जीवन को स्थिरता देने वाले सुविचार और अनमोल वचन



सुविचार या अनमोल वचन हमारे जीवन में नई ऊर्जा का संचार उत्पन्न करता है और हमें सकारात्मकता की ओर ले जाता है। विपरीत परिस्थितियों में हर वो काम जो हमें मुश्किल लगता है वो आसान हो जाता है। अगर आप कोई नया काम करने जा रहे है या कभी अवसादग्रस्त हो तो तो इन शानदार सुविचार को जरुर मनन करना चाहिए क्योंकि की जब भी आप के जीवन में कोई मुश्किल आएगी तो इन विचारों से आपको सही रास्ता दिखेगा।
जीवन को स्थिरता देने वाले सुविचार और अनमोल वचन

  1. अगर आप के पास असफल होने की गुंजाइश नहीं है तो आप विकास भी नहीं कर सकते।
  2. अगर आप दुनिया से अपने लिए सर्वश्रेष्ठ पाना चाहते है, तो आपको दुनिया की अपना सर्वश्रेष्ठ देना भी होगा।
  3. अगर आप बार-बार शिकायत नहीं करते है, तो आप किसी भी कठिनाई को दूर कर सकते है।
  4. अगर आप बोलेंगे तो जानी हुई बातें ही दोहराएंगे पर सुनने पर कुछ नया सीखेंगे।
  5. अगर परिवर्तन लंबे समय तक बना रहे तो यही संस्कृति बन जाता है।
  6. अच्छे काम करते रहिए, चाहे लोग तारीफ करें या ना करें, आधी से ज्यादा दुनिया सोती रहती है, तब भी सूरज निकलता है।
  7. अनुशासन लक्ष्यों और उपलब्धियों के बीच पुल है।
  8. अपना सर्वश्रेष्ठ करें, वर्तमान का मजा ले और जो है उसमे खुश रहे।
  9. अपनी उर्जा को चिंता करने में खत्म करने से बेहतर है, इसका उपयोग समाधान ढूंढने में किया जाए।
  10. अपनी मुस्कुराहट से दुनिया बदलिए, दुनिया से अपनी मुस्कुराहट मत बदलिए।
  11. असंभव शब्द का शब्द केवल कायर करते है, बहादुर और बुद्धिमान व्यक्ति अपना मार्ग खुद पक्का करते है।
  12. असफल व्यक्ति वह है जिसने भूले की लेकिन इनके अनुभव से किसी भी तरह का लाभ नहीं उठाया।
  13. असली बहादुरी तो तब है जब आप वह करे जो सही है। भले ही वह लोगों में ज्यादा लोकप्रिय न हो।
  14. आज के परिणाम अतीत के कर्मों से तय होते है। अपने भविष्य को बदल पाने के लिए आज के फैसलों को बदले।
  15. आजकल लोगों को हर चीज की कीमत तो पता होती है, पर अहमियत नहीं।
  16. आत्मविश्वास हमेशा सही होने से नहीं आता, बल्कि गलत होने का डर न होने से आता है।
  17. आप अपना कार्य उस समय करें जब दूसरे व्यक्ति अपना समय नष्ट करने में लगे हो।
  18. आप अपनी जिंदगी की तुलना दूसरों से ना करें क्योंकि, सूरज और चंद्रमा दोनों ही चमकते है लेकिन अपने अपने समय पर।
  19. आप अपने जीवन काल के लिए कुछ नहीं कर सकते है, लेकिन आप इसे मूल्यवान बनाने के लिए कुछ अवश्य कर सकते है।
  20. आप अपने जीवन में जो कुछ भी अलग और बेहतर पाना चाहते है, वह डर के उस पार है।
  21. आप कई बार झुकते है, कई बार टूटे है। इसके बावजूद अंत में बेहतर आकार ले ही लेते है।
  22. आप जिसमें भरोसा करते हैं, उसमें जी- जान लगा दीजिए नतीजे चौंकाने वाले होंगे।
  23. आप प्रेम ढूंढे ये अच्छी बात है, लेकिन आपको बिना खोजे सच्चा प्रेम मिल जाए तो ये सबसे अच्छा है।
  24. आप वह कारण बने, जिसकी वजह से आज कहीं, कोई मुस्करा दे।
  25. आप सकारात्मक लोगों से घिरे हो तो अहसास होता है कि कुछ भी संभव है।
  26. आप सफलता से कहीं ज्यादा असफलता से सीखते है, असफलता से आपका चरित्र भी बनता है।
  27. आपका खुश रहना ही आपके, दुश्मनों के लिए सबसे बड़ी सजा है।
  28. आपका मूल्य इससे तय नहीं होता कि आप क्या है, यह इससे तय होता है आप खुद को क्या बनाने की क्षमता रखते है।
  29. आपका हर दिन जीवन में बदलाव, लाने का बेहतरीन अवसर है।
  30. आपका हर सपना सच हो सकता है, अगर आप उसे पाने की हिम्मत रखते है।
  31. आपकी मनोवृत्ति ही आपकी, महानता को निर्धारित करती है।
  32. आपके जीवन की गुणवत्ता इस बात पर निर्भर करती है, कि आपके दिमाग में किस गुणवत्ता के विचार आते है।
  33. आपके पास दो ही विकल्प होते है, या तो सर पर विजय पा ले या डर को आप पर कब्जा करने दे।
  34. आपको वह नहीं मिलता, जो आप चाहते है, आप जिसके योग्य है, वहीं मिलेगा, यही विधान है।
  35. इंतजार करने वालों को केवल उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है।
  36. इंतजार मत करो जितना तुम सोचते हो, जिंदगी उससे कई ज्यादा तेजी से निकल रही है।
  37. इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए यह जरूरी है।

  38. इस दुनिया में असंभव कुछ भी नही, हम वो सब कर सकते है, जो हम सोच सकते है।
  39. ईमानदारी के लिए किसी छाप वेशभूषा या श्रृंगार की जरूरत नहीं होती, सादगी अपनाएं।
  40. उदास होने के लिए उम्र पड़ी है, खुश रहने के लिए जिंदगी खड़ी है।
  41. उन चीजों के बारे में समय बर्बाद मत करो, जिनको आप बदल नहीं सकते।
  42. उम्मीदों से बंधा एक जिद्दी परिंदा है इंसान जो घायल भी उम्मीदों से है और जिंदा भी उम्मीदों पर है।

  43. उस ज्ञान का कोई लाभ नहीं. जिसे आप काम में नहीं लेते।
  44. ऊंचाई की और बढ़े तो कभी भी साथियों की उपेक्षा न करें, नीचे की और जाते समय यही साथी आपकी मदद करेंगे।
  45. एक सृजनशील व्यक्ति कुछ कर पाने की उम्मीद से प्रेरित होता है, दूसरों को होड़ में हराने की उम्मीद से नहीं ।
  46. एकांत में कठिन परिश्रम करो, तुम्हारी सफलता शोर मचा देगी।
  47. कठिनाइयों का अर्थ ही आगे बढ़ना होता है, न कि उनसे डरकर हतोत्साहित होना।
  48. कर्म वो आईना है जो हमारा, स्वरूप हमें दिखा देता है।
  49. कर्म सुख भले ही न ला सके, लेकिन कर्म के बिना सुख नहीं मिलता है।
  50. काम करने में कोई अपमान नहीं है, अपमान तो खाली बैठने में है।
  51. कामयाब लोग अपने फैसले से दुनिया बदल देते है नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फैसले बदल देते है।
  52. कामयाबी के सफर में धूप बड़ी काम आयी, छाँव मिली होती तो सो गए होते।
  53. किसी कम में लगाए गए हमारे समय का इतना महत्व नहीं है, जितना प्रयास की गंभीरता का है।
  54. किसी का भला न कर पाना भी बुरा करने जैसा ही है।
  55. किसी प्रतियोगिता में जीतने से नहीं, बल्कि इसके लिए की जाने वाली घंटों, महीनों की तैयारी से विजेता बनते है।
  56. कुछ कर गुजरने के लिए मौसम नहीं चाहिए, साधन सभी जुट जायेंगे केवल संकल्प का धन चाहिए।
  57. कुछ नहीं मिलता दुनिया में मेहनत के बगैर, आपको अपना साया भी धूप में आने के बाद ही मिलता है।
  58. कुछ लोग चाहे जितने बुजुर्ग हो जाए उनकी सुंदरता नहीं मिटती यह चेहरों से उतर कर दिलो में आ बसती है।
  59. कुछ लोगों की सुंदरता उम्र के साथ नहीं घटती, यह चेहरों से उतर कर दिलो में बस जाती है।
  60. कोई काम करने को लेकर देर तक सोच-विचार अकसर उसके बिगड़ने का कारण बनता है।
  61. कोई काम कितना ही कठिन क्यों न हो, जिद और दृढ विश्वास से जरुर पूरा किया जा सकता है।
  62. कोई भी पीछे जाकर नई शुरुआत नहीं कर सकता, पर हम सभी नई शुरुवात कर बेहतर अंत कर सकते है।
  63. क्रोध कभी भी बिना कारण नहीं होता, लेकिन कदाचित ही यह कारण सार्थक होता है।
  64. खुद की तरक्की में इतना वक्त लगा दो, कि दूसरे की बुराई करने का वक्त ही ना मिले।
  65. खुशियों का कोई रास्ता नहीं खुश रहना ही रास्ता है…
  66. ख़ुशी आजादी पर निर्भर होती है और आजादी इस बात पर निर्भर होती है कि आप कितने साहसी है।
  67. ख़ुशी और प्रेम निष्ठा के सह उत्पाद है, कोई काम करे तो पूरी निष्ठा के साथ करे, अन्यथा उसे छोड़ दे।
  68. ख़ुशी के काम से ख़ुशी नहीं मिलेगी, खुश होकर काम किया तो ख़ुशी, सफलता दोनों मिलेगी।
  69. खुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते है, जो कहते है, जो करते है, जो करते है, वह सामंजस्य में हो।
  70. ख़ुशी दुनिया की सर्वोतम दवा है इसलिए खुद भी खुश रहे और दुसरो को खुशिया बांटे।
  71. खूबसूरती से चकित नही होना चाहिए, उन छिपे गुणों को तलाशना चाहिए जो हमेशा बने रहते है।
  72. गलत तरीके अपनाकर सफल होने से यही बेहतर है सही तरीके के साथ काम करके असफल होना।
  73. चीजों की कीमत मिलने से पहले होती है और इंसानों की कीमत खोने के बाद होती है।
  74. छोटी छोटी खुशियां ही तो जीने का सहारा बनती है, ख्वाहिशों का क्या है पल-पल बदलती है।
  75. छोटे-छोटे रोज की सुधार, ‘आश्चर्यजनक’ परिणाम की ओर ले जाते है।
  76. जब आप कोई वादा करते है तो आशा जगाते है, जब उसे पूरा करते है तो भरोसा बनाते है।
  77. जब आप जागृत अवस्था में होते है, तो ही सर्वश्रेष्ठ स्वप्नों का सृजन होता है।
  78. जब आप जीवन में कुछ गंवा बैठते है, तो इससे प्राप्त शिक्षा को कतई न गंवाए।
  79. जब करीबी लोग आपके मानदंडों पर खरे न उतरे, तो समझे कि मानदंडों को फिर से परखने का समय आ गया है।
  80. जब तक अपनी ताकत नहीं पहचान पाते, जब तक ताकतवर होना एकमात्र विकल्प हो
  81. जब तक आप जो कर रहे है उसे पसंद नहीं करते तब तक आप सफलता नहीं पा सकते।
  82. जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिए बेईमानी है।
  83. जब दुनिया यह कहती है कि हार मान लो, तब आशा धीरे से कान में कहती है कि एक बार फिर से प्रयास करो।
  84. जब परिस्थितियां बदल जाती है, तो रणनीति बदलने में कोई बुराई नहीं है।
  85. जब लक्ष्य इतनी गहराई से चाहा जाए की उसके लिए सब कुछ दांव पर लगाने तक की तैयारी हो तो जीत तय है।
  86. जब लक्ष्यों को पाना मुश्किल हो तो, लक्ष्यों को न बदले, बल्कि अपने प्रयासों में बदलाव करे।

