मेरी लड़की फेल हो जायेगी, मुझे आउट हुआ पेपर दे दों



परसों इलाहाबाद विश्वविद्यालय का बीएससी-3 का का परिणाम निकल आया था। कुछ तो परसों ठीक अपना परिणाम जानने के लिये आ गये, किन्‍तु कल और भी रोमांचक स्थिति लेकर कई छात्र आ धमके की इस रोल नम्‍बर के आस पास कोई मैथ-कैमेस्ट्री हो तो बताओं मैने करीब 40 रोल नम्‍बर देखा तो उसमें एक ही मैथ-कैमेस्ट्री मिली, और लड़के संन्‍तुष्ट हो गये।
 
बाद में जब हम घर से बाहर निकले तो तो उक्त रोल नम्‍बर की वास्तविकता का पता चला। लड़को ने बताया कि यह अमुख लड़की का रोल नम्‍बर है। परीक्षा में हम लोगों ने इसकी खूब मदद की थी। इसका बाप भी ऐन पेपर के दिन बेटा-बाबू, लड़की है बेचारी का कैरियर खराब हो जायेगा कह कर आउट हुआ पेपर और इम्‍पटेन्‍टस ले जाता था। आज रिजल्‍ट निकलने के बाद जब हम लोगों ने रिजल्‍ट पता करने के लिये फोन किया तो बाप कहता है कि कौन हो तुम लोग ?? मेरी लड़की पास हो या फेल तुम जानकर क्या करोगें।
 
भाई लड़के है उनकी भी उत्सुक्ता थी कि आखिर जिसकी इतनी मदद किया, पता तो चले कि वह कौन से डिविजन में पास हुई है। और लड़के इन्‍टनेट के जरिये पता लगाने में सफल भी हो गये। मेरे मन में सिर्फ इतनी सी बात कौध रही है क्‍या आज शिक्षा का स्‍तर यही है कि बाप आउट हुआ पेपर खोजता फिरे, यही नैतिकता है?


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आजा हँसले - हँसले, मेरे यार तू हँस ले



माँ - अरे बेट चंदू, कहाँ जा रहे हो ?
चंदू - साधू महाराज का प्रवचन सुनने।
माँ - ना बादल, न बरसात फिर ये छाता क्‍यो ?
चंदू - महाराज वहाँ ज्ञान की वर्षा जो कर रहे है।
:-) :-) :-) :-) :-) :-) :-) :-)

सोनिया ने मनमोहन से कहा -  मन्‍नू मुझे किसी एक्‍पेन्सिव प्‍लेस पर ले चलो।
मनमोहन बोले - मैछम जी तैयार हो जाइये।
सोनिया ने पूछा - हम कहाँ जा रहे है ?
मनमोहन ने कहा - पेट्रोल पम्‍प।
:-) :-) :-) :-) :-) :-) :-) :-)

एक आदमी को एक लड़की ने सपने में जोर की चप्‍पल मारी।
वह सबसे पहले बैंक गया और अपने बैंक के खाते को बंद कर दिया।
बैंक कर्मी ने पूछा - सर आप ऐसा क्‍यो कर रहे है ?
आदमी ने कहा - आजपेपर में इस्‍तहार था कि '' हम आपके सपने को सच करेगे।


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प्रेरक प्रंसग - प्रकृति प्रेमी स्‍वामी रामतीर्थ



सैन फ्रांसिस्‍को के उपनगर शास्‍तस्प्रिंग में एक बार शास्‍ता पर्वत की चोटी पर पहुँचने की प्रतियोगिता हुई जिसमें बहुत से अमेरिकन युवक भाग लेने के लिये आये। इस प्रतियोगिता में एक भारतीय संयासी ने भी भाग लिया। इस दुबले पहले भारतीय संयासी को देखकर अमेरिकन युवक मुस्‍कराने लगे। प्रतियोगिता आरम्‍भ हुई सभी दर्शक तथा प्रतियोगी आश्चर्य से देखते रहे, सन्‍यासी सबसे बहने शास्‍ता पर्वत पर पहुँचकर खड़ा मुस्‍कारा रहा था।
उस प्रतियोगिता के विजेता का पुरस्‍कार उस सन्‍यासी को दिये जाने की घोषणा की गयी, लेकिन आश्चर्य! सन्यासी ने यह कहकर उस उपहार को अस्‍वीकार कर दिया कि मै शास्‍ता पर्वत की चोटी पर प्रकृति प्रेम के कारण उस चोटी की शोभा देखने गया था, उपहार हेतु नही। वह सन्‍यासी कोई और नही निर्भीक स्‍वामी रामतीर्थ थे।


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चैंलेज स्‍वीकार है?



