नही जमी - "वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई"



Once Upon A Time In Mumbaai के बारे में जितना सुना उतना मिला नहीं। जहाँ तक मै जानता हूँ कि मुंबई के नाम पर फिल्म बने तो वह औसत हिट हो ही जायेगी। शुरू से लेकर अंत तक फिल्म के कुछ हिस्से छोड़ दिये जाये तो दर्शकों को बांधने मे असफल रही है। पता नहीं वह कौन सा समय था जब मुम्बई काली दुन‍िया के खौफ से बेखौफ होकर घूमती थी ?
नही जमी - "वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई"

फिल्म शुरुआत होती है, एक एम्बेसडर कार के समुद्र के निकलने से, यह कार मुंबई के एएसपी एग्नेल विल्सन की होती है। उनका ही सहकर्मी यह कहता है कि यह आत्महत्या है न की एग्नेल विल्सन पर कोई हमला, यह विल्सन के सीनियर इस बात को जानना चाहते है कि कारण क्या है तो सूत्रधार के रूप में एग्नेल विल्सन फिल्‍म की कहानी शुरू करते है।
एग्नेल विल्सन के रूप में अभिनेता रणदीप हुड्डा का काम मुझे पसंद आया, अभिनेत्री कंगना राणावत भी अपना ग्लैमर छोड़ने में सफल रही,कंगना जितनी सेक्सी और हसीन दिख सकती थी फिल्म में इससे भी ज्यादा नज़र आयी। फिल्‍म मे कंगना फिल्म मे सबसे अधिक सुन्दर अजय देवगन के साथ भाषण के समय लगी। प्राची देसाई भी रोल के हिसाब से औसत का किया।
अजय देवगन की बात ही निराली है, उनके बारे कुछ कह ही नही सकता, अभिनय अच्छा रहा। मेरी यह इमरान हाशमी की पहली फिल्म थी जिसे मैने देखा, उसका काम भी ठीक था। अन्तोगत्वा फिल्म को बहुत उम्दा नहीं कहा जा सकता है, मेरे नजर मे पैसा बेकर फिल्‍म थी।छ हटकर - कुछ दिनो से मूड ठीक नहीं था और मै सो रहा था, कल रात मे दोस्त संजू का फोन आया कि कल दोपहर 1.50 की फिल्म का टिकट ले ले रहा हूँ। मैने भी नींद मे कहा ले लो और फोन कट गया। आज सुबह 10 बजे फिर फोन आया चल रहे हो न, मैने पूछा कहाँ ? उसने कहा कि भूल गये क्‍या ? :)
आखिर बात खत्म हुई और मै 1.45 पर पीवीआर पहुँच गया जहां वो इंतजार कर रहा था। अच्छा लगा मूड ठीक नहीं था पर दोस्त का साथ हमेशा सब कुछ खराब होने पर भी सब ठीक कर देता है। जब फिल्म शुरू हुई तो एक लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ आया और मशगूल होकर मेरे ऊपर बैठने लगा, मैंने कहा भाई साहब देख करके। अच्छा हुआ उसकी गर्लफ्रेंड ने बैठने की कोशिश नहीं की। :)
नही जमी - "वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई"
फिल्‍म का ब्रेक मे हम कुछ खाने के लिये चल दिये लौट कर आये तो देखा कि एक नेपाली लड़का हमारी सीट पर बैठा था हमने कहा भाई साहब यहाँ कहाँ ? पता चला कि वो हॉल 2 में बैठा था और चला आया 3 मे :) खैर फिल्‍म देखा और अब मूड काफी कुछ अच्छा लग रहा है यही कारण है कि आज पोस्‍ट भी लिख रहा हूँ।


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