हिन्दू धर्म की विशेषता



यही तो हिन्दू धर्म की विशेषता है कि वह बाहर से आने वालों को अपना लेता है। हिन्दू धर्म एक महासागर है। जैसे सागर में सब नदियां मिल जाती हैं, वैसे हिन्दू धर्म में सब समा जाते हैं। हिन्दू धर्म का रहस्य जानना केवल हिन्दुओं का नहीं, सारे भारतीयों का काम है। हिन्दू धर्म अपनी बुनियाद में निहित इसी स्वदेशी की भावना के कारण स्थितिशील और परिणामत: अत्यंत शक्तिशाली बन गया है। चूंकि वह मतान्तरण की नीति में विश्वास नहीं करता इसलिए वह सबसे ज्यादा सहिष्णु है और आज भी वह अपना विस्तार करने में उतना ही समर्थ है, जितना भूतकाल में था। स्वदेशी भावना के कारण हिन्दू अपने धर्म का परिवर्तन करने से इनकार करता है। मैंने हिन्दुत्व के विषय में जो कुछ कहा है, वह मेरे विचार से संसार के सभी मत-पंथों पर लागू है। हां, हिन्दू धर्म के बारे में यह विशेष रूप से सही है।

-महात्मा गांधी (मद्रास में 'स्वदेशी' पर भाषण, 14 फरवरी 1916)


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अब हम न भए



अब हम न भए तो क्‍या हुआ दुनिया का चलना काम है। मेरे रूकने से दुनिया नही रूकेगी, मै अपना काम करूँगा और दुनिया अपना, यही प्रकृति के नियमानुसार कार्य होता रहेगा। आज मुझे कोई लेख लिखे करीब 15 दिन के आस पास हो रहा है, यह कम्‍प्‍यूटर के नजदीक होने के बाद भी इतना बड़ा गैप पहली बार हो रहा है।

किसी भी एग्रीगेटर पर गये भी करीब हफ्ते भर से ज्‍यादा समय हो रहा है, एक दो टिप्‍पणी अपने चहेते ब्‍लागों पर हुई वह एक अपवाद हो सकता है। पिछले कुछ महों से हिन्‍दी ब्‍लाग जगत में अभूतपूर्व बदलाव के माहोल देखने को मिला, कि आज के व्‍यक्ति को ओछी हरकत करने के लिये कोई भी जगह नही है, शायद यही कारण है कि आज हिन्‍दी ब्‍लाग में भी स्‍तरीय गिरवट देखने को मिल रहा है। 
 
जहॉं अच्‍छा माहोल व व्‍यवहार होता है वहॉं लिखने बैठने का मन करता है किन्‍तु मन कहता है कि हिन्‍दी ब्‍लागिंग में कि अब हम न भए। .... लिखने की इच्‍छा थी किन्‍तु आवाश्‍यक काम आ गया, समय मिला तो फिर लिखेगे :)


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Do you want to look sexy? क्या आप सेक्सी दिखना चाहते हैं ?



क्या आप सेक्सी दिखना चाहते हैं ?

आये दिन पुरुषों में सेक्‍सी दिखने की चाहत बलवती होती जा रही है। हर पुरुष अपने आकर्षण में विस्तार करना चाहता है। पिछले कुछ सालों में देखने में आया है कि पुरुष सौन्दर्य प्रसाधन की समग्रियों की बाजार में बाढ़ सी आ गई है। निश्चित रूप से यह पुरुषों की आकर्षक दिखने के रुझान के फली भूत दिखता है। पुरूषों की आकर्षक दिखने की इच्छा निश्चित रूप से बाजार को बलवती करती है। आज के दौर में सुन्दर और सेक्‍सी दिखना सिर्फ औरतों तक सीमित नही रह गया है, इस अश्लील प्रदर्शन के दौड़ में पुरुष कंधे से कन्‍धा मिला रहे है। कुछ ऐसे ही टिप्‍स आज बताते है जिससे पुरुष अपनी सेक्सियत में चार चांद लगा सकते है। :)


