महात्मा गांधी के अनमोल वचन Mahatma Gandhi Anmol Vachan



महात्मा गांधी के अनमोल वचन
Best Mahatma Gandhi Quotes in Hindi
Best Mahatma Gandhi Quotes in Hindi
  1. अक्लमंद काम करने से पहले सोचता है और मूर्ख काम करने के बाद।
  2. अगर आप सच की ओर अल्पमत में भी हों, पर सच तो सच है।
  3. अगर कुछ कार्य करते हो तो उसे प्रेम से करो या फिर उसे कभी करो ही मत।
  4. अगर धैर्य लायक कुछ भी है, तो कोई भी आखिरी वक्त तक और अगर जिन्दा विश्वास एक काले घने तूफान में भी खड़े रहने की शक्ति रखता है।
  5. अगर मुझ में हास्य की भावना ना होती तो में कब का आत्महत्या कर चूका होता।
  6. अच्छा आदमी सभी जीवित चीजों का दोस्त है।
  7. अन्याय के अधीन होना कायरता है और उसका विरोध करना पुरुषार्थ है।
  8. अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ़ कर देती है।
  9. अपनी बुद्धिमानी को लेकर बेहद निश्चित होना बुद्धिमानी नहीं है। यह याद रखना चाहिए की ताकतवर भी कमजोर हो सकता है और बुद्धिमान से भी बुद्धिमान गलती कर सकता है।
  10. अपने आपको को जीवन में ढूँढना है तो लोगों की मदद में खो जाओ।
  11. अपने ज्ञान के प्रति जरूरत से अधिक यकीन करना मूर्खता है। यह याद दिलाना ठीक होगा कि सबसे मजबूत कमजोर हो सकता है और सबसे बुद्धिमान गलती कर सकता है।
  12. अपने प्रयोजन में दृढ़ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है।
  13. अपने से हो सके, वह काम दूसरे से न कराना।
  14. अहिंसा को दो प्रकार से विश्वास की जरूरत होती है, भगवन पर विश्वास और मनुष्य पर विश्वास।
  15. अहिंसा मानवता के लिए सबसे बड़ी ताकत है। यह आदमी द्वारा तैयार विनाश के ताकतवर हथियार से अधिक शक्तिशाली है।
  16. अहिंसा ही धर्म है, वही जिंदगी का एक रास्ता है।
  17. अहिंसात्मक युद्ध में अगर थोड़े भी मर मिटने वाले लड़ाके मिलेंगे तो वे करोड़ों की लाज रखेंगे और उनमें प्राण फूँकेंगे। अगर यह मेरा स्वप्न है, तो भी यह मेरे लिए मधुर है।
  18. आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी।
  19. आदमी अकसर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है। अगर मैं खुद से यह कहता रहूँ कि मैं फलां चीज नहीं कर सकता, तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच वो करने में असमर्थ हो जाऊं। इसके विपरीत, अगर मैं यह यकीन करूँ कि मैं ये कर सकता हूँ, तो मैं निश्चित रूप से उसे करने की क्षमता पा लूँगा, भले ही शुरू में मेरे पास वो क्षमता ना रही हो।
  20. आदमी की जरूरत के लिए नहीं बल्कि आदमी के लालच के लिए दुनिया में एक निर्भरता है।
  21. हमारे निजी राय हो सकते हैं परन्तु वह दो दिलों के बिच आने का विषय क्यों बनें।
  22. हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें। हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा।
  23. हर रात, जब मैं सोने जाता हूँ, मैं मर जाता हूँ। और अगली सुबह, जब मैं उठता हूँ, मेरा पुनर्जन्म होता है।
  24. हर व्यक्ति अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुन सकता है। वह सबके अन्दर है।
  25. हो सकता है आप कभी ना जान सकें कि आपके काम का क्या परिणाम हुआ, लेकिन यदि आप कुछ करेंगे नहीं तो कोई परिणाम नहीं होगा।
  26. हो सकता है हम ठोकर खाकर गिर पड़ें पर हम उठ सकते हैं, लड़ाई से भागने से तो इतना अच्छा ही है।
महात्मा गांधी के अनमोल विचार 
महात्मा गांधी के अनमोल विचार
  1. आप आज जो करते हैं उसपर भविष्य निर्भर करता है।
  2. आप उस समय तक यह नहीं समझ पाते कि आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
  3. आप जो भी करते है आपको तुच्छ लग सकता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप कर सकते हैं।
  4. आप तब तक यह नहीं समझ पाते की आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
  5. आप नम्र तरीके से दुनिया को हिला सकते है।
  6. आप मानवता में विश्वास मत खोइए। मानवता सागर की तरह है, अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता।
