महात्मा गांधी के अनमोल वचन Mahatma Gandhi Anmol Vachan



महात्मा गांधी के अनमोल वचन
Best Mahatma Gandhi Quotes in Hindi
Best Mahatma Gandhi Quotes in Hindi
  1. अक्लमंद काम करने से पहले सोचता है और मूर्ख काम करने के बाद।
  2. अगर आप सच की ओर अल्पमत में भी हों, पर सच तो सच है।
  3. अगर कुछ कार्य करते हो तो उसे प्रेम से करो या फिर उसे कभी करो ही मत।
  4. अगर धैर्य लायक कुछ भी है, तो कोई भी आखिरी वक्त तक और अगर जिन्दा विश्वास एक काले घने तूफान में भी खड़े रहने की शक्ति रखता है।
  5. अगर मुझ में हास्य की भावना ना होती तो में कब का आत्महत्या कर चूका होता।
  6. अच्छा आदमी सभी जीवित चीजों का दोस्त है।
  7. अन्याय के अधीन होना कायरता है और उसका विरोध करना पुरुषार्थ है।
  8. अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ़ कर देती है।
  9. अपनी बुद्धिमानी को लेकर बेहद निश्चित होना बुद्धिमानी नहीं है। यह याद रखना चाहिए की ताकतवर भी कमजोर हो सकता है और बुद्धिमान से भी बुद्धिमान गलती कर सकता है।
  10. अपने आपको को जीवन में ढूँढना है तो लोगों की मदद में खो जाओ।
  11. अपने ज्ञान के प्रति जरूरत से अधिक यकीन करना मूर्खता है। यह याद दिलाना ठीक होगा कि सबसे मजबूत कमजोर हो सकता है और सबसे बुद्धिमान गलती कर सकता है।
  12. अपने प्रयोजन में दृढ़ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है।
  13. अपने से हो सके, वह काम दूसरे से न कराना।
  14. अहिंसा को दो प्रकार से विश्वास की जरूरत होती है, भगवन पर विश्वास और मनुष्य पर विश्वास।
  15. अहिंसा मानवता के लिए सबसे बड़ी ताकत है। यह आदमी द्वारा तैयार विनाश के ताकतवर हथियार से अधिक शक्तिशाली है।
  16. अहिंसा ही धर्म है, वही जिंदगी का एक रास्ता है।
  17. अहिंसात्मक युद्ध में अगर थोड़े भी मर मिटने वाले लड़ाके मिलेंगे तो वे करोड़ों की लाज रखेंगे और उनमें प्राण फूँकेंगे। अगर यह मेरा स्वप्न है, तो भी यह मेरे लिए मधुर है।
  18. आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी।
  19. आदमी अकसर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है। अगर मैं खुद से यह कहता रहूँ कि मैं फलां चीज नहीं कर सकता, तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच वो करने में असमर्थ हो जाऊं। इसके विपरीत, अगर मैं यह यकीन करूँ कि मैं ये कर सकता हूँ, तो मैं निश्चित रूप से उसे करने की क्षमता पा लूँगा, भले ही शुरू में मेरे पास वो क्षमता ना रही हो।
  20. आदमी की जरूरत के लिए नहीं बल्कि आदमी के लालच के लिए दुनिया में एक निर्भरता है।
  21. हमारे निजी राय हो सकते हैं परन्तु वह दो दिलों के बिच आने का विषय क्यों बनें।
  22. हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें। हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा।
  23. हर रात, जब मैं सोने जाता हूँ, मैं मर जाता हूँ। और अगली सुबह, जब मैं उठता हूँ, मेरा पुनर्जन्म होता है।
  24. हर व्यक्ति अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुन सकता है। वह सबके अन्दर है।
  25. हो सकता है आप कभी ना जान सकें कि आपके काम का क्या परिणाम हुआ, लेकिन यदि आप कुछ करेंगे नहीं तो कोई परिणाम नहीं होगा।
  26. हो सकता है हम ठोकर खाकर गिर पड़ें पर हम उठ सकते हैं, लड़ाई से भागने से तो इतना अच्छा ही है।
महात्मा गांधी के अनमोल विचार 
महात्मा गांधी के अनमोल विचार
  1. आप आज जो करते हैं उसपर भविष्य निर्भर करता है।
  2. आप उस समय तक यह नहीं समझ पाते कि आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
  3. आप जो भी करते है आपको तुच्छ लग सकता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप कर सकते हैं।
  4. आप तब तक यह नहीं समझ पाते की आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
  5. आप नम्र तरीके से दुनिया को हिला सकते है।
  6. आप मानवता में विश्वास मत खोइए। मानवता सागर की तरह है, अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता।
  7. आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, यहाँ तक की आप इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप कभी मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते।
  8. आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नियति बन जाती है।
  9. आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाते हैं,आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं, आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं,आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं,आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नियति बन जाती है।
  10. आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं,
  11. आपको इंसानियत पर कभी भी भरोसा नहीं तोडना चाहिए क्योंकि इस दुनिया में इंसानियत एक ऐसा समुद्र है जहाँ अगर कुछ बूँदें गंदी हो भी जाए तो भी समुद्र गंदा।
  12. आपको ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं वो वास्तविक में हो।
  13. इंसान अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है वह जो सोचता है वही बन जाता है।
  14. इस दुनिया के सभी धर्म, वैसे तो अन्य बातों में सभी धर्म अलग-अलग हैं ! लेकिन अगर हम सोचें सच्चाई के सिवा इस दुनिया में कुछ नहीं है।
  15. ईमानदार असहमति अक्सर प्रगति का एक अच्छा संकेत है।
  16. ईश्वर का कोई धर्म नहीं है।
  17. एक अधिनियम के अनुसार एक भी दिल को खुशी देने के लिए प्रार्थना में झुकना एक हजार सिर से बेहतर है।
  18. एक आँख के बदले आँख ही पूरी दुनिया को अँधा बना कर समाप्त होता है।
  19. एक आदमी या औरत की लाचारी पर निर्भर करता है कि नैतिकता सिफारिश करने के लिए काफी नहीं है। नैतिकता हमारे दिल की शुद्धता में निहित है।
  20. एक कायर प्यार का प्रदर्शन करने में असमर्थ होता है, प्रेम बहादुरों का विशेषाधिकार है।
महात्मा गांधी के शैक्षिक विचार 
महात्मा गांधी के शैक्षिक विचार
  1. एक कृत्य द्वारा किसी एक दिल को ख़ुशी देना, प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है।
  2. एक देश की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से आँका जा सकता है कि वहां जानवरों से कैसे व्यवहार किया जाता है।
  3. एक देश की संस्कृति दिलों में और अपने लोगों की आत्मा में रहता है।
  4. एक धर्म जो व्यावहारिक मामलों के कोई दिलचस्पी नहीं लेता है और उन्हें हल करने में कोई मदद नहीं करता है वह कोई धर्म नहीं है।
  5. एक राष्ट्र की संस्कृति उमसे रहने वाले लोगों के दिलों में और आत्मा में रहती है।
  6. एक विनम्र तरीके से, आप दुनिया को हिला सकते हैं।
  7. ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।
  8. और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत स्थिति में पहुंचा देता है।
  9. कमजोर कभी माफ़ी नहीं मांगते। क्षमा करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता है।
  10. कर्म प्राथमिकताओं को व्यक्त करता है।
  11. काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।
  12. काम के बिना धन, अंतरात्मा के बिना सुख, मानवता के बिना विज्ञान, चरित्र के बिना ज्ञान, सिद्धांत के बिना राजनीति, नैतिकता के बिना व्यापार, त्याग के बिना पूजा।
  13. कायरता से कहीं ज्यादा अच्छा है, लड़ते-लड़ते मर जाना।
  14. कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं, और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता है इसके बारे में सोचो- हमेशा।
  15. किसी के सर की रक्षा के लिए, किसी के कमर पर लटकने से तो अच्छा है, टूटे हुए सर के साथ खड़े रहें।
  16. किसी घटना में किसी एक दिल को ख़ुशी देना, प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है।
  17. किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है।
  18. किसी भी देश की संस्कृति उसके लोगों के ह्रदय और आत्मा में बसती है।
  19. किसी भी राष्ट्र की महानता उस राष्ट्र के पशुओं के प्रति प्रेम और व्यवहार से पता चलता है।
  20. किसी राष्ट्र की संस्कृति उसके लोगों के दिलों और आत्माओं में बसती है।
गरीबी पर महात्मा गांधी के विचार
Mahatma Gandhi Quotes
  1. किसी व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं बल्कि उसके चरित्र से आंकी जाती है।
  2. कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसा सीखो जिससे कि तुम हमेशा के जीने वाले हो।
  3. कुछ करना है, प्यार से करें या तो ना करें
  4. कुछ करने में, या तो उसे प्रेम से करें या उसे कभी करें ही नहीं।
  5. कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं।
  6. कुरीति के अधीन होना कायरता है, उसका विरोध करना पुरुषार्थ है।
  7. केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है, जिसे आप दूसरों पर छिड़के तो उसकी कुछ बूँदें अवश्य ही आप पर भी पड़ती है।
  8. कोई गलती तर्क – वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकता और न ही कोई सत्य इसलिए गलती नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा।
  9. कोई त्रुटि तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटि नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा।
  10. कोई भी संस्कृति जीवित नहीं रह सकती यदि वह अपने को हम दबाव से अनुशासन नहीं सीख सकते।
  11. क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।
  12. खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं।
  13. ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों।
  14. गरीबी दैवी अभिशाप नहीं बल्कि मानव रचित षड्यन्त्र है ।
  15. गरीबी हिंसा का सबसे बुरा रूप है।
  16. गर्व लक्ष्य को पाने के लिए किये गए प्रयत्न में निहित है, ना कि उसे पाने में।
  17. गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती है। वह तो केवल अपनी ख़ुशी बिखेरता है। उसकी खुशबु ही उसका संदेश है।
  18. गुस्सा और असहिष्णुता, अच्छी सोच के दुश्मन हैं।
  19. गुस्से को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।
  20. चरित्र की शुद्धि ही सारे ज्ञान का ध्येय होनी चाहिए।
महात्मा गांधी सन्देश
Mahatma Gandhi Quotes
  1. चलिए सुबह का पहला काम ये करें कि इस दिन के लिए संकल्प करें कि- मैं दुनिया में किसी से डरूंगा नहीं। मैं केवल भगवान से डरूं। मैं किसी के प्रति बुरा भाव ना रखूं। मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं। मैं असत्य को सत्य से जीतुं और असत्य का विरोध करते हुए, मैं सभी कष्टों को सह सकूँ।
  2. चिंता से अधिक कुछ और शरीर को इतना बर्बाद नहीं करता, और वह जिसे ईश्वर में थोडा भी यकीन है उसे किसी भी चीज के बारे में चिंता करने पर शर्मिंदा होना चाहिए।
  3. जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
  4. जब भी आपका सामना किसी विरोधी से हो तो उसे प्रेम से जीतें।
  5. जब भी आपका सामना किसी विरोधी से हो, उसे प्रेम से जीतें।
  6. जब में सूर्यास्त और चन्द्रमा के सौंदर्य की प्रसंशा करता हूँ, मेरी आत्मा इसके निर्माता के पूजा के लिए विस्तृत हो उठती है।