शरीर को तरोताजा रखें - सर्वप्रथम सेक्‍सी दिखने के लिये जरूर है कि आप का शरीर तरोताजा हो, इसके लिये जरूरी है कि दिन में दो बार स्नान हो। स्नान के जल में अगर कीटाणु रोधक सामग्री मिला ले तो यह शरीर के लिये लाभकारी होगा। शरीर को तरोताजा रखने के लिये आवश्यक है कि सप्ताह में एक बार शरीर की उबटन तथा तेलों से शरीर की मालिश हो, इस मालिश से शरीर के बंद रोम छिद्र खुल जायेगें। शरीर को सुन्‍दर रखने के लिये जरूरी है कि कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा आयुर्वेदिक सामग्री का ही प्रयोग हो। स्नान के बाद सम्पूर्ण शरीर की धीरे धीरे तौलिये से मालिश करें।

मुंह पर रखे ध्यान -  मुंह सबसे खास स्थान है, और इस मुंह में सबसे खास दांत, इसलिये सबसे ज्यादा जरूरी होता है कि इस स्थान का विशेष ख्याल रखा जाये। दांतों की सफाई में सबसे महत्वपूर्ण साधन है ब्रश, इसलिये ब्रश को उच्‍चकोटि का होना चाहिए जो दाँतों की भरपूर देखभाल कर सके। दांतों की सफाई के बाद आवश्यक है कि अच्छे माउथ वॉश से कुल्ला करें।

बाल - पुरुष का आकर्षण उनके बालों पर काफी हद तक निर्भर करता है। इसलिये बालों के प्रति भी जागरूक होने की आवश्यकता है। बालों का आकर्षण बढ़ाने के लिये उन पर डाई किया जा सकता है किन्तु मेरा मानना है कि प्राकृतिक रंग ही सर्वश्रेष्ठ है। बालों को प्रायः शैम्‍पू या साबुन से धोने के बजाय कोई दिन निर्धारित कर लें। क्योंकि ज्यादा शैम्‍पू बालों को नुकसान पहुँचा सकते है। शैम्‍पू के बाद को कंडीशनर करना न भूले।

सच्ची सुन्दरता - सच्ची सुन्दरता  तो मन की होती है इसलिये आपने आपको सेक्‍सी दिखने के लिये चाहिए कि आपका मन सदैव तरो ताजा हो।

सुगन्धित रहे - आपका आकर्षण और बढ़ जायेगा जब आपके अंदर से आ रही पसीने की दुर्गन्‍ध नहीं होगी, इसके लिये डियोडेन्‍ड और डियोटेक्‍ल का प्रयोग करना चाहिए। जब ज्यादा से ज्यादा व्यक्ति आपके पास होगे तो आपने आप आपके व्यक्तित्व में निखार आ जायेगा।

सुगठित रहे शरीर - सुगठित शरीर होना आपने आप में आपके सेक्‍सी दिखने की ओर दिखता है, भले ही आपकी लम्‍बाई कम हो या ज्यादा किन्तु आपका शरीर सुडोल है तो आपका आकर्षक दिखना स्वाभाविक है। शरीर को व्यवस्थित रखने के लिये चाहिए कि सुबह या शाम करीब 20 से 30 मिनट रोज का व्यायाम हो।

आप भी सेक्‍सी बन सकते है, बस आपने आपको व्यवस्थित रखिये, फिर देखिये आप भी रितिक रोशन और जॉन अबाहम जैसे सेक्‍सी दिख सकते है।

जल्दी फिर मिलते है नये टिप्‍स के साथ, तब तक लिये नमस्कार- जय श्रीराम

 कुछ मशहूरअभिनेता और खिलाड़ियों के चित्र







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दक्षिण में कमल खिला



कुमारस्‍वामी और कांग्रेस की मिली भगत को दरकिनार करते हुये कर्नाटक में बहुमत की ओर पहुँच रही है। कर्नाटक में खिलने का अर्थ है केन्‍द्र के प्रधानमंत्री आवास में भगवा रहराने के की ओर एक कदम आगे बढ़ रहे है।
ठन्‍ड़ा रहा पिछला हफ्ता
पिछले कई हफ्तो से प्रतिसप्‍ताह आराम से 8 से 15 डालर प्रति मिल जाते थे किन्‍तु जब से गूगलवालों ने पब्लिक सर्विस ऐड लगाया है, तब से कई दिनों से खाते खुलने का प्रतीक्षा कर रहा हूं। :)