  87. जब सब कुछ आपके खिलाफ जा रहा हो तो याद रखें, हवाई जहाज हमेशा हवा के विरूद्ध उड़ान भरता है उसके साथ नहीं।
  88. जब हम वह कर लेते है, जिससे हम डरते है, तभी हमारे अंदर निडरता का जन्म होता है।
  89. जिंदगी बहुत खूबसूरत है इसे बेकार की बातों और झगड़ो में बर्बाद ना करें।
  90. जितना कठिन संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
  91. जिनमें अकेले चलने के हौसले होते है, एक दिन उनके पीछे काफिले होते है।
  92. जीवन कितना अनमोल है, यह जानने के लिए कभी-कभी इसे जोखिम में डालना पड़ता है।
  93. जीवन की केवल वही तक सीमाएं है, जन्हें आप खुद तय करते है
  94. जीवन की सबसे बड़ी ख़ुशी उस कम को करने में है, जिसे लोग कहते है तुम नहीं कर सकते हो।
  95. जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरूरी नहीं है, जो रिश्ते है, उनमें जीवन होना जरुरी है।
  96. जीवन में बाधाएँ होगी शंकाएं होगी, गलतियां भी होगी, लेकिन कड़ी मेहनत करें तो कोई शीमा नही होंगी।
  97. जीवन में सफलता का रहस्य है खुद को आने वाले अवसर के लिए तैयार करना
  98. जीवन वह नही है जिसकी आप चाहत रखते है, अपितु यह तो वैसा बन जाता है, जैसा आप इसे बनाते है।

  99. जुड़ गए तो शेर भी घबराएगा, टूट गए तो गीदड़ भी साथ आएगा।
  100. जो गिरने से डरते है, वह कभी उड़ान नहीं भर सकते।
  101. जो मनुष्य अपना क्रोध अपने ही ऊपर झेल लेता है, वह दूसरों के क्रोध से बच जाता है।
  102. जो व्यक्ति अपनी सोच नहीं बदल सकता, वह वास्तव में कुछ नहीं बदल सकता।
  103. जो व्यक्ति हर वक्त दुख का रोना रोता है, उसके द्वार पर खड़ा सुख भी बाहर से लौट जाता है।
  104. जो सभ्य भी है, उनके साथ भी सभ्य बने रहे। किसी के ओछेपन के चलते अपना चरित्र नीचे करने का कोई औचित्य नहीं है।
  105. जो सिरफिरे होते हैं वे इतिहास लिखते है, समझदार लोग तो सिर्फ उनके बारे में पढ़ते है।
  106. जो हम दूसरों को देंगे वही लौटकर हमारे पास आएगा चाहे वह इज्जत हो, सम्मान हो या फिर धोखा।
  107. ज्ञान अतीत की व्याख्या करने के लिए नहीं, बल्कि भविष्य का निर्माण करने के लिए होता है।
  108. ज्ञान इसलिए नहीं होता कि हम अतीत की व्याख्या करते रहे, यह तो भविष्य का निर्माण करने के लिए होता है।
  109. डर भगाने की बजाए अपने सपनों को, साकार करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे।
  110. तारीफ के मोहताज नहीं होते सच्चे लोग क्योंकि फूलों पर कभी इत्र नहीं लगाया जाता।
  111. तुम पानी जैसे बनो जो अपना रास्ता खुद बनाता है, पत्थर जैसे ना बनो जो दूसरों का भी रास्ता रोक लेता है।
  112. दुःख भोगने से इंसान को सुख के मूल्य का ज्ञान होता है।
  113. दुनिया में एक ही अच्छाई है, ज्ञान और एक ही बुराई है, अज्ञानता।
  114. दूसरों को इतनी जल्दी माफ़ कर दिया करो, जितनी जल्दी आप ऊपरवाले से अपने लिए माफ़ी की उम्मीद रखते हो।
  115. दूरदर्शिता जो दूसरे नहीं देख पाए उसे देख पाने की कला है।
  116. दोस्तों को हमेशा उनके कर्मों से ही परखना चाहिए न कि उनके शब्दों से।
  117. नसीब जिनके ऊंचे और मस्त होते है, इम्तिहान भी उनके जबरदस्त होते है।
  118. नाकामिया आपको अपनी गलती सुधारने और वापस दोगुनी ताकत से सफल होने के लिए प्रेरित करती है।
  119. निष्क्रियता से संदेह और डर पैदा होते है, यही सक्रियता से विश्वास और साहस का सृजन होता है।
  120. पहचान से मिला काम थोड़े समय के लिए रहता है, लेकिन काम से मिली पहचान उम्र भर रहती है।
  121. पहले कठिन काम कीजिए, आसान कम अपने-आप हो जाएगे।
  122. पिता की मौजूदगी सूरज जैसी होती है, सूरज गर्म जरूर होता है अगर न हो तो अंधेरा छा जाता है।
  123. पुल और दीवार बनाने में ईंट गारे का ही प्रयोग होता है, एक से लोग जुड़ते है, वहीं दुसरे से अलग होते है।
  124. प्यार सभी से करे, लेकिन विश्वास कुछ लोगों पर ही करना चाहिए और कभी भी किसी को नुकसान न पहुंचाए।
  125. प्रतिकूल परिस्थितियों से कुछ व्यक्ति टूट जाते है, जबकि कुछ ऐसे व्यक्ति भी होते है जो दुसरो के रिकॉर्ड तोड़ते है।
  126. प्रतिभा से भी बेहद कम, दूर और दुर्लभ एक चीज होती है, और वह है प्रतिभा को पहचानने की योग्यता।
  127. प्रत्येक असफलताओ के पीछे, सफलता आपकी राह देख रही है।
  128. प्रशंसा से पिघलना मत, और आलोचना से उबलना मत।
  129. प्रश्न कर पाने की क्षमता ही, मानव प्रगति का आधार है।
  130. प्रसन्नता परमात्मा की और से दी गयी औषधि है।
  131. प्रसन्नता पहले से तैयार कोई चीज नहीं है, यह तो आपके कर्मो से ही हासिल होती है।
  132. प्रसन्नता पहले से निर्मित कोई चीज नहीं है। यह आप ही के कर्मो से आती है।
  133. फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है, लेकिन अच्छे व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है।
  134. बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो, मजबूरियों को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो।
  135. बरसात में भीगने से लिबास बदल जाते है, और पसीने में भीगने से इतिहास रचे जाते है।
  136. बस इस पल अच्छे कार्य में जुट जाए, सच माने आपने अनंतकाल के लिए अच्छा कार्य कर लिया है।
  137. बीता हुआ कल बदला नहीं जा सकता, लेकिन आने वाला कल हमेशा आपके हाथ में होता है।
  138. बुद्धिमान की तरह विचार करे, लेकिन बात आम लोगो की तरह करें।
  139. बुरा वक्त कभी बताकर नहीं आता, मगर सिखा कर बहुत कुछ जाता है।
  140. बुराई को देखना और सुनना, ही बुराई की शुरुआत है।
  141. बेहतरीन दिनों के लिए, बुरे दिनों से लड़ना पड़ता है।
  142. भगवान यह अपेक्षा नहीं करते की हम सफल हो, वे तो केवल इतना ही चाहते है कि हम प्रयास करें।
  143. भलाई करना कर्तव्य नहीं, आनंद है, क्योंकि यह तुम्हारे स्वास्थ्य और सुख में वृद्धि करता है।
  144. भविष्य तो उन्ही का है जो अपने सपनों की सुंदरता में यकीन करते है।
  145. मंजिल चाहे कितनी भी ऊँची क्यों ना हो, रास्ता हमेशा पैरों के नीचे ही होता है।
  146. मदद करने के लिए सिर्फ धन की जरूरत नहीं होती है, उसके लिए एक अच्छे मन की जरूरत होती है।
  147. मनुष्य ही दुनिया का एकमात्र ऐसा प्राणी है, जिसे हंसने का गुण प्रदान किया गया है।
  148. महत्व इस बात का नहीं है कि आप कितने अच्छे है, महत्व इस बात का है कि आप कितना अच्छा बनना चाहते है।
  149. महत्व इसका नही है कि अप्प कितने अच्छे है, महत्व इसका है कि आप कितना अच्छा बनना चाहते है।
  150. मानव के कर्म ही उसके विचारों की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या है।
  151. माहौल से ज्यादा व्यक्ति के भीतर ही बदलाव की जरूरत होती है।
  152. मीठा बोल संक्षिप्त और बोलने में आसान हो सकते है, लेकिन उनकी गूंज सचमुच अनंत होती है।
  153. मुसीबत सब पर आती है, कोई बिखर जाता है कोई निखर जाता है।
  154. मुस्कान पाने वाला मालामाल हो जाता है पर देने वाला दरिद्र नहीं होता।
  155. मेरी तकदीर को बदल देंगे मेरे बुलंद इरादे, मेरी किस्मत नहीं मोहताज मेरे हाथों की लकीरों की।
  156. मेहनत एक ऐसी सुनहरी चाबी है, जो बंद भाग्य के दरवाजे को खोल देती है।
  157. मैं श्रेष्ठ हूं यह आत्मविश्वास है, लेकिन मैं ही श्रेष्ठ हूं यह अहंकार है।
  158. मैदान में हारा हुआ इंसान फिर से जीत सकता है लेकिन मन से हारा हुआ इंसान कभी नहीं जीत सकता।
  159. यदि आप गलती नहीं कर सकते है तो आप कुछ नहीं कर सकते है।
  160. यदि आप गुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते है, तो दु:ख के सौ दिन से बच जाते है।
  161. यदि एक बड़ा कदम उठाने की आवश्यकता है तो डरे नहीं, आप गहरी खाई को दो छोटी छलांग लगाकर पार नहीं कर सकते।
  162. यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दुख में बीता तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ ना करें।
  163. यदि हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह यह है, कि हम भूल चुके है कि हम एक-दूसरे के है।
  164. लगातार आगे बढ़ते रहने के लिए यह जरूरी है कि हम, निरंतर अपने लक्ष्य और बड़े करते जाए।
  165. वक्त की एक आदत बहुत अच्छी है, जैसा भी हो गुजर जाता है।
  166. वह मायने नही रखता की गलत रास्ते पर आप कितनी दूर चले गए है, वापस मुड़ने की संभावना तो हमेशा ही है।
  167. वह व्यक्ति जिसे खुद पर भरोसा होता है, वही आख़िरकार दुसरो का भी भरोसा जीतने में कामयाब रहता है।
  168. विकल्प मिलेंगे बहुत मार्ग भटकाने के लिए, संकल्प एक ही काफ़ी है मंज़िल तक जाने के लिए।
  169. विचारों से सुफल उपजते है, वह कुविचारों का नतीजा कुफल होता है।
  170. विज्ञान हमे सोचना सिखाता है, लेकिन प्रेम हमें मुस्कुराना सिखाता है।
  171. विपत्तियाँ हमेशा हमे बुद्धिमान बनाती है जबकि समृद्धि अक्सर सही-गलत में फर्क भी नही कर पाती।
  172. वे लोग भाग्यशाली है, जो यह समझ चुके है, कि उन्हें व्यक्तियों से प्रेम करना है और वस्तुओं का उपयोग करना है।
  173. संसार एक कड़वा वृक्ष है, इसके दो फल ही अमृत जैसे मीठे होते है – एक मधुर वाणी और दूसरी सज्जनों की संगती।
  174. संसार हजार बार हमारे विश्वास पर खरा उतरता है तो कभी-कभार इसे खोटा भी होने दे।
  175. सच बोलने की आदत हमारे अंदर किसी भी स्थिति का सामना करने का साहस देती है।
  176. सदा जवान रहने के लिए मुख का सोंदर्य नहीं, मस्तिष्क की उड़ान जरूरी है।
  177. सपने वो नहीं जो हम नींद में देखते है, सपने वह है जो हमको नींद नहीं आने देते।
  178. सफलता का आनंद उठाने के लिए जरूरी है, कि इंसान कठिनाइयों से गुजरकर इस तक पहुंचे।
  179. सफलता की ख़ुशी मनाना अच्छा है, पर उससे भी अधिक जरूरी अपनी असफलता से सीख लेना है।
  180. सफलता की तैयारी न करना असफलता के लिए तैयारी करने के समान है ।
  181. सफलता तभी मिलती है जब आपके सपने आपके डर से बड़े हो जाते है।
  182. सफलता मुझे तब तक नहीं मिल सकती, जब तक मेरी सफलता पाने की इच्छा मजबूत है।
  183. सफलता, असफलता की संभावनाओं के आकलन में समय नष्ट न करें, लक्ष्य निर्धारित करें और कार्य आरम्भ करें।
  184. समय की सीमा जानने का एक ही टिका है, असंभव से भी आगे निकल जाना।
  185. समय ना लगाओ तय करने में आपको क्या करना है, वरना समय तय कर लेगा आपको क्या करना है।
  186. समय बहाकर ले जाता है नाम और निशान, कोई ‘हम’ में रह जाता है कोई ‘अहम’ में।
  187. सही और गलत के झगड़े से जीवन नहीं चलता यह परिपक्वता से चलता है।
  188. सिर्फ डरपोक और शक्तिहीन, व्यक्ति ही भाग्य के पीछे चलता है।
  189. सिर्फ सपनों से कुछ नहीं होता, सफलता प्रयासों से हासिल होती है।
  190. सोच अच्छी होनी चाहिए क्योंकि नजर का, इलाज तो मुमकिन है लेकिन नजरिए का नहीं।
  191. सोच जब तक तंग है, जीवन तब तक जंग है।
  192. हजारों दीयों को एक ही दिए से, बिना उसका प्रकाश कम किए जलाया जा सकता है खुशी बांटने से खुशी कभी कम नहीं होती।
  193. हम अगर किसी चीज की कल्पना कर सकते है, तो उसे साकार भी कर सकते है।
  194. हमारी विशालता कभी भी न गिरने में नहीं, बल्कि हर बार गिरने पर फिर उठने में निहित होती है।
  195. हमारी समस्या का समाधान केवल हमारे पास है दूसरों के पास तो केवल सुझाव है।
  196. हमें सुख नहीं मिल सकता यदि विश्वास किन्हीं चीजों में करें और अमल किन्हीं और चीजों पर
  197. हर दिन अच्छा हो जरूरी नहीं है, लेकिन हर दिन कुछ अच्छा जरूर होता है।
  198. हार और जीत हमारी सोच पर निर्भर है, मान लिया तो हार और ठान लिया तो जीत।