  7. जब मैं निराश होता हूँ, मैं याद कर लेता हूँ कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग की ही हमेशा विजय होती है। कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं, और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता है। इसके बारे में सोचो हमेशा।
  8. जहां प्रेम है वहां जीवन है।
  9. जिंदगी ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो और ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।
  10. जिज्ञासा के बिना ज्ञान नहीं होता | दुःख के बिना सुख नहीं होता।
  11. जिस दिन प्रेम की शक्ति, शक्ति के प्रति प्रेम पर हावी हो जायेगी, दुनिया में अमन आ जायेगा।
  12. जीवन की गति बढाने की अपेक्षा भी जीवन में बहुत कुछ है।
  13. जो काम खुद से हो जाये वह काम दूसरे से न कराये।
  14. जो भी चाहे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुन सकता है, वह सबके भीतर है।
  15. जो लोग अपनी प्रशंसा के भूखे होते हैं, वे साबित करते हैं कि उनमें योग्यता नहीं है।
  16. जो समय बचाते हैं, वे धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन, कमाएं हुए धन के बराबर है।
  17. डर का उपयोग होता है, लेकिन कायरता का कुछ नहीं है।
  18. तुम जो भी करोगे वो नगण्य होगा, लेकिन यह ज़रूरी है कि तुम वो करो।
  19. तुम मुझे चैन में बांधो, या मेरे साथ यंत्रणा या अत्याचार करो, या मेरे पूरे शरीर को नष्ट कर दो, परन्तु तुम मेरे मन को कैद नहीं कर सकते।
  20. थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।
गांधी जी के दस अनमोल वचन 
Mahatma Gandhi Quotes
  1. दुनिया के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में सत्य जीवित रहता है।
  2. दुनिया में ऐसे लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाय रोटी के रूप में।
  3. धर्म दिल का विषय है। कोई शारीरिक असुविधा किसी के अपने धर्म का परित्याग आश्वासन नहीं देता।
  4. निजी जीवन की पवित्रता एक ध्वनि शिक्षा के निर्माण के लिए एक अनिवार्य शर्त है।
  5. निरंतर विकास जीवन का नियम है,
  6. निरंतर विकास जीवन का नियम है, और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत स्थिति में पहुंचा देता है।
  7. नैतिकता युद्ध में वर्जित है।
  8. पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे।
  9. पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो।
  10. पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक है, क्योंकि पुस्तकें अन्तःकरण को उज्ज्वल करती हैं।
40 महात्मा गाँधीजी के अनमोल विचार
40 महात्मा गाँधीजी के अनमोल विचार
  1. पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है, किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी।
  2. पूर्ण धारणा के साथ बोला गया “नही” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।
  3. पृथ्वी सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं।
  4. पैसा अपने-आप में बुरा नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है। किसी ना किसी रूप में पैसे की जरूरत हमेशा रहेगी।
  5. प्रक्रिया प्राथमिकता व्यक्त करती है।
  6. प्रार्थना पूछना नहीं है, यह तो आत्मा की लालसा है, यह दुर्बलता का दैनिक स्वीकारोक्ति है। प्रार्थना के समय दिल लगाना बिना वचन के वचन के साथ दिल ना होने से तो बेहतर है।
  7. प्रार्थना या भजन जीभ से नहीं ह्रदय से होता है। इसी से गूंगे, तोतले और मूढ भी प्रार्थना कर सकते है।
  8. प्रार्थना सुबह की कुंजी है और शाम का सोंदर्य।
  9. प्रेम की शक्ति दण्ड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।
  10. प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है और फिर भी हम जिसकी कल्पना कर सकते हैं उसमें सबसे नम्र है।
  11. बिना जिज्ञासा के ज्ञान नहीं मिलता और दुःख के बिना सुख नहीं होता।
  12. भगवान कभी कभी सम्पूर्ण रूप से मदद नहीं करते जिन्हें वे आशीर्वाद देने की छह रखते हैं।
  13. भगवान का कोई धर्म नहीं है।
  14. भविष्य में क्या होगा, मै यह नहीं सोचना चाहता। मुझे वर्तमान की चिंता है। ईश्वर ने मुझे आने वाले क्षणों पर कोई नियंत्रण नहीं दिया है।
  15. भूल करने में पाप तो है ही, परन्तु उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।
  16. मनुष्य अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।
  17. मनुष्य की प्रकृति हमेशा बुरी नहीं होती। बुरा स्वभाव उत्पन्न होता है प्यार की कमी से। अपने मानव स्वभाव को कभी निराश नहीं करना चाहिए।
  18. महिला का वास्तविक आभूषण उसका चरित्र, उसका पवित्रता है।
  19. मृत, अनाथ, और बेघर को इससे क्या फर्क पड़ता है कि यह तबाही सर्वाधिकार या फिर स्वतंत्रता या लोकतंत्र के पवित्र नाम पर लायी जाती है?
  20. में सिर्फ लोगों के अच्छे गुणों को देखता हूँ , ना की उनकी गलतियों को गिनता हूँ।
  21. में हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा दिखता है वह अच्छा कर रहा है तब वह अच्छाई अस्थाई होती है, और जो बुराई करती है वह स्थाई होती है।
  22. मेरा जीवन मेरा सन्देश है।
  23. मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है सत्य मेरा भगवान है अहिंसा उसे पाने का साधन।
  24. मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता।
  25. मै हिंदी के जरिये प्रांतीय भाषाओं को दबाना नहीं चाहता, किन्तु उनके साथ हिंदी को भी मिला देना चाहता हूं।
  26. मैं किसी को भी गंदे पाँव के साथ अपने मन से नहीं गुजरने दूंगा।
  27. मैं किसी भी व्यक्ति को गंदे पाँव के साथ अपने मन से नहीं गुजरने दूंगा।
  28. मैं तुम्हें शांति का प्रस्ताव देता हूँ। मैं तुम्हें प्रेम का प्रस्ताव देता हूँ। मैं तुम्हारी सुन्दरता देखता हूँ। मैं तुम्हारी आवश्यकता सुनता हूँ। मैं तुम्हारी भावना महसूस करता हूँ।
  29. मैं पश्चिमी सभ्यता के बारे में क्या सोचता हूँ ? मैं सोचता हूँ यह बहुत ही अच्छा विचार है।
  30. मैं मरने के लिए तैयार हूं, लेकिन यहाँ कोई कारण नहीं है जिसके लिए मैं मरने के लिए तैयार हूँ।
  31. मैं सभी की समानता में विश्वास रखता हूँ, सिवाय पत्रकारों और फोटोग्राफरों की।
  32. मैं सभी की समानता में विश्वास रखता हूँ, सिवाय पत्रकारों और फोटोग्राफरों की।
  33. मैं सभी की समानता में विश्वास रखता हूँ, सिवाय पत्रकारों और फोटोग्राफरों के।
  34. मैं हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा लगता है कि वो अच्छा कर रही है तब वो अच्छाई अस्थायी होती है, और वो जो बुराई करती है वो स्थायी होती है।
  35. मौन सबसे शाशक्त भाषण है। धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी।
  36. यदि मनुष्य सीखना चाहे, तो उसकी हर भूल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है।
  37. यद्यपि आप अल्पमत में हों, पर सच तो सच है।
  38. यह धरती सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं।
  39. यह स्वास्थ्य ही है जो हमारा सही धन है, सोने और चांदी का मूल्य इसके सामने कुछ नहीं।
  40. राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक है।
महात्‍मा गांधी जी के 10 अनमोल विचार
महात्‍मा गांधी जी के 10 अनमोल विचार
  1. लक्ष्य को पाने के लिए किये गए प्रयत्न में गर्व निहित होता है, न कि उसे पाने में।
  2. लम्बे-लम्बे भाषणों से कही अधिक मूल्यवान है इंच भर कदम बढ़ाना।
  3. लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है।
  4. वहाँ न्याय के न्यायालयों की तुलना में एक उच्च न्यायालय है और जो कि अंतरात्मा की अदालत है। यह अन्य सभी अदालतों को प्रति स्थापित करता है।
  5. वास्तविक सौन्दर्य ह्रदय की पवित्रता में है।
  6. विभाजन बुरा है। लेकिन जो कुछ अतीत है अतीत है। हम भविष्य की ओर देखने के लिए ही मजबूर है।
  7. विश्व इतिहास में आजादी के लिए लोकतान्त्रिक संघर्ष हमसे ज्यादा वास्तविक किसी का नहीं रहा है। मैंने जिस लोकतंत्र की कल्पना की है, उसकी स्थापना अहिंसा से होगी। उसमें सभी को समान स्वतंत्रता मिलेगी। हर व्यक्ति खुद का मालिक होगा।
  8. विश्व के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों, लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है।
  9. विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता कि जननी है।
  10. विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए। जब विश्वास अँधा हो जाता है तो मर जाता है।
महात्मा गांधी जी के 25 अनमोल विचार
महात्मा गांधी जी के 25 अनमोल विचार
  1. विश्वास कोई बटोरने की चीज नहीं है, यह तो विकसित करने की चीज है।
  2. व्यक्ति अक्सर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है। अगर मैं खुद से यह कहता रहूँ कि मैं यह चीज नहीं कर सकता तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच वह करने में असमर्थ हो जाऊं।
  3. व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।
  4. व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं अपितु उसके चरित्र से आंकी जाती है।
  5. शक्ति दो प्रकार के होते हैं ! एक उत्तपन होता है दंड के डर से और एक प्यार से। प्यार की शक्ति हमेशा हज़ार गुना ज्यादा प्रभावी होता है।
  6. शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती है। एक अदम्य इच्छा शक्ति से आता है।
  7. शांति का कोई रास्ता नहीं है, केवल शांति है।
  8. शारीरिक उपवास के साथ-साथ मन का उपवास न हो तो वह दम्भ पूर्ण और हानिकारक हो सकता है।
  9. श्रद्धा का अर्थ है आत्मविश्वास और आत्मविश्वास का अर्थ है ईश्वर में विश्वास।
  10. संतोष प्रयास में निहित है, ना ही प्राप्ति में, पूरा प्रयास ही पूर्ण विजय है।
  11. सत्य एक विशाल वृक्ष है, उसकी ज्यों-ज्यों सेवा की जाती है, त्यों-त्यों उसमे अनेक फल आते हुए नजर आते है, उनका अंत ही नहीं होता।
  12. सत्य एक है, मार्ग कई।
  13. सत्य कभी कभी ऐसे कारण को क्षति नहीं पहुंचता जो उचित हो।
  14. सत्य कभी भी क्षति नहीं करता ! सिर्फ यही एक कारण है।
  15. सत्य बिना जन समर्थन के भी खड़ा रहता है, वह आत्मनिर्भर है।
  16. सभी धर्मों का सार एक है। केवल उनके दृष्टिकोण अलग हैं।
  17. समाज में से धर्म को निकाल फेंकने का प्रयत्न बांझ के पुत्र करने जितना ही निष्फल है और अगर कहीं सफल हो जाय तो समाज का उसमें नाश होता है।
  18. सात घनघोर पाप: काम के बिना धन, अंतरात्मा के बिना सुख, मानवता के बिना विज्ञान, चरित्र के बिना ज्ञान, सिद्धांत के बिना राजनीति, नैतिकता के बिना व्यापार, त्याग के बिना पूजा।
  19. सिर्फ प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है, जिसे आप दूसरों पर छिड़के तो उसकी कुछ बूँदें अवश्य ही आप पर भी पड़ती है।
  20. सुख बाहर से मिलने की चीज नहीं, मगर अहंकार छोड़े बगैर इसकी प्राप्ति भी होने वाली नहीं।
  21. स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना।
  22. स्वस्थ असंतोष प्रगति के लिए प्रस्तावना है।
  23. हंसी मन की गांठो को बड़ी आसानी से खोल देती है।
  24. हम जिसकी पूजा करते है उसी के समान हो जाते है।
  25. हम जो दुनिया के जंगलों के साथ कर रहे हैं वो कुछ और नहीं बस उस चीज का प्रतिबिम्ब है जो हम अपने साथ और एक दूसरे के साथ कर रहे हैं।
महात्मा गाँधी चित्र संग्रह
Mahatma Gandhi Photos Collection

















