हिन्दु जगे तो विश्व जगेगा मानव का विश्वास जगेगा






हिन्दु जगे तो विश्व जगेगा मानव का विश्वास जगेगा
भेद भावना तमस ह्टेगा समरसता अमर्त बरसेगा
हिन्दु जगेगा विश्व जगेगा
हिन्दु सदा से विश्व बन्धु है जड चेतन अपना माना है
मानव पशु तरु गीरी सरीता में एक ब्रम्ह को पहचाना है
जो चाहे जिस पथ से आये साधक केन्द्र बिंदु पहुचेगा ॥१॥
इसी सत्य को विविध पक्ष से वेदों में हमने गाया था
निकट बिठा कर इसी तत्व को उपनिषदो में समझाया था
मन्दिर मथ गुरुद्वारे जाकर यही ज्ञान सत्संग मिलेगा ॥२॥
हिन्दु धर्म वह सिंधु अटल है जिसमें सब धारा मिलती है
धर्म अर्थ ओर काम मोक्ष की किरणे लहर लहर खिलती है
इसी पुर्ण में पुर्ण जगत का जीवन मधु संपुर्ण फलेगा
इस पावन हिन्दुत्व सुधा की रक्षा प्राणों से करनी है
जग को आर्यशील की शिक्षा निज जीवन से सिखलानी है
द्वेष त्वेष भय सभी हटाने पान्चजन्य फिर से गूंजेगा ॥३॥


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इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय परिसर खाली करने के आदेश



सुबह से अराचक स्थिति के बाद न्‍यायालय ने मृतक परिवार के लिये काफी रहत की घोषणा की, न्‍यायालय ने अपने आदेश में कहा कि मृतक के परिवार को 10 लाख रूपये तथा उसकी पूत्री की सम्‍पूर्ण खर्च सरकार वहन करेगी। किन्‍तु अधिवक्‍ता कौम भी अपने आपको गिराने से बाज नही आती है। उक्‍त राहत के बाद भी अधिवक्‍ताओं के एक वर्ग ने अपने रूख में परिवर्तन नही किया, तथा कुछ कुछ न्‍यायकक्षों में जमकर तोड़फोड़ की यहॉं तक कि कुछ न्‍यायाधीश पर हमले का प्रयास भी किया।

उक्‍त स्थिति को देखते हुऐ, माननीय मुख्‍यन्‍यायमूर्ति श्री लक्षमण गोखले ने न्‍यायायल परिसर को तुरंत खाली कराने के आदेश दे दिये, इस आदेश के बाद तुरंत ही जो अधिवक्‍ता अभी तक 20 पड़ने वाले अधिवकता, बैकफुट पर आ गये। 
 
न्‍यायालय के उक्‍त राहत के फैसले के बाद, अधिवक्‍ताओं का यह व्‍यवहार निन्‍दनीय था, क्‍योकि न्‍यायलय जो कुछ कर सकता था किया। कुछ अधिवक्‍ता जिनका कोई उद्देश्‍य और काम नहीहोता वही यह प्रवृत्ति पालते है। उक्‍त मृतक अधिवक्‍ता पिछले नवम्‍बर से जेल में बंद था किसी ने उसकी कुशल क्षेम नही पूछी किन्‍तु आज उसकी मौत पर खुद तांडव कर रहे है। 
 
आगे की खबर फिर दी जायेगी ......


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