दस्त/डायरिया के लक्षण और उपचार



अतिसार या डायरिया में या तो बार-बार मल त्याग करना पड़ता है या मल बहुत पतले होते हैं या दोनों ही स्थितियां हो सकती हैं। पतले दस्त, जिनमें जल का भाग अधिक होता है, थोड़े-थोड़े समय के अंतर से आते रहते हैं। अतिसार का मुख्य लक्षण और कभी-कभी अकेला लक्षण, विकृत दस्तों का बार-बार आना होता है। तीव्र दशाओं में उदर के समस्त निचले भाग में पीड़ा तथा बेचैनी प्रतीत होती है अथवा मल त्याग के कुछ समय पूर्व मालूम होती है। धीमे अतिसार के बहुत समय तक बने रहने से, या उग्र दशा में थोड़े ही समय में, रोगी का शरीर कृश हो जाता है और जल ह्रास (डिहाइड्रेशन) की भयंकर दशा उत्पन्न हो सकती है। खनिज लवणों के तीव्र ह्रास से रक्तपूरिता तथा मूर्छा (कोमा) उत्पन्न होकर मृत्यु तक हो सकती है।
डायरिया के लक्षण - डायरिया से जूझ रहे व्यक्ति द्वारा इनमे से एक या इससे अधिक लक्षण हो सकते हैं: पानी का मल, पेट में ऐंठन या ऐंठन होना, मतली और उल्टी, बुखार, निर्जलीकरण और भूख में कमी

उपचार 
  1.  अदरक का रस नाभि के आस-पास लगाने से दस्त में आराम मिलता है।
  2. अनार के बीजों को चबाएं। दिन भर में कम से कम दो बार अनाज का जूस पिएं। अनार की पत्तियों को पानी में उबाल लें। इस पानी को छानकर पीने से भी दस्त में आराम मिलता है।
  3. आधा चम्मच सौंठ को छाछ के साथ लें। इस मिश्रण को दिन में दो-तीन बार लेने से डायरिया से राहत मिलती है।
  4. इससे पेट की गर्मी छंट जाएगी और दस्त की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी। यह पाउडर खाली पेट दो से तीन दिनों तक लेना चाहिए। बहुत जल्दी आराम मिलता है।
  5. एक गिलास छाछ में थोड़ा नमक, एक चुटकी काली मिर्च, जीरा और थोड़ी हल्दी डालकर पीने से दस्त में आराम मिलता है। दिन में दो से तीन बार ऐसी एक गिलास छाछ बनाकर पीना चाहिए।
  6. एक नीबू के रस में एक चम्मच नमक और थोड़ी चीनी मिलाकर अच्छे से मिक्स करने के बाद पिएं। हर एक घंटे में ये घोल बनाकर पीने से डायरिया में बहुत जल्दी आराम मिलता है। इस नुस्खे को अपनाने के साथ ही हल्का खाना लें। इससे इस समस्या से जल्दी छुटकारा मिल जाता है।
  7. एक-चौथाई चम्मच मेथी दाना पाउडर ठंडे पानी से लें।
  8. कच्चा पपीता उबालकर खाने से दस्त में आराम मिलता है।
  9. कच्चे पपीते को छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर उबाल लें। इस पानी को छानकर पिएं। दस्त बंद हो जाएंगे। यह पानी दिन भर में दो से तीन बार पीना चाहिए।
  10. कुकर में बने चावल को ताजे दही के साथ खाएं। दिन भर में दो से तीन बार दही-चावल खाने से दस्त की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।
  11. खाना खाने के बाद एक कप लस्सी में एक चुटकी भुना जीरा और काला नमक ड़ालकर पीएं। दस्त में आराम आयेगा।
  12. जब भी दस्त की समस्या हो, दिन भर में कम से कम दो से तीन चम्मच शुद्ध शहद खाएं। एक चम्मच शहद में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर लेने पर भी दस्त से राहत मिलती है।
  13. ताजा लौकी के रस को छानकर दिन में दो-तीन बार पिएं। दस्त की समस्या खत्म हो जाएगी।
  14. बेल की पत्तियों या बेल के फलों का पाउडर दस्त में दवा का कामकरता है। 25 ग्राम बेल के पाउडर को शहद में मिलाकर लेने से दस्त से राहत मिलती है। दिन में कम से कम चार बार बेल पाउडर का सेवन करें।
  15. मिश्री और अमरूद खाने से भी आराम मिलता है।
  16. सरसों के एक-चौथाई चम्मच बीजों को एक कप पानी में भिगो दें। एक घंटे बाद इस पानी को छानकर पी लें। यह नुस्खा एक दिन में दो से तीन बार दोहराएं। डायरिया की समस्या से बहुत जल्दी आराम मिल जाएगा।