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    राजपूत - क्षत्रिय वंश की कुलदेवियाँ List Of The Kuldevi



    राजपूत - क्षत्रिय वंश की कुलदेवियां
    List Of The Kuldevi Of Rajputs

    List Of The Kuldevi Of Rajputs

    राजपूत शब्द संस्कृत शब्द ‘राजपुत्र’ का अपभ्रंश है। प्राचीन समय में भारत में वर्ण व्यवस्था थी जिसे ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य तथा शूद्र इन चार वर्णों में बाँटा गया था। जब राजपूत काल आया तब यह वर्ण व्यवस्था समाप्त हो गई तथा इन वर्णों के स्थान पर कई जातियाँ व उपजातियाँ बन गई। राजपूत युग की वीरता व पराक्रम का भारतीय इतिहास में अद्वितीय स्थान है। क्षत्रियों का कार्य समाज की रक्षा करना था। कालांतर में ये ही क्षत्रिय राजपुत्र कहलाये। राजपूताने में पुत्र को पूत कहा जाता है और ये राजपूत नाम से प्रसिद्ध हुए।  राजपूत भारतीय उपमहाद्वीप की बहुत प्रभावशाली जाति है और यह जाति सदैव ही शासक रही है। राजपूत समाज की अपनी कुल देवियों की मान्यता है जिनकी यह पूजा करते है और जिनसे उन्हें शक्ति मिलती है। इन सभी कुल शाखाओं ने  नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखने के लिए कुल देवियों को स्वीकार किया। ये कुलदेवियां कुल के अनुसार निम्नलिखित हैं-
    1. खंगार - गजानन माता
    2. चावड़ा - चामुंडा माता
    3. छोकर  - चण्डी केलावती माता
    4. धाकर - कालिका माता
    5. निमीवंश - दुर्गा माता
    6. परमार - सच्चियाय माता
    7. पुरु - महालक्ष्मी माता
    8. बुन्देला - अन्नपूर्णा माता
    9. इन्दा - चामुण्डा माता
    10. उज्जेनिया - कालिका माता
    11. उदमतिया - कालिका माता
    12. कछवाहा - जमवाय माता
    13. कणड़वार - चण्डी माता
    14. कलचूरी - विंध्यवासिनी माता
    15. काकतिय - चण्डी माता
    16. काकन - दुर्गा माता
    17. किनवार - दुर्गा माता
    18. केलवाडा - नंदी माता
    19. कौशिक - योगेश्वरी माता
    20. गर्गवंश कालिका माता
    21. गोंड़ - महाकाली माता
    22. गोतम - चामुण्डा माता
    23. गोहिल - बाणेश्वरी माता
    24. चंदेल - मेंनिया माता
    25. चंदोसिया - दुर्गा माता
    26. चंद्रवंशी - गायत्री माता
    27. चुड़ासमा -अम्बा भवानी माता
    28. चौहान - आशापूर्णा माता
    29. जाडेजा - आशपुरा माता
    30. जादोन - कैला देवी (करोली )
    31. जेठंवा - चामुण्डा माता
    32. झाला - शक्ति माता
    33. तंवर - चिलाय माता
    34. तिलोर - दुर्गा माता
    35. दहिया - कैवाय माता
    36. दाहिमा - दधिमति माता
    37. दीक्षित - दुर्गा माता
    38. देवल - सुंधा माता
    39. दोगाई - कालिका(सोखा)माता
    40. नकुम - वेरीनाग बाई
    41. नाग - विजवासिन माता
    42. निकुम्भ - कालिका माता
    43. निमुडी - प्रभावती माता
    44. निशान - भगवती दुर्गा माता
    45. नेवतनी - अम्बिका भवानी
    46. पड़िहार - चामुण्डा माता
    47. परिहार - योगेश्वरी माता
    48. बड़गूजर - कालिका(महालक्ष्मी)माँ
    49. बनाफर - शारदा माता
    50. बिलादरिया - योगेश्वरी माता
    51. बैस - कालका माता
    52. भाटी - स्वांगिया माता
    53. भारदाज - शारदा माता
    54. भॉसले - जगदम्बा माता
    55. यादव - योगेश्वरी माता
    56. राउलजी - क्षेमकल्याणी माता
    57. राठौड़ - नागणेचिया माता
    58. रावत - चण्डी माता
    59. लोह - थम्ब चण्डी माता
    60. लोहतमी - चण्डी माता
    61. लोहतमी - चण्डी माता
    62. वाघेला - अम्बाजी माता
    63. वाला - गात्रद माता
    64. विसेन - दुर्गा माता
    65. शेखावत - जमवाय माता
    66. सरनिहा - दुर्गा माता
    67. सिंघेल - पंखनी माता
    68. सिसोदिया - बाणेश्वरी माता
    69. सीकरवाल - कालिका माता
    70. सेंगर - विन्ध्यवासिनि माता
    71. सोमवंश - महालक्ष्मी माता
    72. सोलंकी - खीवज माता
    73. स्वाति - कालिका माता
    74. हुल - बाण माता
    75. हैध्य - विंध्यवासिनी माता
    76. मायला  - इन्जु माता (पाठक के सुझाव पर)
    सिकरवार क्षत्रियों की कुलदेवी कालिका माता
    हरदोई के भवानीपुर गांव में कालिका माता का प्राचीन मंदिर है। सिकरवार क्षत्रियों के घरों में होने वाले मांगलिक अवसरों पर अब भी सबसे पहले कालिका माता को याद किया जाता है। यह मंदिर नैमिषारण्य से लगभग 3 किलोमीटर दूर कोथावां ब्लाक में स्थित है। कहा जाता है कि पहले गोमती नदी मंदिर से सट कर बहती थी। वर्तमान में गोमती अपना रास्ता बदल कर मंदिर से दूर हो गयी है, लेकिन नदी की पुरानी धारा अब भी एक झील के रूप में मौजूद है। बुजुर्ग बताते हैं कि पेशवा बाजीराव द्वितीय को 1761 में अहमद शाह अब्दाली ने युद्ध क्षेत्र में हरा दिया था। इसके बाद बाजीराव ने अपना शेष जीवन गोमती तट के इस निर्जन क्षेत्र में बिताया। चूंकि वह देवी के साधक थे। इस कारण मंदिर स्थल को भवानीपुर नाम दिया गया। पेशवा ने नैमिषारण्य के देव देवेश्वर मंदिर का भी जीर्णोद्धार कराया था। अब्दाली से मिली पराजय के बाद उनका शेष जीवन यहां माता कालिका की सेवा और साधना में बीता। उनकी समाधि मंदिर परिसर में ही स्थित है। यहां नवरात्र के दिनों में मेला लगता है। मेला में भवानीपुर के अलावा जियनखेड़ा, महुआ खेड़ा, काकूपुर, जरौआ, अटिया और कोथावां के ग्रामीण पहुंचते हैं। यहां सिकरवार क्षत्रिय एकत्र होकर माता कालिका की विशेष साधना करते हैं।
    नोट - कृप्या क्षत्रिय राजपूतो से मेरा अनुरोध है कि सभी लोग अपनी अपनी कुलदेवी का नाम जरूर लिखे, जिस किसी की कुलदेवी का नाम छूट गया है, ताकि उसे भी जोड़ा जा सके।
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    अश्वगंधा के फायदे नुकसान और सेवन करने की विधि



     अश्वगंधा
    आयुर्वेद में अश्वगंधा को विशेष स्थान प्राप्त है। यह केवल एक पौधा ही नहीं, बल्कि कई बीमारियों को जड़ से ख़त्म करने की औषधि भी है। इसकी जड़ों और पत्तियों से दवा बनाई जाती है। आयुर्वेदिक तरीके से उपचार में अश्वगंधा एक ऐसी रामबाण दवा है जो कई रोग ठीक करने में उपयोग की जाती है। अश्वगंधा वर्तमान समय में कैप्सूल, पाउडर और तेल के रूप में आता है जिसे बाबा रामदेव की पतंजलि शॅाप, पंसारी, जनरल स्‍टोर अथवा मेडीकल स्‍टोर से लिया जा सकता है। अश्वगंधा के सेवन से अनेक फायदे है जैसे कि यह लम्‍बाई बढ़ाने और वजन बढ़ाने में उपयोगी है।
    भारत में अश्वगंधा अथवा असगंध जिसका वानस्पतिक नाम वीथानीयां सोमनीफेरा (Withania Somnifera) कहा जाता है। अश्वगंधा सदियों से प्राचीन भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा में काफी महत्वपूर्ण रहा है। यह कई सदियों से इस्तेमाल की जा रही जड़ी बूटी है। अमेरिका और अफ्रीका के मूल निवासियों द्वारा संक्रमण के कई प्रकार को दूर रहने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। अश्वगंधा के पौधे और इसके औषधीय गुणों का वर्णन पारंपरिक चीनी चिकित्सा और आयुर्वेद दोनों में व्यापक रूप से किया गया है। अश्वगंधा एक ऐसा झाड़ीदार पौधा है, जिससे कई बीमारियों को इलाज किया जा जाता है। अश्वगंधा से थायरॉयड, त्वचा संबंधी रोग, शरीर की दुर्बलता इत्यादि को दूर किया जा सकता है। आयुर्वेद में बेहद महत्व रखने वाला अश्वगंधा, एक ऐसी औषधि है जो न केवल आपके तनाव को दूर करती है बल्कि सेहत और सौंदर्य से जुड़े कुछ फायदे भी देती है।
    अश्वगंधा एक बलवर्धक रसायन मानी गयी है। इसके गुणों की चिर पुरातन समय से लेकर अब तक सभी विद्वानों ने भरपूर सराहना की है। इसे पुरातन काल से ही आयुर्वेदज्ञों ने वीर्य वर्धक, शरीर में ओज और कांति लाने वाले, परम पौष्टिक व सर्वांग शक्ति देने वाली, क्षय रोगनाशक, रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ने वाली एवं वृद्धावस्था को लम्बे समय तक दूर रखने वाली सर्वोत्तम वनौषधि माना है। यह वायु एवं कफ के विकारों को नाश करने वाली अर्थात खांसी, श्वास, खुजली, आमवात आदि नाशक है। इसे वीर्य व पौरुष सामर्थ्य की वृद्धि करने, शरीर पर मांस निर्मित करने, स्तनों में दूध की वृद्धि करने, बच्चों को मोटा व चुस्त बनाने तथा गर्भधारण के लिये व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। महर्षि चरक ने अश्वगंधा को उत्कृष्ट औषधि माना है एवं समस्त प्रकार के जीर्ण रोगों से ग्रस्त रोगियों तथा क्षय रोग आदि से पीड़ित रोगियों के लिए उपयुक्त बताया है। वास्तव में आयुर्वेद के विद्वान पुष्टि व बलवर्धक के लिए अश्वगंधा से श्रेष्ठ किसी अन्य औषधि को नहीं मानते।
    अश्वगंधा का इस्तेमाल गठिया, चिता, नींद ना आना (इंसोम्निया), ट्यूमर, टीबी, अस्थमा, त्वचा पर सफ़ेद दाग (ल्युकोडेर्मा), ब्रोंकाइटिस, पीठ में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, मासिक धर्म में समस्या, हिचकी आना और लम्बे समय से चली आ रहे लीवर रोग में किया जाता है। अश्वगंधा को दैनिक तनाव कम करने के साथ ही सामान्य टॉनिक की तरह भी उपयोग किया जाता है। कुछ लोग अश्वगंधा का इस्तेमाल अपनी सोचने शक्ति को बढ़ाने, सूजन और दर्द कम करने के साथ ही बढ़ती उम्र की समस्या को कम करने के लिए करते हैं। इसे महिलाओं और पुरुषों में बांझपन के इलाज के साथ कामेच्छा बढ़ाने के लिए भी उपयोग किया जाता है। अश्वगंधा को त्वचा पर लगाने से घाव, पीठ का दर्द और शरीर के एक तरफ हुआ लकवा ठीक हो जाता है। अश्वगंधा में दिमाग को शांत करने वाले केमिकल होते हैं। ये सूजन घटाते हैं, बीपी कम करते हैं और रोग निरोधक शक्ति बढ़ाते हैं। अश्वगंधा (अश्वगंधा ) एक प्रकार का पौधा होता है जिसके द्वारा कई आयुर्वेदिक दवाइयां बनाई जाती है और इसका उपयोग हजारों सालों से होता आ रहा है। अश्वगंधा को असगंध या वाजीगंधा भी कहा जाता है।

