प्रशासन चलने की स्थिति नहीं है और वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।
  • अनुच्छेद 368: संसद को संविधान के किसी भी भाग का संशोधन करने का अधिकार है।
  • अनुच्छेद 370: इसके अंतर्गत जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति का वर्णन है।
  • अनुच्छेद 371: कुछ राज्यों के विशेष क्षेत्रों के विकास के लिए राष्ट्रपति बोर्ड स्थापित कर सकता है, जैसे - महाराष्ट्र, गुजरात, नागालैंड, मणिपुर आदि।
  • अनुच्छेद 394 क: राष्ट्रपति अपने अधिकार के अंतर्गत इस संविधान का हिंदी भाषा में अनुवाद कराएगा।
  • अनुच्छेद 395: भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947, भारत सरकार अधिनियम, 1953 तथा इनके अन्य पूरक अधिनियमों को, जिसमें प्रिवी कौंसिल क्षेत्राधिकार अधिनियम शामिल नहीं है, यहां रद्द किया जाता है।

भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ
  • प्रथम अनुसूची राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों का वर्णन
  • दूसरी अनुसूची राष्ट्रपति , राज्यों के राज्यपाल, लोकसभा के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, राज्य सभा के सभापति तथा उपसभापति, विधान सभा के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति तथा उप-सभापति, उच्चतम तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों एवं भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक के संबंध में उपबंध
  • तीसरी अनुसूची शपथ या प्रतिज्ञान के प्रारूप
  • चौथी अनुसूची राज्यसभा में सीटों का आबंटन
  • पांचवीं अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उपबंध
  • छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में उपबंध
  • सातवीं अनुसूची संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची
  • आठवीं अनुसूची मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची
  • नौवीं अनुसूची विशिष्ट अधिनियमों और विनियमों के सत्यापन के प्रावधान
  • दसवीं अनुसूची दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता के बारे में उपबंध
  • ग्यारहवीं अनुसूची पंचायतों के अधिकार, प्रधिकार और दायित्व ।
  • बारहवीं अनुसूची नगर पालिकाओं की के अधिकार, प्रधिकार और दायित्व ।


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भारत का संविधान - प्रस्तावना अथवा उद्देशिका



Preamble of the Indian Constitution
Preamble of Indian Constitution

"हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को:

सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढाने के लिए

दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई0 (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हजार छह विक्रमी) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।"
संविधान के उद्देश्यों को प्रकट करने हेतु प्राय: उनसे पहले एक प्रस्तावना प्रस्तुत की जाती है जिसे भारतीय संविधान की उद्देशिका भी कहा जाता है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना अमेरिकी संविधान से प्रभावित तथा विश्व में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। प्रस्तावना के माध्यम से भारतीय संविधान का सार, अपेक्षाएँ, उद्देश्य उसका लक्ष्य तथा दर्शन प्रकट होता है। प्रस्तावना यह घोषणा करती है कि संविधान अपनी शक्ति सीधे जनता से प्राप्त करता है इसी कारण यह 'हम भारत के लोग' - इस वाक्य से प्रारम्भ होती है।
Preamble to the Constitution of India