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प्रेरक प्रसंग - दो बातें



प्रेरक प्रसंग
कभी कभी अच्‍छा पढ़ने और सुनने का लाभ मिल ही जाता है। एक दिन दीदी मॉं साध्वी ऋताम्‍भरा का प्रवचन सुन रहा था तो उस प्रवचन में उन्‍होने एक प्रेरक प्रसंग सुनाया वह आपसे सामने प्रस्‍तुत करता हूँ-
 
एक बार एक सेठ पूरे एक वर्ष तक चारों धाम की यात्रा करके आया, और उसने पूरे गॉंव में अपनी एक वर्ष की उपलब्‍धी का बखान करने के लिये प्रीति भोज का आयोजन किया। सेठ की एक वर्ष की उपलब्‍धी थी कि वह अपने अंदर से क्रोध-अंहकार को अपने अंदर से बाहर चारों धाम में ही त्‍याग आये थे। सेठ का एक नौकर था वह बड़ा ही बुद्धिमान था, भोज के आयोजन से तो वह जान गया था कि सेठ अभी अंहकार से मुक्‍त नही हुआ है किन्‍तु अभी उसकी क्रोध की परीक्षा लेनी बाकी थी। उसने भरे समाज में सेठ से पूछा कि सेठ जी इस बार आपने क्‍या क्‍या छोड़ कर आये है ? सेठ जी ने बड़े उत्‍साह से कहा - क्रोध-अंहकार त्‍याग कर आया हूं। फिर कुछ देर बाद नौकर ने वही प्रश्‍न दोबारा किया और सेठ जी का उत्‍तर वही था अन्‍तोगत्‍वा एक बार प्रश्‍न पूछने पर सेठ को अपने आपे से बाहर हो गया और नौकर से बोला - दो टके का नौकर, मेरी दिया खाता है, और मेरा ही मजाक कर रहा है। बस इतनी ही देर थी कि नौकर ने भरे समाज में सेठ जी के क्रोध-अंहकार त्‍याग की पोल खोल कर रख दी। सेठ भरे समाज में अपनी लज्जित चेहरा लेकर रह गया। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि दिखावे से ज्‍यादा कर्त्तव्‍य बोध पर ध्‍यान देना चाहिए।


एक और बात


कल मैने एक प्रयोग किया आपने Time loss पर करीब 4 चार पोस्‍टों को पोस्‍ट किया और उनके प्रकाशन का सयम निर्धारित कर दिया। आज चारों पोस्‍ट अपने समय पर प्रकाशित हुई काफी अच्‍छी यह सुविधा लगी।


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लॉ के पेपर में राम और सीता का पुत्र शंकर के बीच आज का अपना क्रिकेट मैच



कल मेरी परीक्षा खत्म हो गई, जाते जाते विवाद हो हवा दे गई। आज सुबह पेपर देखा तो पता चला कि कानपुर में प्रश्‍नपत्र में आये एक प्रश्‍न के लिये काफी विवाद हुआ। प्रश्‍न ऐसा था भी जो विवाद को पैदा करना स्‍वाभाविक भी था। प्रश्‍न में राम व सीता के पुत्र के रूप में शंकर का उल्‍लेख था, जो कुछ परीक्षार्थी को ठीक नही लगा, मुझे भी ठीक नही लग रहा था। क्‍या प्रश्‍न पत्र निर्माताओं को करोड़ो नामों में उक्‍त ही नाम मिले थे। प्रश्‍न निम्‍न था- सीता एवं राम का विवाह जून 1988 को हुआ था। सीता की फेलोपियन ट्यूब बंद होने की वजह से वह गर्भवती नहीं हो सकी। डॉक्टरों ने कृत्रिम रूप से विकसित उसके स्वयं के भ्रूण को अन्य महिला के गर्भ में विकसित भ्रूण प्रत्यारोपित करके शिशु के जन्म का विकल्प दिया। 'सीता' ने अपनी माँ शीला से बात की। शीला ने अपनी बेटी के शिशु को 'सेरोगेटेड' माँ के रूप में जन्म देना स्वीकार किया। नियत समय पर उसने एक शिशु 'शंकर' को जन्म दिया। पर्चे में शिशु 'शंकर' एवं 'सीता' के मध्य क्या नातेदारी हुई इस बारे में सवाल करते हुए हिंदू विधि के प्रावधान के साथ इसकी व्याख्या करने को कहा गया था।