कुछ दिनों पहले आरकुट के चिरकुटिया माहोल से दूर हो गया था किन्‍तु हाल में ही आरकुट पर काफी अच्‍छी अच्‍छी ज्ञानवर्धक आईटम चालू हुआ है उसमें मुझे Traveler IQ Challenge काफी अच्‍छा और मनोरंजक के के साथ-साथ ज्ञानवर्धक भी लगा। अभी दो चार दिन पहले ही खेलना चालू किया था 6ठें स्‍तर से ऊपर जा ही नही पा रहा था किन्‍तु आज सुबह सुबह गेम के 10वें स्‍तर को पार करने में सफल हो ही गया। काफी अच्‍छा गेम है समय‍ मिले तो एक बार जरूर चैलेंज स्‍वीकार जरूर कीजिएगा। फिर देखिये क्‍या आप का दिमाग भी पॉंचवीं पास से तेज है? 
 
इस गेम की यह खासियत है कि इसमें दिये गये देशो के नामों को विश्‍व मानचित्र पर सही स्‍थानों पर पर भरना होता है। और जितना अधिक सही आप करते है उतने अधिक अंक आपको मिलते है और खेल के अंत में IQ Point मिलता है।


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ठीक एक साल पहले की पोस्ट



एक साल पहले यह (तोड़ दिया सन्‍यास - विषय ग‍म्‍भीर था ) पोस्‍ट लिखी थी आज फिर लिख रहा हूँ, और अपने माता पिता की हार्दिक बधाई दे रहा हूँ। मै आज ज्‍यादा कुछ तो नही किया, और न ही हमारे यहॉं कोई विशेष कार्यक्रम आयोजन की परम्‍परा ही है। आज दोपहर में थोड़ा बहुत खाते पीने का आईटम ले आया था, वह सब खाने पीने के बाद यह लिख रहा हूँ।
 
पुन:श्‍च माता-पिता को विवाह की वर्षगाठ की हार्दिक बधाई।


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हिन्दू धर्म की विशेषता



यही तो हिन्दू धर्म की विशेषता है कि वह बाहर से आने वालों को अपना लेता है। हिन्दू धर्म एक महासागर है। जैसे सागर में सब नदियां मिल जाती हैं, वैसे हिन्दू धर्म में सब समा जाते हैं। हिन्दू धर्म का रहस्य जानना केवल हिन्दुओं का नहीं, सारे भारतीयों का काम है। हिन्दू धर्म अपनी बुनियाद में निहित इसी स्वदेशी की भावना के कारण स्थितिशील और परिणामत: अत्यंत शक्तिशाली बन गया है। चूंकि वह मतान्तरण की नीति में विश्वास नहीं करता इसलिए वह सबसे ज्यादा सहिष्णु है और आज भी वह अपना विस्तार करने में उतना ही समर्थ है, जितना भूतकाल में था। स्वदेशी भावना के कारण हिन्दू अपने धर्म का परिवर्तन करने से इनकार करता है। मैंने हिन्दुत्व के विषय में जो कुछ कहा है, वह मेरे विचार से संसार के सभी मत-पंथों पर लागू है। हां, हिन्दू धर्म के बारे में यह विशेष रूप से सही है।

-महात्मा गांधी (मद्रास में 'स्वदेशी' पर भाषण, 14 फरवरी 1916)


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अब हम न भए



अब हम न भए तो क्‍या हुआ दुनिया का चलना काम है। मेरे रूकने से दुनिया नही रूकेगी, मै अपना काम करूँगा और दुनिया अपना, यही प्रकृति के नियमानुसार कार्य होता रहेगा। आज मुझे कोई लेख लिखे करीब 15 दिन के आस पास हो रहा है, यह कम्‍प्‍यूटर के नजदीक होने के बाद भी इतना बड़ा गैप पहली बार हो रहा है।

