आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से उनके निजी सचिव ने भारत के नंबर एक चित्रकार पंगेबाज को उनके 44 वें जन्मदिवस पर स्थिर सरकार का तोहफा भेजा। पंगेबाज के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि अब हमें मजबूत सरकार के लिये आपका समर्थन चाहिये। देश विनाश के लिये कांग्रेस में लोगों की बहुत कमी पड़ रही है, जब जाट शिरोमणि अजित सिंह को भी कांग्रेस में शामिल होने को कहा जा रहा है तो अब आप से वैर कैसे किया जा सकता है, हम आपको भी निमंत्रित कर रहे है। उन्होंने कहा कि आपको कांग्रेस पर आने पर केवल सोनिया मैडम और राहुल जी की ही जय बोलना पड़ेगा हमारी नहीं भी करेंगे तो भी कोई बात नहीं क्योंकि और कोई भी नहीं करता है। जबकि भाजपा में अटल-आडवाणी-जोशी-जसवंत-यशवंत-जेटली पता नही किसकी किसकी बोलना पड़ता जिसकी न बोलो वो नाराज और कट गया आपका टिकट। जबकि हमारी कांग्रेस पार्टी में मेरी भी क्या औकात कि किसी का टिकट काट दूँ ? और तो और राहुल बाबा और मैडम के अलावा किसी और की तूती बोलती भी नहीं है।
राहुल गांधी ने वर्तमान चुनाव में चिट्ठाकारी के प्रभाव से बहुत प्रभावित हुये। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को आदेश देते हुये कहा कि पंगेबाज के जन्मदिन पर मौके की नजाकत को देखते हुए उन्हें बधाई दीजिए और अपने मंत्रालय में एक चिट्ठाकारी मंत्रालय की स्थापना कर उन्हें कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल जगह दीजिए। राहुल गांधी का यह सोचना भी गलत नहीं है, क्योंकि वर्तमान समय में हिन्दी चिट्ठाकारी में करीब 10 हजार (करीब 5000 प्रतिशत की वृद्धि )चिट्ठाकार हो चुके है जबकि 2006 तक से केवल 200 तक ही थे , और 2014 के आम चुनाव तक करीब 5 करोड़ हिन्दी ब्लॉगर हो जाएंगे। जिनकी उपयोगिता के लिहाज से अनदेखा करना ठीक न होगा। पंगेबाज के निजी सचिव ने बताया कि पंगेबाज मंत्रीपद की शपथ लेने के लिये शपथ ग्रहण समारोह स्थल पर रवाना हो चुके है।
ममता, अजित, लालू, मुलायम, माया, पासवान, नीतीश,पवार, करुणानिधि जैसे विरोधियों को अपनी ओर करने से उत्साहित राहुल की नजर अब भगवा ब्लागरों पर है। इसी को देखते हुए राहुल गांधी ने भगवा फायरब्राड़ ब्लागर सुरेश चिप्लूकर और
प्रमेन्द्र प्रताप सिंह को भी मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग की तर्ज पर चिट्टाकारी आयोग की स्थापना कर, क्रमश: अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बना कर लाल बत्ती से नवाजने की की पेशकश कर कांग्रेस से जोड़ने की कोशिश। सुरेश चिप्लूकर जी ने अपने ब्लॉग पर लिखे, कांग्रेस विरोधी लेख न मिटने की शर्त रखने पर ही अध्यक्ष पद तो स्वीकार करने की बात कही, राहुल गांधी ने सुरेश जी से निवेदन करते हुए कहा कि आप सही है कि ब्लॉगरों के लेख उनकी अमूल्य निधि होते है वो उसे कैसे डिलीट कर कर सकते है, मै आपकी भावनाओं को समझ सकता हूँ, पर आपसे निवेदन है कि साईड बार में जो कांग्रेस विरोधी लेखों के लिंक दौड़ रहे है उन्हे आप हटा दीजिए। सुरेश जी ने कहा कि इतना तो किया ही जा सकता है, लेख तो ब्लागरों के बेटे होते है उन्हे डिलीट करना बेटो का वध करना होगा, लिंक तो हटा ही सकते है, क्या हम अपने बेटो के बाल ओर नाखून आदि नही काटते ?
महाशक्ति के प्रमेन्द्र उपाध्यक्ष पद पाने से खुश हो ही रहे थे कि चिट्ठाकारों विधि सलाहकार दिनेश राय द्विवेदी ने कहा कि प्रमेन्द्र आप तो विधि के छात्र हो आपको तो पता होना चाहिए कि किसी भी संवैधानिक पद की पद को धारण करने की उम्र की सीमा 25 वर्ष की होती है, और अभी तुम 22 वर्ष के ही हो, अत: तुम अभी इस पद के लिये अयोग्य हो। न्याय विद् द्विवेदी ली की बात से प्रमेन्द्र तो कम राहुल बाबा बहुत दुखी हुये। उनका मानना था कि घोषणा के बाद युवा का नाम काटा जाना ठीक न होगा वोट पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, अभी महाराष्ट्र के चुनाव भी होने वाले है, ऐसा खतरा लेना ठीक नहीं। उन्होंने समाधान निकालते हुए प्रमेन्द्र को अखिल भारतीय पत्रकार कांग्रेस कमेटी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया।
अभी खबर लिखे जाने तक पंगेबाज अपने 44 जन्मदिन पर चिट्ठाकार मंत्री की शपथ ले चुके थे, चिट्ठाकार आयोग के प्रथम अध्यक्ष सुरेश जी भी अपने नये दफ्तर में बैठ झक्कास पोस्ट लिखने की तैयारी कर रहे थे उपाध्यक्ष का पद हिन्दू चेतना के चंदन चौहान को देने की बात तय हुई, राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर प्रमेन्द्र के महाशक्ति ब्लाग पर युवाओं का रैला टूट पड़ा। चिट्ठाकारों में इस खबर से कांति के रूप में देखा जा रहा है। मंत्री व अध्यक्षों ने एक दूसरे को बधाई दी, ब्लागरों में भी पंगेबाज को जन्मदिवस व मंत्री पद पाने पर बधाई देने की होड़ लगी थी। काफी वरिष्ठ ब्लॉगर अपने पुराने संबंधों का हवाला देते हुए पिछले सम्बन्धो का हवाला देते हुए पिछले गेट से घुसकर बधाई देने की होड़ लगी थी। तथाकथित सेक्युलर ब्लागर बदले माहौल से हतप्रभ थे उन्होंने भी स्वीकार किया कि हम संप्रदायिक भगवा ब्लागर क्यों न थे ?
इस पूरी खबर को कवर किया इलाहाबाद के पत्रकार और नये ब्लॉगर हिमांशु पाण्डेय ने जो कल ही अपना ब्लॉग मेरी आवाज सुनो के साथ चिट्ठाकारी में आये है, इनका भी टिप्पणी से स्वागत किया जाये। मीडिया की अलग अलग खबरों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस की सर्वेसर्वा मैडम सोनिया ने प्रधानमंत्री पद का ऑफर किया था, पर पंगेबाज ने इंकार कर दिया है। चूंकि यह मीडिया है, खबरों के भिन्नता न हो तो मीडिया का मतलब ही नहीं पता चलेगा। :)
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