टेनिस इतिहास में पहली बार भारत में आ सकता है तीन गैंड स्‍लैम खिताब



आस्‍ट्रेलियन ओपन के सेमीफाइन मे पूर्व विश्‍व नम्‍बर एक रोजर फेडरर ने पूर्व नम्‍बर एक अमेरिका के एंडी रोडिक को सीधे सीधे सेटों में 6-2, 7-5, 7-5 से हरा कर एक बार पुन: आस्ट्रेलियन ओपन गैन्‍डस्लैम के फाईनल में भिड़ने का रास्‍ता साफ कर लिया है। फाइनल की रूप रेखा अभी पूरी तरह से साफ नही हुई है क्‍योकि अभी एक अन्‍य सेमी फाईनल अभी विश्व नम्‍बर एक खिलाड़ी स्‍पेन के राफायल नाडल और उनके हमवनत फारनांडो वेरडास्‍को के बीच होना है। अगले होने वाले सेमीफाईनल में सबकी निगाहे पूर्व की भातिं नाडल पर ही होगी। जो हमेशा की तरह फेडरर से फाइनल में दो-दो हाथ करना चाहेगे।

उस महिला वर्ग में दूसरी वरीयता प्राप्‍त और पूर्व नम्‍बर एक खिलाडी सेरेना विलियम ने रूस की चौथी वरीयता प्राप्‍त एलिना डिमिन्‍टीवा को 6-3, 6-4 से सीधे सेटो में परास्‍त कर फाईनल में चौथी वरीयता प्राप्‍त रूस की ही दिनारा सफीना से भिडने का गौरव प्राप्‍त कर लिया। रूसी सुन्‍दरी दिनारा से हमवतन वेराज्वेरेवा को कांटे के मैच में सीधे सेटो में 6-3, 7-6 से मात दिया। किसी भी गैन्‍डस्मैल में पहली बार पहुँचने वाली दिनारा से अपने 11वें गैन्‍डस्‍लैम को जीतने के लिये संघर्ष का सामना करना पड़ेगा। हालाकिं सेरेना अब 27 वर्षीय सेरेना अपनी प्रतिद्वंदी 22 वर्षीय साफीना पर हमेशा भारी पड़ी है किन्‍तु यह कहना गलत न होगा कि वर्तमान समय में साफीना अपने सर्वश्रेष्‍ठ फार्म और रैंक पर है। जहॉं तक मुझे भावी विजेता के रूप में अभी से अनुमान लगाना होगा तो मै सफीना 70 किलोग्राम की साफीना पर गैंडस्‍लैम जीतने का दॉव लगाऊँगा और 68 किलोग्राम की सेरेना मैच में हल्‍की पड़ेगी। सेमी फाईनल मैच के बाद सेरेना ने अपनी जीत पर कहा कि, ''मैं शांत थी. मैं फ़ाइनल खेलने के लिए बहुत उत्साहित थी और मुझे इस बात की परवाह नहीं थी कि मैं किसके ख़िलाफ़ खेल रही हूँ." मै इस जीत से वो बहुत ख़ुश हूँ और मेहनत रंग ला रही है।

भारतीयों के लिये अब खुश होने का वक्‍त आ गया है, क्‍योकि तीसरी वरीयता प्राप्‍त भारत के स्टार टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति और बहामास के उनके जोड़ीदार मार्क नोल्‍स पुरूष युगल से फाइनल में जगह बना ली है फाईनल में उनका मुकाबला दूसरी वरीयता प्राप्त और दो बार चेंपियन रह चुकी बॉब और माइक ब्रायन से होगा। जो निश्चित रूप से कठिन है क्‍योकि वे एक भारतीय खिलाड़ी लेन्‍डर पेस को सेमी फाईनल में हरा कर आ रहे है, किन्‍तु फाईलन में भूपति के साथ देश की शुभ कामनाऍं होगी। उधर महेश और सानिया की जोड़ी भी मिश्रित युगल के सेमी फाईनल में पहुँच गई है। सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि काफी दिनों बाद भारत को व्‍यक्तिगत स्‍पर्धा में गैंडस्‍लैम जीतने का मौका मिल सकता है क्‍योकि बालक एकल में भारत के प्रथम वरीयत प्राप्‍त खिलाड़ी यूकी भ्रामरी सेमी फाईनल में पहुँच गये है, देश‍वासियों की ओर से उन्‍हे भी बहुत बहुत शुभकामनाऍं। गैंड स्‍लैम के इतिहास में पहली बार ऐसा मौका आयेगा जब भारत तीन ग्रैंडस्‍लैम जीतेगा। बस तो अब सिर्फ खिलाडियो को जज्‍बा दिखाना होगा।