  7. आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, यहाँ तक की आप इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप कभी मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते।
  8. आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नियति बन जाती है।
  9. आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाते हैं,आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं, आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं,आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं,आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नियति बन जाती है।
  10. आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं,
  11. आपको इंसानियत पर कभी भी भरोसा नहीं तोडना चाहिए क्योंकि इस दुनिया में इंसानियत एक ऐसा समुद्र है जहाँ अगर कुछ बूँदें गंदी हो भी जाए तो भी समुद्र गंदा।
  12. आपको ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं वो वास्तविक में हो।
  13. इंसान अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है वह जो सोचता है वही बन जाता है।
  14. इस दुनिया के सभी धर्म, वैसे तो अन्य बातों में सभी धर्म अलग-अलग हैं ! लेकिन अगर हम सोचें सच्चाई के सिवा इस दुनिया में कुछ नहीं है।
  15. ईमानदार असहमति अक्सर प्रगति का एक अच्छा संकेत है।
  16. ईश्वर का कोई धर्म नहीं है।
  17. एक अधिनियम के अनुसार एक भी दिल को खुशी देने के लिए प्रार्थना में झुकना एक हजार सिर से बेहतर है।
  18. एक आँख के बदले आँख ही पूरी दुनिया को अँधा बना कर समाप्त होता है।
  19. एक आदमी या औरत की लाचारी पर निर्भर करता है कि नैतिकता सिफारिश करने के लिए काफी नहीं है। नैतिकता हमारे दिल की शुद्धता में निहित है।
  20. एक कायर प्यार का प्रदर्शन करने में असमर्थ होता है, प्रेम बहादुरों का विशेषाधिकार है।
महात्मा गांधी के शैक्षिक विचार 
महात्मा गांधी के शैक्षिक विचार
  1. एक कृत्य द्वारा किसी एक दिल को ख़ुशी देना, प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है।
  2. एक देश की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से आँका जा सकता है कि वहां जानवरों से कैसे व्यवहार किया जाता है।
  3. एक देश की संस्कृति दिलों में और अपने लोगों की आत्मा में रहता है।
  4. एक धर्म जो व्यावहारिक मामलों के कोई दिलचस्पी नहीं लेता है और उन्हें हल करने में कोई मदद नहीं करता है वह कोई धर्म नहीं है।
  5. एक राष्ट्र की संस्कृति उमसे रहने वाले लोगों के दिलों में और आत्मा में रहती है।
  6. एक विनम्र तरीके से, आप दुनिया को हिला सकते हैं।
  7. ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।
  8. और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत स्थिति में पहुंचा देता है।
  9. कमजोर कभी माफ़ी नहीं मांगते। क्षमा करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता है।
  10. कर्म प्राथमिकताओं को व्यक्त करता है।
  11. काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।
  12. काम के बिना धन, अंतरात्मा के बिना सुख, मानवता के बिना विज्ञान, चरित्र के बिना ज्ञान, सिद्धांत के बिना राजनीति, नैतिकता के बिना व्यापार, त्याग के बिना पूजा।
  13. कायरता से कहीं ज्यादा अच्छा है, लड़ते-लड़ते मर जाना।
  14. कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं, और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता है इसके बारे में सोचो- हमेशा।
  15. किसी के सर की रक्षा के लिए, किसी के कमर पर लटकने से तो अच्छा है, टूटे हुए सर के साथ खड़े रहें।
  16. किसी घटना में किसी एक दिल को ख़ुशी देना, प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है।
  17. किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है।
  18. किसी भी देश की संस्कृति उसके लोगों के ह्रदय और आत्मा में बसती है।