    अश्वगंधा की पहचान - Identity of Ashwagandha
    अश्वगंधा प्राचीन काल से अश्वगंधा हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह एक औषधीय में उपयोग करने वाला एक पेड़ माना जाता है। ये शरीर को चुस्ती-फुर्ती प्रदान करता है। अश्वगंधा को एक टॉनिक कहा जाता है, क्‍योकि यह शारीरिक क्षमता और आरोग्य वृद्धि करता है। अश्वगंधा को अंग्रेजी में भारतीय जिनसेंग कहा जाता है। अश्वगंधा के पेड़ और इसके औषधीय गुणों का वर्णन पारम्‍परिक चीनी चिकित्सा और आयुर्वेद दोनों में किया गया है। अश्वगंधा प्रकृति का दिया हुआ एक ऐसा वरदान है जिसको हम कई प्रकार की बीमारियों एवं सौन्दर्य बढ़ाने वाले उत्पादों को बनाने में काम में लिया जाता है। अश्वगंधा बिलकुल टमाटर की तरह दिखती है। ये कम और ज्यादा तापमान में दोनों में जीवित रह सकता है। अश्वगंधा का अर्थ है घोड़े की गंध। इसका यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसकी जड़ों में से आने वाली गंध घोड़े के पसीने की गंध जैसी होती है। इस जड़ी बूटी का प्रारंभ भारत में हुआ और यह शुष्क क्षेत्रों में सबसे अच्छी तरह बढ़ता है। यह एक मजबूत पौधा है जो बहुत उच्च तापमान और कम तापमान यानि 40 डिग्री सेल्सियस से 10 डिग्री सेल्सियस तक के अंतर में भी जीवित रहता है। इसके नियमित रूप से सेवन करने से शरीर की कई बीमारियों से लड़ता है।