कल की बारिस के बाद आज किक्रेट खेलने के आनंद कुछ और ही था, मस्तिष्‍क से परीक्षा का बोझ हट गया था। इस करीब 20-30 मैचों के बाद आज इस सत्र का पहला चौका लगाने का अवसर मिला, चौका तो लगा ही साथ साथ आज बोनस में दो छक्‍के भी लगाया, काफी अच्‍छा लगा रहा था जमी हुई पारी खेलेने में, अन्‍तोंगत्वा आज आठ ओवरों के मैच में 42 रन की अविजित पारी खेलने का मौका मिला। आज अपने पूरे क्रिकेट कैरियर में दूसरी बार नॉट आउट आया हूँ। किसी भी काम में निश्चित रूप से आत्‍मविश्वास काफी मायने रखता है। आज मेरा ही दिन था, अच्‍छे दिन रोज रोज नही आते है। अगर रोज ही अच्‍छे दिन होते हो हर मैच में लारा 400 रन तथा युवराज 6 छक्के मारता होता है।

परीक्षा खत्‍म हो गई है अब लिखने का दौर सक्रिय हो जायेगा, फिर मिलेगे, आप सभी का दिन मंगलमय हो।


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हिन्दु जगे तो विश्व जगेगा मानव का विश्वास जगेगा






हिन्दु जगे तो विश्व जगेगा मानव का विश्वास जगेगा
भेद भावना तमस ह्टेगा समरसता अमर्त बरसेगा
हिन्दु जगेगा विश्व जगेगा
हिन्दु सदा से विश्व बन्धु है जड चेतन अपना माना है
मानव पशु तरु गीरी सरीता में एक ब्रम्ह को पहचाना है
जो चाहे जिस पथ से आये साधक केन्द्र बिंदु पहुचेगा ॥१॥
इसी सत्य को विविध पक्ष से वेदों में हमने गाया था
निकट बिठा कर इसी तत्व को उपनिषदो में समझाया था
मन्दिर मथ गुरुद्वारे जाकर यही ज्ञान सत्संग मिलेगा ॥२॥
हिन्दु धर्म वह सिंधु अटल है जिसमें सब धारा मिलती है
धर्म अर्थ ओर काम मोक्ष की किरणे लहर लहर खिलती है
इसी पुर्ण में पुर्ण जगत का जीवन मधु संपुर्ण फलेगा
इस पावन हिन्दुत्व सुधा की रक्षा प्राणों से करनी है
जग को आर्यशील की शिक्षा निज जीवन से सिखलानी है
द्वेष त्वेष भय सभी हटाने पान्चजन्य फिर से गूंजेगा ॥३॥


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इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय परिसर खाली करने के आदेश



सुबह से अराचक स्थिति के बाद न्‍यायालय ने मृतक परिवार के लिये काफी रहत की घोषणा की, न्‍यायालय ने अपने आदेश में कहा कि मृतक के परिवार को 10 लाख रूपये तथा उसकी पूत्री की सम्‍पूर्ण खर्च सरकार वहन करेगी। किन्‍तु अधिवक्‍ता कौम भी अपने आपको गिराने से बाज नही आती है। उक्‍त राहत के बाद भी अधिवक्‍ताओं के एक वर्ग ने अपने रूख में परिवर्तन नही किया, तथा कुछ कुछ न्‍यायकक्षों में जमकर तोड़फोड़ की यहॉं तक कि कुछ न्‍यायाधीश पर हमले का प्रयास भी किया।

