आज मुम्‍बई या है पर हम भोपाल क्‍यो भूल रहे है ?



भोपाल झीलो के शहर की पहचाना जाता है किन्‍तु आज भोपाल की जो सबसे बड़ी पहचान है वह है भोपाल गैस कांड। भोपाल गैस कांड को आज 25 वर्ष हो गये है, यह विश्व की वह शर्मनाक घटना है जिसमें यूनियन कार्बाइड फ़ैक्टरी से मिथाइल आइसोसाइनाइड लीक होने परिणाम स्‍वरूप 25 हजार लोग मारे गये थे तथा आज तक करीब 5 लाख से अधिक लोग इससे दुष्‍परिणाम प्रभावित हुये थे।

विश्व की बड़ी औद्योगिक त्रासदी के लिए ज़िम्मेदार मानी जाने वाली यूनियन कार्बाइड फैक्‍ट्री आज भले ही अस्तित्‍व मे न हो किन्‍तु इस घटना ने उसे लोगो के आक्रोश पटल पर हमेशा जिन्‍दा रखा है, ज्ञात हो कि यूनियन कार्बाइड को 2001 मे अमरीकी कंम्पनी डाउ कैमिकल्स ने ख़रीद लिया था और इसके साथ ही साथ डाउ कैमिकल्स ने 25 हजार लोगो के मौत की जिम्‍मेवारी और 5 लाख से ज्‍यादा घायलो की बद्दुआएं।

आज भी भोपाल गैस कांड के भुक्‍त भोगियों को न्‍याय नही मिल पा रहा है, इसके पीछे दोषी कौन है ? हमारी व्यवस्था कि, हमारी सरकारो की इच्‍छा शक्ति की या हमारी स्वयं की। आज हम मुम्बई हमले को बड़ी तत्परता से याद करते है करना भी चाहिये किन्‍तु ऐसे राष्ट्रीय बहस के मुद्दे की अनदेखी किया जाना, इस घटना के पीड़ितों के साथ सबसे बड़ा अन्याय है।


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8 टिप्‍पणियां:

Mahendra ने कहा…

bhopal ke dard ko bhulna bahut katin hai. pata nahi sarkare kaise bhool jati hai ?

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

भोपाल त्रासदी सदी की भीषण त्रासदी है जिसे भूल पाना मुश्किल है .... जिसका नासूर वहां के निरीह जनता को आज भी कसोट रहा है .....दिवंगतों को विनम्र श्रंद्धांजलि

Prabuddha ने कहा…

भोपाल, एक मुल्क की कमज़ोरी की सबसे बड़ी मिसाल है। डाउ बहुत सस्ते में छूट गया, एक तरह से हादसे के शिकार पीड़ितों का मखौल उड़ाते हुए।

Udan Tashtari ने कहा…

कौन भूल सकेगा इस त्रासदी को

अर्कजेश ने कहा…

भोपाल त्रासदी बहुत बडी थी । जब शहर के कुछ हिस्‍से एक गैस चैम्‍बर में बदल गए थे । शर्म और अफसोस है कि दोषियों को उचित दंड नहीं मिल सका । आज भी रसायन के दुष्‍प्रभाव भुगतने पड रहे हैं ।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

शायद मायोपिक हैं हम

DEEPAK SHARMA KAPRUWAN ने कहा…

sach me maanav jivan ki ye vidambna hai.. ki jeevan ke rehate hue naa jaane kitne bare bare haadse dekhne ko milte hai... jiska koi mulyaankan nahi hai.. aur vahi dukh hamesha ke liye itihaas me dafan ho jaata hai.. aisa hi bhopal me hua tha ...jiska abhi tak koi nyaay nahi hai..
kaise vidambna hai is manav jeevan ki

Rakesh Singh - राकेश सिंह ने कहा…

अपने देश मैं यही होता है .... वास्तविक मुद्दों पे बात कम और फ़ालतू की चीजों पे ज्यादा चर्चा |

भारत मैं गरीबों को समय रहते न्याय मिलते तो मैंने नहीं देखा है .... |