हिन्‍दी चिट्ठाकारी-जीमेल-स्‍पैम-कालजयी रचना- रद्दी का सामान



बात यहां से शुरू होती है 


pls visit www स्‍पैमईमेल com for my poems and writeups


thx

दूसरे सज्जन का Reply आता है



thanx :) :)

तीसरे सज्‍जन भी मैदान में आ जाते है



Dear All,


I have written earlier also and I am writing in again.. Please stop sending me such mails. Please don't force me to use abusive language. I have done this with one of the spam chain mail, and explaining other people after that.


Please Please get me out of this loop


Thanks

मिला सुर में सुर



I support in this..Stop spamming my inbox..really not interested in the crap

एक महारथी



Stop spamming my inbox!!!

एक जानकार भाई ने यहॉं तक जानकारी दे डाली

I WOULD LIKE TO INFORM EVERYBODY 

THAT IN THE UNITED KINGDOM 

IT IS A CYBER CRIME TO EXPOSE OTHER PEOPLE'S EMAIL IDs 

BY MAKING THEM PUBLIC. 

WE SHOULD NEVER OPENLY WRITE EMAIL IDsTO EVERYBDOY.


किन्तु हम ब्‍लागर है कि पोस्‍टों के लिंक सबके ईमेल बक्सों में पेले पड़े है।

एक भगिनी का भी संदेश आ जाता है



May I please add my voice to the outcry? I too want to be spared these emails.

एक पीड़ित आत्मा भी प्रकट हुई



हे ईश्वर !! ये ई पते का जंजाल है कि जी का जंजाल है…… 

आप सभी से सादर निवेदन है कि ऐसे हृदयविदारक संदेश न भेजे…

कुछ सीख लेने की बात भी हुई



jay ho! 

kash ham sab is episode se kuchh seekh len...


deep regards

कुछ देख लेने की भी बात हुई



कौन हो यार तुम लोग?? कहाँ से आ गए हो मेरे मेल बॉक्स में ... क्यूँ मुझे ये फालतू कविताएं और लेख भेजते रहते हो?? मैंने कब कहा की मैं तुम लोगों से बात करना चाहता हूँ??? साला अगर अगली बार मुझे एक ऐसी फालतू मेल आई है तो मैं तुम सब की खटिया खड़ी कर दूंगा.. मुझे नहीं पता इस ग्रुप में कौन है और कैसा व्यक्ति है... पर मैं पक गया हूँ इन फालतू और बकवास मेल से... मुझे ये मेल करना बंद कर दो... .मैं किसी की भी कविता या उसके विचार पढ़ने की दिलचस्पी नहीं रखता... धन्यवाद.. अपना ज्ञान अपने पास ही रखें

इन सब का होल निचोड़ यह निकलता है कि आप जिन रचनाओं को रच कर अपनी बौद्धिक सम्पदा का प्रवाह कर सबके ईमेल बाक्‍स को भर रहे है। वे आपकी कालजयी रचना ज्यादातर लोगों के लिये रद्दी का समान से ज्यादा कुछ नही होती है। यह किसी ब्लॉग लेखक के दिल दुखाने के लिये न था किन्तु जिस प्रकार का ईमेल से सूचना देने का महात्मा का प्रार्दुभाव हुआ है। उससे ज्यादा तक लोग पीड़ित है। मुझे कुछ ब्लॉग अच्छे लगते है उनके ईमेल हमेशा आते है क्योंकि वे मेरे मित्र है और मै हमेशा उन्हें पढ़ना भी रहता हूँ। ऐसे ईमेल खराब नही लगते है। इस प्रकार का ईमेल या तो भेजना ही नही चाहिये या भेजे तो जो आपके संपर्क में मित्र हो उन्हें भेजे ताकि किसी को खराब भी न लगे। 

नोट : सभी के नाम और पोस्‍टों के लिंक नहीं प्रकाशित किये जा रहे है ? आज्ञा हो तो रिप्लाई में इस पोस्ट का लिंक सभी को फॉरवर्ड कर दिया जाये। :)




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कैसे होगा कल्‍याण का कल्‍याण