  19. किसी भी राष्ट्र की महानता उस राष्ट्र के पशुओं के प्रति प्रेम और व्यवहार से पता चलता है।
  20. किसी राष्ट्र की संस्कृति उसके लोगों के दिलों और आत्माओं में बसती है।
गरीबी पर महात्मा गांधी के विचार
Mahatma Gandhi Quotes
  1. किसी व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं बल्कि उसके चरित्र से आंकी जाती है।
  2. कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसा सीखो जिससे कि तुम हमेशा के जीने वाले हो।
  3. कुछ करना है, प्यार से करें या तो ना करें
  4. कुछ करने में, या तो उसे प्रेम से करें या उसे कभी करें ही नहीं।
  5. कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं।
  6. कुरीति के अधीन होना कायरता है, उसका विरोध करना पुरुषार्थ है।
  7. केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है, जिसे आप दूसरों पर छिड़के तो उसकी कुछ बूँदें अवश्य ही आप पर भी पड़ती है।
  8. कोई गलती तर्क – वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकता और न ही कोई सत्य इसलिए गलती नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा।
  9. कोई त्रुटि तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटि नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा।
  10. कोई भी संस्कृति जीवित नहीं रह सकती यदि वह अपने को हम दबाव से अनुशासन नहीं सीख सकते।
  11. क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।
  12. खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं।
  13. ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों।
  14. गरीबी दैवी अभिशाप नहीं बल्कि मानव रचित षड्यन्त्र है ।
  15. गरीबी हिंसा का सबसे बुरा रूप है।
  16. गर्व लक्ष्य को पाने के लिए किये गए प्रयत्न में निहित है, ना कि उसे पाने में।
  17. गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती है। वह तो केवल अपनी ख़ुशी बिखेरता है। उसकी खुशबु ही उसका संदेश है।
  18. गुस्सा और असहिष्णुता, अच्छी सोच के दुश्मन हैं।
  19. गुस्से को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।
  20. चरित्र की शुद्धि ही सारे ज्ञान का ध्येय होनी चाहिए।
महात्मा गांधी सन्देश
Mahatma Gandhi Quotes
  1. चलिए सुबह का पहला काम ये करें कि इस दिन के लिए संकल्प करें कि- मैं दुनिया में किसी से डरूंगा नहीं। मैं केवल भगवान से डरूं। मैं किसी के प्रति बुरा भाव ना रखूं। मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं। मैं असत्य को सत्य से जीतुं और असत्य का विरोध करते हुए, मैं सभी कष्टों को सह सकूँ।
  2. चिंता से अधिक कुछ और शरीर को इतना बर्बाद नहीं करता, और वह जिसे ईश्वर में थोडा भी यकीन है उसे किसी भी चीज के बारे में चिंता करने पर शर्मिंदा होना चाहिए।
  3. जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
  4. जब भी आपका सामना किसी विरोधी से हो तो उसे प्रेम से जीतें।
  5. जब भी आपका सामना किसी विरोधी से हो, उसे प्रेम से जीतें।
  6. जब में सूर्यास्त और चन्द्रमा के सौंदर्य की प्रसंशा करता हूँ, मेरी आत्मा इसके निर्माता के पूजा के लिए विस्तृत हो उठती है।
  7. जब मैं निराश होता हूँ, मैं याद कर लेता हूँ कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग की ही हमेशा विजय होती है। कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं, और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता है। इसके बारे में सोचो हमेशा।
  8. जहां प्रेम है वहां जीवन है।
  9. जिंदगी ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो और ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।
  10. जिज्ञासा के बिना ज्ञान नहीं होता | दुःख के बिना सुख नहीं होता।
  11. जिस दिन प्रेम की शक्ति, शक्ति के प्रति प्रेम पर हावी हो जायेगी, दुनिया में अमन आ जायेगा।
  12. जीवन की गति बढाने की अपेक्षा भी जीवन में बहुत कुछ है।
  13. जो काम खुद से हो जाये वह काम दूसरे से न कराये।