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समय/वक्त पर महान लोगो के सर्वश्रेष्ठ विचार



समय/वक्त पर महान लोगो के सर्वश्रेष्ठ विचार
  1. अगर हम जीवन में कुछ हासिल करना चाहते है, कुछ बनना चाहते है, तो आपके लिए ये अनिवार्य है की, आप समय की कीमत को समझें। – ज्ञानी पण्डित
  2. अतीत की ओर बार-बार देखने पर एक समस्या यह आ सकती है कि हमारा भविष्य भी हाथ से निकल जाएगा। - माइकल सिबेन्को
  3. अपने मिनटों का ध्यान रखें, घण्टे अपना ध्यान खुद रख लेंगे। -लॉर्ड चेस्टरफील्ड
  4. अपने समय को बर्बाद करने वाले लोग ही सबसे पहले समय की कमी का रोना रोते हैं। - जीन डी ला ब्रुयर
  5. अभी आराम करने का समय नहीं है। अभी साहस और सहनशीलता का समय है। - विन्सटन चर्चिल
  6. अमीर बनने का मतलब है पैसा होना, बहुत अमीर बनने का मतलब समय होना। – मार्गरेट बोनानो
  7. अमीर लोग समय में निवेश करते हैं, गरीब लोग धन में निवेश करते हैं। – वॉरेन बफ़ेट
  8. आधुनिक युग की सबसे महत्वपूर्ण मशीन, रेल का इंजन नहीं, बल्कि घड़ी है। – लुईस ममफोर्ड
  9. आप विलम्ब कर सकते हैं पर समय नहीं करेगा।- Benjamin Franklin बेंजामिन फ्रैंकलिन
  10. जब आपके पास इसे सही से करने का समय नहीं है तो इसे खत्म करने का समय कब होगा? - जॉन वूडेन John Wooden
  11. जब तक आप अपना मूल्य नहीं समझेंगे तब तक आप अपने समय की महत्ता नहीं समझेंगे। जब तक आप अपने समय की महत्ता नहीं समझेंगे आप उसका कुछ नहीं करेंगे। - एम स्कोट पेक
  12. जब संदेह में हों, तो और समय लें।- जॉन जिमरमैन John Zimmerman
  13. जब हम अपनी पसंद का काम कर रहे होते हैं, तब समय की परवाह नहीं करते। कम से कम इस क्षण में तो समय का अस्तित्व नहीं रहता और हम सचमुच स्वतंत्र होते हैं। - मार्सिया वीदर
  14. जिसे जो काम जब करना चाहिए, उस समय उसी काम को करना समय का प्रबंधन है। - डॉ। विजय अग्रवाल
  15. जो लोग अपने समय का सबसे बुरा उपयोग करते हैं, वही सबसे पहले इसकी कमी का रोना रोते हैं। – जीन डे ला ब्रुयर
  16. जो लोग मौज-मस्ती के लिए समय नहीं निकाल पाते वो देर-सबेर बीमारी के लिए समय निकाल लेते हैं।- जॉन वानामैकर John Wanamaker
  17. जो सबसे ज्यादा जानते है, वह बर्बाद समय के लिए सबसे ज्यादा दुखी होते है। – दॉते
  18. टाइम मैनेजमेंट दरअसल बहुत से छोटे बिजनेस मालिकों के लिए समस्या होती है और इसका प्रमुख कारण यह है की उन्हें बहुत सारा काम ख़ुद करना पड़ता है – छोटे कामों से लेकर बड़े कामो तक सबकुछ। – नॉर्मन स्केरबरो
  19. दीवार को इस आशा से पीटने में अपना समय नष्ट मत करो कि वह दरवाजे में बदल जाएगा। - बाल्टसर ग्रेसियन
  20. पीछे मत देखो और भविष्य का सपना भी मत देखो। इससे न तो बीता हुआ वापस मिलेगा और न ही तुम्हारे सपने पूरे होंगे। तुम्हारा कर्तव्य, तुम्हारा पुरस्कार और तुम्हारा भाग्य वर्तमान क्षण में मौजूद है। - डेग हैमरस्कोल्ड
  21. पैसा बर्वाद करने से बस आपके पास पैसा नहीं होगा , लेकिन समय बर्बाद करके आप ज़िन्दगी का एक हिस्सा खो देते हैं। - माइकल लीबोईफ Michael LeBoeuf
  22. प्रतिदिन कुछ न कुछ करो। यह तुम्हें धीरे-धीरे अच्छे भविष्य के निकट ले जाएगा। - डॉग फॉयरबॉघ
  23. बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता। - बेंजामिन फ्रैंकलिन Benjamin Franklin
  24. बीते समय के लिए मत रोइए , वो चला गया , और भविष्य की चिंता करना छोड़ो क्यूंकि वो अभी आया ही नहीं है , वर्तमान में जियो , इसे सुन्दर बनाओ। - गौतम बुद्ध
  25. बुरी ख़बर यह है की समय उड़ता है, अच्छी खबर यह है की आप इसके पायलट हैं। – माइकल आल्थेसुलर