    Ashwagandha ke fayde, Ashwagandha benefits in hindi
    प्रमुख रोगों में अश्वगंधा के फायदे - Advantages of Ashwagandha in Major Diseases 
    • अश्वगंधा का लाभ चयापचय मे (Ashwagandha for metabolism):-अश्वगंधा एंटीओक्सीडेंट का एक अच्छा श्रोत है ये चयापचय की प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न मुक्त कण को साफ निष्कृत करने में बहुत प्रभावी है।
    • अश्वगंधा के हार्ट स्वास्थ के लिए फायदे (Ashwagandha Benefits for Heart):- अश्वगंधा हमे हाइ कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी जैसे हृदय रोगों से बचाता है। इसके नियमित सेवन से खून के दौरा बेहतर होता है जो खून के थक्का जमने से रोकता है जो कई बार हार्टअटैक जैसे गम्‍भीर रोगो से बचाता है।
    • संक्रमण दूर करने के लिए अश्वगंधा (Ashwagandha for Infection):- अश्वगंधा पुरुषों के लिए तो लाभदायक होता ही है साथ ही महिलाओं के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके पौधों के जड़ो में एंटीबाक्टेरियाल और एंटीफ़ंगल होता है जिससे ज़्यादातर संक्रमण को ख़त्म करने में असरदार माना जाता है। महिलाओं मे इन्फ़ैकशन होना आम बात है। गर्भाशय के सूजन को भी कम करने में ये आयुर्वेद हर्ब माना जाता है। जिन महिलाओं की योनि में से सफ़ेद चिपचिपा पदार्थ निकलता है उन्हें भी अश्वगंधा खाने से बहुत फायदा मिलता है।
    • कैंसर का इलाज में अश्वगंधा का लाभ (Ashwagandha for Cancer):- कैंसर (cancer) के इलाज में भी ये औषधि काफी उपयोगी है। अश्वगंधा कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोकने का काम करती है। कैंसर के मरीज़ों के लिए लाभकारी है। एक शोध के मुताबिक़ अश्वगंधा कीमोथेरेपी के बुरे प्रभाव को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा नई कैंसर सेल्स को बनने से भी रोकता है। अश्वगंधा में एंटीजनिक गुण होता है जिससे ये कैंसर कोशिकाओं को नहीं रक्त वाहिकाओ के निर्माण से रोकती है जिससे कैंसर का इलाज करने में मदद मिलती है। कैंसर रोग को फैलने में कैंसर सेल का काफी हद तक ज़िम्मेवार होता है जो तेजी से बढ़ती है और अश्वगंधा इन सेल्स को रोकने में मदद करती है। जानवरों और टेस्ट-ट्यूब में की जाने वाली जांच से पता चला है कि अश्वगंधा खाने से एपोप्टोसिस बढ़ता है जो कैंसर कोशिकाओं को मारने की एक विधि है। ये कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने में भी रोक सकती है। अश्वगंधा "रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज़" (reactive oxygen species) बनता है जिससे कैंसर सेल ख़त्म होते हैं। इससे कैंसर सेल एपोप्टोसिस का सामना नहीं कर पाते और ख़त्म हो जाते हैं।
    • तनाव दूर करने में अश्वगंधा का उपयोग (Ashwagandha for Tension):- आज कल की व्यस्त जीवन में अकसर देखा गया है की हमारी नींद गायब हो जाती है,हम टेंशन में रहने लगते है। काम काज के प्रेशर से होने वाली अनिद्रा एवं टेंशन को दूर करने के लिए अश्वगंधा बहुत ही सहायक माना गया है, अश्वगंधा चूर्ण या कैप्सुल लेने से ऐसे ऊर्जा का निर्माण हमारे मस्तिष्क में होता है जो हमें जल्दी सोने में मदद करती है और दिमाग को ठंडा रखने में भी। अश्वगंधा में तनाव को कम करने वाले गुण पाएं जाते हैं। परंपरागत रूप से, इसका उपयोग व्यक्ति पर सुखद और शांत प्रभाव देने के लिए किया जाता था। वह सक्रिय संघटक जो इस गतिविधि के लिए ज़िम्मेदार है वह अभी भी अज्ञात है, लेकिन विभिन्न अनुसंधान प्रयोगों में अश्वगंधा में तनाव विरोधी गुण देखे गए हैं। अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि अश्वगंधा के प्रयोग से चरम तापमान बदलाव में रखे पशुओं के तनाव के स्तर में भी उल्लेखनीय कमी आई। अध्ययन से पता चला है कि अश्वगंधा लेने से चूहों के दिमाग में केमिकल सिगनल पहुँचने से तनाव नहीं रहता। कुछ मनुष्यों पर जांच करने से पता चला है कि अश्वगंधा लेने से तनाव और चिंता की समस्या बहुत कम हो जाती है। तनाव, चिंता, थकावट, नींद की कमी जैसी समस्याओं का कारगर इलाज अश्वगंधा से किया जा सकता है। यह स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल के लेवल को कम करता है, जिससे स्ट्रेस कम होता है। हाई ब्लड प्रेशर के उपचार में भी ये काफी फायदेमंद है। हाई बीपी की बीमारी में अश्वगंधा चूर्ण दूध के साथ सेवन करें। इसका सेवन करने से तनाव भी कम होता है। लो बीपी होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है।
    • त्वचा की समस्या से छुटकारा पाने के लिए अश्वगंधा (Ashwagandha for Skin Problem):-त्वचा के रोगों को दूर करने में मदद करता है। ये न सिर्फ झुर्रियों को कम करता है, बल्कि चर्म रोग को भी ठीक करता है। अश्वगंधा का उपयोग त्वचा को युवा रखने के लिए किया जाता है। ये केराटोसिस के इलाज के लिए उपयोगी है। अश्वगंधा में उच्च श्रेणी के एंटीओक्सीडेंट होते है जो झुरियों, काले धब्बे जैसे उम्र बढ्ने के संकेतों से लड़ने में सहायक है। इसमें एंटिअजिंग होता है जिससे व्यक्ति जल्दी बूढ़ा नहीं होता है मतलब इसके सेवन से समय से पहले बुढ़ापा नहीं आता है।
    • थायराइड के लिए अश्वगंधा के फायदे (Ashwagandha for Thyroid):-अश्वगंधा थायराइड ग्रन्‍थी को उत्तेजित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके प्रभाव पर एक अध्ययन में पता चला है की इसकी जड़ो का एक्सट्रेक्ट, अगर एक दैनिक आधार पर लिया जाए तो थायराएड हार्मोन के श्राव में वृद्धि होगी।
    • बालों की समस्या में अश्वगंधा के फायदे (Aswagandha to Benefits In Hair) अश्वगंधा शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करके बालों के गिरने को नियंत्रित करता है। अश्वगंधा बालों में मेलेनिन की हानि को रोक कर समय से पहले बालों के भूरा होने को रोकता है। अश्वगंधा में टाइयरोसीन है जो एक एमिनो एसिड है और शरीर में मेलेनिन के उत्पादन को उत्तेजित करता है। अश्वगंधा से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। अश्वगंधा और नारियल तेल से बनाया गया टॉनिक रोज़ बालों पर लगाने से बाल नहीं झड़ते। अश्वगंधा को गिलोय में मिलाकर लगाने से हड्डियों को सहारा मिलता है और खोपड़ी बालों को संभालने के लिए मजबूत होती है। सामान्य से कम नींद मिलने पर तनाव होता है। कम सोने से तनाव और चिंता बढ़ती है जिससे ज़्यादा बाल झड़ते हैं। अश्वगंधा से अच्छी नींद आती है और वो चिंता को कम करता है जो बाल झड़ने का मुख्य कारण है। लम्बे समय से चले आ रहे तनाव से ग्रस्त वयस्कों का अध्ययन करने पर पता चला कि अश्वगंधा लेने से अनिद्रा और चिंता 69।7% कम होती है। वयस्क पुरुषों में अध्ययन करने से पता चला कि अश्वगंधा लेने से बालों में मेलानिन की मात्रा बढ़ी है।
    • मधुमेह का इलाज है अश्वगंधा (to control diabetes):-लंबे समय से हमारे आयुर्वेद चिकित्सक अश्वगंधा को मधुमेह के लिए इस्तेमाल करते है। मधुमेह के उपचार में अश्वगंधा के उपयोग पर अनुसंधान ने सकारात्मक परिणाम का संकेत दिया है। इसके प्रयोग से ये पता चला है की अगर हम अश्वगंधा चार सप्ताह की अवधि के लिए ले तो तब उपवास और दोपहर के खाने के बाद रक्त शर्करा के स्तर में काफी कमी आती है।
    • मांसपेशियों की शक्ति में सुधार लाने एवं प्रतिरक्षा प्रणाली में लाभ के लिए अश्वगंधा ( Increase Muscular Strength and Immune System):-अश्वगंधा हमारे शरीर के निचले हिस्सों की मांसपेशियों की शक्ति में सुधार लाने और कमजोरी दूर करने में बहुत उपयोगी है। ये मस्तिष्क और मांसपेशियों के बीच समन्वय पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। साथ ही ये प्रतीक्षा प्रणाली मतलब इम्‍यून तंत्र को मजबूत बनाता है। कुछ लोग बड़ी जल्दी बीमार पढ़ जाते है उन्हें कुछ न कुछ छोटी बीमारी होती ही रहती है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना। उनके लिए तो अश्वगंधा एक बहुत ही अचूक दावा के जैसे काम करती है साथ ही अगर आपको जोरों का दर्द या घाव या चोट लगने पर भी ये रामबाण इलाज माना जाता है। शोध अध्ययनों से पता चला है कि अश्वगंधा का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। चूहों के ऊपर किए गए प्रयोग में पाया गया कि अश्वगंधा के सेवन से चूहों में लाल रक्त कोशिका और सफेद रक्त कोशिकाओं में भी वृद्धि हुई। इससे यह माना जा सकता है कि आदमी की लाल रक्त कोशिकाओं पर अश्वगंधा के सेवन से सकारात्मक प्रभाव हो सकता है, जिससे एनीमिया जैसी स्थितियों को रोकने में मदद मिल सकती है।
    • मोतियाबिंद से लड़ने के अश्वगंधा का उपयोग(Ashwagandha for Cataract) :-त्यागराजन एक्ट एल द्वारा किए गए सोध के अनुसार यह पता चाला है की अश्वगंधा के एंटीओक्सीडेंट एवं साइटोप्रोटेक्टिव गुण मोतियाबिंद रोग से लड़ने के लिए अच्छे है।
    • लम्‍बाई बढ़ाने में अश्वगंधा के फायदे (Aswagandha to Increase Height):- अश्वगंधा कद बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। अगर आपका हाइट समय से पहले बढ़ाना रुक गया हो तो आप अश्वगंधा का प्रयोग कर सकते है।
    • सेक्स पावर बढ़ाने के लिए अश्वगंधा (Ashwagandha to Increase Sex Power):- शताब्दियों से माना गया है कि अश्वगंधा में कामोद्दीपक गुण है और लोगों ने इसे एक दवा के रूप में इस्तेमाल किया ताकि उनकी जीवन शक्ति और प्रजनन क्षमता में सुधार हो। हाल ही के एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह दर्शाया गया कि अश्वगंधा कामोद्दीपक दवा के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और अच्छी तरह से वीर्य की गुणवत्ता में सुधार लाता है। अश्वगंधा का सेवन करने से प्रजनन में इजाफा होता है। इससे स्पर्म काउंट बढ़ता है और वीर्य भी अच्छी मात्रा में बनता है। अश्वगंधा, शरीर को जोश देता है जिससे पूरे शरीर में आलस्य नहीं रहता है और सेक्स करते समय थकान भी नहीं आती है। यह पूरे शरीर में तनाव भी कम कर देता है। अश्वगंधा के सेवन से सेक्स पावर बढ़ती है वीर्य की गुणवत्ता बढ़ती है और वीर्य ज्यादा मात्र में बनता है साथ ही आप अगर संभोग के दौरान जल्दी थक जाते है तो अश्वगंधा एक प्रभावशाली औषधि है। 
    अश्वगंधा और दूध के फायदे - Ashwagandha Benefits with Milk
    • बांझपन की समस्या में दूध के साथ अश्वगंधा का सेवन करें। दो ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को दिन में दो बार लें। इसी गर्म दूध और थोड़ी से मिश्री के साथ लें।
    • अश्वगंधा और दूध अस्थिसंधिशोथ में फायदे मंद है। इसके लिए दो ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, एक ग्राम मुलेठी को गर्म दूध के साथ लें।
    • अश्वगंधा और दूध साथ लेने से शरीर ह्रष्‍ट पुष्ट बनता है। यदि आप कमजोर हैं, तो आपको इसका नियमित सेवन करना चाहिए। इसके लिए दो ग्राम अश्वगंधा के चूर्ण को 125 ग्राम त्रिकाटू पाउडर के साथ लें। त्रिकाटू में सुखी असर्क, काली मिर्च और लम्बी मिर्च होती है, जो काफी फायदेमंद होती है। इन्हें दिन में दो बार दूध के साथ लें।
    • उक्त रक्तचाप को सामान्य करने के लिए दो ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को 125 ग्राम मोटी पिसती के साथ दिन में दो बार लें। इनका सेवन दूध के साथ करें।
    • ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या काफी गंभीर होती है। इसके लिए दो ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को एक ग्राम अर्जुन छाल पाउडर के साथ दिन में दो बार लें। इनका सेवन दूध के साथ करें।
    • बच्चों में पोषकता की कमी होने पर उन्हें यह दें। इसके लिए आप अश्वगंधा की चाय बनाएं। अश्वगंधा की चाय बनाने के लिए आधा गिलास पानी लें और आधा गिलास दूध एक बर्तन में लें। इसमें एक ग्राम अश्वगंधा चूर्ण डालें और इसे उबाल लें। इसमें चीनी मिला लें और इसका सेवन करें।
    • सामान्य जीवन में भी कर सकते हैं अश्वगंधा और दूध का सेवन किया जा सकता है। यदि आपको कोई बीमारी या समस्या नहीं है, तब भी आप अश्वगंधा को दूध के साथ ले सकते हैं। 
     अश्वगंधा के फायदे | Benefits of Withania Somnifera
    अश्वगंधा चूर्ण के फायदे और घरेलू उपाय  - Ashwagandha Powder Benefits
    • अगर आप पित्त की समस्‍या से ग्रसित व्यक्ति हैं और आपके बाल असमय सफेद होने के साथ ही झड़ने भी लगे हैं, तो आपको अश्वगंधा का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे आपकी समस्या का जरूर समाधान हो जाएगा।
    • अगर आपको नींद न आने की समस्या है और आपकी रात सिर्फ करवटें बदलने में ही निकल जाती है, तो अश्वगंधा आपके लिए एक प्रभावशाली दवा की तरह काम करता है और आप चैन की नींद सो पाते हैं। अर्थात यह अनिद्रा की शिकायत को दूर करता है।
    • अश्वगंधा एक चमत्कारी हर्ब है। इसे आयुर्वेद में अहम स्थान प्राप्त है। अल्ज़ाइमर का इलाज करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
    • अश्वगंधा एक प्रकार का पौधा है जिससे पाउडर और कैप्सूल के रूप में कई तरह की आयुर्वेदिक दवाइयां बनाई जाती है, इसके साथ-साथ कई घरेलू नुस्खे में इस औषधि का प्रयोग किया जाता है।
    • अश्वगंधा का सेवन करने से कुछ लोगों का शारीरिक तापमान बढ़ जाता है नतीजा, बुखार तक पहुंच सकता है। यदि आपको अश्वगंधा के रोजाना सेवन से प्रतिदिन शरीर के तापमान में बढ़ोत्तरी दिखाई देती है तो आपको तुरंत इसका सेवन करना बंद कर देना चाहिए अन्यथा आपको इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं और बुखार की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
    • अश्वगंधा की पत्ति‍यों का सेवन करने वाले लोगों को पेट संबंधी समस्याएं होने की आशंका भी बनी रहती हैं। दरअसल अश्वगंधा की पत्तियों का सेवन करने से गैस बनने लगती है। अधिक मात्रा में अश्वगंधा के सेवन से दस्त और उल्टियां भी हो जाती हैं। इतना ही नहीं जिन लोगों को अल्सर की समस्या होती है उन्हें खाली पेट या फिर केवल अश्वगंधा का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है।
    • अश्वगंधा कैप्सूल और पाउडर के फायदे, कुछ और रोग भी है जिनके उपाय में अश्वगंधा का उपयोग किया जा सकता है जैसे की वेट लॉस, बॉडी बनाना, गठिया, कफ, अस्थमा, खांसी, स्किन के लिए, बालों के लिए, लीवर के रोग और बॉडी इम्यूनिटी बढ़ाना।
    • अश्वगंधा खाने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड की मात्रा कम हो जाती है जिससे हृदय की बीमारी होने की सम्‍मभावना कम हो जाती है।
    • अश्वगंधा खाने से गठिया का दर्द दूर हो जाता है। अश्वगंधा में पेट को साफ करने का गुण होता है जिससे पाचन क्रिया स्वत: दुरुस्त हो जाती है।
    • अश्वगंधा निचले अंगों की मांसपेशियों की शक्ति में सुधार लाने और कमज़ोरी दूर करने में उपयोगी पाया गया है। यह मस्तिष्क और माँसपेशियों के बीच समन्वय पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। अध्ययन से पता चला है कि अश्वगंधा से शरीर की संरचना और ताकत बढ़ती है। पुरुषों में अश्वगंधा खाने से मांसपेशियां तंदुरुस्त होती हैं, शरीर के चर्बी घटती है और ज़ोर बढ़ता है।