  14. जो भी चाहे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुन सकता है, वह सबके भीतर है।
  15. जो लोग अपनी प्रशंसा के भूखे होते हैं, वे साबित करते हैं कि उनमें योग्यता नहीं है।
  16. जो समय बचाते हैं, वे धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन, कमाएं हुए धन के बराबर है।
  17. डर का उपयोग होता है, लेकिन कायरता का कुछ नहीं है।
  18. तुम जो भी करोगे वो नगण्य होगा, लेकिन यह ज़रूरी है कि तुम वो करो।
  19. तुम मुझे चैन में बांधो, या मेरे साथ यंत्रणा या अत्याचार करो, या मेरे पूरे शरीर को नष्ट कर दो, परन्तु तुम मेरे मन को कैद नहीं कर सकते।
  20. थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।
गांधी जी के दस अनमोल वचन 
Mahatma Gandhi Quotes
  1. दुनिया के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में सत्य जीवित रहता है।
  2. दुनिया में ऐसे लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाय रोटी के रूप में।
  3. धर्म दिल का विषय है। कोई शारीरिक असुविधा किसी के अपने धर्म का परित्याग आश्वासन नहीं देता।
  4. निजी जीवन की पवित्रता एक ध्वनि शिक्षा के निर्माण के लिए एक अनिवार्य शर्त है।
  5. निरंतर विकास जीवन का नियम है,
  6. निरंतर विकास जीवन का नियम है, और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत स्थिति में पहुंचा देता है।
  7. नैतिकता युद्ध में वर्जित है।
  8. पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे।
  9. पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो।
  10. पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक है, क्योंकि पुस्तकें अन्तःकरण को उज्ज्वल करती हैं।
40 महात्मा गाँधीजी के अनमोल विचार
40 महात्मा गाँधीजी के अनमोल विचार
  1. पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है, किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी।
  2. पूर्ण धारणा के साथ बोला गया “नही” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।
  3. पृथ्वी सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं।
  4. पैसा अपने-आप में बुरा नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है। किसी ना किसी रूप में पैसे की जरूरत हमेशा रहेगी।
  5. प्रक्रिया प्राथमिकता व्यक्त करती है।
  6. प्रार्थना पूछना नहीं है, यह तो आत्मा की लालसा है, यह दुर्बलता का दैनिक स्वीकारोक्ति है। प्रार्थना के समय दिल लगाना बिना वचन के वचन के साथ दिल ना होने से तो बेहतर है।
  7. प्रार्थना या भजन जीभ से नहीं ह्रदय से होता है। इसी से गूंगे, तोतले और मूढ भी प्रार्थना कर सकते है।
  8. प्रार्थना सुबह की कुंजी है और शाम का सोंदर्य।
  9. प्रेम की शक्ति दण्ड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।
  10. प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है और फिर भी हम जिसकी कल्पना कर सकते हैं उसमें सबसे नम्र है।
  11. बिना जिज्ञासा के ज्ञान नहीं मिलता और दुःख के बिना सुख नहीं होता।
  12. भगवान कभी कभी सम्पूर्ण रूप से मदद नहीं करते जिन्हें वे आशीर्वाद देने की छह रखते हैं।
  13. भगवान का कोई धर्म नहीं है।
  14. भविष्य में क्या होगा, मै यह नहीं सोचना चाहता। मुझे वर्तमान की चिंता है। ईश्वर ने मुझे आने वाले क्षणों पर कोई नियंत्रण नहीं दिया है।
  15. भूल करने में पाप तो है ही, परन्तु उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।
  16. मनुष्य अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।
  17. मनुष्य की प्रकृति हमेशा बुरी नहीं होती। बुरा स्वभाव उत्पन्न होता है प्यार की कमी से। अपने मानव स्वभाव को कभी निराश नहीं करना चाहिए।
  18. महिला का वास्तविक आभूषण उसका चरित्र, उसका पवित्रता है।
  19. मृत, अनाथ, और बेघर को इससे क्या फर्क पड़ता है कि यह तबाही सर्वाधिकार या फिर स्वतंत्रता या लोकतंत्र के पवित्र नाम पर लायी जाती है?