सुप्रीम कोर्ट द्वारा व्याख्या
संविधान में प्रस्तावना को तब जोड़ा गया था जब बाकी संविधान पहले ही लागू हो गया था। बेरूबरी यूनियन के मामले में (1960) सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है। हालांकि, यह स्वीकार किया गया कि यदि संविधान के किसी भी अनुच्छेद में एक शब्द अस्पष्ट है या उसके एक से अधिक अर्थ होते हैं तो प्रस्तावना को एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
केहर सिंह बनाम भारत संघ के वाद में कहा गया था कि संविधान सभा भारतीय जनता का सीधा प्रतिनिधित्व नहीं करती अत: संविधान विधि की विशेष अनुकृपा प्राप्त नहीं कर सकता, परंतु न्यायालय ने इसे खारिज करते हुए संविधान को सर्वोपरि माना है जिस पर कोई प्रश्न नहीं उठाया जा सकता है।
केशवानंद भारती मामले (1973) में सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के फैसले को पलट दिया और यह कहा कि प्रस्तावना संविधान का एक हिस्सा है और इसे संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संशोधित किया जा सकता है। एक बार फिर, भारतीय जीवन बीमा निगम के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि प्रस्तावना संविधान का एक हिस्सा है।
इस प्रकार स्वतंत्र भारत के संविधान की प्रस्तावना खूबसूरत शब्दों की भूमिका से बनी हुई है। इसमें बुनियादी आदर्श, उद्देश्य और दार्शनिक भारत के संविधान की अवधारणा शामिल है। ये संवैधानिक प्रावधानों के लिए तर्कसंगतता अथवा निष्पक्षता प्रदान करते हैं।
प्रस्तावना के मूल शब्दों की व्याख्या इस प्रकार है:  संप्रभुता प्रस्तावना यह दावा करती है कि भारत एक संप्रभु देश है। सम्प्रुभता शब्द का अर्थ है कि भारत किसी भी विदेशी और आंतरिक शक्ति के नियंत्रण से पूर्णतः मुक्त सम्प्रुभतासम्पन्न राष्ट्र है। भारत की विधायिका को संविधान द्वारा तय की गयी कुछ सीमाओं के विषय में देश में कानून बनाने का अधिकार है। 
  1. समाजवादी -'समाजवादी' शब्द संविधान के 1976 में हुए 42 वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया। समाजवाद का अर्थ है समाजवादी की प्राप्ति लोकतांत्रिक तरीकों से होती है। भारत ने 'लोकतांत्रिक समाजवाद' को अपनाया है। लोकतांत्रिक समाजवाद एक मिश्रित अर्थव्यवस्था में विश्वास रखती है जहां निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र कंधे से कंधा मिलाकर सफर तय करते हैं। इसका लक्ष्य गरीबी, अज्ञानता, बीमारी और अवसर की असमानता को समाप्त करना है।
  2. धर्मनिरपेक्ष - 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द संविधान के 1976 में हुए 42वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया। भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्ष शब्द का अर्थ है कि भारत में सभी धर्मों को राज्यों से समानता, सुरक्षा और समर्थन पाने का अधिकार है। संविधान के भाग III के अनुच्छेद 25 से 28 एक मौलिक अधिकार के रूप में धर्म की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है।
  3. लोकतांत्रिक - लोकतांत्रिक शब्द का अर्थ है कि संविधान की स्थापना एक सरकार के रूप में होती है जिसे चुनाव के माध्यम से लोगों द्वारा निर्वाचित होकर अधिकार प्राप्त होते हैं। प्रस्तावना इस बात की पुष्टि करती हैं कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जिसका अर्थ है कि सर्वोच्च सत्ता लोगों के हाथ में है। लोकतंत्र शब्द का प्रयोग राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र के लिए प्रस्तावना के रूप में प्रयोग किया जाता है। सरकार के जिम्मेदार प्रतिनिधि, सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, एक वोट एक मूल्य, स्वतंत्र न्यायपालिका आदि भारतीय लोकतंत्र की विशेषताएं हैं।
  4. गणराज्य - एक गणतंत्र अथवा गणराज्य में, राज्य का प्रमुख प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लोगों द्वारा चुना जाता है। भारत के राष्ट्रपति को लोगों द्वारा परोक्ष रूप से चुना जाता है; जिसका अर्थ संसद और राज्य विधानसभाओं में अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से है। इसके अलावा, एक गणतंत्र में, राजनीतिक संप्रभुता एक राजा की बजाय लोगों के हाथों में निहित होती है।
  5. न्याय - प्रस्तावना में न्याय शब्द को तीन अलग-अलग रूपों में समाविष्ट किया गया है- सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक, जिन्हें मौलिक और नीति निर्देशक सिद्धांतों के विभिन्न प्रावधानों के माध्यम से हासिल किया गया है। प्रस्तावना में सामाजिक न्याय का अर्थ संविधान द्वारा बराबर सामाजिक स्थिति के आधार पर एक अधिक न्यायसंगत समाज बनाने से है। आर्थिक न्याय का अर्थ समाज के अलग-अलग सदस्यों के बीच संपत्ति के समान वितरण से है जिससे संपत्ति कुछ हाथों में ही केंद्रित नहीं हो सके। राजनीतिक न्याय का अर्थ सभी नागरिकों को राजनीतिक भागीदारी में बराबरी के अधिकार से है। भारतीय संविधान प्रत्येक वोट के लिए सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार और समान मूल्य प्रदान करता है।
  6. स्वतंत्रता -स्वतंत्रता का तात्पर्य एक व्यक्ति जो मजबूरी के अभाव या गतिविधियों के वर्चस्व के कारण तानाशाही गुलामी, चाकरी, कारावास, तानाशाही आदि से मुक्त या स्वतंत्र कराना है।
  7. समानता -समानता का अभिप्राय समाज के किसी भी वर्ग के खिलाफ विशेषाधिकार या भेदभाव को समाप्त करने से है। संविधान की प्रस्तावना देश के सभी लोगों के लिए स्थिति और अवसरों की समानता प्रदान करती है। संविधान देश में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता प्रदान करने का प्रयास करता है।
  8. भाईचारा -भाईचारे का अर्थ बंधुत्व की भावना से है। संविधान की प्रस्तावना व्यक्ति और राष्ट्र की एकता और अखंडता की गरिमा को बनाए रखने के लिए लोगों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देती है।
प्रस्तावना में संशोधन
1976 में, 42वें संविधान संशोधन अधिनियम (अभी तक केवल एक बार) द्वारा प्रस्तावना में संशोधन किया गया था जिसमें तीन नए शब्द- समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था। अदालत ने इस संशोधन को वैध ठहराया था।