  26. भविष्य की चिंता में खुद को मत डुबोये अभी जो पल मिला है उससे जीइए। - फ्रेडरिक शीलर Friedrich Schiller
  27. भविष्य के बारे में सबसे अच्छी चीज ये है कि वो एक एक दिन कर के आता है। - अब्राहम लिंकन Abraham Lincoln
  28. मुझे घड़ी पर शासन करना है, उससे शासित नहीं होना। - गोल्डा मेयर Golda Meir
  29. मुझे ये लगता है कि समय सभी चीजों को परिपक्व कर देता है; समय के साथ सभी चीजें उजागर हो जाती हैं; समय सत्य का प्रणेता है। - फ़्रन्किओस राबेलैस Francois Rabelais
  30. मेरा समय अब है।- John Turner
  31. मेरे विचार से, अपने जीवन में कुछ शांत समय बिताना बहुत आवश्यक है। - मरिएल हेमिंग्वे Mariel Hemingway
  32. मैंने ज़िन्दगी के लिए कुछ समय निकाल लिया।- James L. Brooks
  33. यदि आप एक समय दो कार्य कर रहे हैं तो इसका अर्थ है कि आप दोनों ही कार्य नहीं कर रहे हैं। - पब्लियस सायरस
  34. यदि तुम अपने अनुभव का उपयोग बुद्धिमानी के साथ करते हो, तो तुम्हारा कोई भी समय व्यर्थ नहीं जाता। - ऑगस्ट रोडिन
  35. यदि तुम अपने समय का भरपूर उपयोग करना चाहते हो, तब तुम्हें जानना होगा कि तुम्हारे लिए सबसे जरूरी क्या है। फिर तुम उसको अपना सब कुछ दे दो। - ली इयाकोका
  36. ये जानिये की जो समय आपको मिला है उसे कैसे जियें। - डारियो फ़ो Dario Fo
  37. लोग समय नष्ट करने की बात करते हैं, जबकि धीरे-धीरे समय उन्हें नष्ट करता रहता है। - डीओंन बौसीकाउल्ट Dion Boucicault
  38. वही व्यक्ति अपने जीवन का एक घंटा बर्बाद करने का दुस्साहस कर सकता है जिसने जीवन की कीमत नहीं जानी है। - चार्ल्स डार्विन
  39. वो जो अपना भविष्य आनंदमय बनाना चाहता है उसे अपना वर्तमान नहीं बर्बाद करना चाहिए। - रोजर बार्ब्सन
  40. व्यस्त रहना महत्वपूर्ण नहीं है, क्योंकि चीटियाँ भी व्यस्त रहती हैं, महत्वपूर्ण यह है कि आप किस कार्य में व्यस्त हैं? - हेनरी डेविड
  41. सफलता और असफलता के बीच की सबसे बड़ी विभाजक रेखा को इन पाँच शब्दों में बताया जा सकता है कि 'मेरे पास समय नहीं है।' - फील्ड
  42. समय आपके जीवन का सिक्का है। आपके पास बस यही एक सिक्का है, और सिर्फ आप ही तय कर सकते हैं कि इसे कैसे खर्च करना है। सावधान रहिये नहीं तो आपके लिए और लोग इसे खर्च कर देंगे। - कार्ल सैंडबर्ग
  43. समय एक दिशा में बढ़ता है, यादें दूसरी। - विल्लियम गिब्सन William Gibson
  44. समय के उपयोग के बारे में समझदार बनो। जीवन में प्रश्न यह नहीं है कि हमारे पास समय कितना है? प्रश्न यह है कि हम इसका करते क्या हैं? -अन्ना रॉबर्टसन ब्राउन
  45. समय धन से अधिक मूल्यवान है। आप अधिक धन तो पा सकते है, लेकिन अधिक समय कभी नहीं पा सकते। – जिम रॉन
  46. समय धन है। - बेंजामिन फ्रैंकलिन Benjamin Franklin
  47. समय वो स्कूल है जिसमे हम सीखते हैं, समय वो आग है जिसमे हम जलते हैं। - डेलमोर स्वार्त्ज़ Delmore Schwartz
  48. समय वो है जिसे हम सबसे ज्यादा चाहते हैं, पर जिसे हम सबसे गलत तरीके से उपयोग करते हैं।- विल्लियम पेन William Penn
  49. समय सबसे बुद्धिमान सलाहकार है। - पेरिक्लेस Pericles
  50. समय, जिसके दांत सब कुछ चबा जाते हैं, वो सत्य के सामने शक्तिहीन है। - थोमस हक्सले Thomas Huxley
  51. समय-प्रबंधन की कला को सीखने के बाद तुम इस सत्य को समझ सकोगे कि ज्यादातर लोग अपनी सालाना उपलब्धियों का बहुत अधिक अनुमान लगाते हैं और दस वर्षों की उपलब्धियों का कम अनुमान लगाते हैं। - एन्थोनी रॉबिन्स
  52. सामान्य आदमी समय को काटने के बारे में सोचता है, जबकि महान व्यक्ति सोचते हैं इसके उपयोग के बारे में। - फ्रेंक्लिन
  53. सेचने-विचारने में समय लगाओ। जैसे ही काम करने का समय आता है, सोचना बंद करके करने लगो। - आन्द्रे जैक्सन
  54. हम जितना ज्यादा करते हैं, उससे ज्यादा कर सकते हैं। हम जितने ज्यादा व्यस्त रहते हैं, इतने ही ज्यादा मस्त रहते हैं। - विलियम हेज़लिन
  55. हमारे पास केवल यही क्षण है, जो हमारे हाथ में तारे की तरह जगमगा रहा है और बर्फ की तरह पिघल रहा है। - मैरी बी रे
  56. हर समय की तरह ये समय भी अच्छा है, बशर्ते हम जानते हों की इसका क्या करें। – रेल्फ़ वाल्डो एमर्सन
Hindi Quotes About Time ~ समय से जुडी हुयी कहावतें
  1. अक्सर एक औसत प्रतिभा का आदमी प्रतिभावान से आगे निकल जाता है, बशर्ते कि वह समय को समझ ले।
  2. अगर आप जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हैं, कुछ बनना चाहते हैं, तो आपके लिए ये अनिवार्य है कि आप समय की कीमत को समझे।
  3. अगर आप नहीं तो फिर कौन ? अगर अभी नहीं तो फिर कब ? तो जो भी हो शुरू करो अब।
  4. अगर जिंदगी मैं बुरा वक्त ना आए तो हम अपनों में पराये और परायों में अपने कभी नहीं ढूंढ पाएंगे।
  5. अच्छा वक्त जरूर आता है मगर वक़्त पर ही आता है।
  6. अच्छा समय अच्छी यादें लाता है और बुरा समय अच्छी सीख। - बेनामी
  7. अजीब बात है दूसरे की मदद करने का समय किसी के पास नहीं है पर दूसरे के काम में अडकले डालने का समय सबके पास है।
  8. अपने लक्ष्य को इतना महान बना दो की व्यर्थ के लिए समय ही न बचे।
  9. आप के पास अपने सपनों को हकीकत देने का समय केवल आज का ही है, कौन जाने कल आपके पास समय हो या न हो!
  10. आप बिलंब कर सकते हैं, पर समय नहीं करता।
  11. आप यह नही कह सकते कि आपके पास समय नहीं हैं क्योकि आपको भी उतना ही समय ( घंटे मिलता हैं जितना समय महान और सफल लोगो को मिलता हैं।
  12. आप ये कारण दे सकते है की आपके पास समय नहीं था। लेकिन सच बात तो ये है, की आप के पास उतना ही समय था। जितना की मदर टेरेसा, महात्मा गांधी, धीरूभाई अंबानी, और सचिन तेंदुलकर के पास था।
  13. आपका जीवन जितना सरल होगा, जितना सादा होगा, आपके पास उतना ही अधिक समय होगा।
  14. आपके पास अपने सपनों को हकीकत देने का समय केवल आज का ही हैं कल कौन जाने आपके पास समय हो न हो।
  15. इंतजार मत करो , जितना तुम सोचते हो समय उससे कहीं ज्यादा तेजी से बीतता जा रहा है।- बेनामी
  16. इन्तजार मत करों, जितना तुम सोचते हो जिन्दगी उससे कहीं ज्यादा तेजी से निकल रहीं हैं।
  17. इस दुनिया में समय सबसे बलवान होता है।
  18. उन चीजों के बारे में सोचकर अपना समय बर्बाद न करें जिसे आप बदल नहीं सकते। आप उन चीजों के बारे में सोचिए जो आप कर सकते हैं जो आप बदल सकते हैं।
  19. एक अच्छा रवैया एक अच्छे दिन का निर्माण करता है, और एक अच्छा दिन एक अच्छे महीने का , और एक अच्छा महीना एक अच्छे साल का, और एक अच्छा साल एक अच्छे जीवन का निर्माण करता है। - बेनामी
  20. एक आम व्यक्ति के जीवन के सबसे दुखद शब्द है, की मै वो काम कर सकता था…
  21. एक मिनट में जिन्दगी नही बदलती, पर एक मिनट सोचकर लिया गया फ़ैसला पूरी जिन्दगी बदल देता हैं।
  22. एक वक्त था जब हम सोचते थे कि हमारा भी वक्त आएगा और एक ये वक़्त है कि हम सोचते हैं कि वो भी क्या वक्त था।
  23. ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो बुरे वक्त में भी आपसे सम्पर्क नहीं तोड़ते हैं।
  24. कठिन समय में समझदार व्यक्ति रास्ता खोजता हैं और कायर व्यक्ति बहाना।
  25. कभी मत कहो कि तुम्हारे पास पर्याप्त समय नहीं है। तुम्हारे पास भी हर दिन में बिल्कुल उतने ही घंटे हैं, जितने कि हेलन केलर, पास्चर, माइकल एंजेलो, मदर टेरेसा, लियोनार्दो दा वींसी, थॉमस जेफर्सन और अल्बर्ट आइंस्टीन को दिए गए थे। - एच। जेक्सन ब्राउन
  26. कल का अर्थ है वह समय जो काल के हाथ में है। बीता हुआ कल हाथ से निकल चुका है, वर्तमान बीतता जा रहा है और आने वाले कल को किसने देखा है। कल के चक्कर में वर्तमान को बर्बाद करने वाले लोग बर्बाद हो जाते हैं।वर्तमान बर्बाद → सबकुछ बर्बाद
  27. कल क्या होगा ये किसी नहीं पता – जिंदगी एक सफर है , जिसमें किसी भी चीज़ की कोई गारंटी नहीं है। - बेनामी
  28. कहते हैं कि बुरा वक्त सबका आता हैं, कोई निखर जाता हैं तो कोई बिखर जाता हैं।
  29. कहते हैं कि वक्त सारे घाव भर देता हैं पर सच तो यहीं है कि हम दर्द के साथ जीना सीख जाते हैं।
  30. कितना भी पकड़ लो फिसलता जरूर हैं, ये वक्त हैं साहब बदलता जरूर हैं।
  31. कुछ करना ही समय को साधना है।
  32. कुछ ख़ास रिश्ते कुछ ख़ास समय में परखे जाते हैं – औलाद – बुढ़ापे में, पत्नी – गरीबी में, दोस्त – मुसीबत में, रिश्तेदार – जरूरत में…
  33. कैलेण्डर से मूर्ख मत बनो। कैलेण्डर में उतने ही दिन होते हैं, जितने का तुम उपयोग कर पाते हो। एक आदमी साल भर में से केवल एक सप्ताह हासिल कर पाता है, जबकि दूसरा एक सप्ताह में साल भर पा लेता है। - चार्ल्स रिचर्ड्स
  34. 'कैसे' के बारे में सोचने वाला व्यक्ति प्रभावशाली तरीके से समस्याओं को सुलझा लेता है, क्योंकि वह व्यर्थ के 'यदि' में समय नष्ट नहीं करता। - नार्मन विन्सेन्ट पील
  35. कोई इतना अमीर नहीं, कि अपना पुराना वक्त खरीद सके कोई इतना गरीब नहीं की अपना आने वाला वक्त ना बदल सके।
  36. कोशिश बंद → असफलता
  37. क्योंकि वक्त हमें मुफ्त में मिल जाता है, इसलिए हम इसका महत्व नहीं समझते हैं। अगर इसके लिए हमें कीमत चुकानी पड़तीं, तो हम इसका बिल्कुल भी अपमान नहीं करते।
  38. गुजरे हुए कल पर अफ़सोस करने वालों का वर्तमान भी गुजर जाता है। और अक्सर लोगों को इस बात का एहसास कभी नहीं होता है।
  39. जब आप गुजरे समय पर अफ़सोस कर रहे होते हैं, उस वक्त भी समय गुजर रहा होता हैं।
  40. जब आपका वक्त अच्छा चल रहा हो, तो खुद को घमंड का शिकार होने से बचाइए।
  41. जब आपके पास किसी काम को सही से करने का समय नहीं है तो इसे खत्म करने का समय कब होगा।
  42. जवानी सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, लेकिन इसी समय ज्यादातर लोग बड़ी-बड़ी गलतियाँ करते हैं।