  20. में सिर्फ लोगों के अच्छे गुणों को देखता हूँ , ना की उनकी गलतियों को गिनता हूँ।
  21. में हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा दिखता है वह अच्छा कर रहा है तब वह अच्छाई अस्थाई होती है, और जो बुराई करती है वह स्थाई होती है।
  22. मेरा जीवन मेरा सन्देश है।
  23. मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है सत्य मेरा भगवान है अहिंसा उसे पाने का साधन।
  24. मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता।
  25. मै हिंदी के जरिये प्रांतीय भाषाओं को दबाना नहीं चाहता, किन्तु उनके साथ हिंदी को भी मिला देना चाहता हूं।
  26. मैं किसी को भी गंदे पाँव के साथ अपने मन से नहीं गुजरने दूंगा।
  27. मैं किसी भी व्यक्ति को गंदे पाँव के साथ अपने मन से नहीं गुजरने दूंगा।
  28. मैं तुम्हें शांति का प्रस्ताव देता हूँ। मैं तुम्हें प्रेम का प्रस्ताव देता हूँ। मैं तुम्हारी सुन्दरता देखता हूँ। मैं तुम्हारी आवश्यकता सुनता हूँ। मैं तुम्हारी भावना महसूस करता हूँ।
  29. मैं पश्चिमी सभ्यता के बारे में क्या सोचता हूँ ? मैं सोचता हूँ यह बहुत ही अच्छा विचार है।
  30. मैं मरने के लिए तैयार हूं, लेकिन यहाँ कोई कारण नहीं है जिसके लिए मैं मरने के लिए तैयार हूँ।
  31. मैं सभी की समानता में विश्वास रखता हूँ, सिवाय पत्रकारों और फोटोग्राफरों की।
  32. मैं सभी की समानता में विश्वास रखता हूँ, सिवाय पत्रकारों और फोटोग्राफरों की।
  33. मैं सभी की समानता में विश्वास रखता हूँ, सिवाय पत्रकारों और फोटोग्राफरों के।
  34. मैं हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा लगता है कि वो अच्छा कर रही है तब वो अच्छाई अस्थायी होती है, और वो जो बुराई करती है वो स्थायी होती है।
  35. मौन सबसे शाशक्त भाषण है। धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी।
  36. यदि मनुष्य सीखना चाहे, तो उसकी हर भूल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है।
  37. यद्यपि आप अल्पमत में हों, पर सच तो सच है।
  38. यह धरती सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं।
  39. यह स्वास्थ्य ही है जो हमारा सही धन है, सोने और चांदी का मूल्य इसके सामने कुछ नहीं।
  40. राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक है।
महात्‍मा गांधी जी के 10 अनमोल विचार
महात्‍मा गांधी जी के 10 अनमोल विचार
  1. लक्ष्य को पाने के लिए किये गए प्रयत्न में गर्व निहित होता है, न कि उसे पाने में।
  2. लम्बे-लम्बे भाषणों से कही अधिक मूल्यवान है इंच भर कदम बढ़ाना।
  3. लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है।
  4. वहाँ न्याय के न्यायालयों की तुलना में एक उच्च न्यायालय है और जो कि अंतरात्मा की अदालत है। यह अन्य सभी अदालतों को प्रति स्थापित करता है।
  5. वास्तविक सौन्दर्य ह्रदय की पवित्रता में है।
  6. विभाजन बुरा है। लेकिन जो कुछ अतीत है अतीत है। हम भविष्य की ओर देखने के लिए ही मजबूर है।
