जो मजा विरोध भरी टिप्‍पणी में है वो और कहाँ ?



आज हमारी एमए की परीक्षा समाप्‍त हो गयी, मुझे पूर्ण विश्वास है कि अक्टूबर तक हम परास्‍नाकत डिग्री धारक हो जायेगे। फरवरी माह से ही परीक्षा दे दे कर थक गये थे। करीब दो माह तक अब कोई परीक्षा नही है, अगर आ गई तो परीक्षा की खैर नही, हमारी तैयारी जोरो से चल रही है। :)


इधर बहुत दिनों से कुछ गम्‍भीर लेखन नही हुआ, कुछ मजा नही आ रहा है। कहते है गर्म तावे पर पानी डालने पर जो आवाज निकलती है उसे सुन कर बड़ा मजा आता है। उसी गर्म तावे की भातिं मेरी भी स्थिति है, काफी दिनों से अन्‍दर ही अन्‍दर बहुत विषयों की का तावा बहुत गर्म हो गया है बस लिख कर पोस्‍ट करने की देर है, फिर देखिये आपके गर्मा गर्म टिप्‍पणी रूपी पानी क्‍या गुल खिलाता है। :)


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इन जयचन्‍द्रों का अंत कब होगा ?



पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्‍त के एक हिन्दू विधायक को वहां का मुलायम और लालू बनने का शौक चढ़ा है। तभी उसे हिन्दुओं के 52 शक्तिपीठों में एक हिंगलाज मंदिर को समाप्त कर, बांध बनाने का पूरी विधानसभा में अकेला समर्थन कर रहा था। यह हिन्‍दुत्‍वों का और उस माता का दुर्भाग्य है कि उसके कैसे जयचंदो को जन्म दिया।

बलूचिस्तान प्रांत में हिन्दू के 52 शक्तिपीठों में से एक हिंगलाज माता के मंदिर का अस्तित्व खतरे में नज़र आ रहा है। पाकिस्तान की संघीय सरकार ने मंदिर पास बांध बनाने का प्रस्ताव रखा है जिसे बलूचिस्तान प्रदेश सरकार ने संघीय सरकार से अपनी परियोजना को बदलने का अनुरोध किया है।

इस मंदिर के महत्व में कहा जाता है कि यह हिंगलाज हिंदुओं के बावन शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर काफी दुर्गम स्थान पर स्थित है, पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव की पत्नी सती के पिता दक्ष ने जब शिवजी की आलोचना की तो सती सहन नहीं कर सकीं और उन्होंने आत्मदाह कर लिया। माता सती के शरीर के 52 टुकड़े गिरे जिसमें से सिर गिरा हिंगलाज में। हिंगोल यानी सिंदूर, उसी से नाम पड़ा हिंगलाज। हिंगलाज सेवा मंडली के वेरसीमल के देवानी ने बीबीसी को बताया कि चूंकि माता सती का सिर हिंगलाज में गिरा था इसीलिए हिंगलाज के मंदिर का महत्व बहुत अधिक है।

जब किसी पवित्र खजू़र के पेड़ को बचाये जाने के लिये सड़क को मोड़ा जा सकता था तो 52 शक्ति पीठों में से एक हिंगलात माता के मन्दिर को क्‍यो नही बचाया जा सकता है। प्रान्‍तीय सरकार के सभी सदस्‍य इस मंदिर को बचाये जाने के पक्ष में है किन्‍तु हर जगह लालू-मुलायम जैसे सेक्‍यूलर नेता पाये जाते है। ऐसा ही उस प्रान्‍त भी है हिंदू समुदाय से संबंध रखने वाले एक विधायक ने मंदिर के पास बाँध के निर्माण की हिमायत की। बलूचिस्तान प्रांतीय असेंबली के सदस्य बसंत लाल गुलशन ने ज़ोर दे कर कहा है कि `धर्म को सामाजिक-आर्थिक विकास की राह में अवरोध बनाए बगैर' सरकार को इस परियोजना पर काम जारी रखना चाहिए।

हे भगवान इस धरा से इन जयचन्‍द्रों का अंत कब होगा ?


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फेडरर तुम हार गये पर दिल जीत लिया



फेडरर होने का मतलब शानदार खेल होता है, और फेडरर इसीलिये वर्षो से नम्‍बर एक नही है। फेडरर कई वर्षो से अपने कैरियर के चरम पर थे और चरम पर होने पर गिरवाट की 100 प्रतिशत सम्‍भवन होती है, इसी गिरावट का दौर फेडरर के साथ हो रहा है। पहले विम्‍बडन के पहने दो सेट तो नाडल ने हलुआ की तरह जीत लिया मानो वह किसी गैरवरीय के खिलाफ खेल रह‍े थे लगा कि लीन सेटों मेंखेल समाप्‍त हो जायेगा, किन्‍तु खेल अभी खत्‍म नही हुआ था अगले दो सेटों में फेडरर ने वापसी की जो मेरे हिसाब से असंम्‍भव थी क्‍योकि दो सेटो में फेडरर की 80 प्रतिशत नाव डूब चुकी थी किन्‍तु फेडरर ने अपने आपको बचाया और खेल को अपनी नाम के अनुसार पाँच दौर तक ले गये।
नडाल ने रविवार को विंबलडन के इतिहास के सबसे लंबे फाइनल में 6-4, 6-4, 6-7, 6-7, 9-7 से जीत दर्ज करके फेडरर का लगातार छठा विंबलडन खिताब जीतने का सपना भी तोड़ दिया। नडाल ने चार बार फ्रेंच ओपन का खिताब जीता है जबकि यह उनका पहला विंबलडन खिताब है। विंबलडन में सेंटर कोर्ट पर हुये इस ऐतिहासिक मैच को मै आधा ही देख सका, जब तक मेरा फेडरर हारता रहा। :) क्‍योकि वर्षा बाधित मैंच का यही दौर था। फेडरर की बादशाहत अभी खत्‍म नही हुई है अभी वह नाडल से 500 एटीपी प्‍वाइंट लेखकर 231वें हफ्ते दुनिया के नंबर एक बने रहेंगे जबकि नडाल भी लगातार 155वें हफ्ते दुनिया के दूसरे खिलाड़ी रहेंगे।

राफएल नाडल, रोजर फेडरर के लिये कहते है कि मुझे पता है कि इस तरह का फाइनल हारना कितना मुश्किल होता है। वह महान चैंपियन हैं। वह हारे या जीते उनका दृष्टिकोण हमेशा सकारात्मक रहता है। हम करीबी मित्र नहीं हैं लेकिन मैं हमेशा उसका काफी सम्मान करता हूं। मैं अपने लिए काफी खुश हूं लेकिन उसके लिए दुखी भी हूं क्योंकि वह इस खिताब का भी हकदार था। हार से उनकी अहमियत कम नही होती है आल इंग्लैंड क्लब के बेताज बादशाह रहे रोजर फेडरर अब भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेनिस खिलाड़ी हैं।
नाडाल को खिताबी जीत पर मेंरी ओर से खिताब की बहुत बहुत बधाई। पर बच कर रहना अबकी बार फ्रेंच ओपन का विजेता फेडरर होगा। क्योंकि विंबलडन में मिथक टूटा है तो अगली बार रोलां गैरोस पर फेडरर ही जीतेंगे।


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