  43. जिंदगी बदलने का मौका बार-बार नहीं मिलता है।
  44. जिन चीजों को मनुष्य ख़र्च करता है, उनमें समय सबसे मूल्यवान है।
  45. जिन्दगी में अगर बुरा वक्त नहीं आता तो अपनों में छुपे हुए गैर और गैरों में छुपे हुए अपने कभी नजर नहीं आते।
  46. जिस तरह आप पैसों का नियोजन करते है, उसी तरह समय का भी कीजिये।
  47. जिसने वक्त बर्बाद किया होता है, वह बाद में अपनी गलती पर पछताता है। लेकिन तब वह कुछ भी करने में सक्षम नहीं होता है।
  48. जो लोग समय का सम्मान नहीं करते, तो समय भी उनका सम्मान नहीं करता और नष्ट कर देता है!
  49. ज्यादातर लोग प्रतिभा और साधन होने के बावजूद केवल इसलिए असफल हो जाते हैं, क्योंकि वो मंजिल से थोड़ी दूर पहले कोशिश करना बंद कर देते हैं।
  50. तुम्हारा पास समय बहुत कम है ,किसी दूसरे का जीवन जीने में इसे बर्बाद न करें। - बेनामी
  51. तुम्हें देर हो सकती है, लेकिन समय को नहीं। - बेंजामिन फ्रैंकलिन
  52. दुनिया में जितनी भी चीजें हैं, उन सभी में समय समाया हुआ है।
  53. दुनिया में सबसे बहुमूल्य चीज सिर्फ़ और सिर्फ़ वर्तमान समय हैं, क्योकि इसे एक बार खोकर हम दुबारा हासिल नहीं कर सकते।
  54. दूसरों की अपेक्षा आपको सफलता यदि देर से मिले निराश नहीं होना चाहिए यह सोचिये की मकान बनाने से ज्यादा समय महल बनाने में लगता है।
  55. ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए, वक्त रुकता नहीं किसी के लिए।
  56. परिवर्तन से डरना और संघर्ष से कतराना मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता हैं, जीवन का सबसे बड़ा गुरू वक्त होता हैं, क्योकि जो वक्त सिखाता है वो कोई नहीं सिखा सकता हैं।
  57. प्यार की गहराई की सीमा तब पता चलती हैं जब बिछड़ने का समय होता है।
  58. प्रकृति के सब काम धीरे-धीरे होते है।- बेनामी
  59. बुरा समय आपके जीवन के उन सत्यों से सामना करवाता है, जिससे अपने अच्छे समय में कभी कल्पना भी नही की होती है!
  60. बुरी खबर है कि समय उड़ रहा है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि तुम इसके पायलट हो।
  61. बुरे वक्त में भी एक अच्छाई होती है जैसे ये आता है फालतू के दोस्त विदा हो जाते हैं।
  62. मां! तुम्हारे आंचल में वक्त भी ठहर जाता है।
  63. मिली थी जिंदगी किसी के काम आने के लिए, पर वक्त बीत रहा है कागज के टुकडे कमाने के लिए।
  64. मूर्ख इंसान जो काम अंत में करता है, बुद्धिमान इन्सान उसी काम को तुरंत करता है, दोनों भी एक ही काम करते है, फर्क तो बस समय का होता है।
  65. यदि आप समय का महत्व नहीं जानते तो आपका जन्म कुछ बड़ा करने के लिए नहीं हुआ।
  66. वक्त का पता नहीं चलता है अपनों के साथ पर अपनों का पता चल जाता है वक्त के साथ।
  67. वक्त जैसा भी हो अच्छा या बुरा बदलता जरूर हैं इसलिए अच्छे वक्त में कुछ ऐसा गलत मत करो कि बुरे वक्त में लोग आपका साथ छोड़ दें।
  68. वक्त बदल जाता है इंसान बदल जाते हैं वक्त वक्त पे रिश्तो के अंदाज़ बदल जाते हैं।
  69. वक्त भी सिखाता है और टीचर भी, पर दोनों में फर्क सिर्फ इतना है कि टीचर सीखा कर इम्तेहान लेता है और वक़्त इम्तिहान लेकर सिखाता है।
  70. वक्त से लड़कर जो अपनी तकदीर बदल दे, इंसान वही जो हाथों की लकीर बदल दे, कल क्या होगा कभी ना सोचा, क्या पता कल खुद अपनी तस्वीर बदल दे।
  71. वक्त, दोस्त और रिश्ते ये वो चीजें हैं जो हमें मुफ़्त मिलती हैं मगर इनकी कीमत का तब पता चलता है जब ये कहीं खो जाती हैं।
  72. व्यक्ति समय के महत्व को पूरी तरह तब समझता है, जब इसके लिए बहुत कम समय बचा रहता है। सभी लोगों के जीवन की सबसे बड़ी सम्पित्ति उसके उत्पादक जीवन के खत्म न होने वाले वर्ष होते हैं।
  73. व्यस्त होना ही काफ़ी नहीं है, व्यस्त तो चीटिया भी होती हैं, सवाल यह है की आप किस काम में व्यस्त हैं।
  74. शास्त्रों का ज्ञान असीमित है और सीखने के विषय बहुत सारे है, हमारे पास सीमित समय है और सीखने की राह में कई बाधाऍ है, इसलिए सीखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज ही चुनें, जिस तरह हंस दूध में मिले पानी को छोड़ देता हैं और सिर्फ दूध पिता है। – चाणक्य
  75. संबंधों को निभाने के लिए समय निकालियें वरना जब आपके पास समय होगा, तब तक शायद संबंध ही ना बचे।
  76. समय अच्छा हो तो आपकी गलती भी मजाक लगती हैं, और समय ख़राब हो तो मज़ाक भी गलती बन जाती हैं।
  77. समय अनमोल है, क्योंकि समय ही जीवन में एकमात्र ऐसी चीज है, जो सीमित है।
  78. समय उन लोगों को मूल्यहीन बना देता है, जो समय की इज्जत नहीं करते हैं।
  79. समय एक दिशा में बढ़ता है।
  80. समय और ज्वार किसी का इंतजार नहीं करते।
  81. समय का मतलब होता है, वर्तमान। भूतकाल और भविष्य तो केवल मृगमरीचिका होती है।
  82. समय का वही टुकड़ा आपका अपना होता है, जिसका आप उपयोग करते हैं।
  83. समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। - बेनामी
  84. समय की कीमत समाचार पत्र से पूछो जो सुबह चाय के साथ कीमती होता है लेकिन रात को रद्दी हो जाता है।
  85. समय के साथ चलना सीखिए।
  86. समय के साथ चलने वाले लोग हीं बड़ी सफलता सफलता पाते हैं, क्योंकि जो भी समय के साथ नहीं चलता है…।। समय उसे पुराना और जर्जर बना देता है।
  87. समय के साथ चलो, सफ़लता तुम्हारे पीछे आएगी।
  88. समय के साथ जिंदगी के नए चरण पर चले जाना चाहिए , एक ही चीज़ पर अटके नहीं रहना चाहिए , मतलब सदा गतिमान रहो।
  89. समय दिखाई नहीं देता पर बहुत कुछ दिखा देता हैं।
  90. समय दिखाई नहीं देता, पर बहुत कुछ दिखा जाता है!
  91. समय दुनिया का सबसे बड़ा धन है
  92. समय महान चिकित्सक है। - बेनामी
  93. समय वह है जिससे हम सबसे ज्यादा चाहते हैं और जिसे हम सबसे गलत तरीके से उपयोग करते हैं।
  94. समय सत्य के सामने शक्तिहीन है।
  95. समय सभी घावों को भर देता है समय से बलवान कुछ नहीं है।
  96. समय ही जीवन है, जिसके पास समय नहीं बचा हुआ है…। उसके पास जिंदगी भी नहीं है।
  97. समय-प्रबंधन का सही अर्थ केवल यह है कि 'जब भी करो, जो कुछ भी करो, तो ऐसे करो कि केवल वही हो।'
  98. हम सभी समय का महत्व जानते हैं, लेकिन शायद हीं कोई व्यक्ति ऐसा होता है…।। जो हर दिन अपना घंटा समय भी न बर्बाद करता हो।
  99. हमारी सोच, हमारे रहने का रंग-ढंग तथा काम को करने के हमारे तरीके आदि कुछ ऐसी बातें हैं, जो समय के विशाल बांध में छोटे-छोटे असंख्य अदृश्य छिद्रों का निर्माण कर देते हैं।
समय का महत्व Samay Ka Mahatva
समय पर अनमोल विचार Time Quotes



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सूरदास के पद



हरि पालनैं झुलावै
जसोदा हरि पालनैं झुलावै।
हलरावै दुलरावै मल्हावै जोइ सोइ कछु गावै॥
मेरे लाल को आउ निंदरिया काहें न आनि सुवावै।
तू काहै नहिं बेगहिं आवै तोकौं कान्ह बुलावै॥
कबहुं पलक हरि मूंदि लेत हैं कबहुं अधर फरकावैं।
सोवत जानि मौन ह्वै कै रहि करि करि सैन बतावै॥
इहि अंतर अकुलाइ उठे हरि जसुमति मधुरैं गावै।
जो सुख सूर अमर मुनि दुरलभ सो नंद भामिनि पावै॥

मुख दधि लेप किए
सोभित कर नवनीत लिए।
घुटुरुनि चलत रेनु तन मंडित मुख दधि लेप किए॥
चारु कपोल लोल लोचन गोरोचन तिलक दिए।
लट लटकनि मनु मत्त मधुप गन मादक मधुहिं पिए॥
कठुला कंठ वज्र केहरि नख राजत रुचिर हिए।
धन्य सूर एकौ पल इहिं सुख का सत कल्प जिए॥

कबहुं बढ़ैगी चोटी
मैया कबहुं बढ़ैगी चोटी।
किती बेर मोहि दूध पियत भइ यह अजहूं है छोटी॥
तू जो कहति बल की बेनी ज्यों ह्वै है लांबी मोटी।
काढ़त गुहत न्हवावत जैहै नागिन-सी भुई लोटी॥
काचो दूध पियावति पचि पचि देति न माखन रोटी।
सूरदास त्रिभुवन मनमोहन हरि हलधर की जोटी॥

दाऊ बहुत खिझायो
मैया मोहिं दाऊ बहुत खिझायो।
मो सों कहत मोल को लीन्हों तू जसुमति कब जायो॥
कहा करौं इहि रिस के मारें खेलन हौं नहिं जात।
पुनि पुनि कहत कौन है माता को है तेरो तात॥
गोरे नंद जसोदा गोरी तू कत स्यामल गात।
चुटकी दै दै ग्वाल नचावत हंसत सबै मुसुकात॥
तू मोहीं को मारन सीखी दाउहिं कबहुं न खीझै।
मोहन मुख रिस की ये बातैं जसुमति सुनि सुनि रीझै॥
सुनहु कान बलभद्र चबाई जनमत ही को धूत।
सूर स्याम मोहिं गोधन की सौं हौं माता तू पूत॥

मैं नहिं माखन खायो
मैया! मैं नहिं माखन खायो।
ख्याल परै ये सखा सबै मिलि मेरैं मुख लपटायो॥
देखि तुही छींके पर भाजन ऊंचे धरि लटकायो।
हौं जु कहत नान्हें कर अपने मैं कैसें करि पायो॥
मुख दधि पोंछि बुद्धि इक कीन्हीं दोना पीठि दुरायो।
डारि सांटि मुसुकाइ जशोदा स्यामहिं कंठ लगायो॥
बाल बिनोद मोद मन मोह्यो भक्ति प्राप दिखायो।
सूरदास जसुमति को यह सुख सिव बिरंचि नहिं पायो॥

हरष आनंद बढ़ावत
हरि अपनैं आंगन कछु गावत।
तनक तनक चरनन सों नाच मन हीं मनहिं रिझावत॥
बांह उठाइ कारी धौरी गैयनि टेरि बुलावत।
कबहुंक बाबा नंद पुकारत कबहुंक घर में आवत॥
माखन तनक आपनैं कर लै तनक बदन में नावत।
कबहुं चितै प्रतिबिंब खंभ मैं लोनी लिए खवावत॥
दुरि देखति जसुमति यह लीला हरष आनंद बढ़ावत।
सूर स्याम के बाल चरित नित नितही देखत भावत॥

भई सहज मत भोरी
जो तुम सुनहु जसोदा गोरी।
नंदनंदन मेरे मंदिर में आजु करन गए चोरी॥
हौं भइ जाइ अचानक ठाढ़ी कह्यो भवन में कोरी।
रहे छपाइ सकुचि रंचक ह्वै भई सहज मति भोरी॥
मोहि भयो माखन पछितावो रीती देखि कमोरी।
जब गहि बांह कुलाहल कीनी तब गहि चरन निहोरी॥
लागे लेन नैन जल भरि भरि तब मैं कानि न तोरी।
सूरदास प्रभु देत दिनहिं दिन ऐसियै लरिक सलोरी॥

अरु हलधर सों भैया
कहन लागे मोहन मैया मैया।
नंद महर सों बाबा बाबा अरु हलधर सों भैया॥
ऊंच चढि़ चढि़ कहति जशोदा लै लै नाम कन्हैया।
दूरि खेलन जनि जाहु लाला रे! मारैगी काहू की गैया॥
गोपी ग्वाल करत कौतूहल घर घर बजति बधैया।
सूरदास प्रभु तुम्हरे दरस कों चरननि की बलि जैया॥

कबहुं बोलत तात
खीझत जात माखन खात।
अरुन लोचन भौंह टेढ़ी बार बार जंभात॥
कबहुं रुनझुन चलत घुटुरुनि धूरि धूसर गात।
कबहुं झुकि कै अलक खैंच नैन जल भरि जात॥
कबहुं तोतर बोल बोलत कबहुं बोलत तात।
सूर हरि की निरखि सोभा निमिष तजत न मात॥

चोरि माखन खात
चली ब्रज घर घरनि यह बात।
नंद सुत संग सखा लीन्हें चोरि माखन खात॥
कोउ कहति मेरे भवन भीतर अबहिं पैठे धाइ।
कोउ कहति मोहिं देखि द्वारें उतहिं गए पराइ॥
कोउ कहति किहि भांति हरि कों देखौं अपने धाम।
हेरि माखन देउं आछो खाइ जितनो स्याम॥
कोउ कहति मैं देखि पाऊं भरि धरौं अंकवारि।
कोउ कहति मैं बांधि राखों को सकैं निरवारि॥
सूर प्रभु के मिलन कारन करति बुद्धि विचार।
जोरि कर बिधि को मनावतिं पुरुष नंदकुमार॥

गाइ चरावन जैहौं
आजु मैं गाइ चरावन जैहौं।
बृन्दावन के भांति भांति फल अपने कर मैं खेहौं॥
ऐसी बात कहौ जनि बारे देखौ अपनी भांति।
तनक तनक पग चलिहौ कैसें आवत ह्वै है राति॥
प्रात जात गैया लै चारन घर आवत हैं सांझ।
तुम्हारे कमल बदन कुम्हिलैहे रेंगत घामहि मांझ॥
तेरी सौं मोहि घाम न लागत भूख नहीं कछु नेक।
सूरदास प्रभु कह्यो न मानत पर्यो अपनी टेक॥