    • अश्वगंधा मेल हार्मोन लेवल और रिप्रोडक्टिव हेल्थ को इंप्रूव करता है। ये पुरुषों की फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करता है। इसके सेवन से स्पर्म काउंट बढ़ता है। टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन को बढ़ाने में मदद करता है। यह सेक्स के दौरान होने वाली थकान को कम करता है और एनर्जी देता है। अश्‍वगंधा से कई शक्तिवर्धक दवाएं बनाई जाती हैं, जो सेक्स से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिलाती हैं।
    • अश्वगंधा लंबे समय से आयुर्वेदिक चिकित्सा में मधुमेह के उपचार के लिए इस्तेमाल किया गया है। मधुमेह के उपचार में अश्वगंधा के उपयोग पर अनुसंधान ने सकारात्मक परिणाम का संकेत दिया है। प्रयोगों ने दर्शाया कि जब अश्वगंधा का सेवन चार सप्ताह की अवधि के लिए किया गया, तब उपवास और दोपहर के खाने के बाद रक्त शर्करा के स्तर में काफी कमी आई। बहुत सारे मामलों में देखा गया है कि अश्वगंधा खाने से ब्लड शुगर स्तर कम होता है। एक टेस्ट ट्यूब स्टडी में देखा गया था की अश्वगंधा खाने से इन्सुलिन की मात्रा शरीर में बढ़ती है और मांसपेशियों में इन्सुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है। मनुष्यों पर अध्ययन करने से पता चला है कि अश्वगंधा खाने से स्वस्थ और मधुमेह रोगियों में ब्लड शुगर स्तर कम हो जाता है।
    • अश्वगंधा संधि वात की समस्याओं के लिए प्रभावी पाया गया है। यह जड़ी बूटी सूजन और दर्द को कम करने के लिए जानी जाती है। अश्वगंधा, अपने सूजन कम करने के गुण, एंटीऑक्सीडेंट और तनाव कम करने के गुणों के साथ, हृदय स्वास्थ्य की समस्याओं के लिए अच्छा है। यह हृदय की मांसपेशियों को मज़बूत बनता है।
    • आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अश्वगंधा, आंवला और मुलेठी को बराबर मात्रा में मिला कर इस पाउडर का 1 चम्मच रोजाना ले।
    • आयुर्वेदिक चिकित्सा ग्रंथों के अनुसार, अश्वगंधा मानव में बैक्टीरिया के संक्रमण को नियंत्रित करने में प्रभावी है। भारत में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी के केंद्र में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि अश्वगंधा में जीवाणुरोधी गुण हैं और मौखिक रूप से इसके सेवन किए जाने पर यह मूत्रजनन, जठरांत्र और श्वसन तंत्र के संक्रमण में बहुत प्रभावी है। इसकी जड़ों को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है।
    • इसके अलावा मधुमेह रोगियों, पाचन संबंधी बीमारियों से परेशान व्यक्ति, अल्सर पीडि़त व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को इसीलिए भी मना किया जाता है ताकि उनके होने वाले बच्चे को कोई नुकसान ना हो। बहरहाल, आपको अश्वगंधा के सेवन और इस्तेमाल से पहले अपने चिकित्सक से सलाह-मशविरा जरूर करना चाहिए।
    • उसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स एजिंग प्रोसेस को स्लो करता है। त्वचा को फ्री रैडिकल्स से बचाता है। अश्‍वगंधा को टोनर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। स्काल्प सर्कुलेशन को इंप्रूव करता है और बालों को मज़बूत बनाता है। डैंड्रफ से छुटकारा दिलाता है।बालों के रंग के लिए ज़िम्मेदार मेलिनन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है और स़फेद बालों को फिर से काला कर देता है।
    • एंटीइंफ्लामेट्री गुणों की वजह से ये कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड लेवल को कम करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है।
    • एंटीबैक्टेरियल गुणों के कारण अश्‍वगंधा कई बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी बचाता है।
    • एक अध्ययन में कैंसर को खत्म करने के लिए ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में, विकिरण चिकित्सा और रसायन चिकित्सा के साथ अश्वगंधा को एक उभरता हुआ सहयोगी विकल्प है। यह ट्यूमर सेल को खत्म करने की गतिविधि के साथ बिना हस्तक्षेप किए कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए जाना जाता है।
    • ऐसा कई लोगों का अनुभव है कि अश्वगंधा का सेवन करने के बाद उन्हें हर समय नींद आती रहती है। हालांकि विशेषज्ञों का इस बाबत कहना है कि जो लोग लगातार अश्वगंधा का लंबे समय तक सेवन करते हैं उनको फिर इसका सेवन करने के बाद नींद नहीं आती। शुरूआत में अश्वगंधा का सेवन थोड़ा सा कष्ट देने वाला होता है। ऐसे में आपको चाहिए कि आप इसकी खुराक शुरूआत के कुछ दिनों में रात को सोने से पहले लें। या फिर ऐसे समय में लें जब आप दिन में कुछ देर सो सके।
    • जिन लोगों को सेक्स के दौरान थकान होने लगती है, उन्हें अश्वगंधा के सेवन से काफी लाभ मिलता है। अश्वगंधा में जवानी को बरकरार रखने की काफी शक्ति होती है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
    • पुरुषों के लिए भी अश्वगंधा चूर्ण से होने वाले फायदे अनेक है। इसके सेवन से men की प्रजनन क्षमता बढ़ती है, शुक्राणुओं की संख्या बढ़ती है, शारीरिक थकान, कमजोरी दूर होती है, शरीर में जोश आता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जो लोग अनिद्रा के रोग से परेशान है और गहरी नींद नहीं ले पाते उनके लिए अश्वगंधा एक अचूक दवा है।
    • बालों की जड़ों व स्कैल्प संबंधी समस्याओं में भी यह काफी फायदेमंद है। जड़ों को मजबूती देने के साथ ही यह अन्य समस्याओं जैसे डैंड्रफ आदि से भी बचाता है।
    • भारत में अश्वगंधा पारंपरिक रूप से आयुर्वेद में शारीरिक और मानसिक दोनों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए इस्तेमाल किया गया है। भारत में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान संस्थान में, मानसिक स्वास्थ्य पर अश्वगंधा के प्रभाव को, विशेष रूप से अवसाद में, अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन ने चिंता और अवसाद के संबंध में अश्वगंधा के लाभों का वर्णन किया है। 
    • यदि आप किसी गंभीर बीमारी से निजात पाने के लिए अश्वगंधा का सेवन कर रहे हैं तो क्या आप जानते हैं, कि आप पर अन्य दवाएं बेअसर हो सकती हैं। ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से अन्य दवाओं के बारे में अच्छी तरह से बातचीत करके ही दवाओं का सेवन करना चाहिए।
    • यदि आप सूजन कम करने, गठिया के रोग को दूर करने, आर्थराइटिस इत्यादि रोगों से लड़ने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग कर रहे हैं तो आपको ऐसी स्थिति में अश्वगंधा का सेवन बंद कर देना चाहिए। दरअसल अश्वगंधा के नियमित सेवन से आपकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक बढ़ जाती है जिससे शरीर के विपरीत काम करना शुरू कर देती है।
    • यह घाव भरने और उसके इलाज के लिए बहुत उपयोगी है। अश्वगंधा की जड़ों को पीस कर पानी के साथ एक चिकना पेस्ट बना लें। राहत के लिए घावों पर इस पेस्ट को लगाएं।
    • यह जड़ी बूटी शरीर में रक्तचाप को बिलकुल सही रखती है। इसे खाने से तनाव भी कम होता है। इस औषधि में डायबटीज को कम करने और कोलेस्ट्रॉल को घटाने की क्षमता होती है।
    • यह बड़ी उम्र के हिसाब से भी बालों में पोषण का एक बेहतरीन जरिया है जो जड़ों तक पोषण देकर बालों को सफेद होने से बचाता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखता है।
    • वजन बढ़ाना है तो इसमें भी अश्वगंधा का सेवन काफी फायदेमंद होता है। अश्वगंधा और शतावरी को मिलाकर इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिलाये और रात को सोने से पहले या कसरत के बाद इसका 1 चम्मच पाउडर खाये और ऊपर से गरम दूध पिए। 1 महीना ये उपाय करने पर वजन बढ़ने लगेगा।
    • सफेद पानी (लिकोरिया) की वजह से महिलाओं के शरीर में कमजोरी आने लगती है और साथ ही प्रजनन क्षमता पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। अश्वगंधा के सेवन से महिलाओं को इस रोग से काफी राहत मिलती है। ब्रेस्ट का साइज़ बढ़ाने के लिए अश्वगंधा शतावरी के साथ ले।
    • सूजन और दर्द को कम करने लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।
    • हाइपोथायरायडिज़्म के मामलों में, अश्वगंधा का इस्तेमाल थाइरोइड ग्रंथि को उत्तेजित करने के लिए किया जा सकता है। थायरॉयड ग्रंथि पर अश्वगंधा के प्रभाव पर एक अध्ययन से पता चला है कि इसकी जड़ों का एक्सट्रैक्ट, अगर प्रतिदिन लिया जाए, तो थायराइड हार्मोन के स्राव में वृद्धि होगी।
     अश्वगंधा के नुकसान – Ashwagandha Side Effects
    • अगर किसी व्यक्ति को अश्वगंधा खाने से बुखार हो जाता हो तो उन्हें अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए।
    • अगर कोई और बीमारी हो और उसके साथ अश्वगंधा का सेवन कर रहे हो तो यह दूसरे दवाओं के असर को प्रभावित कर सकती है।
    • अगर कोई महिला अपने बच्चे को स्तन पान करा रही हो तो उन्हें भी अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए।
    • अश्वगंधा का उपयोग करते समय डॉक्टर सावधानी रखने की सलाह देते हैं क्योंकि अश्वगंधा सामान्य रूप से ली जा रही दवाइयों के साथ हस्तक्षेप कर सकता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो मधुमेह, हाई बीपी, चिंता, अवसाद और अनिद्रा जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं।
    • अश्वगंधा का सेवन अधिक करने से शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते है, जैसे शरीर का तापमान बढ़ना और बुखार आना। आप को अगर कोई समस्या हो तो इस का सेवन बंद करे और परेशानी ज्यादा होने लगे तो डॉक्टर से मिले।
    • अश्‍वगंधा की टैबलेट या पाउडर बिना डॉक्टरी सलाह के न लें।
    • अश्वगंधा के ज्यादा सेवन से हमें ज्यादा नींद आती है।
    • अश्वगंधा के नुस्खे पेट के लिए काफी फायदेमंद है पर इसका सेवन अधिक करने पर ये फायदा करने की बजाय नुकसान कर सकती है, जैसे की दस्त लगना, पेट में गैस बनना और उलटी आना।
    • अश्वगंधा तो हमारे शरीर के लिए अच्छा ही होता है पर हर चीज़ को इस्तेमाल करने से पहले उसके बारे में सब कुछ जान लेना चाहिए की उसके कोई नुकसान तो नहीं है न।
    • ऑटोइम्यून डिसीज़ से पीड़ित लोगों को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
    • गर्भवती महिला को अश्वगंधा का उपयोग नहीं करना चाहिए।
    • गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधा का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसमें गर्भ गिराने वाले गुण हैं।
    • जिन लोगों को अल्सर की समस्या हो उन्हें खाली पेट में या केवल अश्वगंधा का सेवन नहीं खाना चाहिए।
    • जो लोग थायरॉइड की दवाइयां खा रहे हैं, उन्हें भी अश्‍वगंधा नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे थायरॉइड हार्मोन लेवल बढ़ सकता है। साथ ही इसके सेवन से ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसके सेवन से पहले डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि दवाओं का डोज़ बदलना पड़ेगा।
    • ज़्यादा अश्वगंधा खाने से उलटी आना, पेट ख़राब होना या डायरिया जैसी समस्या हो सकती है। कुछ लोगों को अश्वगंधा से एलर्जी भी हो सकती है। 
    • डॉक्टर के बताए अनुसार ही डोज़ लें। इसके ज़्यादा सेवन से डायरिया, उल्टी या पेट ख़राब हो सकता है।
    • नींद नहीं आने की समस्या को दूर करने में ये काफ़ी उपयोगी है पर इस दवाई का सेवन अधिक करने पर जादा नींद आना या फिर नींद ना आना जैसी समस्याएं होने लगती है जिसका दुष्प्रभाव सेहत पर पड़ता है।
    • प्रेग्नेंट महिलाएं या वो महिलाएं जो स्तनपान कराती हैं, वो अश्‍वगंधा का सेवन न करें।
    • बड़ी मात्रा में अश्वगंधा की खपत से बचें क्योंकि ऐसा करने पर दस्त, पेट की ख़राबी और मतली जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
    • लम्बे समय तक इस के सेवन से दूसरी मेडिसिन शरीर पर जल्दी असर नहीं कर पाती, ऐसे में किसी दूसरी बीमारी के इलाज में ली जाने वाली दवा से जल्दी लाभ नहीं मिलता।
    • शुगर (मधुमेह), ब्लड प्रेशर व गठिया जैसे रोग के उपचार के लिए अगर अश्वगंधा पाउडर का सेवन करते है तो ध्यान रहे आप इस का सेवन अधिक मात्रा में ना करे।
    अश्वगंधा (Ashwagandha)
    अश्वगंधा को सेवन कैसे करे How to take Ashwagandha
    • अगर किसी बीमारी के उपचार के लिए आप कोई देसी दवा या मेडिसिन ले रहे है तो अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से मिलकर सलाह जरूर ले।
    • अश्वगंधा को आप 2 से 5 ग्राम तक रोजाना खा सकते हैं। इसके लिए आप 100 ग्राम अश्वगंधा को 100 ग्राम मिश्री में मिला कर रख लीजिये, इसक एक चम्मच रात को सोते समय दूध के साथ सेवन करें।
    • अश्वगंधा को कैसे खाये ये इस बात पर निर्भर करता है की किस रोग के इलाज के लिए आप इसका सेवन करना चाहते है व आप की उम्र क्या है। बड़ों के मुकाबले बच्चों के लिए इसकी मात्रा कम होती है।
    • अश्वगंधा चूर्ण और कैप्सूल दोनों रूप में आता है जो आप बाबा रामदेव पतंजलि के स्टोर पर सर्वसुलभ है अथवा मेडिकल स्‍टोर या पंसारी की दुकान से ले सकते है।
    • अश्वगंधा प्रकृति का दिया हुआ अमूल्य वरदान है जिसे कई तरह के रोगों के लिए आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल करते है पर इसका सेवन करने का तरीका हमें मालूम होना चाहिए। बाज़ार में अश्वगंधा के जड़ पाउडर में या तो सूखे रूप में या ताज़ा जड़ के रूप में उपलब्ध होते है आजकल तो पतंजलि के भी अश्वगंधा कैप्सुल या पाउडर बाज़ार में उपलब्ध होते है।
    • आज कल के समय में, लोग अश्वगंधा के कैप्सूल लेना ज़्यादा पसंद करते हैं क्योंकि इनका सेवन करना आसान होता है। इनकी क़्वालिटी भी अच्छी होती है और ये ज़्यादा मात्रा में मिल जाते हैं। अश्वगंधा के रोज़ 1-2 कैप्सूल, 2 बार लेने चाहिए। 
    • आप 10 मिनट के लिए पानी में अश्वगंधा पाउडर को उबालकर अश्वगंधा की चाय बना सकते है पर एक कप पानी में एक चम्मच से अधिक न दे। आप सोने से पहले अश्वगंधा जड़ के पाउडर को गरम दूध के एक गिलास के साथ भी ले सकते है। अश्वगंधा शरीर में आयरन को बढ़ा देता है,हर दिन तीन बार 1-1 मिली ग्राम सेवन करने से शरीर में खून की मात्रा बढ़ सकती है। इससे हमारे शरीर का पाचनशक्ति अच्छा होता है।
    • किसी रोग के इलाज के लिए अगर आप इसका उपयोग करना चाहते है तो अश्वगंधा को खाने का तरीका उस रोग से जुड़े लेख में जाने।
    • गैस, अल्सर व प्रेगनेंसी के दौरान अश्वगंधा कैप्सूल और पाउडर का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
    • यदि अश्वगंधा 3 से 6 ग्राम की मात्रा में चूर्ण एक माह तक दूध, घी, तेल या ताज़ा पानी के साथ बच्चों को सेवन करा दिया जाए तो जिस प्रकार वर्षा के पश्चात वनस्पतियों की पुष्टि होती है उसी प्रकार से बच्चों का शरीर पुष्ट हो जाता है। अगर वृद्ध भी शरद् ऋतु में इसका सेवन एक महीने तक कर लें तो वो भी पुनः जवानी का अनुभव करते हैं।
    • लगभग 40 से 45 दिनों तक 1 चम्मच अश्वगंधा के चूर्ण को 1 गिलास दूध में मिला कर के उसमें थोड़ा सा गुड़ या चीनी भी मिला कर पीने से इंसान का कद बढ़ता है।
    • वैसे तो आयुर्वेदिक दवा से नुकसान ना के बराबर होते है पर जब इन को सही तरीके से ना ले या अधिक मात्रा में इसका उपयोग करें तो ये नुकसान भी कर सकते है। इसलिए इनके सेवन से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से मिले और इसे लेने का सही तरीका और सही मात्रा के बारे में विस्तार से जाने।