  7. विश्व इतिहास में आजादी के लिए लोकतान्त्रिक संघर्ष हमसे ज्यादा वास्तविक किसी का नहीं रहा है। मैंने जिस लोकतंत्र की कल्पना की है, उसकी स्थापना अहिंसा से होगी। उसमें सभी को समान स्वतंत्रता मिलेगी। हर व्यक्ति खुद का मालिक होगा।
  8. विश्व के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों, लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है।
  9. विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता कि जननी है।
  10. विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए। जब विश्वास अँधा हो जाता है तो मर जाता है।
महात्मा गांधी जी के 25 अनमोल विचार
महात्मा गांधी जी के 25 अनमोल विचार
  1. विश्वास कोई बटोरने की चीज नहीं है, यह तो विकसित करने की चीज है।
  2. व्यक्ति अक्सर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है। अगर मैं खुद से यह कहता रहूँ कि मैं यह चीज नहीं कर सकता तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच वह करने में असमर्थ हो जाऊं।
  3. व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।
  4. व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं अपितु उसके चरित्र से आंकी जाती है।
  5. शक्ति दो प्रकार के होते हैं ! एक उत्तपन होता है दंड के डर से और एक प्यार से। प्यार की शक्ति हमेशा हज़ार गुना ज्यादा प्रभावी होता है।
  6. शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती है। एक अदम्य इच्छा शक्ति से आता है।
  7. शांति का कोई रास्ता नहीं है, केवल शांति है।
  8. शारीरिक उपवास के साथ-साथ मन का उपवास न हो तो वह दम्भ पूर्ण और हानिकारक हो सकता है।
  9. श्रद्धा का अर्थ है आत्मविश्वास और आत्मविश्वास का अर्थ है ईश्वर में विश्वास।
  10. संतोष प्रयास में निहित है, ना ही प्राप्ति में, पूरा प्रयास ही पूर्ण विजय है।
  11. सत्य एक विशाल वृक्ष है, उसकी ज्यों-ज्यों सेवा की जाती है, त्यों-त्यों उसमे अनेक फल आते हुए नजर आते है, उनका अंत ही नहीं होता।
  12. सत्य एक है, मार्ग कई।
  13. सत्य कभी कभी ऐसे कारण को क्षति नहीं पहुंचता जो उचित हो।
  14. सत्य कभी भी क्षति नहीं करता ! सिर्फ यही एक कारण है।
  15. सत्य बिना जन समर्थन के भी खड़ा रहता है, वह आत्मनिर्भर है।
  16. सभी धर्मों का सार एक है। केवल उनके दृष्टिकोण अलग हैं।
  17. समाज में से धर्म को निकाल फेंकने का प्रयत्न बांझ के पुत्र करने जितना ही निष्फल है और अगर कहीं सफल हो जाय तो समाज का उसमें नाश होता है।
  18. सात घनघोर पाप: काम के बिना धन, अंतरात्मा के बिना सुख, मानवता के बिना विज्ञान, चरित्र के बिना ज्ञान, सिद्धांत के बिना राजनीति, नैतिकता के बिना व्यापार, त्याग के बिना पूजा।
  19. सिर्फ प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है, जिसे आप दूसरों पर छिड़के तो उसकी कुछ बूँदें अवश्य ही आप पर भी पड़ती है।
  20. सुख बाहर से मिलने की चीज नहीं, मगर अहंकार छोड़े बगैर इसकी प्राप्ति भी होने वाली नहीं।
  21. स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना।