उक्‍त स्थिति को देखते हुऐ, माननीय मुख्‍यन्‍यायमूर्ति श्री लक्षमण गोखले ने न्‍यायायल परिसर को तुरंत खाली कराने के आदेश दे दिये, इस आदेश के बाद तुरंत ही जो अधिवक्‍ता अभी तक 20 पड़ने वाले अधिवकता, बैकफुट पर आ गये। 
 
न्‍यायालय के उक्‍त राहत के फैसले के बाद, अधिवक्‍ताओं का यह व्‍यवहार निन्‍दनीय था, क्‍योकि न्‍यायलय जो कुछ कर सकता था किया। कुछ अधिवक्‍ता जिनका कोई उद्देश्‍य और काम नहीहोता वही यह प्रवृत्ति पालते है। उक्‍त मृतक अधिवक्‍ता पिछले नवम्‍बर से जेल में बंद था किसी ने उसकी कुशल क्षेम नही पूछी किन्‍तु आज उसकी मौत पर खुद तांडव कर रहे है। 
 
आगे की खबर फिर दी जायेगी ......


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इलाहाबाद में अधिवक्‍ता की हिरासत में मौत के बाद प्रदेशव्‍यापी हड़ताल



इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय के एक अधिवक्‍ता की पुलिस हिरासत मे मौत के कारण, शहर का माहोल काफी आगजनीमय हो गया था, काफी बसे और गाडि़यॉं को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना का अंजाम इतनी दूर तक जायेगा इसका अनुमान कल ही हो गया था। आज उत्‍तर प्रदेश के सभी न्‍यायालय के अधिवक्‍ता न्‍यायायिक कार्य से विरत रहे। कल अधिवक्‍ताओं ने एक प्रस्‍ताव इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायमूर्ति श्री बीएस चौहान के कोर्ट में न्‍यायायिक कार्य न करने का फैसला लिया, और उनके तबादले की अनुशंसा की। 
 
गौर ललब हो कि न्‍यायामूर्ति श्री चौहान के आदेश पर स्‍व. अधिवक्‍ता को न्‍यायालय की अवमानना पर जेल भेजा गया था। उच्‍च न्‍यायलय परिसर में आज अधिवक्‍ता न्‍याययिक कार्य से विरत रहने का फैसला कर चुके थे, किन्‍तु कुछ कोर्ट बैठी और कोर्ट में कुछ अधिवक्‍ताओं ने अभद्रता पूर्वक बातें की। वकीलो का रोष जायज था। क्‍योकि जिस प्रकार की अमानवीय कृत्‍य मृतक के साथ हुआ। वह सभ्‍य समाज में निन्‍दनीय है।


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ट्रक की टक्कर और ईश्‍वर की कृपा



कल दिन में एक फार्म के चक्‍कर में काफी घूमना हुआ, दोपहर की घूप कुछ ज्‍यादा की दुखदाई थी। करीब लौट कर आने में 2 बज गये थे। तबियत ठीक नही लग रही थी। लग रहा था कि काफी तेज बुखार है, और था भी। रात्रि में करीब 10.30 बजे सोता हूँ किन्‍तु कल 8 बजे ही सो गया था।
सुबह की क्रिकेट मंडली अपने समय पर आ गई थी और मै भी रोज की तरह सबसे पहले चाय पीकर तैयार था। इच्‍छा तो नही कर रही थी आज जाने को क्‍योकि तबीयत कुछ ठीक नही थी, किन्‍तु अगर एक दिन का गैप हो जाता है तो पूरा दिन शरीर दर्द करता है।
हमारा मैच करीब 6 बजे शुरू हो गया था। मेरी टीम की बालिंग थी, तीन ओवर हो चुके थे चौथे ओवर की 3 गेंद फेक की रहा था कि आचनक लव कुमार गुप्‍ता आ गया। वह काफी हडबड़ी में था, मैने पूछा क्‍या हुआ ? उनसे कहा कि पिता जी को ट्रक ने टक्‍कर मार दिया है। मेरे पैर से जमीन ही खिसक चुकी थी। उसने कहा कि तुरंत चलो, पिताजी को मदनानी से वात्‍सल्य ले जाना होगा। मैने जल्‍दबाजी में अपना ओवर पूरा करके वहॉं से निकल दिया।
मदानानी में लव के पिताजी को देखा तो वे काफी ठीक थे, जितनी बड़ी र्दुघटना थी, छति काफी कम थी, मुझे यहीं पर ईश्‍वर का न्‍याय समझ में आया, कि क्‍यो‍ लोग इस पत्‍थर वाले को पूजते है। पिताजी के दाये हाथ ओर पैर में भंयकर चोटें आई थी, सफेद हड्डी तक दिख रही थी। ईश्‍वर का प्रभाव था कि करीब 58 साल की उम्र में हड्डी आदि पर कोई प्रभाव नही पड़ा। लव के कहने पर मैने गाड़ी निकाली और तुरंत लव के पिताजी को बैठाकर वातसल्‍य की ओर निकल दिया। और उन्हे अस्पताल में भर्ती करवा दिया।
 