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    माइग्रेन अथवा आधासीसी के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार



     Migraine
    इस भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में ज्यादातर लोगों को सिर में दर्द की शिकायत रहती है। यह परेशानी बार-बार होने पर माइग्रेन का रूप ले लेती है। इस रोग को आधा सीसी का दर्द भी कहते है जिसमें सिर के आधा हिस्से में दर्द होता है। माइग्रेन का दर्द नार्मल सिर दर्द नहीं होता ये सिर के किसी भी भाग में हो सकता है और जब तेज दर्द होने की साथ उलटी भी आये तो परेशानी और बढ़ जाती है। माइग्रेन के कारण सिर के एक हिस्से में असहनीय तेज दर्द होने लगता है। कई बार तो यह दर्द मिनटों में ठीक हो जाता है तो कई बार यह दर्द घंटों तक बना रहता है। जैसे ही आप सामान्य स्थिति से एकदम तनाव भरे माहौल में पहुंचते हैं तो आपका सिरदर्द और ब्लडप्रैशर हाई हो जाता है। ऐसा होने पर आप समझ जाएं कि आप माइग्रेन का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में अपनी मर्जी से कोई भी दर्द निवारक लेने के बजाएं डॉक्टरी जांच करवाना जरूरी है। जो भी डॉक्टर सलाह दे उस पर अमल करना भी जरूरी है।
    Migraines: Symptoms, treatments, and causes
    डॉक्टरी सलाह के साथ साथ कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर भी माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता हैं। इससे पहले हमने माइग्रेन सिर दर्द दूर करने के लिए रामबाण घरेलू नुस्खे और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जाना है। इस रोग के इलाज में बाबा रामदेव की पतंजलि मेडिसिन, होम्योपैथिक इलाज, योग और प्राणायाम से भी काफी राहत मिलती है। इसके साथ-साथ इस बात की भी जानकारी होना जरूरी है कि माइग्रेन में क्या खाएं और क्या नहीं खाना चाहिए।

    माइग्रेन का अर्थ हिंदी में (Migraine Meaning in Hindi)
    माइग्रेन एक गंभीर दर्दनाक सिरदर्द के रूप में जाना किया जाता है, जो अक्सर अंधा धब्बे, मतली, उल्टी, प्रकाश की चमक, और हथियारों और पैरों में भी झुनझुनी होती है। दर्द जो इन गंभीर सिरदर्द के परिणाम के रूप में आता है कई दिनों तक चल सकता है।

    माइग्रेन आधा सिर दर्द के कारण – Migraine Ke Karan (Causes of Migraine in Hindi)
    • दर्द निवारक दवाइयों का अधिक सेवन
    • अचानक मौसम में बदलाव आना भी रोग का एक कारण है।
    • ज्यादा टेंशन लेना माइग्रेन होने का बड़ा कारण है।
    • दर्द दूर करने की दवाओं का सेवन अधिक करना।
    • दिन भर भाग दौड़ करना और पूरी नींद ना मिलना।
    • मासिक धर्म में कुछ महिलाओं को माइग्रेन की शिकायत होती है।
    • हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित रोगी को आधे सिर में दर्द की समस्या ज्यादा होती है।
    माइग्रेन दर्द के लक्षण – Migraine Ke Lakshan
    • आंखें दर्द करना और धुंधला दिखना
    • आधे या फिर पूरे सिर में तेज दर्द करना
    • कमजोरी महसूस होना और भूख कम लगना
    • जी मचलना, उल्टी आना और किसी भी काम में मन ना लगना
    • तेज रोशनी और ज्यादा आवाज में घबराहट होना
    • पसीना अधिक आना
    • आंखों में दर्द या धुंधला दिखाई देना
    • पूरे या आधे सिर में तेज दर्द
    • किसी काम में मन न लगना 
    • आधा सिर दर्द करने के साथ अगर इनमें से कोई और लक्षण भी दिखे तो चिकित्सक से मिलें।
     5 Ways to Treat a Migraine
    माइग्रेन सिर दर्द के घरेलू उपाय नुस्खे और योग Migraine Ke Gharelu Upay Aur Yoga in Hindi 
    • आधासीसी के दर्द से जल्दी छुटकारा पाने के लिए सिर के जिस भाग में दर्द हो वहां गुनगुने तेल से मालिश करें और साथ ही गर्दन, कंधे, हाथों और पैरो की भी अच्छे से मालिश करें।
    • टेंशन ज्यादा लेना इस रोग का एक बड़ा कारण है, माइग्रेन से बचने के लिए ज्यादा तनाव से भी बचे।
    • तेज धूप में ना जाए और तेज खुशबू वाला कोई भी सेंट लगाने से बचे।
    • थोड़ा कपूर को गाय के घी में मिला कर सिर की हल्की मालिश करे, आधा शीशी दर्द में ये अचूक उपाय है।
    • पानी से माइग्रेन के उपचार में मदद मिलती है, माइग्रेन के रोगी को पानी अधिक पीना चाहिए। इस रोग को ठीक करने में पानी रामबाण काम कर सकता है।
    • माइग्रेन का दर्द होने पर रोगी को लेटा कर सिर बेड से नीचे की और झुका दे। अब सिर में जिस तरफ दर्द हो रहा है उस तरफ की नाक में कुछ बूंदें सरसों के तेल की डालें और रोगी को सांस ऊपर खींचने को कहे। इस घरेलू नुस्खे से कुछ ही देर में सिर का दर्द कम होने लगेगा।
    माइग्रेन आधे सिर दर्द की दवा – Migraine Sir Dard Ki Dawa in Hindi माइग्रेन के घरेलू उपाय 
    • कोई भी अंग्रेजी, आयुर्वेदिक या होम्योपैथी दवा लेने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर मिले और मेडिसिन लेने का सही तरीका अच्छे से जाने।
    • 1 चम्मच अदरक का रस और शहद को मिक्स करके पीएं। इसके अलावा माइग्रेन के दर्द को दूर करने के लिए आप अदरक का टुकड़ा भी मुंह में रख सकते हैं। अदरक का किसी भी रूप में सेवन माइग्रेन में राहत दिलाता है।
    • अगर सिर में ज्यादा दर्द हो रहा है तो तुरंत लौंग पाउडर और नमक मिलाकर दूध के साथ मिलाकर पिएं। ऐसा करने से सिर का दर्द झट से गायब हो जाएगा।
    • खाने पीने की बुरी आदतों से परहेज करें और हर रोज सही समय पर ही भोजन करना चाहिए।
    • खीरे की स्लाइस को सिर पर रगड़े या फिर इसे सूंघे। इससे आपको माइग्रेन के दर्द से आराम मिलेगा।
    • नींबू के छिलके को धूप में सुखाकर पेस्ट बना लें, इस पेस्ट को माथे पर लगाने से आपको माइग्रेन के दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।
    • पतंजलि से भी माइग्रेन की आयुर्वेदिक मेडिसिन ले सकते है – दिव्य धारा तेल, गोदंती भस्म, पतंजलि दिव्य प्रवाल पिष्टी।
    • प्रतिदिन 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए और हो सके तो सोने से पहले रात को एक तांबे के जग में पानी भर कर रखे व सुबह इसी जग से पानी पिए।
    • बिना फैट वाला दूध माइग्रेन में राहत पाने में उपयोगी है, इसमें विटामिन बी होता है जो बॉडी में सेल्स को एनर्जी देता है।
    • माइग्रेन का होम्योपैथिक इलाज की दवा, Spigelia, Belladonna, Sepia, Canadensis, Sanguinaria.
    • माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए पालक और गाजर का जूस पीएं। इससे दर्द मिनटों में गायब हो जाएगा।
    • माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए रोजाना शुद्ध देसी घी की 2-2 बूंदें नाक में डालें। इससे आपको इसके दर्द से राहत मिलेगी। 
    माइग्रेन में क्या खाना चाहिए
    • माइग्रेन में दही चावल और मिश्री का सेवन अपने भोजन में करे।
    • रोज सुबह खाली पेट सेब का सेवन करें, माइग्रेन से छुटकारा पाने के लिए यह काफी असरदार तरीका है।
    • शहद के साथ तुलसी के पत्तों का रस मिलाकर इसका सेवन करें। खाली पेट सुबह इस देसी दवा के सेवन से कुछ ही दिनों में माइग्रेन के दर्द से राहत मिलती है।
    • सब्जी में हरी पत्तेदार सब्जी, गाजर, शकरकंद और पालक अपने आहार में शामिल करे।
    • नारंगी, पीली और हरी सब्जियां, शकरकंद, गाजर और पालक
    • राइस खासकर ब्राउन राइस
    • सूखे या पके हुए फल खासकर नॉन सिट्रस फल जैसे चेरी और क्रैनबेरी
    • प्राकृतिक तरीके के फ्लेवर या स्वीटनर्स
    माइग्रेन में परहेज - ये आहार खाने से बचें
    • एमएसजी (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) एक प्रकार का फ्लेवर स्वाद बढ़ाने वाला होता है जिसे कई तरह के आहार में मिलाया जाता है। एमएसजी यानी मोनोसोडियम ग्लूटामेट खाने को स्वादिष्ट और टेस्टी बनाता है, लेकिन इसकी वजह से कई बार माइग्रेन अटैक पड़ सकता है। सभी प्रकार के प्रोसेस्ड फूड, डिब्बे वाले खाद्य पदार्थों, सूप, सलाद, स्नैक्स, आइसक्रीम, च्विंग गम, रेडी-टू-इट उत्पाद, आदि सब में एमएसजी पाया जाता है।
    • केला, खट्टे फल, लाल आलूबुखारा और एवोकाडो भी माइग्रेन के दर्द को बढ़ाते हैं, इसलिए इनके सेवन से माइग्रेन में परहेज करना चाहिए ।
    • कैफीन को लोग अक्सर कॉफी के रूप में पीते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो कैफीन की ज्यादा मात्रा हानिकारक होती है और इससे बेचैनी, अस्थिरता, सिरदर्द, अनिद्रा जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। कैफीन को सामान्य, से ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर माइग्रेन की समस्या हो सकती है।
    • पनीर को लेकर बहुत सारी डिश बनाई जाती है, जिसे लोग बड़े ही चाव के साथ खाते हैं। क्या आप भी पनीर का ज्यादा सेवन करते हैं तो संभल जाइए क्योंकि माइग्रेन के दर्द को बढ़ाने में पनीर की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। माइग्रेन होने पर चीज केक, पनीर स्लाइस खाने से बचना चाहिए।
    • पिज्जा, वडा पाव, समोसा, बर्गर, रोल, चौमिन, चिली, फ्रेंच फ्राई और कोल्ड ड्रिंक भी माइग्रेन में हानिकारक है, इसलिए माइग्रेन की समस्या होने पर इसे न खाएं। इसके अलावा शराब का ज्यादा सेवन करने से दिमाग में रक्त का संचार ठीक से नहीं होता है, जिसके कारण मरीज को माइग्रेन में समस्या आती है। इसलिए इसके भी सेवन से बचें।
    • बीन्स सेहत के लिए बहुत ही अच्छे होते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिंस पाया जाता है, जिसके इस्तेमाल से आपके शरीर की पौष्टिक आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से हो जाती है। लेकिन माइग्रेन की समस्या है उन्हें बीन्स खाने से बचना चाहिए। बीन्स के अलावा टोफू, सोया सॉस आदि माइग्रेन के दर्द को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। इसलिए माइग्रेन में इन चीज़ों से परहेज करें ।
    • माइग्रेन के मरीज को ज्यादा अखरोट, मूंगफली, बादाम, काजू, किशमिश आदि खाने से बचना चाहिए। सूखे मेवे में सल्फाइट्स नामक तत्व, पाया जाता है, जो माइग्रेन के दर्द को बढ़ाता है।
    • स्वाद और मजे के लिए हम बहुत सारा मिर्च और अचार खा लेते हैं, लेकिन यह हमारे सेहत के लिए सही नहीं है। किसी भी प्रकार का अचार और मिर्च माइग्रेन के दर्द को बढ़ा सकता है। अचार में नमक के साथ तेल की मात्रा ज्यादा होती है जो सेहत के लिए सही नहीं है। इसलिए माइग्रेन में परहेज के दौरान इन से भी दूरी बनाएं
    • स्वास्थ्यवर्धक तेल के रूप में जैतून का तेल की पहचान है। इसका प्रयोग कई तरह की बीमारियों में लाभदायक होता है। लेकिन माइग्रेन के मरीजों को जैतून के तेल का सेवन करने से बचना चाहिए। जैतून के तेल से माइग्रेन का दर्द बढ़ता है।
    • हॉट डॉग, बेकन और कुछ मीट को संरक्षित करने के लिए सोडियम और नाइट्रेट डाला जाता है। लेकिन इसके सेवन से न केवल माइग्रेन का अटैक आ सकता है बल्कि दिल की बीमारी के होने का भी रिस्क रहता है। साथ ही प्रीर्जेवेटिव, बेनजोइक भी माइग्रेन का कारण बन सकता है। इसलिए कोशिश करें कि आप इनका सेवन न करें।
    • भारी भोजन और मिर्च मसालेदार ना खाएं।
    • अंडे, टमाटर, प्याज, डेयरी प्रोडक्ट, सिट्रस फ्रूट्स, फूड एडिटिव्स, चॉकलेट, पुराना चीज़, अल्कोहल खासकर रेड वाइन, पास्ता और ब्रेड प्रोडक्ट और नट्स आदि न खाए। 
     Migraine Meaning in Hindi
    माइग्रेन से छुटकारा दिलाने वाली योग विधि 
    माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप रोजाना योग और व्यायाम करें। नियमित रूप और सही तरीके से योग करने पर भी आपकी माइग्रेन की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। माइग्रेन के लिए प्राणायाम और योग भी इस रोग से बचने और इलाज में असरदार है। बाबा रामदेव के अनुसार अनुलोम विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, जानुशीर्षासन, अधो मुख श्वानासन, शिशुआसन माइग्रेन का योग है। माइग्रेन के लिए प्राणायाम और योग भी इस रोग से बचने और इलाज में असरदार है।

