2जी एस्पेक्ट्रम लाइसेंस आवंटन विवाद संसद क्या रूकी प्रधानमंत्री को यह कहना पड़ा कि संसदीय प्रणाली खात्मे की ओर है। कांग्रेस भी करीब 10 साल विपक्ष की भूमिका मे रही है और उसने भी सरकार के समक्ष विपक्ष की भूमिका निभाई है किन्तु भ्रष्टाचार मे संलिप्त यूपीए सरकार ने जिस प्रकार विपक्ष की जेपीसी की मांग को खारिज कर रही है उससे तो यही प्रतीत होता है कि वकाई सरकार पर दाग गहरे है। आज जनता जानने को उत्सुक है कि अाखिर क्यो सोनिया ने कहा कि जेपीसी नही है, तो मनमोहन का कहना भी स्वाभाविक है कि जेपीसी नही, किन्तु आज सरकार सबसे बड़ी बात यह बताने मे विफल रही कि जेपीसी क्यो नही है? आख्रिर क्या बात है कि यह वही प्रधानमंत्री है जो कि लोक लेखा समिति पीएसी के समक्ष हाजिर होने के तैयार हो जाते है किन्तु जेपीसी के सामना नही करना चाहते है।

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1 टिप्पणी:
क्या करे मनमोहन तो बेचारे है ? jpc से तो पूरी कांग्रेस को चपेट में यानि कांग्रेस की महारानी के आने का अंदेशा है ६० प्रतिशत तो सोनिया के विदेशी अकाउंट में है इस लोए मनमोहन कुछ नहीं कर सकते ये चोरो की पार्टी है सभी बेईमान है दिग्विजय को गलत दिशा में मोड़ने के लिए सोनिया ने कहा हुआ है.
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