किसी भी एग्रीगेटर पर गये भी करीब हफ्ते भर से ज्‍यादा समय हो रहा है, एक दो टिप्‍पणी अपने चहेते ब्‍लागों पर हुई वह एक अपवाद हो सकता है। पिछले कुछ महों से हिन्‍दी ब्‍लाग जगत में अभूतपूर्व बदलाव के माहोल देखने को मिला, कि आज के व्‍यक्ति को ओछी हरकत करने के लिये कोई भी जगह नही है, शायद यही कारण है कि आज हिन्‍दी ब्‍लाग में भी स्‍तरीय गिरवट देखने को मिल रहा है। 
 
जहॉं अच्‍छा माहोल व व्‍यवहार होता है वहॉं लिखने बैठने का मन करता है किन्‍तु मन कहता है कि हिन्‍दी ब्‍लागिंग में कि अब हम न भए। .... लिखने की इच्‍छा थी किन्‍तु आवाश्‍यक काम आ गया, समय मिला तो फिर लिखेगे :)


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Do you want to look sexy? क्या आप सेक्सी दिखना चाहते हैं ?



क्या आप सेक्सी दिखना चाहते हैं ?

आये दिन पुरुषों में सेक्‍सी दिखने की चाहत बलवती होती जा रही है। हर पुरुष अपने आकर्षण में विस्तार करना चाहता है। पिछले कुछ सालों में देखने में आया है कि पुरुष सौन्दर्य प्रसाधन की समग्रियों की बाजार में बाढ़ सी आ गई है। निश्चित रूप से यह पुरुषों की आकर्षक दिखने के रुझान के फली भूत दिखता है। पुरूषों की आकर्षक दिखने की इच्छा निश्चित रूप से बाजार को बलवती करती है। आज के दौर में सुन्दर और सेक्‍सी दिखना सिर्फ औरतों तक सीमित नही रह गया है, इस अश्लील प्रदर्शन के दौड़ में पुरुष कंधे से कन्‍धा मिला रहे है। कुछ ऐसे ही टिप्‍स आज बताते है जिससे पुरुष अपनी सेक्सियत में चार चांद लगा सकते है। :)


शरीर को तरोताजा रखें - सर्वप्रथम सेक्‍सी दिखने के लिये जरूर है कि आप का शरीर तरोताजा हो, इसके लिये जरूरी है कि दिन में दो बार स्नान हो। स्नान के जल में अगर कीटाणु रोधक सामग्री मिला ले तो यह शरीर के लिये लाभकारी होगा। शरीर को तरोताजा रखने के लिये आवश्यक है कि सप्ताह में एक बार शरीर की उबटन तथा तेलों से शरीर की मालिश हो, इस मालिश से शरीर के बंद रोम छिद्र खुल जायेगें। शरीर को सुन्‍दर रखने के लिये जरूरी है कि कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा आयुर्वेदिक सामग्री का ही प्रयोग हो। स्नान के बाद सम्पूर्ण शरीर की धीरे धीरे तौलिये से मालिश करें।

मुंह पर रखे ध्यान -  मुंह सबसे खास स्थान है, और इस मुंह में सबसे खास दांत, इसलिये सबसे ज्यादा जरूरी होता है कि इस स्थान का विशेष ख्याल रखा जाये। दांतों की सफाई में सबसे महत्वपूर्ण साधन है ब्रश, इसलिये ब्रश को उच्‍चकोटि का होना चाहिए जो दाँतों की भरपूर देखभाल कर सके। दांतों की सफाई के बाद आवश्यक है कि अच्छे माउथ वॉश से कुल्ला करें।