आशा है कि आपको यह पढ़कर अच्‍छा लगा होगा, और आप अब मैच भी देखेगे और यदि नही देखेगे तो टेनिस के सारे मैचों की समीक्षा मिलेगी सिर्फ और सिर्फ महाशक्ति ब्‍लाग पर। तो बने रहे टेनिस की विविध जानका‍रियों के लिये महाशक्ति के साथ।

सम्‍बन्धित फोटो : We Are Finalist (Williams and Safina)


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कल्‍याण गये मानो पाप धुला, भाजपा माघ में नहाई गंगा



माघ की एकादशी को भाजपा ने अखिरकार गंगा स्नान जैसा पुण्‍य प्राप्‍त ही कर लिया। क्योंकि कल्‍याण का कद उनके पापी स्वरूप पर भारी पड़ता था। जिससे छुटकारा पाना निश्चित रूप से गंगा स्नान के पुण्य के बराबर था। कल्याण के जाने से आखिरकार भाजपा से माथे से एक बोझ कम हो गया। कल्याण भाजपा के सम्मानित नेताओं में से एक थे किन्तु उन्होंने अपनी छवि जिस प्रकार बना ली थी। उससे से यही लगता था कि ये खुद निकल जाये तो ठीक है नहीं तो इनके कर्म बेइज्जत कर भगाने के योग्य था। जिसे आम तौर पर स्थानीय राजनीति में देखा जाता है। कल्‍याण ने अपनी स्थिति सच में बैंगन की भांति बना ली थी। न उसमें निष्ठा बची थी न जनाधार।

आज जागरण में उनके भाजपा छोड़ने की खबर 2X6 कलाम में थी, किसी राष्‍ट्रीय स्‍तर के नेता की पार्टी छोड़ने की यह खबर उसके प्रदेश में ही 2X6 कलाम के कलाम में छपे तो राजनीतिक हलकों में उसके औकात का पता चल ही जाता है। तभी किसी ने पेपर देख कर ठीक ही कहा कि कल्‍याण की सही औकात रह गई थी। हो सकता है कि कल्‍याण के साथ नाइंसाफी हुई हो किन्‍तु जो भितराघात उन्‍होने भाजपा के साथ की शर्मनाक था। आज भाजपा मौजूदा हालत में उत्‍तर प्रदेश में भले खाता न खोल सके इसका अपशोस न होगा किन्‍तु इतना तो जरूर है कि आगे सफलता प्राप्‍त करने का मार्ग जरूर तैयार हो गया है।

आज कल भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ता वरिष्‍ठ नेता बन गये है, जिनके पास जमीन नही थी वे आसमान में पहुँच गये है, किन्‍तु आसमान में पहुँचने के कारणों को इग्‍नोर कर रहे है। अगर आज भाजपा राजनैतिक इतिहास में अपने चरम पर पहुँची तो कार्यकर्ता और जनता के बल पर तो वही गर्त की बड़ रही है तो फिर स्‍वयं कार्यकर्ता और जनता की वजह से। पहले भाजपा के वरिष्‍ठ नेताओं की की पहुँच कार्यकताओं तक तो कार्यकर्ताओं की आम जनता तक होती थी किन्तु 1998-2004 के सत्तात्‍मक दौर में भाजपा का नेत्तृव कार्यकताओं से दूर हुआ तो कार्यकर्ता जनता से और जनता ने भाजपा को सत्‍ता से दूर कर दिया।

उत्‍तर प्रदेश में भाजपा की सबसे बड़ी कमी है कि केन्‍द्रीय नेतृत्‍व के द्वारा कार्यकर्ताओं की न सुना जाना, और इसी के परिणाम स्‍वारूप बड़े पैमाने पर भाजपाईयों को बसपा और सपा की ओर पलायन हुआ। भाजपा को सोचना होगा कि क्‍या कारण है कि जो कार्यकर्ता भाजपा में संतुष्ट नही होते है वे सपा और बसपा में संतुष्ट कैसे हो जाते है? जरूरत है कि भाजपा इस मंत्र का पता लाएंगे और अपने आधार को भागने से रोके, तभी भाजपा केन्द्रीय सत्‍ता सीन हो पायेगी।


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