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श्री गणेश चालीसा एवं आरती Shri Ganesha Chalisa and Aarati



॥दोहा॥
जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥
जय जय जय गणपति गणराजू।
मंगल भरण करण शुभ काजू॥
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॥चौपाई॥
जै गजबदन सदन सुखदाता। विश्व विनायक बुद्धि विधाता॥
वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन। तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥
राजत मणि मुक्तन उर माला। स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं। मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥1॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित। चरण पादुका मुनि मन राजित॥
धनि शिव सुवन षडानन भ्राता। गौरी ललन विश्वविख्याता॥
ऋद्घिसिद्घि तव चंवर सुधारे। मूषक वाहन सोहत द्वारे॥
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी। अति शुचि पावन मंगलकारी॥2॥

एक समय गिरिराज कुमारी। पुत्र हेतु तप कीन्हो भारी॥
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा। तब पहुंच्यो तुम धरि द्घिज रुपा॥
अतिथि जानि कै गौरि सुखारी। बहुविधि सेवा करी तुम्हारी॥
अति प्रसन्न है तुम वर दीन्हा। मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा॥3॥

मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला। बिना गर्भ धारण, यहि काला॥
गणनायक, गुण ज्ञान निधाना। पूजित प्रथम, रुप भगवाना॥
अस कहि अन्तर्धान रुप है। पलना पर बालक स्वरुप है॥
बनि शिशु, रुदन जबहिं तुम ठाना। लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना॥4॥

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं। नभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं॥
शम्भु, उमा, बहु दान लुटावहिं। सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं॥
लखि अति आनन्द मंगल साजा। देखन भी आये शनि राजा॥
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं। बालक, देखन चाहत नाहीं॥5॥

गिरिजा कछु मन भेद बढ़ायो। उत्सव मोर, न शनि तुहि भायो॥
कहन लगे शनि, मन सकुचाई। का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई॥
नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ। शनि सों बालक देखन कहाऊ॥
पडतहिं, शनि दृग कोण प्रकाशा। बोलक सिर उड़ि गयो अकाशा॥6॥

गिरिजा गिरीं विकल है धरणी। सो दुख दशा गयो नहीं वरणी॥
हाहाकार मच्यो कैलाशा। शनि कीन्हो लखि सुत को नाशा॥
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो। काटि चक्र सो गज शिर लाये॥
बालक के धड़ ऊपर धारयो। प्राण, मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो॥7॥

नाम गणेश शम्भु तब किन्हें। प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वन दीन्हे॥
बुद्ध परीक्षा जब शिव कीन्हा। पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा॥
चले षडानन, भरमि भुलाई। रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई॥
चरण मातु पितु के धर लीन्हें। तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें॥8॥

तुम्हरी महिमा बुद्घि बड़ाई। शेष सहसमुख सके न गाई॥
मैं मति हीन मलीन दुखारी। करहुं कौन विधि विनय तुम्हारी॥
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा। जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा॥
अब प्रभु दया दीन पर कीजै। अपनी भक्ति शक्ति कछु दीजै॥9॥
Lord-Ganesha-Wallpaper
॥दोहा॥
श्री गणेश यह चालीसा, पाठ करै कर ध्यान।
नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सन्मान॥
सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश।
पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ति गणेश॥

 

आरती श्री गणेश जी की 

 जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय...

एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय...

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय...

हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥ जय...

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय...


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हिंदी के अशुद्ध शब्द और उनके शुद्ध शब्‍द



List of Hindi Shudh Ashudh Shabd

हिंदी शुद्ध अशुद्ध शब्द सूची (List of Hindi Shudh Ashudh Shabd)

शुद्ध / मानक- - - - -अशुद्ध / अमानक

  1. अनधिकार- - - - -अनाधिकार
  2. अधीन- - - - -आधीन
  3. अतिथि- - - - -अतिथी
  4. अफ़सोसनाक- - - - -अफ़सोसजनक
  5. अंतरराष्ट्रीय- - - - -अंतर्राष्ट्रीय
  6. अध्यात्म- - - - -आध्यात्म
  7. अत्यधिक- - - - -अत्याधिक
  8. अंत्येष्टि- - - - -अंत्येष्ठि
  9. अंतर्धान- - - - -अंतर्ध्यान
  10. अभीष्ट- - - - -अभीष्ठ
  11. अनुगृहीत- - - - -अनुग्रहीत
  12. अनजान- - - - -अंजान
  13. अंतरिक्ष- - - - -अंतरीक्ष
  14. अठखेलियाँ- - - - -अटखेलियाँ
  15. अधीक्षक- - - - -अधिक्षक
  16. अनिश्चित- - - - -अनिश्च्त
  17. अवयस्क- - - - -अवयस्क
  18. अवाम- - - - -आवाम
  19. अष्टांगयोग- - - - -अष्ठांगयोग
  20. असम- - - - -आसाम
  21. अंपायर- - - - -एंपायर
  22. असम्मानजनक- - - - -गैरसम्मानजनक


  1. आवश्यकता- - - - -अवश्यकता
  2. आटा- - - - -आँटा
  3. आशीर्वाद- - - - -आशिर्वाद
  4. आहार- - - - -अहार
  5. आरूढ़- - - - -आरुढ़
  6. आनुषंगिर- - - - -अनुषांगिर
  7. आस्तीन- - - - -अस्तीन
  8. आइए- - - - -आईए
  9. आइना- - - - -आईना
  10. आकंठ- - - - -आकंट
  11. आगामी- - - - -अगामी
  12. आधारित- - - - -अधारित
  13. आधिकारित- - - - -अधिकारित
  14. आध्यात्मिक- - - - -अध्यात्मिक
  15. आवारा- - - - -अवारा
  16. आतंकवादी- - - - -आंतकवादी
  17. आँसुओं- - - - -आँसूओं
  18. आडवाणी- - - - -आडवानी
  19. आर्द्रता- - - - -आर्दता
  20. आवंटन- - - - -आबंटन


  1. इनकार- - - - -इंकार
  2. इमारत- - - - -ईमारत
  3. इत्तफ़ाक़ / इत्तिफ़ाक़- - - - -अत्तेफ़ाक़
  4. इकट्ठा- - - - -इकठ्ठा
  5. इच्छा- - - - -ईच्छा
  6. इंग्लैंड- - - - -इंगलैंड
  7. इंजेक्शन- - - - -इंजैक्शन


  1. ईजाद- - - - -इजाद
  2. ईसाई- - - - -इसाई
  3. ईमानदारी- - - - -इमानदारी
  4. ईश्वर- - - - -इश्वर


  1. उज्ज्वल- - - - -उज्ज्वल
  2. उपजाऊ- - - - -उपजाउ
  3. उद्घाटन- - - - -उदघाटन
  4. उद्यत- - - - -उद्दत
  5. उनतीस- - - - -उंतीस
  6. उनचास- - - - -उनंचास
  7. उँगलियाँ- - - - -ऊँगलियाँ
  8. उपलक्ष्य- - - - -उपलक्ष


  1. ऊहापोह- - - - -उहापोह
  2. ऊधम- - - - -उधम
  3. ऊष्मा- - - - -उष्मा


  1. एकेडेमिक / अकादमिक- - - - -अकेडमिक
  2. एनकाउंटर / एनकाउण्टर- - - - -एनकाउन्टर
  3. एकत्र- - - - -एकत्रित
  4. एहसास- - - - -अहसास
  5. एजेंसी- - - - -एंजसी
  6. एहतियात- - - - -ऐहतियात
  7. ऐतिहासिक- - - - -एतिहासिक
  8. ऐक्ट- - - - -एक्ट
  9. ऐच्छिक- - - - -एच्छिक
  10. ऐंकर- - - - -एंकर