धेनु चराए आवत
आजु हरि धेनु चराए आवत।
मोर मुकुट बनमाल बिराज पीतांबर फहरावत॥
जिहिं जिहिं भांति ग्वाल सब बोलत सुनि स्त्रवनन मन राखत।
आपुन टेर लेत ताही सुर हरषत पुनि पुनि भाषत॥
देखत नंद जसोदा रोहिनि अरु देखत ब्रज लोग।
सूर स्याम गाइन संग आए मैया लीन्हे रोग॥

मुखहिं बजावत बेनु
धनि यह बृंदावन की रेनु।
नंदकिसोर चरावत गैयां मुखहिं बजावत बेनु॥
मनमोहन को ध्यान धरै जिय अति सुख पावत चैन।
चलत कहां मन बस पुरातन जहां कछु लेन न देनु॥
इहां रहहु जहं जूठन पावहु ब्रज बासिनि के ऐनु।
सूरदास ह्यां की सरवरि नहिं कल्पबृच्छ सुरधेनु॥

कौन तू गोरी
बूझत स्याम कौन तू गोरी।
कहां रहति काकी है बेटी देखी नहीं कहूं ब्रज खोरी॥
काहे कों हम ब्रजतन आवतिं खेलति रहहिं आपनी पौरी।
सुनत रहति स्त्रवननि नंद ढोटा करत फिरत माखन दधि चोरी॥
तुम्हरो कहा चोरि हम लैहैं खेलन चलौ संग मिलि जोरी।
सूरदास प्रभु रसिक सिरोमनि बातनि भुरइ राधिका भोरी॥

मिटि गई अंतरबाधा
खेलौ जाइ स्याम संग राधा।
यह सुनि कुंवरि हरष मन कीन्हों मिटि गई अंतरबाधा॥
जननी निरखि चकित रहि ठाढ़ी दंपति रूप अगाधा॥
देखति भाव दुहुंनि को सोई जो चित करि अवराधा॥
संग खेलत दोउ झगरन लागे सोभा बढ़ी अगाधा॥
मनहुं तडि़त घन इंदु तरनि ह्वै बाल करत रस साधा॥
निरखत बिधि भ्रमि भूलि पर्यौ तब मन मन करत समाधा॥
सूरदास प्रभु और रच्यो बिधि सोच भयो तन दाधा॥


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अक्षय तृतीया और कुछ अपनी बात



आज अक्षय तृतीया है, सर्वप्रथम अक्षय तृतीया पर्व की बहुत बहुत हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं। इस दिन के विषय मे कहा जाता है कि अक्षय तृतीया सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में भी विशेष महत्व है। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन बिना कोई पंचांग देखे कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह-प्रवेश, वस्त्र-आभूषणों की खरीदारी या घर, भूखंड, वाहन आदि की खरीदारी से संबंधित कार्य किए जा सकते हैं। नवीन वस्त्र, आभूषण आदि धारण करने और नई संस्था, समाज आदि की स्थापना या उद्घाटन का कार्य श्रेष्ठ माना जाता है। अत: इस दिन किसी न किसी महत्वपूर्ण कार्य की शुरुआत की जा सकती है।

Akshaya Tritiya

काफी दिनो से कोई ब्‍लॉग पोस्‍ट नही किया था लगा कि आज करना ठीक रहेगा। अक्टूबर 2009 से गृह निर्माण कार्य आदि की व्‍यस्‍ताओ में कुछ समझ मे ही नही आया। अब काम समाप्ति पर है फर्श और रंग-रोगन का कार्य शेष है। फर्श के लिये मार्बल की बात हुई तो स्‍थानीय मार्केट से लोगो ने लेने के बजाय कुछ जानकरो ने कहा कि 7000-8000 फीट के लिये मार्बल लेना है तो राजस्‍थान से सीधे उठवा लेना ही उचित होगा। पत्‍थर अच्‍छा का अच्‍छा और सस्‍ता भी मिल जायेगा। अब इस पर भी विचार चल रहा है। सम्‍भत: जुलाई के मध्‍य तक पूरा काम हो जायेगा। किसी को राजस्‍थान मे मॉर्बल के बारे मे जानकारी हो, जरूर बातये।

फिर जल्‍दी है ...



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Number of Players in Sports in Hindi



जानिए किस खेल में कुल कितने खिलाड़ी होते हैं?;


किस खेल में कितने खिलाड़ी होते है' पर अक्सर खेल सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे जाते रहे है। जिनकी संख्या कभी नहीं बदलती। इसलिए इन्हें अच्छी तरह याद कर लेना ही उचित है। हम यहां किस खेल की टीम में कुल कितने खिलाड़ी होते हैं पर संक्षिप्त किन्तु परीक्षा उपयोगी सामग्री दे रहे है।

क्र.सं.

खेल

खिलाडियों की संख्या

1 बेसबॉल;(Baseball) 9
2 रग्बी फुटबॉल ;(Rugby football) 15
3 पोलो;(Polo) 4
4 वाटर पोलो (Water Polo) 7
5 खो-खो;(Kho Kho) 9
6 कबड्डी;(Kabaddi) 7
7 हॉकी;(Hockey) 11
8 फुटबॉल;(Football) 11
9 क्रिकेट;(Cricket) 11
10 नेटवॉल;(Netball) 7
11 वॉलीबॉल;(Volleyball) 6
12 टेनिस;(Tennis) 1 या 2
13 टेबल टेनिस;(Table Tennis) 1 या 2
14 बास्केटबॉल;(Basketball) 5
15 जिमनास्टिक;(Gymnastic) ell
16 बॉक्सिंग;(Boxing) 1
17 ताश का खेल 2
18 लॉन टेनिस 1 या 2
19 चेस;(Chess) 2
20 स्नूकर 1
21 फुटसल; 5-5 खिलाड़ी दोनों टीमों के

खिलाड़ियों की संख्या पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न–;

  • कबड्डी में कितने खिलाड़ी होते हैं? –;7 Kabaddi me kitne khiladi hote hai?
  • क्रिकेट में कितने खिलाड़ी होते हैं? – 11 Cricket me kitne khiladi hote hai?
  • खो खो में कितने खिलाड़ी होते हैं? – 9 Kho Kho me kitne khiladi hote hai?
  • पोलो में कितने खिलाड़ी होते हैं? – 4 Polo me kitne khiladi hote hai?
  • फुटबॉल में कितने खिलाड़ी होते हैं? – 11 Football me kitne khiladi hote hai?
  • फुटसल में कितने खिलाड़ी होते हैं? – 5 Futsal me kitne khiladi hote hai?
  • बास्केटबॉल में कितने खिलाड़ी होते हैं? – 5 Basketball polo me kitne khiladi hote hai?
  • वाटर पोलो में कितने खिलाड़ी होते हैं? – 7 Water polo me kitne khiladi hote hai?
  • वॉलीबॉल में कितने खिलाड़ी होते हैं? – 6 Volleyball me kitne khiladi hote hai?
  • हॉकी में कितने खिलाड़ी होते हैं? – 11 Hockey me kitne khiladi hote hai?


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20 वीं सदी की अति महत्वपूर्ण कालजयी रचनाएँ एवं उनके रचनाकार



सन् 1903 ई०
  • भयानक खून (उपन्यास) - हरेकृष्ण जौहर
सन् 1904 ई०
  • आदर्श दम्पति (उपन्यास)- लज्जाराम मेहता
सन् 1905 ई०
  • तिलस्मी शीशमहल (उपन्यास)- किशोरी लाल गोस्वामी
सन् 1906 ई०
  • इन्दुमती (उपन्यास)- किशोरी लाल गोस्वामी
सन् 1907 ई०
  • अधखिला फूल — अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
सन् 1908 ई०
  • पुतली महल (उपन्यास)- रामलाल वर्मा
सन् 1909 ई०
  • चित्राधार, प्रेमराज्य, उर्वशी (काव्य) - जयशंकर प्रसाद
  • वेणुसंहार (नाटक)- बालकृष्ण भट्ट
सन् 1910 ई०
  • शोकोच्छवास, अयोध्या का उद्धार (काव्य) - जयशंकर प्रसाद
  • इन्द्रजालिक जादु (उपन्यास)- गोपालराम गहमरी
  • सज्जन (नाटक) - जयशंकर प्रसाद
सन् 1911 ई०
  • वभ्रुवाहन (काव्य) - जयशंकर प्रसाद
  • भोजपुरी की ठगी (उपन्यास)- गोपालराम गहमरी
सन् 1912 ई०

  • भारत भारती(काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
  • जार्ज वंदना (काव्य) -श्रीधर पाठक
  • कल्याणी (नाटक)- जयशंकर प्रसाद
सन् 1913 ई०
  • कानन कुसुम, प्रेमपथिक (काव्य) - जयशंकर प्रसाद
  • करुणालय, प्रायश्चित (नाटक)- जयशंकर प्रसाद
सन् 1914 ई०
  • प्रियप्रवास (काव्य) - अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
  • जासूस की ऐयारी(उपन्यास)- गोपाल राम गहमरी
सन् 1915 ई०
  • देहरादून(काव्य) - श्रीधर पाठक
  • राज्यश्री(नाटक)- जयशंकर प्रसाद
सन् 1916 ई०
  • जूही की कली (काव्य) - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की प्रथम कविता
  • चंपा (उपन्यास) - कृष्ण लाल वर्मा
सन् 1917 ई०
  • मिलन (काव्य) - रामनरेश त्रिपाठी
  • रामलाल (उपन्यास) - मनन द्विवेदी
सन् 1918 ई०
  • झरना (काव्य) - जयशंकर प्रसाद
  • अंगूठी का नगीना (उपन्यास) - किशोरी लाल गोस्वामी
  • सेवासदन ( उपन्यास) - प्रेमचंद
  • कृष्णार्जुन युद्ध(नाटक)- माखनलाल चतुर्वेदी
सन् 1919 ई०
  • विश्वप्रेम (नाटक)- सेठ गोविन्द दास
सन् 1920 ई०
  • उच्छवास, ग्रंथि (काव्य) - सुमित्रानंदन पंत
  • पथिक ( काव्य) - रामनेश त्रिपाठी
  • कल्याणी (उपन्यास) - मन्नन द्विवेदी
सन् 1921 ई०

