आये दिन देश में मुस्लिमों की दशा को लेकर आरक्षण का खेल खेला जाता है और इस खेल में पिसता है बहुसंख्यक वर्ग का अधिकार। आज ये आंकड़े अपने आप में बहुत कुछ बायन कर रहे है कि देश की वर्तमान स्थिति क्या है? मुस्लिमों की संख्या में वृद्धि का दो कारण है कि उनकी धार्मिक रूढ़िवादिता तथा दूसरी है घुसपैठ अगर इन दोनों विषयों से निपट लिया जाये तो निश्चित रूप से मुस्लिमों को देशा की मुख्य धारा से जुड़ने से कोई रोक नही सकता है। इन आंकड़ों पर गौर करें-
यदि आज कोई सच में मुस्लिमों का हितचिंतक है और उनकी दशा और दिशा की चिंता करता है तो इन आंकड़ों पर गौर करे और उन्हें धार्मिक अंधविश्वास से दूर कर, उनके समुचित जीवन के निर्माण की व्यवस्था की जा सकती है, और घुसपैठ पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिऐ क्योकि घुसपैठी न तो हिन्दू न मुसलमान, घुसपैठियों घुट पेठिया होता है तभी अरब के देशों में भी घुसपैठ मुस्लिमों के साथ अत्यधिक कड़ा रुख रखा जाता है।
1991 से 2001 के बीच बांग्लादेश से सटे असम
सीमावर्ती: जिलों का जनसंख्या वृद्धि प्रतिशत | |||
सीमावर्ती जिले
|
मुस्लिम
|
गैर मुस्लिम
|
कुल
|
धुबरी
|
29.5
| 7.1 |
22.9
|
ग्वालपाड़ा
|
31.7
|
14.4
|
23.0
|
हैलाकांडी
|
27.2
|
13.3
|
20.9
|
करीमगंज
|
29.4
|
14.5
|
21.9
|
कछार
|
24.6
|
16.0
|
18.9
|
अन्य जिले
| |||
बरपेटा
|
25.8
|
10.0
|
18.9
|
नगांव
|
32.1
|
11.3
|
22.2
|
मारीगांव
|
27.2
|
16.3
|
21.2
|
दरांग
|
28.9
|
9.6
|
15.8
|
असम की जनसंख्या में मुसलमानों का बढ़ता प्रतिशत
| ||
सीमावर्ती जिले
|
1991
|
2001
|
धुबरी
|
70.4
|
74.3
|
ग्वालपाड़ा
|
50.2
|
53.6
|
हैलाकांडी
|
54.8
|
57.6
|
करीमगंज
|
49.2
|
52.3
|
कछार
|
34.5
|
36.1
|
अन्य जिले
| ||
बरपेटा
|
56.1
|
59.4
|
नगांव
|
47.2
|
51.0
|
मारीगांव
|
46.0
|
47.6
|
दरांग
|
32.0
|
35.6
|
पश्िचम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में बढ़ती मुस्लिम जनसंख्या (प्रतिशत में)
| ||
सीमावर्ती जिले
|
1991
|
2001
|
दक्षिण 24 परगना
|
29.9
|
33.2
|
उत्तर 24 परगना
|
24.2
|
24.2
|
नादिया
|
24.9
|
25.4
|
मुर्तिशाबाद
|
61.4
|
63.7
|
मालदा
|
47.5
|
49.7
|
कोलकाता
|
17.7
|
20.3
|
दक्षिण दिनाजपुर
|
36.8
|
38.4
|
उत्तर दिनाजपुर
|
36.8
|
38.4
|
जलपाईगुड़ी
|
10.0
|
10.8
|
कूच बिहार
|
23.4
|
24.2
|
कुल
|
23.6
|
25.2
|
यदि आज कोई सच में मुस्लिमों का हितचिंतक है और उनकी दशा और दिशा की चिंता करता है तो इन आंकड़ों पर गौर करे और उन्हें धार्मिक अंधविश्वास से दूर कर, उनके समुचित जीवन के निर्माण की व्यवस्था की जा सकती है, और घुसपैठ पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिऐ क्योकि घुसपैठी न तो हिन्दू न मुसलमान, घुसपैठियों घुट पेठिया होता है तभी अरब के देशों में भी घुसपैठ मुस्लिमों के साथ अत्यधिक कड़ा रुख रखा जाता है।
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