प्रत्‍यक्षा जी का जन्‍मदिन बार बार क्‍यो चला आता है ?





जन्‍मदिन भी बड़ा अजीब दिन है, हर साल मुँह उठाकर चला आता है। :) अभी अभी कुछ देर पहले अनूप जी की पोस्ट पढ़ी तो पता चला कि आज फिर से प्रत्‍यक्षा जी का जन्म दिन आ गया है। जबकि अभी पिछले ही साल अक्टूबर में हम सबने मिलकर प्रत्‍यक्षा जी का जन्मदिन मनाया था।

जन्मदिन भी बिन बुलाये मेहमान की तरह चला आता है और पूरे दिन अपनी मनमानी करता है, और फिर अगले दिन एक साल और गुजर जाने का एहसास करा कर चला जाता है कहता कि देख बन्‍दे तुझे पिछले साल कहा था कि अच्‍छे अच्‍छे काम करूँगा पर किया नही इस बार तो कर। यह संदेश देकर पुन: आ धमकाने की धमकी देकर कि रिपोर्ट कार्ड दे‍खूँगा, कहकर चला जाता है। :)

निश्चित रूप से प्रत्‍यक्षा जी सफल है और उनका रिपोर्ट कार्ड भी अच्‍छा, उन्‍हे चिन्तित होने की कोई आवश्यकता नही है। और इस बार की जन्मदिन की शुभकामना स्वीकार करें और अगले जन्मदिन की तैयारी शुरू कर दें। क्‍योकि पता नही ये प्रत्‍यक्षा जी का जन्मदिन बार बार क्यों चला आता है ? :)


कुछ स्माइली एक्‍सट्रा दे रहा हूँ लगा कर पढ़ लीजिएगा। :) :) :) :) :) :) :D :D :D ;) ;)



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