इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय परिसर खाली करने के आदेश



सुबह से अराचक स्थिति के बाद न्‍यायालय ने मृतक परिवार के लिये काफी रहत की घोषणा की, न्‍यायालय ने अपने आदेश में कहा कि मृतक के परिवार को 10 लाख रूपये तथा उसकी पूत्री की सम्‍पूर्ण खर्च सरकार वहन करेगी। किन्‍तु अधिवक्‍ता कौम भी अपने आपको गिराने से बाज नही आती है। उक्‍त राहत के बाद भी अधिवक्‍ताओं के एक वर्ग ने अपने रूख में परिवर्तन नही किया, तथा कुछ कुछ न्‍यायकक्षों में जमकर तोड़फोड़ की यहॉं तक कि कुछ न्‍यायाधीश पर हमले का प्रयास भी किया।

उक्‍त स्थिति को देखते हुऐ, माननीय मुख्‍यन्‍यायमूर्ति श्री लक्षमण गोखले ने न्‍यायायल परिसर को तुरंत खाली कराने के आदेश दे दिये, इस आदेश के बाद तुरंत ही जो अधिवक्‍ता अभी तक 20 पड़ने वाले अधिवकता, बैकफुट पर आ गये। 
 
न्‍यायालय के उक्‍त राहत के फैसले के बाद, अधिवक्‍ताओं का यह व्‍यवहार निन्‍दनीय था, क्‍योकि न्‍यायलय जो कुछ कर सकता था किया। कुछ अधिवक्‍ता जिनका कोई उद्देश्‍य और काम नहीहोता वही यह प्रवृत्ति पालते है। उक्‍त मृतक अधिवक्‍ता पिछले नवम्‍बर से जेल में बंद था किसी ने उसकी कुशल क्षेम नही पूछी किन्‍तु आज उसकी मौत पर खुद तांडव कर रहे है। 
 
आगे की खबर फिर दी जायेगी ......


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इलाहाबाद में अधिवक्‍ता की हिरासत में मौत के बाद प्रदेशव्‍यापी हड़ताल



इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय के एक अधिवक्‍ता की पुलिस हिरासत मे मौत के कारण, शहर का माहोल काफी आगजनीमय हो गया था, काफी बसे और गाडि़यॉं को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना का अंजाम इतनी दूर तक जायेगा इसका अनुमान कल ही हो गया था। आज उत्‍तर प्रदेश के सभी न्‍यायालय के अधिवक्‍ता न्‍यायायिक कार्य से विरत रहे। कल अधिवक्‍ताओं ने एक प्रस्‍ताव इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायमूर्ति श्री बीएस चौहान के कोर्ट में न्‍यायायिक कार्य न करने का फैसला लिया, और उनके तबादले की अनुशंसा की। 
 
गौर ललब हो कि न्‍यायामूर्ति श्री चौहान के आदेश पर स्‍व. अधिवक्‍ता को न्‍यायालय की अवमानना पर जेल भेजा गया था। उच्‍च न्‍यायलय परिसर में आज अधिवक्‍ता न्‍याययिक कार्य से विरत रहने का फैसला कर चुके थे, किन्‍तु कुछ कोर्ट बैठी और कोर्ट में कुछ अधिवक्‍ताओं ने अभद्रता पूर्वक बातें की। वकीलो का रोष जायज था। क्‍योकि जिस प्रकार की अमानवीय कृत्‍य मृतक के साथ हुआ। वह सभ्‍य समाज में निन्‍दनीय है।


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ट्रक की टक्कर और ईश्‍वर की कृपा



कल दिन में एक फार्म के चक्‍कर में काफी घूमना हुआ, दोपहर की घूप कुछ ज्‍यादा की दुखदाई थी। करीब लौट कर आने में 2 बज गये थे। तबियत ठीक नही लग रही थी। लग रहा था कि काफी तेज बुखार है, और था भी। रात्रि में करीब 10.30 बजे सोता हूँ किन्‍तु कल 8 बजे ही सो गया था।
सुबह की क्रिकेट मंडली अपने समय पर आ गई थी और मै भी रोज की तरह सबसे पहले चाय पीकर तैयार था। इच्‍छा तो नही कर रही थी आज जाने को क्‍योकि तबीयत कुछ ठीक नही थी, किन्‍तु अगर एक दिन का गैप हो जाता है तो पूरा दिन शरीर दर्द करता है।
हमारा मैच करीब 6 बजे शुरू हो गया था। मेरी टीम की बालिंग थी, तीन ओवर हो चुके थे चौथे ओवर की 3 गेंद फेक की रहा था कि आचनक लव कुमार गुप्‍ता आ गया। वह काफी हडबड़ी में था, मैने पूछा क्‍या हुआ ? उनसे कहा कि पिता जी को ट्रक ने टक्‍कर मार दिया है। मेरे पैर से जमीन ही खिसक चुकी थी। उसने कहा कि तुरंत चलो, पिताजी को मदनानी से वात्‍सल्य ले जाना होगा। मैने जल्‍दबाजी में अपना ओवर पूरा करके वहॉं से निकल दिया।
मदानानी में लव के पिताजी को देखा तो वे काफी ठीक थे, जितनी बड़ी र्दुघटना थी, छति काफी कम थी, मुझे यहीं पर ईश्‍वर का न्‍याय समझ में आया, कि क्‍यो‍ लोग इस पत्‍थर वाले को पूजते है। पिताजी के दाये हाथ ओर पैर में भंयकर चोटें आई थी, सफेद हड्डी तक दिख रही थी। ईश्‍वर का प्रभाव था कि करीब 58 साल की उम्र में हड्डी आदि पर कोई प्रभाव नही पड़ा। लव के कहने पर मैने गाड़ी निकाली और तुरंत लव के पिताजी को बैठाकर वातसल्‍य की ओर निकल दिया। और उन्हे अस्पताल में भर्ती करवा दिया।
 
लव के पिताजी अपने दोनो पैरों पर चल रहे थे और काफी अच्‍छा महसूस कर रहे थे, किन्‍तु दर्द का एहसास तो था ही। उन्‍होने बताया कि घटना चौफटका के पुल के पास वाले पेट्रोल पम्‍प के पास की है। एक ट्रक वाला काफी तेजी से आ रहा था कि आचानक टक्‍कर पार दी। मै तो किसी तरह कूद गया किन्‍त साइकित वही दोना हो गई। ट्रक जा कर खम्‍बे से टकरा गई और खम्‍भा टूट गया। ट्रक वाला भाग गया। 
कुछ सुबह सुबह घटित हुआ बहुत ही दुखद: था किन्‍तु ईश्‍वर को धन्‍यवाद देता हूँ कि वह बहुत बड़ा रखवाला था।


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