आखिरकार मेरी जिद्द काम कर गई और अरुण जी ने मेरी बात मान ली और इसी के साथ चित्रकारी में अरुण अरोड़ा जी पुन: पदार्पण कर रहे है। मेरी पुरानी पोस्ट के बाद अरुण जी ने मुझे फोन किया, और लंबी बातचीत हुई। मेरी और उनके बीच यह बातचीत उनके चिट्ठकारी छोड़ने के बाद पहली बातचीत थी। मेरे निवेदन पर वह चिट्ठाकारी मे पुन: आ रहे है और अपना नियमित लेखन महाशक्ति पर करेंगे, उन्होंने मेरे से वादा किया है कि एक दो दिन में समय निकाल कर पोस्ट करेंगे।
सिर्फ मै ही नही ब्लॉग जगत मे ऐसे बहुत से उनके प्रसंशक और पाठक है जो उनकी वापसी का इंतजार कर रहे थे, इसका अनुमान मेरी उनको याद की गई पोस्ट पर टिप्पणी से पता चलता है। वह अच्छे ब्लॉगर के साथ-साथ व्यावहारिक व्यक्ति भी जिसके कारण वो सभी के चहेते है। उनकी वापसी से मुझे खुशी है और इससे ज्यादा यह कि उन्होंने महाशक्ति को अपना पटल चुना है।
मैंने उन्हें महाशक्ति पर आमंत्रित होने का निवेदन किया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है, जिससे तो स्पष्ट है उनकी वापसी ने उन लोगों के मुँह पर तमाचा है जो मेरी पंगेबाज पर पिछली पोस्ट पर मेरे निवेदन को मजाक उड़ाया था। जबकि अब पंगेबाज का चिट्ठकारी मे वापसी हो चुकी है। उनको नयी पारी की शुरूवात की बहुत बधाई।
शेष फिर...... जय श्रीराम
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सर्वश्रेष्ठ चिट्ठाकार की कैटगरियॉं और भी है
सर्वश्रेष्ठ की दौड़ चल रही है, अभी तो पुरुष चिट्ठाकारों की प्रतियोगिता थी। तभी एक और सनसनाती हुई पोस्ट आती है कि सर्वश्रेष्ठ महिला ब्लॉगर का भी फैसला हो ही जाना चाहिए। बात तो लाख टके की सही है कि तय होना ही चाहिये कि कौन है सर्वश्रेष्ठ, बिना सर्वश्रेष्ठ की दौड़ मे दौड़ ब्लागात्माओ को शान्ति नही मिलेगी।
मुझे लगता है कि महिला आरक्षण की कामयाबी के बाद, ब्लाग में अगल से सर्वश्रेष्ठ की बात उठना जायज है। मुझे लगता है कि कुछ और बाते भी आज क्लियर हो जानी चाहिए, ताकि ब्लॉग आत्माओं को अनावश्यक भटकना न पड़े। मुझे लगता है कि सर्वश्रेष्ठ की दौड़ में निम्न श्रेणियों बन सकती है ताकि भविष्य पोस्ट के लिये आवश्यक मसाला मिलता रहे।
चिट्ठाकारों को नये श्रेणी तथा उपश्रेणी में बांट कर, सर्वश्रेष्ठ की व्यूह रचना किया जा सकता है जो निम्न प्रारूप में हो सकता है नहीं तो महान ब्लागर जन तो नयी श्रेणियों के निर्माण मे तो माहिर है ही।
मै तो हर उस ब्लागर को सर्वश्रेष्ठ मानता हूँ जो अपने आपको अपनी ब्लॉग विधा मे अपने आपको सर्वश्रेष्ठ सिद्ध करता है, उसमे अनूप जी, समीर जी, अजीत जी, अरुण जी, आलोक कुमार जी, घुघुती बासूती जी, गिरीश जी, विजय तिवारी जी, सुरेश जी, और वैचारिक मतभेद होते हुए भी अफलातून जी को मै अच्छा ब्लॉग लेखक मानता हूँ, और भी बहुत से अच्छे ब्लागर है किंतु मुझे इन्ही को ज्यादा पढ़ने का मौका मिला है और मै इनके बारे कह सकता हूँ। आपके खुद सर्वश्रेष्ठ चिट्ठकार होंगे, आप तो खुद ही जानते होंगे।
शेष फिर .......
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मुझे लगता है कि महिला आरक्षण की कामयाबी के बाद, ब्लाग में अगल से सर्वश्रेष्ठ की बात उठना जायज है। मुझे लगता है कि कुछ और बाते भी आज क्लियर हो जानी चाहिए, ताकि ब्लॉग आत्माओं को अनावश्यक भटकना न पड़े। मुझे लगता है कि सर्वश्रेष्ठ की दौड़ में निम्न श्रेणियों बन सकती है ताकि भविष्य पोस्ट के लिये आवश्यक मसाला मिलता रहे।
चिट्ठाकारों को नये श्रेणी तथा उपश्रेणी में बांट कर, सर्वश्रेष्ठ की व्यूह रचना किया जा सकता है जो निम्न प्रारूप में हो सकता है नहीं तो महान ब्लागर जन तो नयी श्रेणियों के निर्माण मे तो माहिर है ही।
- सर्वश्रेष्ठ अल्पसंख्यक चिट्ठाकार
- सर्वश्रेष्ठ अन्य पिछड़ा वर्ग चिट्ठाकार
- सर्वश्रेष्ठ अनुसूचित जाति चिट्ठकार
- सर्वश्रेष्ठ अनुसूचित जनजाति चिट्ठकार
- सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण चिट्ठकार
- सर्वश्रेष्ठ ठाकुर चिट्ठकार
- सर्वश्रेष्ठ यादव चिट्ठकार
- सर्वश्रेष्ठ रोज पोस्ट ठेलने वाले चिट्ठाकार
- सर्वश्रेष्ठ कभी कभी पोस्ट ठेलने वाले चिट्ठकार
- सर्वश्रेष्ठ अनामी चिट्ठाकार
मै तो हर उस ब्लागर को सर्वश्रेष्ठ मानता हूँ जो अपने आपको अपनी ब्लॉग विधा मे अपने आपको सर्वश्रेष्ठ सिद्ध करता है, उसमे अनूप जी, समीर जी, अजीत जी, अरुण जी, आलोक कुमार जी, घुघुती बासूती जी, गिरीश जी, विजय तिवारी जी, सुरेश जी, और वैचारिक मतभेद होते हुए भी अफलातून जी को मै अच्छा ब्लॉग लेखक मानता हूँ, और भी बहुत से अच्छे ब्लागर है किंतु मुझे इन्ही को ज्यादा पढ़ने का मौका मिला है और मै इनके बारे कह सकता हूँ। आपके खुद सर्वश्रेष्ठ चिट्ठकार होंगे, आप तो खुद ही जानते होंगे।
शेष फिर .......
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