क्या चाय की दुकान खोलना हीन काम है?




आज के जनमत के साथ फिर हाजिर हूँ, आज का प्रश्‍न है कि - क्या चाय की दुकान खोलना हीन काम है? इस प्रश्‍न के पक्ष और विपक्ष में काफी नोकझोक रही। अपनी टिप्‍पणी के द्वारा हीन काम कहने वाले भी पीछे नही रहे तो अपनी तार्किक बात से काम को सही ठहराने वाले भी कम नही थे।
उपरोक्‍त जनमत से यही लग रहा है कि 89% लोग इसे गलत नही माते है, और करीब 13% इसे गलत मानते है। चाय को गलत काम मान कर प्रथम व्‍यक्ति कहते है - मुझे नही लगता मेरे भाई की आपको कोई भी जवाब यंहा ग़लत मिलेगा लेकिन मेरा जहाँ तक मानना है आप अच्छे विद्वान व्यक्ति है और आप जो निर्णय लोगे सोच विचार के ही लोगे- लेकिन भाई जी आपने ये नही सोचा की आप एक उस आदमी के रोज़गार का हनन कर रहे है जो वाकई केवल ये कर सकता है आप तो फिर भी कोई अन्य कार्य कर सकते है लेकिन जो जरूरतमद है वो ही ये कार्य करे तो शोभा देता है आप अपने शौक के लिए अगर के कर रहे है तो में नही समझता की चाय की दुकान खोलना अच्छा है। कोई भी कम कम छोटा या बड़ा नही है ये हम सब जानते है लेकिन जो सोच विचार कर किया जाए वही उचित है।
द्वितीय व्‍यक्ति कहते है - दिल से सोचो तो नही और दिमाग से सोचो तो हाँ
तथा 87% में कुछ ऐसे भी मतदाता थे तो अपनी बातें रखे थे, प्रथम व्‍यक्ति कहते है - यदि आप आलस के कारण, एक आसान काम समझ कर चाय की दुकान खोल रहे हैं तो यह गलत होगा। यदि तमाम दिक्कतों और कमियों के बाद भी हम एक बडा लक्ष्य सामने रख कर चाय की दुकान खोलते हैं तो फिर शर्म कैसी? याद रहे हमारा लक्ष्य और सपने बडे होने जरूरी हैं।
द्वितीय व्‍यक्ति कहते है - Chai ke sath Coffie bhi honi chayiye aur cold drink bhi, Kaam koi bhi chota Bada nahi hota, AAj ki sab badi industries Kal bahut choti si dukany hi thi, Aaj cahi ki dukan , 30 Saal baad Hotal chain mai badal jaye.
आप क्‍या मानते है ?
पिछला जनमत :- 85% लोगो को नही पता है भारत के प्रधानमंत्री पद धारण करने की न्यूनतम आयु


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11 टिप्‍पणियां:

रंजन ने कहा…

चाय की दुकान खोलने में बुराई नहीं है अगर फुटपाथ पर अतिक्रमण कर न खोली जाये..:)

वैसे अच्छा लगा बहुत सारे लोग काम को छोटा बड़ा नहीं मानते..

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

जब चाय पीना में कोई बुराई नहीं है तो
दुकान खोलकर पैसे लेकर चाय पिलाने में
बुराई क्‍यों होगी और कौन कह रहा है कि
चाय की दुकान खोलना छोटा काम है। वे
चाय पीने को छोटा काम क्‍यों नहीं मानते।
अगर मानते हैं तो घर में चाय क्‍यों बनवाते
हैं और किसी के आने पर चाय पिलाने के
लिए ही क्‍यों पूछते हैं ?

राज भाटिय़ा ने कहा…

काम कोई भी बुरा नही, अगर बुर काम है तो चोरी करना, रिश्बत लेना, घाटोले करना, हक मारना, बेनामी टिपण्णीयां करना, लेकिन जो काम मेहनत से किया जाये बो गलत नही.

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

किसी सरकारी दफ्तर का इंजिनियर बन कर ईंट, सीमेंट और लोहा खाने के काम से बहुत अच्छा है।

अनूप शुक्ल ने कहा…

जब तेंदुलकर रेस्तरां खोल रहे हैं तो चाय की दुकान खोलने में क्या परेशानी?

Abhishek Ojha ने कहा…

चाय हो या पान की दूकान किसी में बुरे कैसी. जिसने कैफे काफ़ी डे खोला वो भी तो घुमा फिरा के चाय की दूकान ही तो है? पहली दूकान खोलने से पहले कोई ऐसा सोचे तब तो हो गया !

वीनस केसरी ने कहा…

अजी बिलकुल ओछा काम नहीं है
हमारे मोहल्ले में वीरू चाय वाला हजार रुपये प्रतिदिन कमाता है चाय और बंद मक्खन बेच कर
झूट नहीं बोल रहे हैं दशहरा वाले 3 दिन में अगर 10000 से कम का मुनाफा हो तो बेचारा दुखी हो जाता है
मगर वो कितनी म्हणत करता है वो नहीं लिख सकता
वीनस केसरी

Udan Tashtari ने कहा…

अरे, इसमें इतना सोचना कैसा? कोई काम हीन नहीं..मानसिकता हीन होती है.

नितिन | Nitin Vyas ने कहा…

भाई इक बडी कोल्ड ड्रिंक बनाने वाली कंपनी के बड़े से मैनेजर साब ने मुझे कहा था कि वो झूठे बर्तन धोते हैं, क्या गलत कहा था?

ये बात अलग है कि धो करके बोतलों में फिर से रंगीन पानी भर कर बेचते हैं।

mamta ने कहा…

कोई भी काम छोटा -बड़ा नही होता है । ये सिर्फ़ हमारी सोच होती है ।
हो सकता है की शुरू-शुरू मे परेशानी और बातें भी सुननी पड़ सकती है बस अपने पर विशवास होना चाहिए । साथ ये बात भी सच है की कोई भी काम या यूँ कहें की बिजनस की शुरुआत छोटे पैमाने पर ही होती है और फ़िर वही बिजनस एक दिन जब बढ़ जाता है तो वही लोग जो पहले इसे बुरा और छोटा कहते है सबसे आगे आकर बधाई देते है ।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

काम कभी छोटा-बडा नहीं होता......छोटी बडी होती है इन्सान की सोच.....