बाल - पुरुष का आकर्षण उनके बालों पर काफी हद तक निर्भर करता है। इसलिये बालों के प्रति भी जागरूक होने की आवश्यकता है। बालों का आकर्षण बढ़ाने के लिये उन पर डाई किया जा सकता है किन्तु मेरा मानना है कि प्राकृतिक रंग ही सर्वश्रेष्ठ है। बालों को प्रायः शैम्‍पू या साबुन से धोने के बजाय कोई दिन निर्धारित कर लें। क्योंकि ज्यादा शैम्‍पू बालों को नुकसान पहुँचा सकते है। शैम्‍पू के बाद को कंडीशनर करना न भूले।

सच्ची सुन्दरता - सच्ची सुन्दरता  तो मन की होती है इसलिये आपने आपको सेक्‍सी दिखने के लिये चाहिए कि आपका मन सदैव तरो ताजा हो।

सुगन्धित रहे - आपका आकर्षण और बढ़ जायेगा जब आपके अंदर से आ रही पसीने की दुर्गन्‍ध नहीं होगी, इसके लिये डियोडेन्‍ड और डियोटेक्‍ल का प्रयोग करना चाहिए। जब ज्यादा से ज्यादा व्यक्ति आपके पास होगे तो आपने आप आपके व्यक्तित्व में निखार आ जायेगा।

सुगठित रहे शरीर - सुगठित शरीर होना आपने आप में आपके सेक्‍सी दिखने की ओर दिखता है, भले ही आपकी लम्‍बाई कम हो या ज्यादा किन्तु आपका शरीर सुडोल है तो आपका आकर्षक दिखना स्वाभाविक है। शरीर को व्यवस्थित रखने के लिये चाहिए कि सुबह या शाम करीब 20 से 30 मिनट रोज का व्यायाम हो।

आप भी सेक्‍सी बन सकते है, बस आपने आपको व्यवस्थित रखिये, फिर देखिये आप भी रितिक रोशन और जॉन अबाहम जैसे सेक्‍सी दिख सकते है।

जल्दी फिर मिलते है नये टिप्‍स के साथ, तब तक लिये नमस्कार- जय श्रीराम

 कुछ मशहूरअभिनेता और खिलाड़ियों के चित्र







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दक्षिण में कमल खिला



कुमारस्‍वामी और कांग्रेस की मिली भगत को दरकिनार करते हुये कर्नाटक में बहुमत की ओर पहुँच रही है। कर्नाटक में खिलने का अर्थ है केन्‍द्र के प्रधानमंत्री आवास में भगवा रहराने के की ओर एक कदम आगे बढ़ रहे है।
ठन्‍ड़ा रहा पिछला हफ्ता
पिछले कई हफ्तो से प्रतिसप्‍ताह आराम से 8 से 15 डालर प्रति मिल जाते थे किन्‍तु जब से गूगलवालों ने पब्लिक सर्विस ऐड लगाया है, तब से कई दिनों से खाते खुलने का प्रतीक्षा कर रहा हूं। :)


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प्रेरक प्रसंग - दो बातें



प्रेरक प्रसंग
कभी कभी अच्‍छा पढ़ने और सुनने का लाभ मिल ही जाता है। एक दिन दीदी मॉं साध्वी ऋताम्‍भरा का प्रवचन सुन रहा था तो उस प्रवचन में उन्‍होने एक प्रेरक प्रसंग सुनाया वह आपसे सामने प्रस्‍तुत करता हूँ-
 
एक बार एक सेठ पूरे एक वर्ष तक चारों धाम की यात्रा करके आया, और उसने पूरे गॉंव में अपनी एक वर्ष की उपलब्‍धी का बखान करने के लिये प्रीति भोज का आयोजन किया। सेठ की एक वर्ष की उपलब्‍धी थी कि वह अपने अंदर से क्रोध-अंहकार को अपने अंदर से बाहर चारों धाम में ही त्‍याग आये थे। सेठ का एक नौकर था वह बड़ा ही बुद्धिमान था, भोज के आयोजन से तो वह जान गया था कि सेठ अभी अंहकार से मुक्‍त नही हुआ है किन्‍तु अभी उसकी क्रोध की परीक्षा लेनी बाकी थी। उसने भरे समाज में सेठ से पूछा कि सेठ जी इस बार आपने क्‍या क्‍या छोड़ कर आये है ? सेठ जी ने बड़े उत्‍साह से कहा - क्रोध-अंहकार त्‍याग कर आया हूं। फिर कुछ देर बाद नौकर ने वही प्रश्‍न दोबारा किया और सेठ जी का उत्‍तर वही था अन्‍तोगत्‍वा एक बार प्रश्‍न पूछने पर सेठ को अपने आपे से बाहर हो गया और नौकर से बोला - दो टके का नौकर, मेरी दिया खाता है, और मेरा ही मजाक कर रहा है। बस इतनी ही देर थी कि नौकर ने भरे समाज में सेठ जी के क्रोध-अंहकार त्‍याग की पोल खोल कर रख दी। सेठ भरे समाज में अपनी लज्जित चेहरा लेकर रह गया। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि दिखावे से ज्‍यादा कर्त्तव्‍य बोध पर ध्‍यान देना चाहिए।