  1. कालिदास- - - - -कालीदास
  2. कोटि- - - - -कोटी
  3. क़ूवत- - - - -कूबत
  4. कीजिए- - - - -करीए
  5. कीजिएगा- - - - -करिएगा
  6. क्योंकि- - - - -क्योंकी
  7. काग़ज़ात- - - - -काग़ज़ातों
  8. कसौटी- - - - -कसोटी
  9. कठिनाइयाँ- - - - -कठिनाईयाँ
  10. केंद्रीय- - - - -केंद्रिय
  11. कुमुसिनी- - - - -कुमुदनी
  12. कैबिनेट- - - - -केबिनेट
  13. क़ाबिलियत- - - - -काबिलयत
  14. कारागृह- - - - -काराग्रह
  15. कार्रवाई- - - - -कार्यवाई
  16. कनिष्ठ- - - - -कनिष्ट
  17. कौआ- - - - -कौव्वा
  18. कृतकृत्य- - - - -कृत्यकृत्य
  19. कृपया- - - - -कृप्या
  20. कुआँ / कुँआ- - - - -कूआँ


  1. खरोंच- - - - -खरोच
  2. ख़बरनवीस- - - - -ख़बरनबीस
  3. ख़याल- - - - -ख्याल
  4. खटाई- - - - -खटायी
  5. खल्वाट- - - - -खलवाट
  6. ख़ूबानी- - - - -ख़ुबानी


  1. गीतांजलि- - - - -गीतांजली
  2. गुरु- - - - -गुरू
  3. गृहिणी- - - - -गृहणी
  4. गठजोड- - - - -गँठजोड
  5. गद्गद- - - - -गदगद
  6. गलघोंटू- - - - -गलाघोंटू
  7. गँवाना- - - - -गवाँना / गवाना


  1. घंटे / घण्टे- - - - -घन्टे
  2. घनिष्ठ- - - - -घनिष्ट
  3. घबराना- - - - -घबड़ाना
  4. घरौंदा- - - - -घरोंदा
  5. घूँट- - - - -घूट


  1. चेष्टा- - - - -चेष्ठा
  2. चित्त- - - - -चित
  3. चिह्न- - - - -चिन्ह
  4. चरागाह- - - - -चारागाह


  1. छिपकली- - - - -छिपकिली
  2. छुआछूत- - - - -छूआछूत
  3. छेड़छाड़- - - - -छेंड़छाड़ / छेड़छाँड़


  1. जीर्णोद्धार- - - - -जीर्णोंद्धार
  2. जाति- पाँति / जात - पाँत- - - - -जाँति- पाँति / जाति - पाति
  3. ज़रूरी- - - - -ज़रुरी
  4. जयंती- - - - -जयंति
  5. जवाब- - - - -जबाव
  6. ज्योत्स्ना- - - - -ज्योत्सना
  7. ज्योतिषी- - - - -ज्योतिषि
  8. जुआरी- - - - -जुआड़ी
  9. जूठा (खाना)- - - - -झूठा (खाना)


  1. झँपना- - - - -झपना
  2. झाग- - - - -झाँग
  3. झुँझलाना- - - - -झुझलाना
  4. झोंका- - - - -झोका
  5. झोंपडी- - - - -झौपड़ी


  1. टेलीविज़न- - - - -टेलिविज़न
  2. टिप्पणी- - - - -टिप्पड़ी


  1. डाकुओं- - - - -डाकूओं
  2. ड्राइवर- - - - -ड्राईवर


  1. ढाँकना- - - - -ढाँकना
  2. ढूँढ़ना- - - - -ढूँढना


  1. ताबूत- - - - -ताबुत
  2. तूफ़ान- - - - -तुफान
  3. तत्त्व- - - - -तत्व
  4. तात्कालिक- - - - -तत्कालिक
  5. तृतीय- - - - -त्रितीय
  6. त्रिकालदर्शी- - - - -तृकालदर्शी
  7. तुम्हें, तुमको- - - - -तुम्हारे को
  8. तत्त्वावधान- - - - -तत्वाधान
  9. तैंतीस- - - - -तैतीस
  10. तिनतरफ़ा- - - - -तीनतरफा
  11. तबीयत- - - - -तबियत
  12. तिथि- - - - -तिथी
  13. त्यौरी- - - - -त्योरी
  14. त्योहार- - - - -त्यौहार
  15. तिलिस्म- - - - -तिलस्म
  16. तुष्टीकरण- - - - -तुष्टिकरण