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पेट में गैस बनने के कारण, लक्षण और उपाचार



पेट में गैस बनना आम बात है लेकिन कई बार इसकी वजह से सीने में भी दर्द होने लगता है। गैस भयंकर तरीके से सिर में चढ़ जाती है और उल्टियां तक आने लगती है। दरअसल, गैस बनने से पेट फूलने लगता है और पाचन संबंधी दिक्कत पैदा हो जाती है। अगर आपको ज्यादा गैस बनती है तो इसे बिल्कुल भी हल्के में न लें क्योंकि इसकी वजह से आपको घातक पेट के रोग हो सकते हैं। पेट फूलने और गैस बनने पर आप घर में ही मौजूद चीजों से इसका इलाज कर सकते हैं और इस बीमारी से जड़ से छुटकारा पा सकते हैं।


पेट में गैस की समस्या होने पर आमतौर पर यह लक्षण दिखते हैं- उलटी, बदहज़मी, दस्त होना, पेट फूलना
  1. बदबूदार सांसें आना और पेट में सूजन रहना तथा भूख न लगना और पेट में गैस होने पर जब ऊपर बताए गए लक्षण दिखते तो आपको शर्मिंदा होना पड़ता है। ऐसे में आप जरूर चाहेंगे कि जल्द से जल्द आप इस समस्या से निजात पा लें। तो आइए, जानते हैं पेट में गैस की समस्या से छूटकारा पाने के आसान से घरेलू उपाय-अजवायन और काला नमक को समान मात्रा में मिलाकर गर्म पानी से पीने से पेट का अफारा ठीक होता है।
  2. आप दूध में काली मिर्च मिलाकर भी पी सकते हैं।
  3. इस सभी उपचार के अलावा सप्ताह में एक दिन उपवास रखने से भी पेट साफ रहता है और गैस की समस्या पैदा नहीं होती।
  4. इसके अलावा सेब का सिरका भी गर्म पानी में मिलाकर पीने से लाभ होगा।
  5. ऐसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए भोजन के बाद 3-4 मोटी इलायची के दाने चबाकर ऊपर से नींबू पानी पीने से पेट हल्का होता है।
  6. काली मिर्च का सेवन करने पर पेट में हाजमे की समस्या दूर हो जाती है।
  7. छाछ में काला नमक और अजवाइन मिलाकर पीने से भी गैस की समस्या में काफी लाभ मिलता है।
  8. दालचीनी को पानी मे उबालकर, ठंडा कर लें और सुबह खाली पेट पिएं। इसमें शहद मिलाकर पिया जा सकता है।
  9. दिनभर में दो से तीन बार इलायची का सेवन पाचन क्रिया में सहायक होता है और गैस की समस्या नहीं होने देता।
  10. नींबू के रस में 1 चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर सुबह के वक्त खाली पेट पिएं।
  11. पुदीने की पत्तियों को उबालकर पीने से गैस से निजात मिलती है।
  12. रोज अदरक का टुकड़ा चबाने से भी पेट की गैस में लाभ होता है।
  13. रोजाना नारियल पानी सेवन करना गैस का फायदेमंद उपचार है।
  14. लहसुन भी गैस की समस्या से निजात दिलाता है। लहसुन को जीरा, खड़ा धनिया के साथ उबालकर इसका काढ़ा पीने से काफी फायदा मिलता है। इसे दिन में 2 बार पी सकते हैं।
  15. सुबह-शाम सवा चम्मच त्रिफला का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से पेट नरम होता है।


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रक्ताल्पता (एनीमिया) लक्षण, कारण, उपचार और रोकथाम



