कुछ दिन पूर्व अदिति की नानी का हमारे यहॉं आने का कार्यक्रम हुआ। किन्तु अदिति से पुरानी दुश्मनी थी, करीब जब अदिति ढ़ेड साल की थी और नानी के यहॉं गई थी तभी से उसकी नानी से नही पटती थी। दुश्मनी की हद इस तरह तक की थी, वह नानी को अपने घर से भगाने के लिये भगवान से प्राय: प्रार्थना भी करती थी, जब तक की नानी चली नही गई। प्रार्थना की अपनी स्टाईल भी थी '' हे भगवान जी हमारी नानी को वापस बुला लो'' एक न दिन तो उनकी नानी को वापस जाना ही था और वह दिन भी आ गया और भोर में ही नानी अदिति के उठने से पहले चली गई। जब अदिति उठती है तो नानी को नई पाती है, घर में पूछती है कि नानी कहॉं है उसे पता चलता है नानी चली गई तो वह बोली है - भले भई चली गई, भगवान जी हमार सुन लीहिन।
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13 टिप्पणियां:
बच्चो की अपनी दुनिया होती है।बहुत ही मासूमियत भरी।
बच्चों की बाते निराली होती हैं । बडी होने पर इस बात पर अफसोस रहेगा उसे।
अरे वाह, बच्चो का यही भोला पन अच्छा लगता है.
धन्यवाद
नानी ने अदिति के साथ ऐसा क्या अन्याय किया था ? अवश्य ही धूप में खेलने आदि से रोकती होंगी ।
घुघूती बासूती
बेचारी नानी!!!
:)
बहुत क्यूट बच्ची है.
I recently came accross your blog and have been reading along. I thought I would leave my first comment. I dont know what to say except that I have enjoyed reading. Nice blog. I will keep visiting this blog very often.
Barbara
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अरे बाप रे ऐसी भी क्या दुशमनी. :) यही मजे है जी बचपन के.
मासूमियत भरी पोस्ट !
बच्चे मन के सच्चे ...!
ला इलाह इल्ल अल्लाह मुहम्मदुर्रसूलल्लाह
फिर हँसे इस्लाम के बन्दे। है कोई जवाब?
www.prakharhindu.blogspot.com
सच्चाई तो यह है कि अल्लाह के बन्दे एक बार फिर हँसे है और क़ुरआन के अनुसार उन्हें जन्नत मिलना तय है। आख़िर 186 काफ़िरों को मौत के घाट उतारने के बाद तो अल्लाह ने इन्हें इतना सबाब दिया होगा कि इनकी आने वाली पीढ़ियों को भी जन्नत का पासपोर्ट मिल जाएगा।....
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भावुक श्रद्धांजलि
बच्चों की बाते निराली होती हैं । बडी होने पर इस बात पर अफसोस रहेगा उसे
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