  1. थर्माकोल- - - - -थरमाकोल
  2. थीसीस- - - - -थिसिस
  3. थूकना- - - - -थुकना
  4. थ्योरी- - - - -थ्यौरी
  5. थ्रिलर- - - - -थ्रीलर
  6. थूत्कार- - - - -थुत्कार
  7. थेगली- - - - -थिगली


  1. दरियाई- - - - -दरियायी
  2. दूसरे- - - - -दुसरे
  3. द्वंद्व- - - - -द्वंद
  4. दंपति / दंपती- - - - -दंपत्ति
  5. दीवाली- - - - -दिवाली
  6. दयालु- - - - -दयालू
  7. दूल्हे- - - - -दुल्हे
  8. दायित्व- - - - -दायित्त्व
  9. दुरूह- - - - -दुरुह
  10. दुरवस्था- - - - -दुरावस्था
  11. दुरुपयोग- - - - -दुरुपयोग
  12. दुकानें- - - - -दुकाने
  13. द्रष्टा- - - - -दृष्टा
  14. दुनिया- - - - -दुनियाँ
  15. दृश्य- - - - -दृष्य
  16. दामाद- - - - -दमाद
  17. दाँवपेंच- - - - -दावपेच
  18. दवाइयाँ- - - - -दवाईयाँ
  19. दीवानगी- - - - -दिवानगी
  20. दस्तावेज़- - - - -दस्ताबेज
  21. दुपहिया- - - - -दोपहिया


  1. धकेला- - - - -ढकेला
  2. धुरंधर- - - - -धुरंदर
  3. धातुएँ- - - - -धातूएँ
  4. ध्रुपद- - - - -ध्रूपद
  5. धौंस- - - - -धौस
  6. धौंकनी- - - - -धौकनी


  1. नाकोदम- - - - -नाकोंदम
  2. नरक- - - - -नर्क
  3. नाकारा- - - - -नकारा
  4. नीरोग- - - - -निरोग
  5. नादान- - - - -नदान
  6. नाराज़- - - - -नराज
  7. निलंबित- - - - -निलंवित
  8. न्यायालय- - - - -न्यालय
  9. न्योछावर- - - - -न्यौछावर
  10. नक़द- - - - -नगद
  11. नूपुर- - - - -नुपुर
  12. नई- - - - -नयी
  13. नौकरी- - - - -नोकरी
  14. नि:शुल्क- - - - -निशुल्क
  15. नवाब- - - - -नबाब
  16. नेस्तनाबूद- - - - -नेस्तनाबूत
  17. नवरात्र- - - - -नवरात्री
  18. न्योता- - - - -न्यौता
  19. निर्माणाधीन- - - - -निर्माणधीन
  20. निरुपम- - - - -निरूपम
  21. नुकसानदेह- - - - -नुकसानदेय
  22. नौसिखिया- - - - -नौसीखिया


  1. पूर्णिमा- - - - -पुर्णिमा
  2. पूर्वार्ध (पूर्वार्द्ध)- - - - -पूर्वार्द
  3. पूर्ति- - - - -पूर्ती
  4. परिस्थिति- - - - -परिस्थित
  5. प्रतिनिधि- - - - -प्रतिनिध
  6. पुष्पांजलि- - - - -पुष्पांजली
  7. प्रौढ़- - - - -प्रोढ़
  8. पारलौकिक- - - - -परलौकिक
  9. पाजामा- - - - -पजामा
  10. पांडेय- - - - -पांडे
  11. पूछकर- - - - -पूँछकर
  12. प्रतीक्षा- - - - -प्रतिक्षा
  13. पाँचवाँ- - - - -पांचवा
  14. पीतांबर- - - - -पितांबर
  15. परखचे- - - - -परखच्चे
  16. पेचीदा- - - - -पेंचीदा
  17. प्राचीनतम- - - - -प्राचीनतम्
  18. पश्चात्ताप- - - - -पश्चाताप
  19. परिशिष्ट- - - - -परिशिष्ठ
  20. प्रविष्ट- - - - -प्रविष्ठ
  21. पुनरुत्थान- - - - -पुर्नुत्थान
  22. पक्षिगण- - - - -पक्षीगण
  23. पूजनीय- - - - -पूज्यनीय
  24. पूछना- - - - -पूँछना
  25. परिप्रेक्ष्य- - - - -परिपेक्ष्य
  26. पुनर्वास- - - - -पुर्नवास
  27. पड़ोस- - - - -पड़ौस
  28. प्रदर्शन- - - - -प्रर्दशन
  29. प्रदर्शनी- - - - -प्रदर्शिनी
  30. प्रामाणिक- - - - -प्रमाणिक
  31. प्रसंस्कृत- - - - -प्रसंस्करित
  32. पुनर्जन्म- - - - -पुर्नजन्म
  33. पुनर्मतदान- - - - -पुर्नमतदन


