हनुमान चालीसा एवं बजरंग बाण का चमत्कार



आज हर व्यक्ति अपने जीवन में सभी भौतिक सुख साधनों की प्राप्ति के लिये भौतिकता की दौड में भागते हुए किसी न किसी समस्या से ग्रस्त है। एवं व्यक्ति उस समस्या से ग्रस्त होकर जीवन में हताशा और निराशा में बंध जाता है। व्यक्ति उस समस्या से अति सरलता एवं सहजता से मुक्ति तो चाहता है पर यह सब कैसे होगा? उस की उचित जानकारी के अभाव में मुक्त हो नहीं पाते। और उसे अपने जीवन में आगे गतिशील होने के लिए मार्ग प्राप्त नहीं होता। एसे में सभी प्रकार के दुख एवं कष्टों को दूर करने के लिये अचूक और उत्तम उपाय है हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ



हनुमान चालीसा और बजरंग बाण ही क्‍यो ?
क्योंकि वर्तमान युग में श्री हनुमान जी शिवजी के एक एसे अवतार है जो अति शीघ्र प्रसन्न होते है जो अपने भक्तों के समस्त दुखो को हरने में समर्थ है। श्री हनुमान जी का नाम स्मरण करने मात्र से ही भक्तो के सारे संकट दूर हो जाते हैं। क्योकि इनकी पूजा-अर्चना अति सरल है, इसी कारण श्री हनुमानजी जनसाधारण में अत्यंत लोकप्रिय है। इनके मंदिर देश-विदेश सवत्र स्थित हैं। अतः भक्तों को पहुंचने में अत्याधिक कठिनाई भी नहीं आती है। हनुमानजी को प्रसन्न करना अति सरल है हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के पाठ के माध्यम से साधारण व्यक्ति भी बिना किसी विशेष पूजा अर्चना से अपनी दैनिक दिनचर्या से थोडा सा समय निकाल ले तो उसकी समस्त परेशानी से मुक्ति मिल जाती है। “यह ना तो सुनि सुनाई बात है ना किसी किताब में लिखी बात है, यह स्वयं हमारा निजी एवं हमारे साथ जुड़े लोगों के अनुभव है।”

उपयोगी जानकारी
हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के नियमित पाठ से हनुमान जी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए प्रस्तुत है कुछ उपयोगी जानकारी ..
  1. नियमित रोज सुभह स्नान आदिसे निवृत होकर स्वच्छ कपडे पहन कर ही पाठ का प्रारम्भ करे।
  2. नियमित पाठ में शुद्धता एवं पवित्रता अनिवार्य है।
  3. हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के पाठ करते समय धूप-दीप अवश्य लगाये इस्से चमत्कारी एवं शीघ्र प्रभाव प्राप्त होता है।
  4. दीप संभव न हो तो केवल ३ अगरबत्ती जलाकर ही पाठ करें।
  5. कुछ विद्वानों के मत से बिना धूप से हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के पाठ प्रभावहीन होता है।
  6. यदि संभव हो तो प्रसाद केवल शुद्ध घी का चढाए अन्यथा न चढाए
  7. जहां तक संभव हो हनुमान जी का सिर्फ़ चित्र (फोटो) रखे।
  8. यदि घर में अलग से पूजा घर की व्यवस्था हो तो वास्तु शास्त्र के हिसाब से मूर्ति रखना शुभ होगा। नहीं तो हनुमान जी का सिर्फ चित्र (फोटो) रखे।
  9. यदि मूर्ति हो तो ज्यादा बड़ी न हो एवं मिट्टी की बनी नहीं रखे।
  10. मूर्ति रखना चाहे तो बेहतर है सिर्फ किसी धातु या पत्थर की बनी मूर्ति रखे।
  11. हनुमान जी का फोटो/ मूर्ति पर सुखा सिंदूर लगाना चाहिए।
  12. नियमित पाठ पूर्ण आस्था, श्रद्धा और सेवा भाव से की जानी चाहिए। उसमे किसी भी तरह की शंका या संदेह न रखे।
  13. सिर्फ़ देव शक्ति की आजमाइस के लिये यह पाठ न करे या किसी को हानि, नुकसान या कष्ट देने के उद्देश्य से कोई पूजा पाठ न करे।
  14. ऐसा करने पर देवी शक्ति या ईश्वरीय शक्ति बुरा प्रभाव डालती है या अपना कोई प्रभाव नहीं दिखाती! ऐसा हमने प्रत्यक्ष देखा है।
  15. एसा प्रयोग करने वालो से विनम्र अनुरोध है कृपया यह पाठ न करे।
  16. समस्त देवी शक्ति या ईश्वरीय शक्ति का प्रयोग केवल शुभ कार्य उद्देश्य की पूर्ति के लिये या जन कल्याण हेतु करे।
  17. ज्यादातर देखा गया है की १ से अधिक बार पाठ करने के उद्देश्य से समय के अभाव में जल्द से जल्द पाठ करने में लोग गलत उच्चारण करते है। जो अनुचित है।
  18. समय के अभाव हो तो ज्यादा पाठ करने की अपेक्षा एक ही पाठ करने पर पूर्ण निष्ठा और श्रद्धा से करे।
  19. पाठ से ग्रहों का शुभत्व पूर्ण रूप से शांत हो जाता है।
  20. यदि जीवन में परेशानियां और शत्रु घेरे हुए है एवं आगे कोई रास्ता या उपाय नहीं सूझ रहा तो डरे नहीं नियमित पाठ करें आपके सारे दुख-परेशानियां दूर हो जायेगी अपनी आस्था एवं विश्वास बनाये रखे।


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