लव के पिताजी अपने दोनो पैरों पर चल रहे थे और काफी अच्‍छा महसूस कर रहे थे, किन्‍तु दर्द का एहसास तो था ही। उन्‍होने बताया कि घटना चौफटका के पुल के पास वाले पेट्रोल पम्‍प के पास की है। एक ट्रक वाला काफी तेजी से आ रहा था कि आचानक टक्‍कर पार दी। मै तो किसी तरह कूद गया किन्‍त साइकित वही दोना हो गई। ट्रक जा कर खम्‍बे से टकरा गई और खम्‍भा टूट गया। ट्रक वाला भाग गया। 
कुछ सुबह सुबह घटित हुआ बहुत ही दुखद: था किन्‍तु ईश्‍वर को धन्‍यवाद देता हूँ कि वह बहुत बड़ा रखवाला था।


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बारिस की पहली बूँद और हमारा क्रिकेट मैच



आज रात करीब 1 बजे सोया ओर 4 बजे जग गया। काफी अच्‍छा लग रहा था। कि सुबह 5.15 पर इलाहाबाद में बारिस की बूँदों ने दस्‍तक दे दिया। मौसम ठंड़ा और सुहावना होगा गया है। इस पानी का हमारे क्रिकेट मैच पर कोई असर नही पड़ेगा। हम बसते पानी में भी बहुत अच्‍छी क्रिकेट खेलते है। :) क्रिकेट ही नही अगर मैदान में ज्‍यादा पानी भर जाता है तो हम क्रिकेट की बाल से फुटबाल भी खेल लेते है। 
 
अब चलता हूँ परीक्षा बहुत हद तक समाप्‍त हो गई है, सम्‍पर्क में बना रहने की कोशिश रहेगी। कुछ हद तक इस लिये क्योंकि अन्तिम तिथि तो समाप्‍त होने की 12 थी किन्‍तु 5 को विधान परिषद के चुनाव के कारण पेपर स्‍थगित हो गया था, अब वह पेपर 22 को है।

शेष शुभ जय श्रीराम


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दूसरा राष्‍ट्रपति भवन कहाँ से आयेगा ?



आज खबर मिली की भारत के माननीय मुख्‍य न्‍यायधीश को महामहीम राष्‍ट्रपति जी की तरह विमान नही मिलेगा। क्यों याचिका खारिज कर दी गई, अच्‍छा ही हुआ नही तो कल को राष्‍ट्रपति भवन जैसे भवन की भी मॉंग होने लगती तो दूसरा राष्‍ट्रपति भवन कहॉं से लाया जाता ? :) 
एक बात तो स्‍पष्‍ट है कि इस तरह की फिजूल की याचिकाओं पर रोक लगनी चाहिये नही तो कोई न्‍यायधीश तो कोई किसी के नाम पर याचिका लेकर चला आता है। जब भारतीय संसद खुद इतनी मेहबान रहती है तो भारतीयों को किसी प्रकार की चिन्‍ता नही करनी चाहिये। सरकार को जितनी चिंता आम आदमी की नही होती है उतनी अधिक अधिकारियों की होती है, और समय समय पर वह नियमों को फेरबदल कर सुविधा लेते देते रहते है।

फिर मिलना होगा .....