  1. फाँसी- - - - -फासी
  2. फुट- - - - -फिट
  3. फ़ज़ूल- - - - -बेफ़ज़ूल
  4. फ़ेहरिस्त- - - - -फेहरिश्त


  1. बाबत- - - - -बावत
  2. बरात- - - - -बारात
  3. बीमार- - - - -बिमार
  4. बरदाश्त- - - - -बर्दाश्त/बर्दास्त
  5. बादाम- - - - -बदाम
  6. बनिस्बत- - - - -बनिस्पत
  7. ब्राह्मण- - - - -ब्रह्मण
  8. बजाय- - - - -बजाए
  9. बहू- - - - -बहु
  10. ब्रह्म- - - - -ब्रम्ह
  11. बाज़ार- - - - -बज़ार
  12. बांग्ला (भाषा)- - - - -बंगला
  13. बाक़ायदा- - - - -बकायदा
  14. बढ़ोतरी- - - - -बढ़ौत्तरी
  15. बिस्वा- - - - -बिसवा
  16. बेईमान- - - - -बइमान
  17. बल्ब- - - - -बल्व
  18. बीवी (पत्नी)- - - - -बीबी
  19. बेचना- - - - -बेंचना
  20. बंदरबाँट- - - - -बंदरबाट


  1. भगवत्प्रेम- - - - -भागवत्प्रेम
  2. भालुओं- - - - -भालूओं
  3. भाषाएँ- - - - -भाषाऐं
  4. भागीदारी- - - - -भागेदारी
  5. भुखमरी- - - - -भूखमरी
  6. भौंक- - - - -भोंक
  7. भडकाऊ- - - - -भडकाऊँ
  8. भास्कर- - - - -भाष्कर
  9. भेड़- - - - -भेंड़


  1. महत्त्व- - - - -महत्व
  2. मालूम- - - - -मालुम
  3. महाबली- - - - -महाबलि
  4. मुनिनण- - - - -मुनीनण
  5. मुहूर्त- - - - -मुहूर्त्त
  6. मौलवी- - - - -मोलवी
  7. मुकदमे- - - - -मुकदमें
  8. मैथिली- - - - -मैथली
  9. मुकुंद- - - - -मुकंद
  10. मालिन- - - - -मालन
  11. मंजु- - - - -मंजू
  12. मंत्रिपरिषद- - - - -मंत्रीपरिषद
  13. मांस- - - - -माँस
  14. मिष्टान्न- - - - -मिष्ठान
  15. महँगा- - - - -मँहगा
  16. मंत्रोच्चार- - - - -मंत्रोचार
  17. महारत- - - - -महारथ
  18. मखौल- - - - -माखौल
  19. मुख़ालफ़त- - - - -मुखालिफत


  1. यानी- - - - -यानि
  2. यथेष्ट- - - - -यथेष्ठ
  3. यथोचित- - - - -यथोचित्
  4. यथावत्- - - - -यथावत
  5. योगिराज- - - - -योगीराज


  1. रुपये- - - - -रुपये/ रूपए
  2. रवींद्र- - - - -रबिंद्र
  3. रेणु- - - - -रेणू
  4. रूठ- - - - -रुठ
  5. रुपहला- - - - -रूपहला
  6. रणबाँकुरे- - - - -रणबाकुरे
  7. रासायनिक- - - - -रसायनिक
  8. राशिफल- - - - -राशीफल
  9. रेस्तराँ- - - - -रेस्तरा
  10. राष्ट्रीय- - - - -राष्ट्रिय
  11. रूखा- - - - -रुखा


  1. लक्षद्वीप- - - - -लक्षदीप
  2. लब्धप्रतिष्ठ- - - - -लब्धप्रतिष्ठित
  3. लैस- - - - -लैश
  4. लड़ाई- - - - -लड़ायी
  5. लिपि- - - - -लिपी
  6. लाखों- - - - -लाखो
  7. लहूलुहान- - - - -लहुलुहान
  8. लीवर- - - - -लिवर