रक्ताल्पता (एनीमिया) का साधारण मतलब रक्त (खून) की कमी है। यह लाल रक्त कोशिका में पाए जाने वाले एक पदार्थ (कण) रुधिर वर्णिका यानी हीमोग्लोबिन की संख्या में कमी आने से होती है। हीमोग्लोबिन के अणु में अनचाहे परिवर्तन आने से भी रक्ताल्पता के लक्षण प्रकट होते हैं। हीमोग्लोबिन पूरे शरीर में ऑक्सीजन को प्रवाहित करता है और इसकी संख्या में कमी आने से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति में भी कमी आती है जिसके कारण व्यक्ति थकान और कमजोरी महसूस कर सकता है। एनीमिया एक गंभीर बीमारी है। इसके कारण महिलाओं को अन्य बीमारियां होने की संभावना और बढ़ जाती है।
  1. एनीमिया से पीड़ित महिलाओं की प्रसव के दौरान मरने की संभावना सबसे अधिक होती है।
  2. किशोरावस्था और रजोनिवृत्ति के बीच की आयु में एनीमिया सबसे अधिक होता है।
  3. गर्भवती महिलाओं को बढ़ते शिशु के लिए भी रक्त निर्माण करना पड़ता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को एनीमिया होने की संभावना होती है।
  4. भारत में 80 प्रतिशत से अधिक गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।
  5. यह तब होता है, जब शरीर के रक्त में लाल कणों या कोशिकाओं के नष्ट होने की दर, उनके निर्माण की दर से अधिक होती है।

लक्षण
  1. कमजोरी एवं बहुत अधिक थकावट।
  2. चक्कर आना- विशेषकर लेटकर एवं बैठकर उठने में।
  3. चेहरे एवं पैरों पर सूजन दिखाई देना।
  4. जीभ,नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी।
  5. त्वचा का सफेद दिखना।
  6. बेहोश होना।
  7. सांस फूलना।
  8. हृदय गति का तेज होना।
कारण - किसी भी कारण रक्त में कमी, जैसे-
  1. पेट के अल्सर से खून जाना।
  2. पेट के कीड़ों व परजीवियों के कारण खूनी दस्त लगना।
  3. बार-बार गर्भ धारण करना।
  4. मलेरिया के बाद जिससे लाल रक्त कारण नष्ट हो जाते हैं।
  5. माहवारी में अधिक मात्रा में खून जाना।
  6. शरीर से खून निकलना (दुर्घटना, चोट, घाव आदि में अधिक खून बहना)
  7. शौच, उल्टी, खांसी के साथ खून का बहना।
  8. सबसे प्रमुख कारण लौह तत्व वाली चीजों का उचित मात्रा में सेवन न करना।
उपचार तथा रोकथाम
  1.  अगर एनीमिया मलेरिया या परजीवी कीड़ों के कारण है, तो पहले उनका इलाज करें।
  2. एनीमिया के रोगियों के लिए शहद बहुत लाभदायक होता है। इसके नियमित सेवन से खून की कमी दूर हो जाती है।
  3. एनीमिया में मेवे खाने से शरीर में आयरन का स्तर तेजी से बढ़ता है।
  4. काली चाय एवं कॉफी पीने से बचें।
  5. गर्भवती महिलाओं एवं किशोरी लड़कियों को नियमित रूप से 100 दिन तक लौह तत्व व फॉलिक एसिड की 1 गोली रोज रात को खाने खाने के बाद लेनी चाहिए।
  6. गुड़ भी आयरन का अच्छा स्रोत है। एनीमिया से ग्रस्त लोगों को रोज गुड़ जरूर खाना चाहिए। खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ खाने से भी एनीमिया दूर होता है।
  7. चुकंदर लौह तत्त्व से भरपूर होता है इसीलिए एनीमिया के मरीजों को अपनी रोज की खुराक में थोड़ा चुकंदर जरूर शामिलकरना चाहिए। चुकंदर को सब्जी के अलावा सलाद के रूप में या जूस बनाकर भी लिया जा सकता है।
  8. जल्दी-जल्दी गर्भधारण से बचना चाहिए।
  9. टमाटर को सलाद के रूप में खाया जा सकता है। इसके अलावा जूस या सूप बनाकर पीना भी अच्छा होता है।
  10. पालक की सब्जी एनीमिया में दवा की तरह काम करती है। हरी सब्जियों में पालक डालें। साथ ही, सलाद के रूप में भी इसका सेवन किया जा सकता है। पालक को उबालकर उसका सूप भी बनाया जा सकता है। इसका सूप पीने से बहुत जल्दी खून बढ़ता है।
  11. भोजन के बाद चाय के सेवन से बचें, क्योंकि चाय भोजन से मिलने वाले जरूरी पोषक तत्वों को नष्ट करती है।
  12. लौह तत्वयुक्त चीजों का सेवन करें।
  13. विटामिन 'ए' एवं 'सी' युक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
  14. संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छ पेयजल ही इस्तेमाल करें।
  15. खजूर दोनों में ही पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है। रोज सेब और खजूर खाने से कुछ दिनों में एनीमिया दूर हो जाता है।
  16. सोयाबीन से भरपूर मात्रा में आयरन मिलता है इसलिए एनीमिया में यह बहुत लाभदायक है।
  17. स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करें।


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