इलाहाबाद में अधिवक्‍ता की हिरासत में मौत के बाद प्रदेशव्‍यापी हड़ताल



इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय के एक अधिवक्‍ता की पुलिस हिरासत मे मौत के कारण, शहर का माहोल काफी आगजनीमय हो गया था, काफी बसे और गाडि़यॉं को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना का अंजाम इतनी दूर तक जायेगा इसका अनुमान कल ही हो गया था। आज उत्‍तर प्रदेश के सभी न्‍यायालय के अधिवक्‍ता न्‍यायायिक कार्य से विरत रहे। कल अधिवक्‍ताओं ने एक प्रस्‍ताव इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायमूर्ति श्री बीएस चौहान के कोर्ट में न्‍यायायिक कार्य न करने का फैसला लिया, और उनके तबादले की अनुशंसा की। 
 
गौर ललब हो कि न्‍यायामूर्ति श्री चौहान के आदेश पर स्‍व. अधिवक्‍ता को न्‍यायालय की अवमानना पर जेल भेजा गया था। उच्‍च न्‍यायलय परिसर में आज अधिवक्‍ता न्‍याययिक कार्य से विरत रहने का फैसला कर चुके थे, किन्‍तु कुछ कोर्ट बैठी और कोर्ट में कुछ अधिवक्‍ताओं ने अभद्रता पूर्वक बातें की। वकीलो का रोष जायज था। क्‍योकि जिस प्रकार की अमानवीय कृत्‍य मृतक के साथ हुआ। वह सभ्‍य समाज में निन्‍दनीय है।


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ट्रक की टक्कर और ईश्‍वर की कृपा



कल दिन में एक फार्म के चक्‍कर में काफी घूमना हुआ, दोपहर की घूप कुछ ज्‍यादा की दुखदाई थी। करीब लौट कर आने में 2 बज गये थे। तबियत ठीक नही लग रही थी। लग रहा था कि काफी तेज बुखार है, और था भी। रात्रि में करीब 10.30 बजे सोता हूँ किन्‍तु कल 8 बजे ही सो गया था।
सुबह की क्रिकेट मंडली अपने समय पर आ गई थी और मै भी रोज की तरह सबसे पहले चाय पीकर तैयार था। इच्‍छा तो नही कर रही थी आज जाने को क्‍योकि तबीयत कुछ ठीक नही थी, किन्‍तु अगर एक दिन का गैप हो जाता है तो पूरा दिन शरीर दर्द करता है।
हमारा मैच करीब 6 बजे शुरू हो गया था। मेरी टीम की बालिंग थी, तीन ओवर हो चुके थे चौथे ओवर की 3 गेंद फेक की रहा था कि आचनक लव कुमार गुप्‍ता आ गया। वह काफी हडबड़ी में था, मैने पूछा क्‍या हुआ ? उनसे कहा कि पिता जी को ट्रक ने टक्‍कर मार दिया है। मेरे पैर से जमीन ही खिसक चुकी थी। उसने कहा कि तुरंत चलो, पिताजी को मदनानी से वात्‍सल्य ले जाना होगा। मैने जल्‍दबाजी में अपना ओवर पूरा करके वहॉं से निकल दिया।
मदानानी में लव के पिताजी को देखा तो वे काफी ठीक थे, जितनी बड़ी र्दुघटना थी, छति काफी कम थी, मुझे यहीं पर ईश्‍वर का न्‍याय समझ में आया, कि क्‍यो‍ लोग इस पत्‍थर वाले को पूजते है। पिताजी के दाये हाथ ओर पैर में भंयकर चोटें आई थी, सफेद हड्डी तक दिख रही थी। ईश्‍वर का प्रभाव था कि करीब 58 साल की उम्र में हड्डी आदि पर कोई प्रभाव नही पड़ा। लव के कहने पर मैने गाड़ी निकाली और तुरंत लव के पिताजी को बैठाकर वातसल्‍य की ओर निकल दिया। और उन्हे अस्पताल में भर्ती करवा दिया।
 
लव के पिताजी अपने दोनो पैरों पर चल रहे थे और काफी अच्‍छा महसूस कर रहे थे, किन्‍तु दर्द का एहसास तो था ही। उन्‍होने बताया कि घटना चौफटका के पुल के पास वाले पेट्रोल पम्‍प के पास की है। एक ट्रक वाला काफी तेजी से आ रहा था कि आचानक टक्‍कर पार दी। मै तो किसी तरह कूद गया किन्‍त साइकित वही दोना हो गई। ट्रक जा कर खम्‍बे से टकरा गई और खम्‍भा टूट गया। ट्रक वाला भाग गया। 
कुछ सुबह सुबह घटित हुआ बहुत ही दुखद: था किन्‍तु ईश्‍वर को धन्‍यवाद देता हूँ कि वह बहुत बड़ा रखवाला था।


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बारिस की पहली बूँद और हमारा क्रिकेट मैच



आज रात करीब 1 बजे सोया ओर 4 बजे जग गया। काफी अच्‍छा लग रहा था। कि सुबह 5.15 पर इलाहाबाद में बारिस की बूँदों ने दस्‍तक दे दिया। मौसम ठंड़ा और सुहावना होगा गया है। इस पानी का हमारे क्रिकेट मैच पर कोई असर नही पड़ेगा। हम बसते पानी में भी बहुत अच्‍छी क्रिकेट खेलते है। :) क्रिकेट ही नही अगर मैदान में ज्‍यादा पानी भर जाता है तो हम क्रिकेट की बाल से फुटबाल भी खेल लेते है। 
 
अब चलता हूँ परीक्षा बहुत हद तक समाप्‍त हो गई है, सम्‍पर्क में बना रहने की कोशिश रहेगी। कुछ हद तक इस लिये क्योंकि अन्तिम तिथि तो समाप्‍त होने की 12 थी किन्‍तु 5 को विधान परिषद के चुनाव के कारण पेपर स्‍थगित हो गया था, अब वह पेपर 22 को है।

शेष शुभ जय श्रीराम


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