एक और बात


कल मैने एक प्रयोग किया आपने Time loss पर करीब 4 चार पोस्‍टों को पोस्‍ट किया और उनके प्रकाशन का सयम निर्धारित कर दिया। आज चारों पोस्‍ट अपने समय पर प्रकाशित हुई काफी अच्‍छी यह सुविधा लगी।


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लॉ के पेपर में राम और सीता का पुत्र शंकर के बीच आज का अपना क्रिकेट मैच



कल मेरी परीक्षा खत्म हो गई, जाते जाते विवाद हो हवा दे गई। आज सुबह पेपर देखा तो पता चला कि कानपुर में प्रश्‍नपत्र में आये एक प्रश्‍न के लिये काफी विवाद हुआ। प्रश्‍न ऐसा था भी जो विवाद को पैदा करना स्‍वाभाविक भी था। प्रश्‍न में राम व सीता के पुत्र के रूप में शंकर का उल्‍लेख था, जो कुछ परीक्षार्थी को ठीक नही लगा, मुझे भी ठीक नही लग रहा था। क्‍या प्रश्‍न पत्र निर्माताओं को करोड़ो नामों में उक्‍त ही नाम मिले थे। प्रश्‍न निम्‍न था- सीता एवं राम का विवाह जून 1988 को हुआ था। सीता की फेलोपियन ट्यूब बंद होने की वजह से वह गर्भवती नहीं हो सकी। डॉक्टरों ने कृत्रिम रूप से विकसित उसके स्वयं के भ्रूण को अन्य महिला के गर्भ में विकसित भ्रूण प्रत्यारोपित करके शिशु के जन्म का विकल्प दिया। 'सीता' ने अपनी माँ शीला से बात की। शीला ने अपनी बेटी के शिशु को 'सेरोगेटेड' माँ के रूप में जन्म देना स्वीकार किया। नियत समय पर उसने एक शिशु 'शंकर' को जन्म दिया। पर्चे में शिशु 'शंकर' एवं 'सीता' के मध्य क्या नातेदारी हुई इस बारे में सवाल करते हुए हिंदू विधि के प्रावधान के साथ इसकी व्याख्या करने को कहा गया था।

कल की बारिस के बाद आज किक्रेट खेलने के आनंद कुछ और ही था, मस्तिष्‍क से परीक्षा का बोझ हट गया था। इस करीब 20-30 मैचों के बाद आज इस सत्र का पहला चौका लगाने का अवसर मिला, चौका तो लगा ही साथ साथ आज बोनस में दो छक्‍के भी लगाया, काफी अच्‍छा लगा रहा था जमी हुई पारी खेलेने में, अन्‍तोंगत्वा आज आठ ओवरों के मैच में 42 रन की अविजित पारी खेलने का मौका मिला। आज अपने पूरे क्रिकेट कैरियर में दूसरी बार नॉट आउट आया हूँ। किसी भी काम में निश्चित रूप से आत्‍मविश्वास काफी मायने रखता है। आज मेरा ही दिन था, अच्‍छे दिन रोज रोज नही आते है। अगर रोज ही अच्‍छे दिन होते हो हर मैच में लारा 400 रन तथा युवराज 6 छक्के मारता होता है।

परीक्षा खत्‍म हो गई है अब लिखने का दौर सक्रिय हो जायेगा, फिर मिलेगे, आप सभी का दिन मंगलमय हो।


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