    माइग्रेन को जड़ से खत्म करेंगे ये आसन - माइग्रेन से पीड़ित लोगों की काफी बड़ी संख्या है। लोग इसके लिए अनेक अनेक प्रकार के चिकित्सकीय उपचार अपनाते हैं। लेकिन योग के कुछ आसन हैं जिनको नियमित रूप से करने से माइग्रेन की समस्या को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है।
    1. शषांकासन - शषांकासन करने के लिए सबसे पहले बैठकर दोनों एड़ीं पंजे आपस में मिला लें। इसके बाद हथेलियों को दाईं ओर रखें और पंजों को तान लें। घुटनों को टांगो से मोड़ते हुए वज्रासन की स्थिति में आ जाएं। अब दोनों घुटनों को दोनों ओर फैला दें तथा दोनों हथेलियों को दोनों घुटनों के मध्य जमीन पर टिका दें। सांस बाहर करते हुए कमर के निचले हिस्से से धीरे-धीरे झुकते जाएं ऐसा करते हुए हथेलियों को आगे खिसकाते रहें। अपनी ठोड़ी को धरती से लगा लें। फिर उल्टी क्रिया करते हुए धीरे-धीरे पूर्वावस्था आ जाएं।
    2. मत्स्यासन - मत्स्यासन के लिए सबसे पहले एड़ी और पंजों को आपस में जोड़कर लेट जाएं। इसके बाद दोनों पैरों को मोड़ते हुए पद्मासन लगाएं। अब दोनों हथेलियों को कंधे के नीचे रखें तथा वक्ष को ऊपर उठाएं। इसके बाद हाथों से पांवों के अंगूठे को पकड़ें। फिर हाथों को कंधों के नीचे लाते हुए उसकी सहायता से सर को जमीन पर टिका दें। अब हाथों को नितम्बों के नीचे ले जाएं और कोहनी का सपोर्ट लेते हुए सिर को ऊपर उठाएं। दाईं ओर गर्दन को घुमाएं और ठोड़ी को दाएं कंधों तक लाएं। यही क्रिया बाईं ओर से भी करें। अब गर्दन को क्लॉक वाइज वृत्ताकार घुमाएं। यही क्रिया फिर एंटी क्लॉक वाइज भी घुमाएं। जब गर्दन पीछे जाए तो सांस भरें जब आगे आएं तो निकालें। फिर धीरे-धीरे शवासन में लौट आएं।
    3. विपरीत करणी मुद्रा आसन - विपरीत करणी मुद्रा आसन करने के लिये सबसे पहले लेटकर एड़ी और पंजों को आपस में मिला लें। दोनों हथेलियों को धरती की ओर रखें। पंजों को टाइट कर दोनों पांवों को धीरे से ऊपर उठाना शुरू कर दें। दोनों हथेलियों को नितंबों पर लगाकर उन्हें भी ऊपर की ओर उठाएं। कंधों से जांघ तक 45 डिग्री का कोण बनाएं। पंजों को तान दें और सांस को सामान्य कर लें। फिर धीरे से पूर्वावस्था में लौट आएं और पंजों को धीरे से जमीन पर टिका दें।
    4. हलासन - इस आसन को करने के लिए सबसे पहले लेट कर दोनों एड़ी पंजों को आपस में मिला लें। अब दोनों टांगों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और सांस बाहर निकालते हुए सिर की तरफ लेकर आएं। अब पंजों को जमीन से टिका दें। अंत में धीरे-धीरे पूर्व अवस्था में लौट आएं।


    सामान्य प्रश्नोत्तरी

    1. माइग्रेन का पता कैसे चलता है?
      'ऑरा' दृष्टि संबंधी परेशानी यानी विजुअल डिस्टर्बेंस हैं, जिसमें मरीज को रुक-रुक कर चमकीली रोशनी, टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखाई देती हैं, आंखों के सामने काले धब्बे दिखाई देते हैं, स्किन में चुभन होती है और कमजोरी महसूस होती है।
    2. माइग्रेन होने के क्या कारण है?
      ज्यादा शोर, बार-बार बढ़ने-घटने वाली तेज रोशनी व धूप में आंखें चौंधियाना, बहुत तेज गंध वगैरह से संवेदनात्मक उत्तेजना बढ़ सकती है और माइग्रेन का दर्द शुरू हो सकता है। - ज्यादा मसालेदार भोजन, शराब का ज्यादा सेवन, धूम्रपान, चॉकलेट जैसे कुछ मीठे पदार्थ, पनीर आदि माइग्रेन के दौरे का कारण बन सकते हैं।
    3. क्या माइग्रेन का इलाज संभव है?
      माइग्रेन के दर्द को अनदेखी नहीं करना चाहिए। इसका इलाज संभव है। किसी न्यूरो विशेषज्ञ से जांच के बाद माइग्रेन किस स्थिति में उसका पता चल जाता है। उसके अनुसार दवा खानी पड़ती है।
    4. माइग्रेन का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?
      सिर के जिस हिस्से में दर्द हो, उस तरफ वाली नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डालें, फिर जोर से सांस ऊपर की ओर खीचें। इससे सिर दर्द में राहत मिलेगी। दालचीनी पीसकर पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं। माइग्रेन के दर्द से बचने के लिए इसे माथे पर लगाएं।
    5. माइग्रेन में कौन सी दवा लेनी चाहिए?
      इंटरनेट पर कोई एलोपैथिक मेडिसिन खोजने के बजाय डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
    6. माइग्रेन में क्या नहीं खाना चाहिए?
      जंक फूड, फास्ट फूड और डिब्बाबंद भोजन से दूर रहना चाहिए। पनीर, चीज, चॉकलेट, नूडल्स, मैगी आदि में पाए जाने वाले तत्व माइग्रेन के दर्द को बढ़ा सकते हैं इससे परहेज करें। अधिक खुशबू वाली चीजों से दूर रहें। तेज आवाज व तेज रोशनी से दूर रहें और तनाव लेने से बचें। 

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    • क्या माइग्रेन हमेशा के लिए ठीक हो सकता है?
    • माइग्रेन का सबसे अच्छा इलाज क्या है?
    • माइग्रेन की कितनी स्टेज होती है?
    • माइग्रेन कितने उम्र तक रहता है?
    • माइग्रेन लास्ट स्टेज में क्या होता है?
    • माइग्रेन किसकी कमी से होता है?
    • माइग्रेन में क्या परहेज करें?
    • माइग्रेन से क्या खतरा हो सकता है?
    • लोगों को माइग्रेन क्यों होता है?
    • माइग्रेन का दर्द कहां महसूस होता है?
    • माइग्रेन के 3 प्रकार क्या हैं?
    • माइग्रेन का कौन सा टेस्ट होता है?
    • माइग्रेन कितना गंभीर हो सकता है?



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