आज जिस प्रकार अमर सिंह, मुलायम का कल्याण करने में लगे है उसी का अनुसरण मुलायम कल्याण का कल्याण कर रहे है। आखिरकार सपा की राह का अनुसरण करते हुए, कल्‍याण अपनी राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी भूल कर डाली है। कल्याण ने उत्तर प्रदेश में तो राज किया ही था किन्तु उनका वास्तविक राज जनता की दिलो पर करना था वो हिन्दू जनता जिसने उन्हें एक मुद्दे पर बहुमत की सरकार दी।


आज कल्‍याण कह रहे है, कि बाबरी ढांचा गिरना उनके लिये शर्म की बात है, शर्म की यह बात है कि आज उन्हें यह बयान देते हुए चुल्लू भर पानी डूब मरना चाहिए था। कल्याण की फितरत गिरगिट से भी गिरी हुई है, वह भी रंग बदलता है अपने स्वभाव के कारण, किन्तु कल्‍याण ने तो सारी हद ही पार कर डाली। कल्‍याण अपने सबसे बुरे दिनो से गुजर रहे है, देखना है कि मुलायम कितना कल्‍याण कर पाते है।




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टेनिस इतिहास में पहली बार भारत में आ सकता है तीन गैंड स्‍लैम खिताब



आस्‍ट्रेलियन ओपन के सेमीफाइन मे पूर्व विश्‍व नम्‍बर एक रोजर फेडरर ने पूर्व नम्‍बर एक अमेरिका के एंडी रोडिक को सीधे सीधे सेटों में 6-2, 7-5, 7-5 से हरा कर एक बार पुन: आस्ट्रेलियन ओपन गैन्‍डस्लैम के फाईनल में भिड़ने का रास्‍ता साफ कर लिया है। फाइनल की रूप रेखा अभी पूरी तरह से साफ नही हुई है क्‍योकि अभी एक अन्‍य सेमी फाईनल अभी विश्व नम्‍बर एक खिलाड़ी स्‍पेन के राफायल नाडल और उनके हमवनत फारनांडो वेरडास्‍को के बीच होना है। अगले होने वाले सेमीफाईनल में सबकी निगाहे पूर्व की भातिं नाडल पर ही होगी। जो हमेशा की तरह फेडरर से फाइनल में दो-दो हाथ करना चाहेगे।

उस महिला वर्ग में दूसरी वरीयता प्राप्‍त और पूर्व नम्‍बर एक खिलाडी सेरेना विलियम ने रूस की चौथी वरीयता प्राप्‍त एलिना डिमिन्‍टीवा को 6-3, 6-4 से सीधे सेटो में परास्‍त कर फाईनल में चौथी वरीयता प्राप्‍त रूस की ही दिनारा सफीना से भिडने का गौरव प्राप्‍त कर लिया। रूसी सुन्‍दरी दिनारा से हमवतन वेराज्वेरेवा को कांटे के मैच में सीधे सेटो में 6-3, 7-6 से मात दिया। किसी भी गैन्‍डस्मैल में पहली बार पहुँचने वाली दिनारा से अपने 11वें गैन्‍डस्‍लैम को जीतने के लिये संघर्ष का सामना करना पड़ेगा। हालाकिं सेरेना अब 27 वर्षीय सेरेना अपनी प्रतिद्वंदी 22 वर्षीय साफीना पर हमेशा भारी पड़ी है किन्‍तु यह कहना गलत न होगा कि वर्तमान समय में साफीना अपने सर्वश्रेष्‍ठ फार्म और रैंक पर है। जहॉं तक मुझे भावी विजेता के रूप में अभी से अनुमान लगाना होगा तो मै सफीना 70 किलोग्राम की साफीना पर गैंडस्‍लैम जीतने का दॉव लगाऊँगा और 68 किलोग्राम की सेरेना मैच में हल्‍की पड़ेगी। सेमी फाईनल मैच के बाद सेरेना ने अपनी जीत पर कहा कि, ''मैं शांत थी. मैं फ़ाइनल खेलने के लिए बहुत उत्साहित थी और मुझे इस बात की परवाह नहीं थी कि मैं किसके ख़िलाफ़ खेल रही हूँ." मै इस जीत से वो बहुत ख़ुश हूँ और मेहनत रंग ला रही है।