  • प्रेमाश्रम (उपन्यास) - प्रेमचंद
  • विशाख (नाटक) - जयशंकर प्रसाद
सन् 1922 ई०
  • सूर्यास्त (उपन्यास) - गोविन्द बल्लभ पंत
सन् 1923 ई०
  • अनामिका (काव्य) - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
  • शकुंतला ( काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
  • अंजना (नाटक) - सुदर्शन
  • कंजूस की खोपड़ी ( नाटक) - गोविन्द वल्लभ पंत
सन् 1924 ई०
  • पूर्वादल (काव्य) - सियारामशरण गुप्त
  • चंद हसीनों के खतूत (उपन्यास) - पांडेय बेचन शर्मा उग्र
सन् 1925 ई०
  • आँसू (काव्य) - जयशंकर प्रसाद
  • पंचवटी ( काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
  • रंगभूमि (उपन्यास) - प्रेमचंद
  • देहाती दुनिया ( उपन्यास) - शिवपूजन सहाय
सन् 1926 ई०
  • कायाकल्प (उपन्यास) - प्रेमचंद
  • जनमजेय का नागयज्ञ (नाटक) - जयशंकर प्रसाद
सन् 1927 ई०
  • मानसी (काव्य) - रामनरेश त्रिपाठी
  • गंगावतरण ( काव्य) - जगन्नाथदास रत्नाकर
  • वीणा ( काव्य) - सुमित्रानंदन पंत
  • आद्रा ( काव्य) - सियाराम शरण गुप्त
  • हिन्दू ( काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
  • निर्मला (उपन्यास) - प्रेमचंद
  • चोकलेट, दिल्ली का दलाल ( उपन्यास) - उग्र
  • कामना (नाटक) - जयशंकर प्रसाद
सन् 1928 ई०
  • पल्लव (काव्य) - सुमित्रानंदन पंत
  • बुधुआ की बेटी (उपन्यास) - पांडेय बेचन शर्मा उग्र
  • अनाथ पत्नी ( उपन्यास) - भगवती प्रसाद वाजपेयी
  • स्कंदगुप्त (नाटक) - जयशंकर प्रसाद
  • कर्बला (नाटक) - प्रेमचंद
सन् 1929 ई०
  • विकट भट्ट (काव्य)- मैथिलीशरण गुप्त
  • स्वप्न (काव्य) - रामनरेश त्रिपाठी
  • उद्धव शतक ( काव्य) - जगन्नाथ दास रत्नाकर
  • कंकाल (उपन्यास)- जयशंकर प्रसाद
  • परख ( उपन्यास) - जैनेन्द्र कुमार
  • माँ, भिखारिणी (उपन्यास) - विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक
सन् 1930 ई०
  • परिमल (काव्य)- सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
  • निहार ( काव्य) - महादेवी वर्मा
  • गढ़ कुंढार (उपन्यास)- वृन्दावन लाल शर्मा
  • एक घूंट (नाटक)- जयशंकर प्रसाद
  • स्वर्ण विहान ( नाटक) - हरिकृष्ण प्रेमी
सन् 1931 ई०
  • साकेत (काव्य)- मैथिलीशरण गुप्त
  • आत्मोत्सर्ग (काव्य) - सियारामशरण गुप्त
  • गबन (उपन्यास)- प्रेमचंद
  • अप्सरा ( उपन्यास) - सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
  • हृदय की प्यास ( उपन्यास) आ० चतुरसेन शास्त्री
  • चन्द्रगुप्त (नाटक)- जयशंकर प्रसाद
  • चन्द्रगुप्त मौर्य (नाटक) - उदयशंकर भट्ट
सन् 1932 ई०
  • रश्मि (काव्य)- महादेवी वर्मा
  • गुंजन ( काव्य) - सुमित्रानंदन पंत
  • यशोधरा (काव्य) - मैथिलीशरण गुप्त
  • कर्मभूमि (उपन्यास)- प्रेमचंद
  • राक्षस का मंदिर (नाटक)- लक्ष्मीनारायण मिश्र
सन् 1933 ई०
  • लहर (काव्य)- जयशंकर प्रसाद
  • यशोधरा ( काव्य)- अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
  • भग्नदूत ( काव्य) - सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  • अलका (उपन्यास)- सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
  • ध्रुवस्वामिनी (नाटक)- जयशंकर प्रसाद
सन् 1934 ई०
  • सुनीता (उपन्यास)- जैनेन्द्र कुमार
  • चित्रलेखा (उपन्यास) - भगवतीचरण वर्मा
  • रक्षाबंधन (नाटक)- हरिकृष्ण प्रेमी
  • सिंदूर की होली (नाटक) - लक्ष्मीनारायण मिश्र
सन् 1935 ई०
  • कामायनी (काव्य)- जयशंकर प्रसाद
  • मधुशाला (काव्य)- हरिवंश राय बच्चन
  • रेणुका (काव्य) - रामधारी सिंह "दिनकर"
  • नीरजा (काव्य) - महादेवी वर्मा
  • सरोज-स्मृति (शोकगीत) - सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
  • फूल- पत्ते (कविता)- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
  • तीन वर्ष (उपन्यास)- भगवती चरण वर्मा
  • लक्ष्मी का स्वागत (नाटक)- उपेन्द्रनाथ अश्क
सन् 1936 ई०
  • यूगांत - सुमित्रानन्दन पंत
  • द्वापर — मैथिलीशरण गुप्त
  • सांध्यगीत - महादेवी वर्मा
  • मधुबाला - हरिवंशराय बच्चन
  • कुमकुम - बालकृष्ण शर्मा नवीन
  • मृण्मयी - सियारामशरण गुप्त
  • विसर्जन - उदयशंकर भट्ट
  • गोदान - प्रेमचंद
  • पतिता की साधना - भगवती प्रसाद वाजपेयी
सन् 1937 ई०
  • मधुकलश (काव्य)- हरिवंशराय बच्चन
  • पारिजात, कल्पलता (काव्य) - अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
  • त्यागपत्र (उपन्यास)- जैनेन्द्र कुमार
  • भाग्यचक्र (नाटक)- सुदर्शन
  • अंगूर की बेटी ( नाटक) - गोविन्द बल्लभ पंत
सन् 1938 ई०
  • निशा निमंत्रण (काव्य) - हरिवंशराय बच्चन
  • हुँकार (काव्य) - रामधारी सिंह "दिनकर"
  • ग्रामगीत (काव्य)- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
  • तुलसीदास (काव्य) - सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
  • चुम्बन (नाटक)- पांडेय बेचन शर्मा उग्र
सन् 1940 ई०
  • वैदेही वनवास(काव्य) - अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
  • यामा (काव्य) - महादेवी वर्मा
  • रसवंती, द्वंद्वगीत (काव्य)- रामधारी सिंह "दिनकर"
  • ग्राम्या (काव्य)- सुमित्रानंदन पंत
  • शेखर: एक जीवनी (उपन्यास)- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  • छठा बेटा (नाटक)- उपेंद्रनाथ अश्क
सन् 1941 ई०
  • विषपान (काव्य)- सोहनलाल द्विवेदी
  • दादा कामरेड (उपन्यास)- यशपाल
  • छाया (नाटक)- हरिकृष्ण प्रेमी
सन् 1942 ई०
  • कुणालगीत (काव्य)- मैथिलीशरण गुप्त
  • करील (काव्य) - रामेश्वर शुक्ल अंचल
  • दीपशिखा (काव्य) - महादेवी वर्मा
  • पर्दे की रानी (उपन्यास)- इलाचन्द्र जोशी
सन् 1943 ई०
  • अणिमा (काव्य)- सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
  • हिमकिरीटिनी (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
  • आकुल अंतर (काव्य) - हरिवंशराय बच्चन
  • देशद्रोही (उपन्यास)- यशपाल
सन् 1944 ई०
  • अजेय खंडहर (काव्य)- रांगेय राघव
  • लाल चूनर (काव्य) - रामेश्वर शुक्ल अंचल
  • प्रेत और छाया (उपन्यास)- इलाचन्द्र जोशी
सन् 1945 ई०
  • सतरंगिणी (काव्य)- हरिवंशराय बच्चन
  • धरती (काव्य) - त्रिलोचन
  • दिव्या (उपन्यास)- यशपाल
सन् 1946 ई०
  • यशोधरा, कुरुक्षेत्र,सामधेनी(काव्य)- रामधारी सिंह "दिनकर"
  • इत्यलम् (काव्य) - सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  • हलाहल, बंगाल का अकाल(काव्य)- हरिवंशराय बच्चन
  • पार्टी कामरेड (उपन्यास)- यशपाल
  • निर्वासिता (उपन्यास)- इलाचन्द्र जोशी
  • टेढ़े मेढ़े रास्ते (उपन्यास)- भगवतीचरण वर्मा
  • ताम्बे के कीड़े (नाटक)- भुवनेश्वर प्रसाद मिश्र
सन् 1947 ई०
  • स्वर्णकिरण, स्वर्णधूलि(काव्य)- सुमित्रानंदन पंत
  • नींद के बादल, युग की गंगा(काव्य)- केदारनाथ अग्रवाल
  • कचनार (उपन्यास)- वृन्दावन लाल वर्मा
सन् 1948 ई०
  • युगांतर, युगपथ (काव्य)- सुमित्रानंदन पंत
  • कुक्कुरमुत्ता (काव्य)- सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
  • खादी के फूल, सूत की माला(काव्य)- हरिवंशराय बच्चन
  • मुक्तिपथ (उपन्यास)- इलाचन्द्र जोशी
  • झांसी की रानी(नाटक)- वृंदावन लाल वर्मा
सन् 1949 ई०
  • हरि घास पर क्षणभर (काव्य)- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  • हिमतरंगिणी (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
  • गुनाहों का देवता (उपन्यास)- धर्मवीर भारती
सन् 1950 ई०
  • मिलन यामिनी (काव्य)- सच्चन
  • प्रदक्षिणा (काव्य)- मैथिलीशरण गुप्त
  • मृगनयनी (उपन्यास)- वृन्दावन लाल वर्मा
  • सन् 1951 ई०
  • रजत शिखर (काव्य)- सुमित्रानंदन पंत
  • धूप और धूँआ (काव्य)- रामधारी सिंह "दिनकर"
  • माता, समर्पण (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
  • चीवर (उपन्यास)- रांगेय राघव
  • कोणार्क (नाटक)- जगदीश चंद्र माथुर
सन् 1952 ई०
  • रश्मिरथी (काव्य)- रामधारी सिंह "दिनकर"
  • जयभारत (काव्य)- मैथिलीशरण गुप्त
  • ठंडा लोहा(काव्य)- धर्मवीर भारती
  • क्वासी (काव्य)- बालकृष्ण शर्मा नवीन
  • वितीस्ता की लहरें(नाटक)- लक्ष्मी नारायण मिश्र
सन् 1952 ई०
  • सूरज का सातवाँ घोड़ा - धर्मवीर भारती
  • सुखदा, विवर्त - जैनेंद्र कुमार
  • जिप्सी - इलाचन्द्र जोशी
  • गंगा मैया - भैरव प्रसाद गुप्त
  • बलचलमा - नागार्जुन
  • अपराजिता - चतुरसेन शास्त्री
सन् 1953 ई०
  • .युगधारा (काव्य)- नागार्जुन
  • आराधना (काव्य)- सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
  • नई पौध (उपन्यास)- नागार्जुन
  • नागफनी का देश (उपन्यास) - अमृतराय
  • व्यतीत (उपन्यास) - जैनेंद्र कुमार
  • अंधेरे के जुगनू (उपन्यास)- रांगेय राघव
सन् 1954 ई०
  • बावरा अहेरी (काव्य)- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  • वर्षान्त के बादल (काव्य)- रामेश्वर शुक्ल अंचल
  • नील कुसुम (काव्य)- रामधारी सिंह "दिनकर"
  • गीतकुंज(काव्य)- सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
  • आलमगीर (उपन्यास)- आ० चतुरसेन शास्त्री
  • अलग अलग रास्ते(नाटक)- उपेंद्र नाथ अश्क
सन् 1955 ई०
  • अतिमा (काव्य)- सुमित्रानंदन पंत
