एक अपील सभी से



मित्रो तापमान नित नई छलांगे लगा कर नया रिकार्ड बनाने में लगा है . ऐसे में इंसान तो क्या पशु पक्षी भी पानी के बिना दम तोड़ते दिखाई दे रहे है

मेरी सभी से विनती है पक्षियों के लिए कही छत पर किसी बर्तन में . अगर मिट्टी का तो अति सुन्दर ( इसमें पानी ठंडा बना रहता है )किसी छायादार स्थान पर रख दे .

 

आपकी थोड़ी सी मदद इन खुबसूरत पक्षियों को नया जीवन दे सकती है. अगर हो सके तो अपने घर के आस पास कुछ मित्रो पड़ोसियों के साथ मिलकर किसी पेड़ के नीचे अथवा किस अन्य छायादार स्थान पर कुछ घड़े थोड़ी रेत ड़ालकर रखा दे . तथा उस पर किसी साफ़ बोरी को लपेट कर गीला करदे . आपको थोड़ा सा श्रम किसी के लिए जीवन दाई हो सकता है

 
"इस जलते हुए मौसम में जल ही जीवन है "
जल पिलाये जीवन बचाये


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19 टिप्‍पणियां:

kunwarji's ने कहा…

ek saarthak apeel sabhi isme saath hai koi shak nahi...

bahut se ye kar hi rahe hai,bahut ab karne lagenge....

kunwar ji,,,

Girish Kumar Billore ने कहा…

सहमत हूं आज़ ही से

Unknown ने कहा…

हम पिछले काफी दिनों से ये काम कर रहे हैं।आपने सबको इस काम के प्रति सचेत किया धन्याबाद।

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

आपने बिल्‍कुल सही बात कहीं आज कल गर्मीयों मे यह करना नितांत आवाश्‍यक है।

seema gupta ने कहा…

बहुत अच्छा संदेश दिया है आपने , हम भी ये कर रहे हैं. सच में बहुत दया आती है इन बेजुबान पंछियों पर...
regards

Babita ने कहा…

bahut hi achhi aur jeevandayi apeel

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर संदेश दिया आप, बिलकुल सही बात है

माधव( Madhav) ने कहा…

good samaritan

benevolent work

अर्चना तिवारी ने कहा…

एक अच्छी और मानवता से भरी अपील...शीघ्र पालन कर रही हूँ

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत उम्दा अपील!!


"इस जलते हुए मौसम में जल ही जीवन है "
जल पिलाये जीवन बचाये...


बहुत जरुरी है!

M VERMA ने कहा…

सार्थक बात
उम्दा अपील

बेनामी ने कहा…

सच्चा सन्देश - धन्यवाद्

अजय कुमार झा ने कहा…

प्रमेंद्र जी ,
यदि सच कहूं तो अभी के समय में मुझे आपकी ये अपील सबसे सार्थक पोस्ट के रूप में मिली है । सच कहा आपने ।शहरों में तो ये और भी जरूरी हो जाता है ।हमने तो अपने यहां दो मिट्टी के बडे बडे बरतनों में पानी रख दिया है बहुत पहले से ही , उन पर जब कबूतर और गिलहरी आकर अपनी प्यास बुझाते हैं तो हमारी बुलबुल बिटिया की खुशी दोगुनी हो जाती है

ePandit ने कहा…

बहुत अच्छी पहल। वाकई इस मौसम में पानी का महत्व भुक्तभोगी ही समझ सकता है। पिछले दिनों जनगणना के सिलसिले में भरी दोपहर घूमते हुये हमें एक गिलास पानी का महत्व अनुभव हुआ।

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

@ अजय भाई, इसका श्रेष्ठ अरूण जी को जाता है।

shikha varshney ने कहा…

atiuttam vichar

Pushpendra ने कहा…

बिलकुल सामायिक अपील है भाईजी, इसी ही एक पोस्ट अमित जी की भी थी(http://27amit.blogspot.com/2010/04/blog-post_29.html) जिसके बादसे नियमित तरीके से रोज पानी का तगारा भरकर रखता हूँ . इस अपील के लिए धन्यवाद्

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

मान तो सब रहे हैं
पर मान कितना दे रहे हैं अपनाकर
ये वे ही जानते हैं।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर प्रयास