भारतीयों के लिये अब खुश होने का वक्‍त आ गया है, क्‍योकि तीसरी वरीयता प्राप्‍त भारत के स्टार टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति और बहामास के उनके जोड़ीदार मार्क नोल्‍स पुरूष युगल से फाइनल में जगह बना ली है फाईनल में उनका मुकाबला दूसरी वरीयता प्राप्त और दो बार चेंपियन रह चुकी बॉब और माइक ब्रायन से होगा। जो निश्चित रूप से कठिन है क्‍योकि वे एक भारतीय खिलाड़ी लेन्‍डर पेस को सेमी फाईनल में हरा कर आ रहे है, किन्‍तु फाईलन में भूपति के साथ देश की शुभ कामनाऍं होगी। उधर महेश और सानिया की जोड़ी भी मिश्रित युगल के सेमी फाईनल में पहुँच गई है। सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि काफी दिनों बाद भारत को व्‍यक्तिगत स्‍पर्धा में गैंडस्‍लैम जीतने का मौका मिल सकता है क्‍योकि बालक एकल में भारत के प्रथम वरीयत प्राप्‍त खिलाड़ी यूकी भ्रामरी सेमी फाईनल में पहुँच गये है, देश‍वासियों की ओर से उन्‍हे भी बहुत बहुत शुभकामनाऍं। गैंड स्‍लैम के इतिहास में पहली बार ऐसा मौका आयेगा जब भारत तीन ग्रैंडस्‍लैम जीतेगा। बस तो अब सिर्फ खिलाडियो को जज्‍बा दिखाना होगा।

आशा है कि आपको यह पढ़कर अच्‍छा लगा होगा, और आप अब मैच भी देखेगे और यदि नही देखेगे तो टेनिस के सारे मैचों की समीक्षा मिलेगी सिर्फ और सिर्फ महाशक्ति ब्‍लाग पर। तो बने रहे टेनिस की विविध जानका‍रियों के लिये महाशक्ति के साथ।

सम्‍बन्धित फोटो : We Are Finalist (Williams and Safina)


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कल्‍याण गये मानो पाप धुला, भाजपा माघ में नहाई गंगा



माघ की एकादशी को भाजपा ने अखिरकार गंगा स्नान जैसा पुण्‍य प्राप्‍त ही कर लिया। क्योंकि कल्‍याण का कद उनके पापी स्वरूप पर भारी पड़ता था। जिससे छुटकारा पाना निश्चित रूप से गंगा स्नान के पुण्य के बराबर था। कल्याण के जाने से आखिरकार भाजपा से माथे से एक बोझ कम हो गया। कल्याण भाजपा के सम्मानित नेताओं में से एक थे किन्तु उन्होंने अपनी छवि जिस प्रकार बना ली थी। उससे से यही लगता था कि ये खुद निकल जाये तो ठीक है नहीं तो इनके कर्म बेइज्जत कर भगाने के योग्य था। जिसे आम तौर पर स्थानीय राजनीति में देखा जाता है। कल्‍याण ने अपनी स्थिति सच में बैंगन की भांति बना ली थी। न उसमें निष्ठा बची थी न जनाधार।

आज जागरण में उनके भाजपा छोड़ने की खबर 2X6 कलाम में थी, किसी राष्‍ट्रीय स्‍तर के नेता की पार्टी छोड़ने की यह खबर उसके प्रदेश में ही 2X6 कलाम के कलाम में छपे तो राजनीतिक हलकों में उसके औकात का पता चल ही जाता है। तभी किसी ने पेपर देख कर ठीक ही कहा कि कल्‍याण की सही औकात रह गई थी। हो सकता है कि कल्‍याण के साथ नाइंसाफी हुई हो किन्‍तु जो भितराघात उन्‍होने भाजपा के साथ की शर्मनाक था। आज भाजपा मौजूदा हालत में उत्‍तर प्रदेश में भले खाता न खोल सके इसका अपशोस न होगा किन्‍तु इतना तो जरूर है कि आगे सफलता प्राप्‍त करने का मार्ग जरूर तैयार हो गया है।