  1. वरिष्ठ- - - - -वरिष्ट
  2. वरुण- - - - -वरूण
  3. वियतनाम- - - - -विएतनाम
  4. वानर- - - - -बानर
  5. वाल्मीकि- - - - -वाल्मीकी
  6. वधू- - - - -वधु
  7. वस्तुओं- - - - -वस्तूओं
  8. वेश्यागमन- - - - -वैश्यागमन
  9. विलास- - - - -बिलास
  10. विकराल- - - - -बिकराल
  11. व्यावसायिक- - - - -व्यवसायिक
  12. विजयी- - - - -विजई
  13. वापस- - - - -वापिस
  14. व्रज- - - - -वृज
  15. विरहिणी- - - - -विरहणी
  16. विहार- - - - -बिहार
  17. वियोग- - - - -बियोग
  18. वेशभूषा- - - - -वेषभूषा
  19. विश्वास- - - - -विस्वास
  20. विराजमान- - - - -विराजमान्


  1. शांति- - - - -शांती
  2. शिशु- - - - -शिशू
  3. शशिकांत- - - - -शशीकांत
  4. शंभु- - - - -शंभू
  5. श्मशान- - - - -शमशान
  6. शिविर- - - - -शिवर
  7. शिखर- - - - -शिखिर
  8. शांतिमय- - - - -शांतमय
  9. शय्या- - - - -शैया
  10. शुरुआत- - - - -शुरूआत

श्र

  1. श्रीमती- - - - -श्रीमति
  2. श्रृंगार- - - - -श्रृगांर


  1. षड्यंत्र- - - - -षड़यंत्र
  2. षष्टि- - - - -षष्ठ
  3. षष्टिपूर्ति- - - - -षष्ठिपूर्ति


  1. स्थिति- - - - -स्थिती
  2. स्थायी- - - - -स्थाई
  3. सुमेरु- - - - -सुमेरू
  4. संवर्धन/ संवर्द्धन- - - - -संवर्दन
  5. सन्न्यास- - - - -सन्न्यास
  6. सूची- - - - -सूचि
  7. सामान- - - - -समान
  8. संपत्ति- - - - -संपत्ती
  9. साप्ताहिक- - - - -सप्ताहिक
  10. सोचेंगे- - - - -सोचेंगें
  11. सांसारिक- - - - -संसारिक
  12. सिंहवाहिनी- - - - -सिंहवाहनी
  13. साहित्यिक- - - - -सात्यिक
  14. साधु- - - - -साधू
  15. स्वास्थ्य- - - - -स्वास्थ
  16. साइकिल- - - - -सायकिल
  17. सौंदर्य- - - - -सौंदर्यता
  18. स्वावलंबी- - - - -स्वालंबी
  19. सामर्थ्य- - - - -सामर्थ
  20. सशक्तीकरण- - - - -सशक्तिकरण
  21. स्वप्नद्रष्टा- - - - -स्वप्नदृष्टा
  22. सदृश- - - - -सदृश्य
  23. साइबर- - - - -साईबर
  24. सिंकाई- - - - -सिकाई
  25. सिरीज़- - - - -सीरीज़
  26. सुचारु- - - - -सुचारू
  27. सूबेदार- - - - -सुबेदार
  28. सूचीबद्ध- - - - -सूचिबद्ध
  29. संवाद- - - - -सम्वाद
  30. समाधि- - - - -समाधी
  31. सुनामी- - - - -सूनामी
  32. सुनसान- - - - -सूनसान
  33. सेवानिवृत्त- - - - -सेवानिवृत्त
  34. समलिंगी- - - - -समानलिंगी
  35. स्वावलंबन- - - - -स्वालंबन
  36. संग्रहीत- - - - -संग्रहित


  1. हिंदुओं- - - - -हिंदूओं
  2. हथिनी- - - - -हाथिनी
  3. हेरोइन- - - - -हरोईन
  4. हम पर- - - - -हमारे पर
  5. हेतु- - - - -हेतू
  6. हाउस- - - - -हाऊस
  7. हृदय- - - - -हृदय
  8. हिमाचल- - - - -हिमांचल
  9. हश्र (ह+श्+र)- - - - -हस्र

क्ष 

  1. क्षत्रिय- - - - -क्षत्रीय


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