  22. स्वस्थ असंतोष प्रगति के लिए प्रस्तावना है।
  23. हंसी मन की गांठो को बड़ी आसानी से खोल देती है।
  24. हम जिसकी पूजा करते है उसी के समान हो जाते है।
  25. हम जो दुनिया के जंगलों के साथ कर रहे हैं वो कुछ और नहीं बस उस चीज का प्रतिबिम्ब है जो हम अपने साथ और एक दूसरे के साथ कर रहे हैं।
महात्मा गाँधी चित्र संग्रह
Mahatma Gandhi Photos Collection

















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    राजपूत - क्षत्रिय वंश की कुलदेवियाँ List Of The Kuldevi



    राजपूत - क्षत्रिय वंश की कुलदेवियां
    List Of The Kuldevi Of Rajputs

    List Of The Kuldevi Of Rajputs

    राजपूत शब्द संस्कृत शब्द ‘राजपुत्र’ का अपभ्रंश है। प्राचीन समय में भारत में वर्ण व्यवस्था थी जिसे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र इन चार वर्णों में बाँटा गया था। जब राजपूत काल आया तब यह वर्ण व्यवस्था समाप्त हो गई तथा इन वर्णों के स्थान पर कई जातियाँ व उपजातियाँ बन गई। राजपूत युग की वीरता व पराक्रम का भारतीय इतिहास में अद्वितीय स्थान है। क्षत्रियों का कार्य समाज की रक्षा करना था। कालांतर में ये ही क्षत्रिय राजपुत्र कहलाये। राजपूताने में पुत्र को पूत कहा जाता है और ये राजपूत नाम से प्रसिद्ध हुए।  राजपूत भारतीय उपमहाद्वीप की बहुत प्रभावशाली जाति है और यह जाति सदैव ही शासक रही है। राजपूत समाज की अपनी कुल देवियों की मान्यता है जिनकी यह पूजा करते है और जिनसे उन्हें शक्ति मिलती है। इन सभी कुल शाखाओं ने  नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखने के लिए कुल देवियों को स्वीकार किया। ये कुलदेवियां कुल के अनुसार निम्नलिखित हैं-
    1. खंगार - गजानन माता
    2. चावड़ा - चामुंडा माता
    3. छोकर  - चण्डी केलावती माता
    4. धाकर - कालिका माता
    5. निमीवंश - दुर्गा माता
    6. परमार - सच्चियाय माता
    7. पुरु - महालक्ष्मी माता
    8. बुन्देला - अन्नपूर्णा माता
    9. इन्दा - चामुण्डा माता
    10. उज्जेनिया - कालिका माता
    11. उदमतिया - कालिका माता
    12. कछवाहा - जमवाय माता
    13. कणड़वार - चण्डी माता
    14. कलचूरी - विंध्यवासिनी माता
    15. काकतिय - चण्डी माता
    16. काकन - दुर्गा माता
    17. किनवार - दुर्गा माता
    18. केलवाडा - नंदी माता
    19. कौशिक - योगेश्वरी माता
    20. गर्गवंश कालिका माता
    21. गोंड़ - महाकाली माता
    22. गोतम - चामुण्डा माता
    23. गोहिल - बाणेश्वरी माता
    24. चंदेल - मेंनिया माता
    25. चंदोसिया - दुर्गा माता
    26. चंद्रवंशी - गायत्री माता
    27. चुड़ासमा -अम्बा भवानी माता
    28. चौहान - आशापूर्णा माता
    29. जाडेजा - आशपुरा माता
    30. जादोन - कैला देवी (करोली )
    31. जेठंवा - चामुण्डा माता
    32. झाला - शक्ति माता
    33. तंवर - चिलाय माता
    34. तिलोर - दुर्गा माता
    35. दहिया - कैवाय माता
    36. दाहिमा - दधिमति माता