आज कल भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ता वरिष्‍ठ नेता बन गये है, जिनके पास जमीन नही थी वे आसमान में पहुँच गये है, किन्‍तु आसमान में पहुँचने के कारणों को इग्‍नोर कर रहे है। अगर आज भाजपा राजनैतिक इतिहास में अपने चरम पर पहुँची तो कार्यकर्ता और जनता के बल पर तो वही गर्त की बड़ रही है तो फिर स्‍वयं कार्यकर्ता और जनता की वजह से। पहले भाजपा के वरिष्‍ठ नेताओं की की पहुँच कार्यकताओं तक तो कार्यकर्ताओं की आम जनता तक होती थी किन्तु 1998-2004 के सत्तात्‍मक दौर में भाजपा का नेत्तृव कार्यकताओं से दूर हुआ तो कार्यकर्ता जनता से और जनता ने भाजपा को सत्‍ता से दूर कर दिया।

उत्‍तर प्रदेश में भाजपा की सबसे बड़ी कमी है कि केन्‍द्रीय नेतृत्‍व के द्वारा कार्यकर्ताओं की न सुना जाना, और इसी के परिणाम स्‍वारूप बड़े पैमाने पर भाजपाईयों को बसपा और सपा की ओर पलायन हुआ। भाजपा को सोचना होगा कि क्‍या कारण है कि जो कार्यकर्ता भाजपा में संतुष्ट नही होते है वे सपा और बसपा में संतुष्ट कैसे हो जाते है? जरूरत है कि भाजपा इस मंत्र का पता लाएंगे और अपने आधार को भागने से रोके, तभी भाजपा केन्द्रीय सत्‍ता सीन हो पायेगी।


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जबलपुरिया ब्‍लागर मीट में इलाहाबादी तड़का



जबलपुर में ठंड का असर कम ही प्रतीत हो रहा है। संक्रांति बदले ही मौसम में सुहनापन दिखने लगा है। इस सुहावने मौसम को यादगार बनाने के लिये जबलपुर के कुछ ब्‍लागर बंधु 'चिट्ठाकार सम्मेलन' करने का आयोजन किया है। यह आयोजन 19 जनवरी 2009 को को रात्रि कालीन 8.15 बजे से 10.30 बजे तक होगा। इस कार्यक्रम के विषय में विस्तृत जानकारी आपको श्री गिरीश बिल्लोरे 'मुकुल' द्वारा उक्त (09926471072 ये फोन लाइन कार्यक्रम समाप्ति के पूर्व तक 24 घंटे खुली रहेगी) दूरभाष नम्‍बर पर मिल जायेगी। आप सभी जबलपुर तथा उसके आस पास अथवा कार्यक्रम में आने के इच्‍छुक चिट्ठाकार बन्धुओं/भगिनियों को हार्दिक स्‍वागत है। यह कार्यक्रम आपका है और आपके आगमन के बिना यह कार्यक्रम अधूरा रहेगा।

यह कार्यक्रम इस लिये भी अपने आप में खास होगा क्योंकि भारत के नंबर एक चिट्ठकार जी समीर लाल जी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। हम पहले से आगाह कर दे रहे है कि कुछ खा कर मत जाइएगा क्योंकि समीर जी में एक कवि बसता है जो भीड़ देख कर जाग जाता है, एक दो कविता सुनाये बिना वह सोता नही है। ये तो रही मजाक की बात अब थोड़ा गंभीर हो जाइये। इस कार्यक्रम में समीर जी के अतिरिक्त कार्यक्रम में सर्व श्री विवेक रंजन जी, पंकज स्‍वामी जी, आनंद कृष्ण जी, विजय तिवारी जी, माधव सिंह जी, श्री दुबे जी, आदि राज जी, राम कृष्ण जी तथा मातृशक्ति का प्रतिनिधित्व के रूप में शालिनी जी ने अपने उपस्थिति दर्ज कर दिया है।

आप लोगों के मन में कौंध रहा होगा कि अरे सम्मेलन हो रहा है जबलपुर में और सूचना दे रहा है इलाहाबादी, आखिर यही तो चिट्ठाकारी में प्रेम भाव जो बातों को दूर तक ले जाती है। तो कैसा लगा आपको जबलपुरिया ब्लॉगर मीट में इलाहाबादी तड़का ? तो बने रहे चिट्ठाकारी के लिये महाशक्ति के साथ तब के लिये जय श्रीराम।