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मुम्‍बई में 1800 ईसाईयों ने हिन्‍दु धर्म ग्रहण किया




मुम्‍बई में 1800 ईसाईयों ने हिन्‍दु धर्म ग्रहण किया

मुम्बई के उपनगर बोरीवली में 27 अप्रेल को एक परावर्तन कार्यक्रम में 1800 ईसाई वनवासियों ने हिन्दू धर्म को पुन: अंगीकार किया। इस कार्यक्रम में स्वामी नरेन्द्राचार्य विशेष रूप से उपस्थित थे।
स्वामी नरेन्द्राचार्य, जो नरेन्द्र महाराज के नाम से जाने जाते हैं, ने इस अवसर पर बताया कि उन्होंने अब तक महाराष्ट्र और गुजरात के 42,220 मतान्तरित लोगों की घर वापसी कराई है। अपने इस परावर्तन अभियान के संबंध में स्वामी जी ने कहा कि यह अत्यंत दुखद है कि हिन्दुओं का मतान्तरण किया जाता है और उन्हें अपने ही धर्म में वापस लौटाना पड़ता हैं। ईसाई मिशनरियां गरीब, वंचित हिन्दुओं को लालच देकर गुमराह करती हैं और फिर मतान्तरित करती हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी मत-पंथ में आस्था रखने वाले को कोई मतान्तरित न कर सके, इसके लिए एक देशव्यापी मतान्तरण विरोधी कानून होना चाहिए। चूंकि हिन्दुओं का कोई वोट बैंक नहीं है इसलिए उनके साथ भेदभाव किया जाता है। हमें एकजुट होकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहिए ताकि कोई हमारे हितों पर चोट न कर सके।
 उन्होंने आगे कहा कि मन्दिरों पर कब्जा करने की सेकुलर सरकार की नीति का तीखा विरोध होना चाहिए। स्वामी जी ने यह भी कहा कि आज हिन्दू श्रध्दा केन्द्रों का खुलेआम अपमान किया जाता है। रामसेतु क्यों तोड़ा जा रहा है? क्यों सेतु समुद्रम प्रकल्प पर सभी विरोधों को अनदेखा करते हुए काम जारी है? सरकार को इस बात का जवाब हिन्दू समाज को देना होगा।

निश्चित रूप से आज हिन्‍दुसमाज की आत्‍मा पर प्रहार करने वालों को छोड़ा नही जाना चाहिए।


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अर्थशास्‍त्र की विषय सामग्री - उपभोग



अर्थशास्‍त्र को प्रो. मार्शल ने अध्‍ययन की दृष्टि से उपभोग, उत्‍पादन, विनिमय, और वितरण सहित 4 भागों में बॉंटा है, जबकि प्रो. चैपमैन इसमें संसोधन करते हुऐ राजस्‍व की एक श्रेणी और बना देते है। उपरोक्‍त वर्णित पॉंचों के बारे में हम विस्‍तार से चर्चा करेगें।
 
उपभोग ( Consumption)
उपभोग मानव की वह आर्थिक होती है जिसमें मनुष्‍य की आवाश्‍यकताओं की संतुष्टि होती है। संक्षेप में हम जब कोई मनुष्य किसी आर्थिक वस्‍तुओं तथा सेवाओं के द्वारा संतुष्टि को प्राप्‍त करता है तो कहा जाता है उक्‍त वस्‍तु या सेवा का उपभोग हुआ। तथा उस वस्‍तु तथा सेवा से मिलने वाली संतुष्टि को उपयोगिता कहते है। उपभोग मनुष्‍य क्रियाओं का आदि और अंत सभी है। उपभोग अपनी अवस्‍था के अनुसार कई प्रकार के हो सकते है, चाहे वह खाद्य पदार्थ के रूप मे चाहे भौतिक सुख सुविधाओं के द्वारा प्राप्‍त उपभोग।
डाक्‍टर पी. बसु उपभोग की परिभाषा देते हुए कहते है - ''अर्थशास्‍त्र में आर्थिक उपयोग ही उपभोग है। ''

नोट - अगले अंक में हम उत्‍पादन ( production) के बारे में चर्चा करेंगें।


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