  • प्रणय-पत्रिका (काव्य)- हरिवंशराय बच्चन
  • जहाज का पंछी (उपन्यास)- इलाचन्द्र जोशी
  • सोमनाथ (उपन्यास)- आ० चतुरसेन शास्त्री
  • अंजो दीदी(नाटक)- उपेंद्र नाथ अश्क
  • अंधा कुआं (नाटक)- लक्ष्मीनारायण लाल
सन् 1956 ई०
  • युगचरण (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
  • अमीता (उपन्यास)- यशपाल
सन् 1957 ई०
  • इन्द्रधनुष रौंदे हुए ये (काव्य)- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  • विष्णुप्रिया (काव्य)- मैथिलीशरण गुप्त
  • वाप्पी (काव्य)- सुमित्रानंदन पंत
  • कब तक पुकारुँ (उपन्यास)- रांगेय राघव
  • महाप्रभु वल्लभाचार्य(नाटक)- सेठ गोविंद दास
सन् 1958 ई०
  • झूठा - सच (उपन्यास)- यशपाल
  • दूधगाछ (उपन्यास)- देवेंद्र सत्यार्थी
  • राई और पर्वत (उपन्यास)- रांगेय राघव
  • आषाढ़ का एक दिन(नाटक)- मोहन राकेश
  • डॉक्टर (नाटक)- विष्णु प्रभाकर
सन् 1959 ई०
  • कला और बुढ़ा चान्द, चिदम्बरा (काव्य)- सुमित्रानंदन पंत
  • सत्तरंगें पंखों वाली (काव्य)- नागार्जुन
  • अरी! ओ करुणा प्रभामयी (काव्य)- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  • कुछ कविताएँ (काव्य)- शमसेर बहादुर सिंह
  • मादा कैक्टस (नाटक)- लक्ष्मीनारायण लाल
  • शारदिया ( नाटक )- जगदीश चंद्र माथुर
सन् 1959 ई०
  • सती मैया का छोरा - भैरवप्रसाद गुप्त
  • भूले बिसरे चित्र - भगवती चरण वर्मा
  • सेमल का फूल - मार्कण्डेय
  • कबूतरखाना - शैलेष मटियानी
सन् 1960 ई०
  1. वेणु लौ गूंजे धरा (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
  2. सप्तपर्णा (काव्य) - महादेवी वर्मा
  3. अभी बिलकुल अभी (काव्य)- केदारनाथ सिंह
  4. फागुन के दिन चार (उपन्यास)- पांडेय बेचन शर्मा उग्र
  5. तीन आंखों वाली मछली(नाटक)- लक्ष्मीनारायण लाल
सन् 1961 ई०
  • कुछ और कविताएँ (काव्य)- शमशेर बहादूर सिंह
  • आँगन के पार द्वार (काव्य)- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  • उर्वशी (काव्य)- रामधारी सिंह "दिनकर"
  • त्रिभंगिमा (काव्य)- हरिवंशराय बच्चन
  • भंवर(नाटक)- उपेंद्र नाथ अश्क
सन् 1961 ई०
  • अपने - अपने अजनबी — सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  • बड़ी चम्पा छोटी चम्पा— लक्ष्मीनारायण लाल
  • लौटे हुए मुसाफिर— कमलेश्वर
  • पचपन खम्भे लाल दीवार — उषा प्रियवन्दा
सन् 1962 ई०
  • प्यासी पथराई आँखें (काव्य)- नागार्जुन
  • चार खेमें चौंसठ खूंटे (काव्य)- हरिवंशराय बच्चन
  • संशय की एक रात (काव्य)- नरेश मेहता
  • मित्रों मरजानी (उपन्यास)- कृष्णा सोबती
  • नेफा की एक शाम(नाटक)- ज्ञान अग्निहोत्री
  • सतरानी , दर्पण (नाटक) - लक्ष्मीनारायण लाल
सन् 1963 ई०
  • परशुराम की प्रतीक्षा(काव्य)- रामधारी सिंह "दिनकर"
  • आवाजों के घेरे (काव्य)- दुष्यंत कुमार
  • चारु चन्द्रलेख (उपन्यास)- हजारीप्रसाद द्विवेदी
  • उग्रतारा (उपन्यास) — नागार्जुन
  • लहरों के राजहंस(नाटक)- मोहन राकेश
  • सीमांत के बादल (नाटक)- लक्ष्मीकांत वर्मा
सन् 1964 ई०
  • लोकायतन (काव्य)- सुमित्रानंदन पंत
  • बिजुली काजल आँच रही (काव्य)- माखनलाल चतुर्वेदी
  • चान्द का मुँह टेढ़ा है (काव्य)- मुक्तिबोध
  • जो (उपन्यास)- प्रभाकर माचवे
  • अपना अपना जूता(नाटक)- लक्ष्मीकांत वर्मा
सन् 1965 ई०
  • कोहबर की शर्त (उपन्यास)- केशव प्रसाद मिश्र
  • मुक्तिबोध (उपन्यास) — जैनेंद्र कुमार
  • अप्सरा का शाप (उपन्यास) — यशपाल
  • शिवाजी (नाटक)- रामकुमार वर्मा
1966 ई०
  • आधा गांव— राही मासूम रज़ा
  • कितने चौराहे — फणीश्वरनाथ रेणु
  • अमृत और विष — अमृतलाल नागर
  • मछली मरी हुई — राजकमल चौधरी
  • वतन की आबरू (नाटक)- ज्ञान अग्निहोत्री
सन् 1967 ई०
  • अलग - अलग वैतरणी (उपन्यास)- शिवप्रसाद सिंह
  • एक पति के नोटस (उपन्यास) — महेंद्र भल्ला
  • रुकोगी नहीं राधिका (उपन्यास) — उषा प्रियवंदा
  • बड़े खिलाड़ी (नाटक)- उपेन्द्रनाथ अश्क
सन् 1968 ई०
  • इमरतिया— नागार्जुन
  • जमनिया के बाबा — नागार्जुन
  • रागदरबारी — श्रीलाल शुक्ल
  • अनन्तर — जैनेंद्र कुमार
  • न आने वाला कल — मोहन राकेश
  • शतुरमुर्ग (नाटक)- ज्ञान अग्निहोत्री
सन् 1969 ई०
  • टोपी शुक्ला (उपन्यास)- राही मासूम रज़ा
  • चिड़ियाघर (उपन्यास) — गिरिराज किशोर
  • आधे अधुरे (नाटक)- मोहन राकेश
  • अँधेरे का बेटा (नाटक) - रेवंतीरमण वर्मा
  • पहला राजा (नाटक) - जगदीश चंद्र माथूर
  • युगे युगे क्रांति (नाटक) - विष्णु प्रभाकर
सन् 1970 ई०
  • कड़ियाँ (उपन्यास)- भीष्म साहनी
  • अग्निशिखा (नाटक)- डॉ० रामकुमार वर्मा
सन् 1971 ई०
  • कदा नैमिषारण्य — अमृतलाल नागर
  • एक चूहे की मौत— बद्दीउजमा
  • बेघर— ममता कालिया
  • आपका बंटी— मन्नु भंडारी
  • मिस्टर अभिमन्यु (नाटक)- लक्ष्मीनारायण लाल
सन् 1972 ई०
  • मानस का हंस (उपन्यास)- अमृतलाल नागर
  • अंतराल (उपन्यास) — मोहन राकेश
  • द्रौपदी , सेतुबंध (नाटक)- सुरेन्द्र वर्मा
  • कर्फ्यू (नाटक)- लक्ष्मीनारायण लाल
  • लौटता हुआ दिन (नाटक) - उपेन्द्रनाथ अश्क
  • देवयानी का कहना है (नाटक) - रमेश बक्शी
सन् 1973 ई०
  • तमस (उपन्यास)- भीष्म साहनी
  • अब्दुल्ला दीवाना (नाटक)- लक्ष्मीनारायण लाल
  • शताब्दी, हम लोग (नाटक) - अमृत राय
सन् 1974 ई०
  • अनाम स्वामी (उपन्यास)- जैनेंद्र कुमार
  • तीस चालीस पचास (उपन्यास) — प्रभाकर माचवे
  • यॉर्स फेथफुली , मरजीवा (नाटक)- मुद्राराक्षस
  • सिंहासन खाली है (नाटक) - सुशील कुमार सिंह
  • टूटते परिवेश (नाटक) - विष्णु प्रभाकर
  • रोशनी एक नदी है (नाटक) - लक्ष्मीकांत वर्मा
सन् 1975 ई०
  • नरक दर नरक (उपन्यास)- ममता कालिया
  • तीसरा हाथी (नाटक)- रमेश बक्शी
सन् 1976 ई०
  • तीसरा आदमी (उपन्यास)- जैनेंद्र कुमार
  • आगामी अतीत (उपन्यास) - जैनेंद्र कुमार
  • शह ये मात (नाटक)- बृजमोहन शाह
सन् 1977 ई०
  • पागल कुत्तों का मसीहा(उपन्यास)- नरेश मेहता
  • एक और द्रोणाचार्य (नाटक)- शंकर शेष
  • आठवाँ सर्ग (नाटक) - सुरेन्द्र वर्मा
  • कथा एक कंस की (नाटक) - दया प्रकाश सिन्हा
  • हानुष (नाटक) - भीष्म साहनी
  • सगुन पंछी (नाटक)- लक्ष्मीनारायण लाल
सन् 1978 ई०
  • गोबर गणेश (उपन्यास)- रमेशचंद्र शाह
  • घरोंदा (नाटक)- विष्णु प्रभाकर
  • बुलबुल सराय, दुलारी बाई (नाटक) - मणि मधुकर
  • तेन्दुआ (नाटक) - मुद्राराक्षस
सन् 1979 ई०
  • एक चिथड़ा सुख (उपन्यास)- निर्मल वर्मा
  • चितकोबरा (उपन्यास)- मृदुला गर्ग
  • राम की लड़ाई (नाटक)- लक्ष्मीनारायण लाल
  • कसे हुए तार (नाटक)- रमेश बक्शी
  • उत्तर उर्वशी (नाटक) - हम्मीदुला
  • पांचवाँ सवार (नाटक) - बलराज पंडित
  • बादशाह गुलाम बेगम (नाटक) - गिरिराज किशोर
सन् 1980 ई०
  • कुरु कुरु स्वाह (उपन्यास)-मनोहर श्याम जोशी
  • बसंती (उपन्यास) — भीष्म साहनी
  • इकतारे की आँख (नाटक)- मणि मधुकर
  • ठहरी हुई जिन्दगी (नाटक) - लक्ष्मीकांत वर्मा
  • कजरी वन (नाटक) - लक्ष्मीनारायण लाल
सन् 1981 ई०
  • बीच की दीवार — अमरकांत
  • किशनगढ़ का अहेरी- संजीव
  • खंजननयन— अमृतलाल नागर
सन् 1982 ई०
  • सुबह दोपहर शाम (उपन्यास)- कमलेश्वर
  • छोटे सैयद बड़े सैयद (नाटक)- सुरेन्द्र वर्मा
सन् 1983 ई०
  • दशार्क (उपन्यास)- जैनेंद्र कुमार
  • बलराम की तीर्थ यात्रा (नाटक)- लक्ष्मीनारायण लाल
सन् 1984 ई०
  • मैं और मैं (उपन्यास)- मृदुला गर्ग
  • बिना दरवाजे का मकान (उपन्यास) — रामदरश मिश्र
  • माधवी (नाटक)- भीष्म साहनी
  • दंगा (नाटक) - ज्ञान अग्निहोत्री
सन् 1985 ई०
  • करवट (उपन्यास)- अमृतलाल नागर
  • काजर की कोठरी (नाटक)- मृणाल पांडेय
सन् 1986 ई०
  • दूसरा घर - रामदरश मिश्र
  • सावधान! नीचे आग है- संजीव
सन् 1987 ई०
  • शाल्मली (उपन्यास)- नासीरा शर्मा
  • कहै कबीर सूनो भाई साधो (नाटक) नरेंद्र मोहन
सन् 1988 ई०
  • यादास की माड़ी — भीष्म साहनी
  • नीला चान्द — शिवप्रसाद सिंह
  • बंधन — नरेंद्र कोहली
सन् 1989 ई०
  • रात का रिपोर्टर — निर्मल वर्मा
  • ठीकरे की मंगनी — नासीरा शर्मा
सन् 1990 ई०
  • आओ पे पे घर चलें (उपन्यास)- प्रभा खेतान
  • शकुंतला की अँगुठी (नाटक)- सुरेन्द्र वर्मा
सन् 1991 ई०
  • ढ़ाई घर (उपन्यास)- गिरिराज किशोर
सन् 1992 ई०
  • मीनारें (उपन्यास)- शशिप्रभा शास्त्री
सन् 1993 ई०
  • जिन्दा मुहावरे -(उपन्यास)— नासिरा शर्मा
सन् 1994ई०
  • अपने - अपने चेहरे (उपन्यास)- प्रभा खेतान
सन् 1995 ई०
  • अपने - अपने कोणार्क (उपन्यास)- चन्द्रकांता
सन् 1996 ई०
  • हमजाद (उपन्यास)- मनोहर श्याम जोशी
सन् 1997 ई०
  • यातनाघर (उपन्यास)- गिरिराज किशोर
  • एक पत्नी के नोटस (उपन्यास) — ममता कालिया
सन् 1998 ई०
  • कलिकथा -बायां बाईपास(उपन्यास)-अल्का सरावगी
सन् 1999 ई०
  • सुनो भाई साधो (उपन्यास)- शत्रुघ्न प्रसाद
  • पहला गिरमिटिया (उपन्यास) — गिरिराज किशोर
सन् 2000 ई०

  • नीलू नीलिमा निलोफर — भीष्म साहनी
  • अंतिम अरण्य — निर्मल वर्मा
  • कितने पाकिस्तान— कमलेश्वर
  • समय सरगम - कृष्णा सोबती
  • खुले गगन के लाल सितारे- मधु कांकरिया


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