कुछ माह पूर्व हमें गिरीश जी ने अपने ब्लॉग पर चर्चा के लिये बुलाया और हम पहुँच भी गये किन्तु हमारी पहली चिट्ठाचर्चा आज ही प्रकाशित हुई है - ऊँ चिट्ठाचर्चा नम: स्वाहा


पसंद करो या न करो, मालिक तो आप ही हो


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चार घन्‍टे की आगरा यात्रा



नये वर्ष की पहली पोस्ट लिखने की सोच रहा था, किन्तु क्या लिखे समझ में नहीं आ रहा था। हाथों में कीबोर्ड के बटन दबाने के लिये बहुत तेज खुजली हो रही थी। समझ में नहीं आ रहा था कि क्या लिखूँ ? हम इसे निरंतर लेखन न कर पाने पर विषय का अभाव भी कह सकते है। तब पर भी कुछ न कुछ लिखने के लिये बैठे थे तो अपनी मानसिक डायरी के पन्नों को पलटने लगे। क्योंकि बहुत से ऐसे विषय होते है जिन पर हम समय न होने पर कुछ न लिख सके थे। उन्हीं विषय में से आज एक विषय ले रहा हूँ।
आपने आज के पूर्व इस यात्रा यहां तक पढ़ चुके है, आज थोड़ा और आगे चलते है। आज आपको 27 अगस्‍त 2007 में लिए चलते है, हम दिल्ली से निकल कर गुड़गांव फिर फरीदाबाद पहुँचे। वहां पर हमें श्री अरुण जी हमें घुमा फिरा कर मथुरा-वृंदावन घूम कर ही घर जाने को कहा किंतु हम समय इतना कम लेकर चले थे कि सीधे आगरा का कार्यक्रम बना दिया और अरुण जी ने हमे बल्लभगढ़ से आगरा की ट्रेन को पकड़ा दिया।
देखते देखते करीब करीब 9 बजे तक हम आगरा के राजा की मंडी स्टेशन पर थे। रात को देखते हुए हमारा अब प्रतीक जी से मिलने का मन नही कर रहा था किन्तु प्रतीक जी से बात कर चुके थे कि हम आ रहे है से अब जाना भी जरूरी था। हमें प्रतीक जी के घर पर पहुँचते करीब 15 मिनट लगे, और‍ फिर करीब ढेड़ घन्‍टे तक हम प्रतीक जी के साथ रहे। यह मुलाकात स्‍वाभाविक रूप से काफी अच्‍छी रही। हमे भूख नही थी किन्‍तु उनकी माता जी ने अत्‍यंत प्रेम पूर्वक हमारे सामने भोजन रखा तो हम इंकार नही कर सके। पहली यात्रा का यह स्‍टापेज जीवन भर मेरे स्‍मृति पटल पर रहेगा। मै और प्रतीक जी अक्सर चैट के दौरान जय रमी कर लेटे लेते थे किन्‍तु यह पहला अवसर था‍ कि हम प्रत्‍यक्ष रूप से सामने थे। उन्‍हे सुबह ताज आदि देख कर जाने के कहा किन्‍तु हम अपने समय सारणी से बंधे हुये थे। रात्रि पौने बारह बजे की ट्रेन थी प्रतीक जी ने हमें स्‍वयं राजा की मंडी तक छोड़ा, एक तरफ तो उनसे तथा उनके परिवार से मिलने की खुशी थी तो दूसरी तरह इतनी रात्रि में परेशान करने का कष्‍ट भी, इसका हमे खेद है।

आगे बहुत कुछ है, अभी रात के 2 बज रहे है सुबह 7 बजे हम कानपुर में होगे । तब फिर लिखेगे ........

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ब्लॉगवाणी पसंद
हमारे शिरिल जी ने ब्लॉगवाणी पर नये सुविधा चालू की है इसके लिए उन्हें बधाई। आज हम भी इसे अपने ब्लॉग पर लगा रहे है। देखते है हम कितना पसंद किये जाते है ? वैसे ज्यादा पसंद लायक तो यह लेख नहीं ही है :)


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