    37. दीक्षित - दुर्गा माता
    38. देवल - सुंधा माता
    39. दोगाई - कालिका(सोखा)माता
    40. नकुम - वेरीनाग बाई
    41. नाग - विजवासिन माता
    42. निकुम्भ - कालिका माता
    43. निमुडी - प्रभावती माता
    44. निशान - भगवती दुर्गा माता
    45. नेवतनी - अम्बिका भवानी
    46. पड़िहार - चामुण्डा माता
    47. परिहार - योगेश्वरी माता
    48. बड़गूजर - कालिका(महालक्ष्मी)माँ
    49. बनाफर - शारदा माता
    50. बिलादरिया - योगेश्वरी माता
    51. बैस - कालका माता
    52. भाटी - स्वांगिया माता
    53. भारदाज - शारदा माता
    54. भॉसले - जगदम्बा माता
    55. यादव - योगेश्वरी माता
    56. राउलजी - क्षेमकल्याणी माता
    57. राठौड़ - नागणेचिया माता
    58. रावत - चण्डी माता
    59. लोह - थम्ब चण्डी माता
    60. लोहतमी - चण्डी माता
    61. लोहतमी - चण्डी माता
    62. वाघेला - अम्बाजी माता
    63. वाला - गात्रद माता
    64. विसेन - दुर्गा माता
    65. शेखावत - जमवाय माता
    66. सरनिहा - दुर्गा माता
    67. सिंघेल - पंखनी माता
    68. सिसोदिया - बाणेश्वरी माता
    69. सीकरवाल - कालिका माता
    70. सेंगर - विन्ध्यवासिनि माता
    71. सोमवंश - महालक्ष्मी माता
    72. सोलंकी - खीवज माता
    73. स्वाति - कालिका माता
    74. हुल - बाण माता
    75. हैध्य - विंध्यवासिनी माता
    76. मायला  - इन्जु माता (पाठक के सुझाव पर)
    सिकरवार क्षत्रियों की कुलदेवी कालिका माता
    हरदोई के भवानीपुर गांव में कालिका माता का प्राचीन मंदिर है। सिकरवार क्षत्रियों के घरों में होने वाले मांगलिक अवसरों पर अब भी सबसे पहले कालिका माता को याद किया जाता है। यह मंदिर नैमिषारण्य से लगभग 3 किलोमीटर दूर कोथावां ब्लाक में स्थित है। कहा जाता है कि पहले गोमती नदी मंदिर से सट कर बहती थी। वर्तमान में गोमती अपना रास्ता बदल कर मंदिर से दूर हो गयी है, लेकिन नदी की पुरानी धारा अब भी एक झील के रूप में मौजूद है। बुजुर्ग बताते हैं कि पेशवा बाजीराव द्वितीय को 1761 में अहमद शाह अब्दाली ने युद्ध क्षेत्र में हरा दिया था। इसके बाद बाजीराव ने अपना शेष जीवन गोमती तट के इस निर्जन क्षेत्र में बिताया। चूंकि वह देवी के साधक थे। इस कारण मंदिर स्थल को भवानीपुर नाम दिया गया। पेशवा ने नैमिषारण्य के देव देवेश्वर मंदिर का भी जीर्णोद्धार कराया था। अब्दाली से मिली पराजय के बाद उनका शेष जीवन यहां माता कालिका की सेवा और साधना में बीता। उनकी समाधि मंदिर परिसर में ही स्थित है। यहां नवरात्र के दिनों में मेला लगता है। मेला में भवानीपुर के अलावा जियनखेड़ा, महुआ खेड़ा, काकूपुर, जरौआ, अटिया और कोथावां के ग्रामीण पहुंचते हैं। यहां सिकरवार क्षत्रिय एकत्र होकर माता कालिका की विशेष साधना करते हैं।
    नोट - कृप्या क्षत्रिय राजपूतो से मेरा अनुरोध है कि सभी लोग अपनी अपनी कुलदेवी का नाम जरूर लिखे, जिस किसी की कुलदेवी का नाम छूट गया है, ताकि उसे भी जोड़ा जा सके।
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