जबलपुरिया ब्‍लागर मीट में इलाहाबादी तड़का



जबलपुर में ठंड का असर कम ही प्रतीत हो रहा है। संक्रांति बदले ही मौसम में सुहनापन दिखने लगा है। इस सुहावने मौसम को यादगार बनाने के लिये जबलपुर के कुछ ब्‍लागर बंधु 'चिट्ठाकार सम्मेलन' करने का आयोजन किया है। यह आयोजन 19 जनवरी 2009 को को रात्रि कालीन 8.15 बजे से 10.30 बजे तक होगा। इस कार्यक्रम के विषय में विस्तृत जानकारी आपको श्री गिरीश बिल्लोरे 'मुकुल' द्वारा उक्त (09926471072 ये फोन लाइन कार्यक्रम समाप्ति के पूर्व तक 24 घंटे खुली रहेगी) दूरभाष नम्‍बर पर मिल जायेगी। आप सभी जबलपुर तथा उसके आस पास अथवा कार्यक्रम में आने के इच्‍छुक चिट्ठाकार बन्धुओं/भगिनियों को हार्दिक स्‍वागत है। यह कार्यक्रम आपका है और आपके आगमन के बिना यह कार्यक्रम अधूरा रहेगा।

यह कार्यक्रम इस लिये भी अपने आप में खास होगा क्योंकि भारत के नंबर एक चिट्ठकार जी समीर लाल जी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। हम पहले से आगाह कर दे रहे है कि कुछ खा कर मत जाइएगा क्योंकि समीर जी में एक कवि बसता है जो भीड़ देख कर जाग जाता है, एक दो कविता सुनाये बिना वह सोता नही है। ये तो रही मजाक की बात अब थोड़ा गंभीर हो जाइये। इस कार्यक्रम में समीर जी के अतिरिक्त कार्यक्रम में सर्व श्री विवेक रंजन जी, पंकज स्‍वामी जी, आनंद कृष्ण जी, विजय तिवारी जी, माधव सिंह जी, श्री दुबे जी, आदि राज जी, राम कृष्ण जी तथा मातृशक्ति का प्रतिनिधित्व के रूप में शालिनी जी ने अपने उपस्थिति दर्ज कर दिया है।

आप लोगों के मन में कौंध रहा होगा कि अरे सम्मेलन हो रहा है जबलपुर में और सूचना दे रहा है इलाहाबादी, आखिर यही तो चिट्ठाकारी में प्रेम भाव जो बातों को दूर तक ले जाती है। तो कैसा लगा आपको जबलपुरिया ब्लॉगर मीट में इलाहाबादी तड़का ? तो बने रहे चिट्ठाकारी के लिये महाशक्ति के साथ तब के लिये जय श्रीराम।

कुछ माह पूर्व हमें गिरीश जी ने अपने ब्लॉग पर चर्चा के लिये बुलाया और हम पहुँच भी गये किन्तु हमारी पहली चिट्ठाचर्चा आज ही प्रकाशित हुई है - ऊँ चिट्ठाचर्चा नम: स्वाहा


पसंद करो या न करो, मालिक तो आप ही हो


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