अगरस्त 2007 में श्री रामचन्द्र मिश्र जी से मिलना हुआ था तो उन्होने मुझे बताया था कि उनके अब तक 70 से 75 डालर हो गये है। फिर उनके ही ब्लाग पर सूचना मिली की उनके 100 डालर अक्टूबर 2007 में पूरे हो गये थे और करीब 111 डालर का पहला चेक उन्हे प्राप्त हुआ था। इस बार होली पर श्री रामचन्द्र भाई साहब से पुन: मिलना हुआ तो जानकारी प्राप्त हुई कि उनके इसी माह पुन: शतक लगाने वालें है (सम्भवत: अब तक लग भी गया हो)
इस बाबत जब मै पहली बार राम चन्द्र भाई साहब से अगरस्त 2007 में पहली बार मिला था, तो उन्हे तो मैने उन्हे पहली बार बताया था कि नवम्बर 2006 से अगस्त 2007 तक 35 डालर जुटे है। उनसे फिर मुलाकात हुई और उन्होने अपनी प्रति बताई और मेरी प्रगति के बारे में पूछा। मैने उन्हे बताया कि मुझे फरवरी 2007 के पहले हफ्ते तक लगभग 86 डालर जुड चुकें है, और उसके बाद कि स्थिति मुझे ज्ञात नही है क्योकि यह एडसेंस एकाउन्ट में खाते से संचालित नही होता है यह मेरे बड़े भइया के खाते से चलता है, मेरा पहला खाता किन््ही कारणों से बंद हो चुका है :)
रात्रि करीब 10.15 तक मै उनके घर से वापस आया और भइया से एडसेंस खाते के बारे में जानना चाहा। उन्होने कहा कि रात्रि काफी हो गई है कल देख लेना। पर मै कहाँ मानने वाला था और कम्प्युटर चालू कर दिया। भइया का खाता खुलते ही हमें गूगल की तरफ से होली का तौहफा मिल गया मै 86 डालर से सीधे 145 डालर पर पहुँच गया था। निश्चित रूप से होली पर इससे बड़ा उपहार क्या हो सकता था?
महीना खत्म होने के साथ-साथ (अभी 2 दिन बाकी है) 164 के आस पास पहुँच गया हूँ, सम्भव है कि अगले दो दिनों में 170 डालर तक पहुँच सकता है। किन्तु अभी तक यह कागजी खाना पूर्ति है क्योकि रामचन्द्र भाई साहब से पता चला कि 50 डालर के बाद अभी कोई पिन आना है वह अभी तक नही आया है। खैर देस सबेर आ जायेगा। :)
अभी इतना ही शेष फिर......
इस बाबत जब मै पहली बार राम चन्द्र भाई साहब से अगरस्त 2007 में पहली बार मिला था, तो उन्हे तो मैने उन्हे पहली बार बताया था कि नवम्बर 2006 से अगस्त 2007 तक 35 डालर जुटे है। उनसे फिर मुलाकात हुई और उन्होने अपनी प्रति बताई और मेरी प्रगति के बारे में पूछा। मैने उन्हे बताया कि मुझे फरवरी 2007 के पहले हफ्ते तक लगभग 86 डालर जुड चुकें है, और उसके बाद कि स्थिति मुझे ज्ञात नही है क्योकि यह एडसेंस एकाउन्ट में खाते से संचालित नही होता है यह मेरे बड़े भइया के खाते से चलता है, मेरा पहला खाता किन््ही कारणों से बंद हो चुका है :)
रात्रि करीब 10.15 तक मै उनके घर से वापस आया और भइया से एडसेंस खाते के बारे में जानना चाहा। उन्होने कहा कि रात्रि काफी हो गई है कल देख लेना। पर मै कहाँ मानने वाला था और कम्प्युटर चालू कर दिया। भइया का खाता खुलते ही हमें गूगल की तरफ से होली का तौहफा मिल गया मै 86 डालर से सीधे 145 डालर पर पहुँच गया था। निश्चित रूप से होली पर इससे बड़ा उपहार क्या हो सकता था?
महीना खत्म होने के साथ-साथ (अभी 2 दिन बाकी है) 164 के आस पास पहुँच गया हूँ, सम्भव है कि अगले दो दिनों में 170 डालर तक पहुँच सकता है। किन्तु अभी तक यह कागजी खाना पूर्ति है क्योकि रामचन्द्र भाई साहब से पता चला कि 50 डालर के बाद अभी कोई पिन आना है वह अभी तक नही आया है। खैर देस सबेर आ जायेगा। :)
अभी इतना ही शेष फिर......
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